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Breaking News 22 December 2024

1.) रूस के कजान में 9/11 जैसा भयावह हमला

रूस के कजान शहर में 9/11 जैसा आतंक फैलाने वाला ड्रोन हमला हुआ है, जिससे पूरी दुनिया में दहशत का माहौल बन गया है। राजधानी मॉस्को से करीब 720 किलोमीटर दूर स्थित इस शहर में छह इमारतों को निशाना बनाया गया है, और कुल आठ ड्रोन इस हमले में शामिल थे। रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि एक ड्रोन के हमले को नाकाम कर दिया गया, लेकिन एक और ड्रोन इमारत से टकराते हुए वीडियो में कैद हो गया, जो इस घटना को और भी भयावह बनाता है। इस हमले को लेकर रूस ने आरोप लगाया है कि ये हमले यूक्रेनी ड्रोन से किए गए हैं। रूस के रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि एक यूक्रेनी ड्रोन को सफलतापूर्वक नाकाम किया गया। इस हमले का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें एक ड्रोन तेजी से एक इमारत से टकराते हुए दिखाई दे रहा है, जो किसी भी बड़े आतंकवादी हमले से कम नहीं है। वहीं, इस बीच रूस ने यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई के लिए उत्तर कोरिया के सैनिकों को भेजा था, जो अब यूक्रेनी ड्रोन का पता लगाने के लिए अतिरिक्त निगरानी चौकियां स्थापित कर रहे हैं। लेकिन ये सैनिक अब युद्ध के मैदान में अपनी बुरी स्थिति का सामना कर रहे हैं। यूक्रेनी रक्षा खुफिया सेवा ने खुलासा किया है कि उत्तर कोरिया की सेनाओं को युद्ध में भारी नुकसान हुआ है, और अब वे ड्रोन के हमलों से बचने के लिए और भी निगरानी चौकियां स्थापित कर रहे हैं।

 रूस युद्ध में उत्तर कोरिया की मदद ले रहा है?

योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, रूस ने उत्तर कोरिया की सेनाओं को पश्चिमी सीमावर्ती क्षेत्र कुर्स्क में तैनात किया है, जहां उनके सैनिकों का जमावड़ा लगातार बढ़ रहा है। यह स्थिति दिखाती है कि रूस युद्ध में अपनी आक्रामकता बनाए रखने के लिए उत्तर कोरिया की मदद ले रहा है। लेकिन अब तक ये सैनिक खुद ही भारी नुकसान झेल चुके हैं। दक्षिण कोरिया की जासूसी एजेंसी ने सांसदों को बताया कि रूस भेजे गए कम से कम 100 उत्तर कोरियाई सैनिक मारे गए हैं और करीब 1,000 घायल हुए हैं। इन सैनिकों की अधिकांश मौतें उनके अपरिचित युद्धक्षेत्रों में तैनात होने के कारण हुई हैं, जहां वे ड्रोन हमलों से निपटने में सक्षम नहीं थे। ये सैनिक उन क्षेत्रों में तैनात थे, जहां यूक्रेनी सैनिक लगातार ड्रोन हमले कर रहे हैं और रूस के सैनिकों को एक के बाद एक नुकसान पहुंचा रहे हैं। कुर्स्क क्षेत्र में रूस ने करीब 11,000 उत्तर कोरियाई सैनिकों को तैनात किया है, और ये सैनिक अब वास्तविक युद्ध में भेजे जा रहे हैं। इससे साफ तौर पर पता चलता है कि रूस अपनी आक्रामकता को बनाए रखने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। रूस और उत्तर कोरिया की इस संयुक्त सैन्य कार्रवाई से पूरे यूरोप और एशिया में खतरे की घंटी बजने लगी है, और यह सवाल उठता है कि क्या यह युद्ध अब एक नए स्तर पर पहुंच चुका है।
सवाल उठता है कि क्या रूस और उत्तर कोरिया की यह सैन्य साजिश दुनिया के भविष्य को तय करेगी? क्या कजान का यह ड्रोन हमला एक बड़े युद्ध की ओर इशारा करता है? दुनिया भर की निगाहें इस संघर्ष पर टिकी हुई हैं, और अब हर कदम मौत और तबाही की ओर बढ़ रहा है।

 

 

2.) भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली का दौर: क्या है इसका असर?"

 

शेयर बाजार में इस हफ्ते की  गिरावट की पूरी तस्वीर देखो तो ये कोई नई बात नहीं है, बस बात यह है कि ये गिरावट इस हफ्ते थोड़ी तेज थी। पिछले पांच दिनों से बवाल मचा हुआ है, और इस दौरान निवेशकों ने करीब 18 लाख करोड़ रुपये गवा दिए हैं। ग्लोबल मार्केट के कमजोर संकेतों और विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने बाजार को जोरदार झटका दिया है। अब बात करते हैं बीएसई के मार्केट कैप की। पिछले पांच दिनों की गिरावट ने बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप घटाकर 441 लाख करोड़ रुपये पर ला खड़ा किया है। पांच दिनों की लगातार गिरावट के बाद सेलिंग का आलम ऐसाहै की क्या कहा जाये। इस दौरान बीएसई सेंसेक्स के 1,045 शेयर बढ़त में बंद हुए, जबकि 2,950 शेयरों में गिरावट आई। 90 शेयरों में कोई खास बदलाव नहीं आया। 52-सप्ताह का हाई और लो भी रिकॉर्ड हुआ है, और इनमें से सबसे बड़ा नाम है रिलायंस।

Reliance का हाल 

रिलायंस इंडस्ट्रीज के में रिकॉर्ड स्तर की बात करें, तो ये अपने ऑलटाइम हाई से लगभग 25% नीचे आ चुका है। 8 जुलाई 2024 को रिलायंस का शेयर 1,608 रुपये पर था। और अब कारोबार के अंत में ये 2% गिरकर 1,206 रुपये पर बंद हुआ। यही नहीं, RIL का बाजार पूंजीकरण भी 85,525 करोड़ रुपये कम हो गया है।

सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट

सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में ही इस हफ्ते गिरावट का सिलसिला जारी रहा। सेंसेक्स में 5% की गिरावट आई है, और निफ्टी भी पीछे नहीं रहा। 13 दिसंबर को सेंसेक्स 82,133 पर बंद हुआ था, और अब 5 दिन बाद ये 78,042 पर पहुंच गया। वहीं निफ्टी भी 5% गिरकर 23,537 पर बंद हुआ, जबकि 13 दिसंबर को ये 24,768 पर था। इस हफ्ते के आखिरी ट्रेडिंग सत्र में सेंसेक्स में 1,176 अंक की गिरावट आई, जो 1.49% की भारी गिरावट के बराबर है। सेंसेक्स का रेंज 77,874 और 79,587 के बीच रहा। दूसरी तरफ, निफ्टी 50 ने 364.20 अंक या 1.52% गिरकर 23,587.50 पर कारोबार खत्म किया, और इसका रेंज 23,537 और 24,065 के बीच था।

क्या कारण हैं गिरावट के

जहां विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने खास असर डाला है, वहीं वैश्विक बाजार के कमजोर संकेत भी असर डालते हैं।इसके अलावा रिलायंस जैसे बड़े खिलाड़ी का 52-सप्ताह के लो पर गिरना चिंता का विषय है, खासकर जब मार्केट कैप में भारी गिरावट हो। जिन विदेशी निवेशकों का भरोसा भारतीय बाजार में था, वो भी बिकवाली कर रहे हैं, और ये गिरावट को बढ़ा रहा है। जब कोई भी प्रमुख इंडेक्स लगातार गिरता है, तो तकनीकी दबाव भी काम करता है और बिकवाली को बढ़ावा मिलता है। अब देखो, ये गिरावट सिर्फ आंकड़ों में नहीं, बल्कि निवेशकों की मानसिकता में भी असर डाल रही है। बाजार में अस्थिरता का माहौल है, और जब तक ग्लोबल रुझान सुधरते नहीं, तब तक यही स्थिति बनी रह सकती है। फिलहाल तो कोई तेजी के संकेत नहीं हैं, और हर किसी को ध्यान से चलने की जरूरत है।