देश के 14वें उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ जी ने सोमवार को अपने पद से त्यागपत्र देकर एक ऐसा अप्रत्याशित लेकिन गरिमामय निर्णय लिया, जिसने संवैधानिक संस्थाओं से लेकर राजनीतिक पंक्तियों तक गंभीर विमर्श की नींव रख दी है। श्री धनखड़ जी ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दिया और अपने पत्र में इसे संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के अनुरूप बताया। अपने त्यागपत्र में श्री धनखड़ जी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ‘लगातार सहयोग और शांतिपूर्ण कार्य संबंध’ के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मंत्रीपरिषद एवं संसद के दोनों सदनों के माननीय सदस्यों के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति के रूप में मिला प्रेम, विश्वास और लोकतांत्रिक मूल्यों का अनुभव उनके जीवन की अमूल्य पूंजी रहेगा। गत माह उत्तराखंड के दौरे पर श्री धनखड़ जी की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। कुमाऊं विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम के बाद उन्हें प्राथमिक उपचार देना पड़ा, जिसके बाद वे राजभवन को लौटे थे। संभवतः यह घटना उनके इस्तीफे के निर्णय की पृष्ठभूमि बनी। उन्होंने इस्तीफे में लिखा "मैं स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए और डॉक्टरों की सलाह का पालन करते हुए भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं।" उनके इस निर्णय में गहराई, विवेक और एक आत्ममंथन झलकता है, जो एक लोकतांत्रिक पद की गरिमा के अनुरूप है। श्री धनखड़ जी देश के इतिहास में दूसरे ऐसे उपराष्ट्रपति बन गए हैं, जिन्होंने कार्यकाल पूर्ण होने से पहले पद छोड़ा है। इससे पहले 1969 में वी. वी. गिरि ने स्वतंत्र राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिया था। इस ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में श्री धनखड़ जी का यह निर्णय एक और संवैधानिक मिसाल बन गया है।
उनके इस्तीफे के तुरंत बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के भीतर अगले उपराष्ट्रपति को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। लोकसभा और राज्यसभा में बहुमत रखने वाला गठबंधन अब संभावित नामों पर विचार कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, वर्तमान राज्यसभा उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह, जो जेडीयू कोटे से आते हैं और सरकार के करीबी माने जाते हैं, एक प्रमुख दावेदार हो सकते हैं। वहीं यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि एनडीए किसी राज्यपाल, वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री या संगठनात्मक पृष्ठभूमि वाले नेता को इस संवैधानिक पद पर लाने पर विचार कर सकता है। श्री धनखड़ जी ने अपने त्यागपत्र में लिखा "भारत की अभूतपूर्व आर्थिक प्रगति और असाधारण विकास का साक्षी बनना मेरे लिए गर्व और संतोष का विषय रहा। जब मैं इस प्रतिष्ठित पद को छोड़ रहा हूं, तो भारत के वैश्विक उत्थान और उसकी अद्भुत उपलब्धियों पर मुझे गर्व है और उसके उज्ज्वल भविष्य में मेरी पूर्ण आस्था है।" श्री धनखड़ जी पेशे से वकील रहे हैं और उपराष्ट्रपति बनने से पूर्व वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे। उनका कार्यकाल गरिमामय, सुसंवादशील और संविधान के मूल्यों के प्रति समर्पित रहा। उन्होंने एक ऐसी लकीर खींची है, जो आने वाले उपराष्ट्रपतियों के लिए एक मानदंड बनेगी । कुछ समय पूर्व श्री धनखड़ जी ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि "ईश्वर की कृपा रही तो अगस्त 2027 में सेवानिवृत्त हो जाऊंगा।" लेकिन उनका अब लिया गया यह निर्णय दर्शाता है कि सेवा का उद्देश्य केवल समय नहीं, बल्कि स्थिति और ज़िम्मेदारी की पुकार भी होती है।
उत्तर प्रदेश में श्रावण मास की पावन कांवड़ यात्रा अपने चरम पर है। शिवभक्तों की आस्था के इस महासंगम में जहां श्रद्धा और भक्ति का ज्वार उमड़ रहा है, वहीं कुछ असामाजिक तत्व इसे बाधित करने और बदनाम करने की नापाक कोशिश में जुटे हैं। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि उपद्रवियों के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' की नीति अपनाई जाएगी।
प्रेस ब्रीफिंग में पुष्पवर्षा के कार्यक्रम के बाद सीएम योगी ने दो टूक कहा कि यात्रा में तोड़फोड़ और उपद्रव फैलाने वालों की पहचान कर ली गई है और उनके पोस्टर सार्वजनिक स्थानों पर लगाए जाएंगे ताकि समाज के सामने असली चेहरों का पर्दाफाश हो सके। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा “जो लोग कांवड़ यात्रा की पवित्रता को अपवित्र करने की साजिश कर रहे हैं, वे किसी भ्रम में न रहें। सबके चेहरे कैमरे में कैद हो चुके हैं। कांवड़ यात्रा को बदनाम करने की कोशिश को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” मुख्यमंत्री ने कहा कि कांवड़ यात्रा केवल धार्मिक नहीं, सामाजिक अनुशासन और समर्पण का प्रतीक भी है। यह यात्रा शिव भक्ति की उस परंपरा का हिस्सा है जो सहिष्णुता, सेवा और संयम सिखाती है। ऐसे में इसमें किसी भी प्रकार की अशांति फैलाना न केवल आस्था के साथ खिलवाड़ है बल्कि समाज के ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करने की कोशिश भी। योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि कुछ तत्व सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाकर माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि ऐसे तत्वों को पहचानें और उनकी जानकारी प्रशासन को दें। “खुद कानून हाथ में न लें, पर उपद्रवियों को चुपचाप न गुजरने दें। उन्हें बेनकाब करें। प्रशासन हर सूचना पर संज्ञान लेगा । मुख्यमंत्री ने साफ किया कि पुलिस और प्रशासन ने तो यात्रा की बेहतर व्यवस्थाएं की हैं, लेकिन आम नागरिकों की भूमिका भी उतनी ही जरूरी है। उन्होंने कहा
“शिव भक्त स्वच्छता के वाहक बनें। चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर गंदगी फैलाना अनुचित है। हमारी आस्था की गरिमा तभी बनी रहेगी जब हमारा व्यवहार भी जिम्मेदार हो।” सीएम ने यह भी जोड़ा कि आस्था को उन्माद नहीं बनने देना है, और इस धार्मिक पर्व में संपूर्ण समाज को अपनी भूमिका निभानी होगी। क्योंकि कांवड़ यात्रा सनातन परंपरा का वह अनूठा उत्सव है, जिसमें भक्तजन कांवड़िए गंगाजल लेकर सैकड़ों किलोमीटर की पदयात्रा करते हैं और उसे भगवान शिव को समर्पित करते हैं। श्रावण मास में निकलने वाली यह यात्रा केवल शारीरिक तपस्या नहीं, बल्कि मन, वचन और कर्म की शुद्धि का प्रतीक है।
हर कांवड़, शिवभक्त के कंधों पर रखा एक व्रत होता है संयम का, सेवा का और समर्पण का। यह परंपरा हजारों वर्षों से चली आ रही है, जिसमें आमजन से लेकर संतों तक ने भाग लिया है। यात्रा का उद्देश्य केवल जल चढ़ाना नहीं, बल्कि खुद को शिव के चरणों में समर्पित कर जीवन की नकारात्मकताओं से मुक्ति पाना भी है।
भारत के शेयर बाजार ने मंगलवार को एक बार फिर जबरदस्त तेजी के साथ ट्रेडिंग की शुरुआत की। सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन Dalal Street ने पॉज़िटिव ग्लोबल संकेतों और मजबूत डोमेस्टिक सेंटिमेंट्स के बीच Bullish Note पर ओपनिंग की। बाजार की ओपनिंग इस बात का संकेत थी कि निवेशकों का भरोसा भारतीय इक्विटी में अब भी बरकरार है। BSE Sensex, जो कि देश का प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स है, आज के ट्रेडिंग सेशन में 327 अंकों की मजबूती के साथ 82,527 के स्तर पर खुला, जबकि यह सोमवार को 82,200.34 पर क्लोज हुआ था। ओपनिंग के बाद इंडेक्स में और मजबूती देखने को मिली और यह दिन के हाई 82,538 को छू गया। वहीं दूसरी ओर, NSE Nifty 50 ने भी दमदार शुरुआत की। यह 25,090.70 के पिछले क्लोज के मुकाबले मजबूती के साथ खुला और जल्द ही 25,182 के स्तर पर पहुंच गया। यह तेजी यह दर्शाती है कि बाजार में Buying Sentiment बना हुआ है, खासकर चुनिंदा सेक्टर्स में। बाजार की इस चौतरफा तेजी के बावजूद, मार्केट कैप के लिहाज से देश की सबसे बड़ी कंपनी Reliance Industries Limited (RIL) के शेयर दबाव में रहे। बीते कारोबारी दिन RIL में 3.24% की गिरावट आई थी, और मंगलवार को ट्रेडिंग की शुरुआत में ही यह गिरावट जारी रही। कंपनी का शेयर प्राइस लुढ़ककर ₹1417.70 तक आ गया। सो What’s the trigger? हालांकि शेयर में गिरावट के पीछे कोई बड़ी कॉर्पोरेट अनाउंसमेंट सामने नहीं आई है, लेकिन कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह Profit Booking का नतीजा हो सकता है। साथ ही, RIL के टेलीकॉम और रिटेल सेगमेंट्स में स्लो ग्रोथ की आशंका निवेशकों को थोड़ा सतर्क कर रही है। ट्रेडिंग सेशन की सबसे शानदार परफॉर्मेंस दी Eternal Ltd., जो कि फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म Zomato की पैरेंट कंपनी है। इसके शेयरों में 14.55% की तेजी दर्ज की गई। स्टॉक ने ₹293 पर ओपनिंग की और कुछ ही मिनटों में ₹311.25 तक पहुंच गया। Market Experts का कहना है कि Zomato के आक्रामक एक्सपेंशन प्लान्स और पॉजिटिव अर्निंग्स आउटलुक ने इस उछाल में बड़ी भूमिका निभाई है। इसके अलावा, Q1 FY26 के लिए मजबूत रेवेन्यू गाइडेंस का भी असर इस पर पड़ा है। तेजी का असर सिर्फ इंडेक्स तक सीमित नहीं रहा, बल्कि broader market में भी मजबूत परफॉर्मेंस देखने को मिली। जिन प्रमुख शेयरों में तेजी देखने को मिली उनमें शामिल हैं Stock Gain % Paytm +3.09%। Dalmia Bharat +2.52%। Sun TV +2.31%, Emcure Pharma +2.00, BEL +1.12% इन शेयरों की तेजी यह दर्शाती है कि निवेशक Sectoral Diversification को लेकर भी उत्साहित हैं। खासकर मिडकैप सेगमेंट में एंट्री लेने वाले इन्वेस्टर्स को शॉर्ट-टर्म रिटर्न्स की उम्मीद है। मंगलवार का सेशन बाजार के लिए कई मायनों में पॉजिटिव रहा बेंचमार्क इंडेक्सेस में नई ऊंचाइयां देखी गईं, Zomato जैसे स्टॉक्स ने तेज़ी दिखाई और निवेशकों की भागीदारी भी व्यापक रही। हालांकि, Reliance और Bajaj Finance जैसे Heavyweight Stocks की कमजोरी यह संकेत देती है कि बाजार में अभी भी Stock-Specific Risks बरकरार हैं।