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Breaking News 22 August 2024

1.) सुप्रीम कोर्ट पर सैकड़ों की भीड़ ने बोला धावा

चीफ जस्टिस के सिर पर एक करोड़ का इनाम

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में सैकड़ों कट्टरपंथियों की भीड़ ने सुप्रीम कोर्ट पर धावा बोल दिया। हजारों प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर सुरक्षा घेरे को तोड़ दिया। वे इमारत के नजदीक पहुंच गए। उन्हें कोर्ट में घुसने से रोकने के लिए पुलिस ने वॉटर कैनन, आंसू गैस और लाठीचार्ज का सहारा लिया। वे पाकिस्तान के चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा के ईशनिंदा से जुड़े एक फैसले पर नाराज थे। उन्होंने एक अहमदिया व्यक्ति को राइट टु रिलीजन के तहत ईशनिंदा के आरोपों से बरी कर दिया था। एक पाकिस्तानी अखबार के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व आलमी मजलिस तहफ्फुज-ए-नबूवत कर रही थी। इसमें उनका साथ जमात-ए-इस्लामी और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के नेता दे रहे थे। ये सभी पाकिस्तान के चीफ जस्टिस का इस्तीफा मांग रहे थे और साथ ही उनकी मांग थी कि अदालत अपने फैसले को पलट दे।

कहाँ से शुरू हुआ सारा विवाद?

इस पुरे विवाद की शुरुआत 6 फरवरी, 2024 को सुप्रीम कोर्ट के एक ऐतिहासिक फैसले से हुई थी, जब सुप्रीम कोर्ट ने अहमदिया समुदाय के मुबारक अहमद सानी को रिहा करने का आदेश दिया था। बता दें, सानी को 7 जनवरी, 2023 में गिरफ्तार किया गया था। सानी पर आरोप था कि उसने 2019 में एक कॉलेज में एफसीर-ए-सगीर बांटा था। एफसीर-ए-सगीर, अहमदिया समुदाय से जुड़ी एक धार्मिक किताब है, जिसमें अहमदिया संप्रदाय के संस्थापक के बेटे मिर्जा बशीर अहमद ने कुरान की व्याख्या अपने हिसाब से की है। सानी को कुरान 'प्रिंटिंग एंड रिकॉर्डिंग' (संशोधन) एक्ट, 2021 के तहत गिरफ्तार किया गया था। सानी ने अदालत में दलील दी कि उसे जिस एक्ट के तहत सजा दी जा रही है वह 2019 में था ही नहीं, वो तब अपने धर्म से जुड़ी किताब का प्रचार करने के लिए आजाद था। सुप्रीम कोर्ट ने सानी की दलील पर सहमति जताई और उसे रिहा कर दिया।

कट्टरपंथी ने सोशल मीडिया पर शुरू की मुहिम

अदालत के फैसले पर शुरुआत में कोई खास रिएक्शन नहीं देखा गया, लेकिन एक कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) ने इस पुरे विवाद को भुनाना शुरू कर दिया। संगठन ने अदालत के फैसले के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान चलाया और फिर मामले में जगह-जगह प्रदर्शन शुरू होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर 24 जुलाई को अपनी सफाई दी। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सफाई में कहा कि वे यह मानते हैं कि अहमदिया समुदाय धर्मभ्रष्ट है, वो खुद को मुसलमान नहीं कह सकते और अपने धार्मिक विचारों का प्रचार-प्रसार अपनी मस्जिदों से बाहर भी नहीं कर सकते। लेकिन 6 फरवरी को दिया गया कोर्ट का फैसला कानून के मुताबिक सही था, क्यूंकि कोर्ट किसी को भी उस अपराध की सजा नहीं दे सकता जो उसने किया ही नहीं, सानी ने जो किया वह 2021 से पहले अपराध नहीं था।

कोर्ट की सफाई से भड़के कट्टरपंथी संगठन 

सुप्रीम कोर्ट की सफाई से पाकिस्तान के मजहबी संगठन नाराज हो गए। उन्होंने पूरे मामले की अलग तरह से व्याख्या की। उन्होंने कहा कि अदालत ने यह माना है कि अहमदिया समुदाय अपनी मस्जिदों के बाहर धर्म का प्रचार-प्रसार नहीं कर सकते हैं, इसका मतलब यह है कि वे अपनी मस्जिद में अपने मजहब का पालन कर सकते हैं। कट्टरपंथियों का कहना था कि अहमदिया समुदाय को अपने घर, मस्जिद या कहीं भी किसी भी तरह से अपने मजहब की पूजा करने, उसका प्रचार-प्रसार करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि उनका मजहब सीधे-सीधे पैगंबर मुहम्मद, इस्लाम और कुरान का अपमान करता है। अब JUIF के नेता ने इस मामले में चेतावनी दी है कि अगर सुप्रीम कोर्ट अहमदिया समुदाय को उनकी मस्जिदों या फिर कहीं और उनके धर्म का प्रचार-प्रसार करने की अनुमति देने के अपने फैसले की समीक्षा नहीं करता है तो देश में अशांति फैल जाएगी। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने अहमदियों को अपने मजहब का प्रचार करने की इजाजत देकर पकिस्तान के संविधान का उल्लंघन किया गया है।

सरकार की अपील पर अदालत में सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर कल यानि 22 अगस्त को सुनवाई करेगा। इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा, जस्टिस इरफान सआदत खान और जस्टिस नईम अख्तर अफगान रहेंगे। बता दें, पंजाब सरकार ने अपनी अपील में सुप्रीम कोर्ट से 24 जुलाई को सुनाए गए फैसले से कुछ अशों को हटाने की मांग की है। इस बीच पाकिस्तानी कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के नेता अमीर पीर जहीर-उल-हसन शाह पर पाकिस्तान के चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा को धमकी देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। एक पाकिस्तानी अखबार के के अनुसार TLP नेता फैज ईसा को मारने का फतवा जारी किया था। FRI के मुताबिक TLP नेता ने प्रेस क्लब के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान न्यायपालिका के खिलाफ नफरत फैलाई और पाकिस्तान के चीफ जस्टिस फैज ईसा की हत्या करने वाले शख्स को 1 करोड़ का ईनाम देने का ऐलान भी किया। इस मामले में पुलिस ने 1500 TLP कार्यकर्ताओं पर भी मुकदमा दर्ज किया है।

 

2.) भारत ने 19वें CII भारत-अफ्रीका बिजनेस कॉन्क्लेव की मेजबानी की 

माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज नई दिल्ली में 19वें CII (भारतीय उद्योग परिसंघ) भारत-अफ्रीका बिजनेस कॉन्क्लेव के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की। इस अवसर पर माननीय उपराष्ट्रपति ने "एक भविष्य का निर्माण" विषय पर 19वें सीआईआई भारत-अफ्रीका बिजनेस कॉन्क्लेव में उद्घाटन भाषण दिया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, एक पुनर्जीवित अफ्रीका और उभरता हुआ भारत दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत गति दे सकता है, खासकर स्वच्छ प्रौद्योगिकी, जलवायु-लचीली कृषि, समुद्री सुरक्षा, कनेक्टिविटी और नीली अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में। उन्होंने आगे कहा कि भारत और अफ्रीका जटिल चुनौतियों से निपटने के लिए महत्वपूर्ण वैश्विक साझेदारी बनाते हैं और भारत का उदय और समावेशी बहुपक्षवाद वैश्विक दक्षिण के लिए प्रगति को आगे बढ़ाता है। 2023 में भारत की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को #G20 के स्थायी सदस्य के रूप में शामिल करना बहुत गर्व की बात है और इसने महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक विकास का एक उदाहरण स्थापित किया है।

'एक भविष्य का निर्माण' मानवता की स्थिरता के लिए सर्वोत्कृष्ट है। 

उपराष्ट्रपति ने कहा, सभी देशों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे सामूहिक रूप से मानवता के लिए सबसे बड़े खतरे, जलवायु परिवर्तन, जो एक टीकिंग टाइम बम की तरह है यानि एक समस्याग्रस्त स्थिति जिसका समाधान नहीं किया गया तो ये अंततः खतरनाक साबित होगा और इसलिए हमें इससे निपटने के लिए अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने की जरुरत है। यह ठोस सामूहिक भागीदारी और संसाधनों के इष्टतम उपयोग के माध्यम से किया जाना चाहिए, क्योंकि हमारे पास रहने के लिए कोई अन्य ग्रह नहीं है। इस समस्या के समाधान में जनभागीदारी इसकी पहचान होनी चाहिए! 

भारत अफ़्रीका का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है

श्री धनकड़ ने कहा, 85 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार और 75 अरब डॉलर के निवेश के साथ भारत अफ्रीका का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। एएफसीएफटीए और भारत की डीएफटीपी योजना गहन आर्थिक एकीकरण और पारस्परिक विकास के अवसर प्रदान करती है। जब मैंने माननीय उपराष्ट्रपतियों के समृद्ध प्रवचन को सुना, तो उनमें से प्रत्येक ने मुझे ऊर्जावान बनाया, उन्होंने हमारे देशों के बीच उपलब्ध क्षमता पर विचार किया।

भारत एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था है

हमारे देश के पास दुनिया को और विशेष रूप से अफ्रीका को देने के लिए बहुत कुछ है, क्योंकि पिछले दशक में हमारा उत्थान तेजी से और ऐतिहासिक रहा है। भारत और अफ्रीका के बीच साझा इतिहास, आम संघर्ष और न्यायसंगत और प्रगतिशील भविष्य के लिए आपसी आकांक्षाओं से बने गहरे संबंध, इस साझेदारी को स्वाभाविक और पहले से कहीं अधिक मजबूत बनाते हैं।


ऐतिहासिक रूप से भारत ने कभी भी विस्तार में विश्वास नहीं किया 

मानवता के छठे हिस्से का घर, भारत का उदय वैश्विक स्थिरता और शांति का संकेत है। भारत के दृष्टिकोण में भागीदारी, हाथ थामना, एकजुट होकर काम करना शामिल है। इसलिए, हमारी साझेदारी मानवता की भलाई के लिए बड़े वैश्विक परिवर्तन में योगदान करने की क्षमता रखती है! पिछले दशक में अभूतपूर्व वृद्धि, बड़े पैमाने पर डिजिटलीकरण और तकनीकी प्रगति के साथ, भारत सहयोग के लिए कई रास्ते प्रदान करता है और पारस्परिक लाभ और साझा सफलता के अवसर प्रस्तुत करता है।

उपराष्ट्रपति ने अफ्रीकी राष्ट्राध्यक्षों में मुलाकात की 

भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज नई दिल्ली में 19वें CII इंडिया-अफ़्रीका बिज़नेस कॉन्क्लेव के मौके पर बुरुंडी गणराज्य, गाम्बिया गणराज्य, लाइबेरिया गणराज्य, मॉरीशस गणराज्य, जिम्बाब्वे गणराज्य के माननीय उपराष्ट्रपतियों का स्वागत किया। अपनी बातचीत में राष्ट्राध्यक्षों ने दोनों देशों के संबंधों को और गहरा करने पर जोर दिया। साथ ही पीपल-टो-पीपल टाई, शिक्षा, ऊर्जा, व्यापार और रक्षा संबंधों को नए ऊंचाइयों पर ले जाने पर सहमति जताया। 

उपराष्ट्रपति ने CII अफ्रीका समिति के अध्यक्ष से मुलाकात की 

शिखर सम्मेलन की पृष्ठभूमि पर, CII अफ्रीका समिति के अध्यक्ष, टाटा इंटरनेशनल, ट्रेंट लिमिटेड और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के अध्यक्ष श्री नोएल टाटा जी ने आज उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। उपराष्ट्रपति ने भारत-अफ्रीका के बीच बढ़ते व्यापार के लिए नोएल टाटा और CII के योगदान और भूमिका की प्रसंशा की। उन्होंने उम्मीद जताया की आने वाले दिनों में भारत-अफ्रीका के बीच का व्यापार नई ऊंचाइयां हासिल करेगा। 

 

3.) आंध्र प्रदेश के फार्मास्युटिकल प्लांट में विस्फोट

बुधवार यानि 21 अगस्त को आंध्र प्रदेश में एक फार्मास्युटिकल प्लांट में विस्फोट हुआ। इस बड़े औद्योगिक हादसे में अनाकापल्ले जिले के रामबिली मंडल में अच्युटापुरम SEZ में एसिएंटिया एडवांस्ड साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड की एक इकाई में आग लगने से 17 श्रमिकों की मौत हो गई और 30 से अधिक अन्य घायल हो गए। एक सरकारी बयान के मुताबिक, दोपहर करीब 2:15 बजे फैक्ट्री में रिएक्टर ब्लास्ट हुआ, जिससे आग लग गई। बता दें, कंपनी के कनेक्टिकट (US) और हैदराबाद में दो अनुसंधान एवं विकास केंद्र हैं, साथ ही अनाकापल्ली में एक वाणिज्यिक विनिर्माण स्थल भी है। कंपनी मध्यवर्ती रसायन और सक्रिय फार्मास्युटिकल सामग्री (API) बनाती है और इसने ₹200 करोड़ के निवेश के साथ अप्रैल 2019 में परिचालन शुरू किया था।

बचाव अभियान में जुटी NDRF और SDRF की टीम

अधिकारियों ने अनुमान लगाया कि हताहतों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि बचाव अभियान अभी भी जारी है। बचाव अभियान चलाने के लिए NDRF और SDRF की टीमों को तैनात किया गया है। कई घायलों को विशाखापत्तनम के किंग जॉर्ज अस्पताल (KGH) ले जाया गया। इमारत की पहली मंजिल का स्लैब गिरने के कारण बचावकर्मी मलबा हटाने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकारियों ने अभी तक घटना के समय मौजूद श्रमिकों की सटीक संख्या और मरने वालों की संख्या की पुष्टि नहीं की गई है। बताया जा रहा है कि मलबे में कई लोग फंसे हुए हैं। दमकल की छह गाड़ियां तुरंत मौके पर पहुंचीं और पड़ोसी स्टेशनों से अतिरिक्त उपकरण भी जुटाए गए, अनाकापल्ले जिला कलेक्टर और एसपी दोनों बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।

शोक स्थल में बदली दुर्घटना की जगह 

एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, हालाँकि शुरू में यह दावा किया गया था कि दुर्घटना एक रिएक्टर विस्फोट का परिणाम थी, वास्तव में यह घटना एक बड़े विस्फोट के कारण हुई थी जो विलायक तेल को एक मंजिल से दूसरे मंजिल तक पंप करने और प्रज्वलित होने के बाद हुआ था। बताया जा रहा है कि यह विस्फोट दोपहर के भोजन के समय हुआ। फैक्ट्री 381 कर्मचारियों के साथ दो शिफ्टों में चलती है। इस बीच, दुर्घटना स्थल शोक की जगह में बदल गया है। कर्मचारियों के परिवार और रिश्तेदार उत्सुकता से अपने प्रियजनों का बाहर इंतजार कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने ली घटना की जानकारी

घटना के बाद मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने स्थिति का जायजा लेने के लिए एक टेलीकांफ्रेंस की और निर्देश दिया कि उच्च स्तरीय जांच की जाए और एक व्यापक रिपोर्ट तैयार की जाए। जिसके बाद  उन्हें दुर्घटना के कारणों के संबंध में प्रारंभिक निष्कर्षों के बारे में भी जानकारी दी गई, जिसमें संयंत्र संचालन में संभावित मानवीय त्रुटियां और निर्माण संबंधी खामियां शामिल थीं। उन्हें जानकारी दी गई कि अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कुछ घायलों की हालत गंभीर है। अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटना के बाद दवा कंपनी प्रबंधन की प्रतिक्रिया अपर्याप्त थी।

मुख्यमंत्री ने दिया एयर एम्बुलेंस इस्तेमाल का आदेश 

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जीवन बचाने में सहायता के लिए सभी उपलब्ध चिकित्सा कर्मियों को जुटाने का निर्देश दिया। सीएम ने घायलों को ले जाने के लिए जरूरत पड़ने पर एयर एम्बुलेंस के इस्तेमाल को भी मंजूरी दी। जानमाल के नुकसान पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार सभी प्रभावित व्यक्तियों के समर्थन की पूरी जिम्मेदारी लेगी। मुख्यमंत्री आज यानि गुरुवार को दुर्घटनास्थल का दौरा करेंगे और घायल श्रमिकों से मुलाकात भी करेंगे।

मारे गए लोगों के परिजनों को मिलेगा Rs.1 करोड़ का मुआवजा

मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के दौरे से पहले आज आंध्र प्रदेश सरकार ने एक दिन पहले अनाकापल्ले जिले के रामबिली में एक फार्मा फैक्ट्री में विस्फोट में मारे गए 17 श्रमिकों के परिवारों के लिए ₹1 करोड़ के मुआवजे की घोषणा की है। विशाखापत्तनम के एक अस्पताल में इलाज करा रहे विस्फोट में घायल हुए लोगों से मुलाकात करने के बाद जिला कलेक्टर एमएन हरेंधीरा प्रसाद ने कहा कि सरकार द्वारा घायलों के मुआवजे पर भी काम किया जा रहा है और इसका जल्द एलान किया जाएगा। बता दें, फैक्ट्री में बचाव अभियान आधी रात के आसपास समाप्त हुआ और सभी 17 शव बरामद कर लिए गए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक ट्वीट कर लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया, उन्होंने लिखा:. प्रधान मंत्री ने हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों को  मुआवजे की घोषणा की।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने भी हादसे पर अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की, उन्होंने लिखा: 

 

4.) दिल्ली से राजस्थान तक आतंकी साजिस 

देश को दहलाने की साजिश का भंडाफोड़

अलकायदा से प्रेरित आतंकी मॉड्यूल

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आतंकी संगठन अलकायदा से प्रेरित आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा झारखंड, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की पुलिस के साथ मिलकर एक जॉइंट ऑपरेशन चलाकर इस मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, इस मॉड्यूल को रांची का रहने वाला डॉक्टर इश्तियाक लीड कर रहा था। ये भारत में आतंकी वारदातों को अंजाम देने की फिराक में थे। मॉड्यूल के सदस्यों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग अलग-अलग जगहों पर दी जा रही थी। राजस्थान के भिवाड़ी से हथियार चलाने का प्रशिक्षण ले रहे छह लोगों को हिरासत में लिया गया है। इसके अलावा झारखंड और यूपी से कुल मिलाकर करीब आठ संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। फिलहाल विभिन्न स्थानों पर पूछताछ चल रही है और अतिरिक्त गिरफ्तारियों की भी उम्मीद है। कई स्थानों से हथियार, गोला-बारूद, साहित्य आदि की बरामदगी की है।

आतंकी संगठन AQIS के ठिकानों पर ATS की छापेमारी

झारखंड आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने गुरुवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में छापेमारी की। एटीएस ने कथित तौर पर अलकायदा इन द इंडियन सब-कॉन्टिनेंट (AQIS) से जुड़े 7 लोगों को हिरासत में लिया है। उन्होंने बताया कि एक्यूआईएस के स्लीपर सेल एजेंटों के बारे में गुप्त सूचना मिलने के बाद सुबह-सुबह छापेमारी शुरू की गई। इस दौरान रांची, हजारीबाग और लोहरदगा में 14 स्थानों पर की छापेमारी की गई। पुलिस अधीक्षक (ATS) ऋषभ झा ने बताया कि छापेमारी अभी भी जारी है। संगठन से कथित तौर पर जुड़े करीब सात लोगों को अब तक हिरासत में लिया गया है। साक्ष्यों की जांच की जा रही है। सबूतों के आधार पर गिरफ्तारियां की जाएंगी। छापेमारी में पुलिस को एक AK-47 राइफल, एक .38 बोर रिवॉल्वर, .38 बोर के 6 कारतूस, .32 बोर के 30 कारतूस, AK-47 के 30 कारतूस, एक डमी INSAS राइफल, एक एयर राइफल, एक आयरन एल्बो पाइप, एक हैंड ग्रेनेड समेत कई चीजें बरामद हुई है।