देश की सबसे चर्चित एडटेक यूनिकॉर्न फिजिक्सवाला अब शेयर बाजार में अपना लक आज़माने जा रही है। जी हां! जो कंपनी अब तक बच्चों को IIT और NEET की तैयारी कराती थी, अब खुद अपनी "फाइनेंशियल परीक्षा" देने वाली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी 4,600 करोड़ रुपये जुटाने के लिए IPO लाने की तैयारी में है और SEBI को जरूरी दस्तावेज सौंप चुकी है। अगर यह IPO सफल होता है, तो फिजिक्सवाला शेयर बाजार में लिस्ट होने वाली भारत की पहली एडटेक कंपनी बन जाएगी। साथ ही, मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए अपने शेयर बेचकर निकलने की तैयारी में हैं। इस पूरे प्रोसेस के लिए कंपनी ने "प्री-फाइलिंग रूट" चुना है, जिससे लिस्टिंग से पहले ज्यादा हल्ला नहीं मचता। SEBI ने यह सुविधा नवंबर 2022 में शुरू की थी और इससे पहले टाटा प्ले, ओयो, स्विगी, विशाल मेगा मार्ट जैसी कंपनियां इसी रूट से IPO फाइल कर चुकी हैं। यानी, फिजिक्सवाला भी अब "बड़े लोगों की लीग" में शामिल हो गई है। फिजिक्सवाला का सफर किसी बॉलीवुड फिल्म से कम नहीं है "गरीब घर का लड़का, यूट्यूब पर पढ़ाता है, और फिर करोड़ों कमाता है। यूट्यूब पर 4.6 करोड़ सब्सक्राइबर्स (जो पेड कोर्स नहीं खरीदते) 55 लाख पेड स्टूडेंट्स, 106 शहरों में ऑफलाइन सेंटर, जहां 2 लाख से अधिक बच्चे पढ़ते हैं।
14,000 से अधिक कर्मचारी। कंपनी का दावा है कि उसने कई एडटेक प्लेटफॉर्म्स (जाइलम लर्निंग, नॉलेज प्लैनेट आदि) का अधिग्रहण कर लिया है, यानी जो खुद पढ़ाते थे, अब वे भी फिजिक्सवाला के स्टूडेंट बन चुके हैं। फिजिक्सवाला का FY24 में ऑपरेटिंग रेवेन्यू 1,940 करोड़ रुपये था, जो FY23 के 744 करोड़ के मुकाबले 160% ज्यादा है। लेकिन, घाटा भी 84 करोड़ से बढ़कर 1,131 करोड़ रुपये हो गया! यानी, बच्चों को लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के फायदे समझाने वाले अलख सर खुद भारी लॉस झेल रहे हैं। फिजिक्सवाला में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी खुद अलख पांडे और को-फाउंडर प्रतीक माहेश्वरी की है। अलख पांडे: 38.7%, प्रतीक माहेश्वरी: 38.7%, निवेशकों के पास: 20.47%अब सवाल यह है कि क्या फिजिक्सवाला का IPO उन कंपनियों की तरह होगा, जो लॉन्च के समय धूम मचाती हैं और फिर निवेशकों को "रिवीजन टेस्ट" लेने पर मजबूर कर देती हैं। तब तक के लिए देखते रहे ग्रेट पोस्ट न्यूज़।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जल्द ही लंदन रवाना होने वाली हैं। वजह? ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में उनका बहुप्रतीक्षित लेक्चर! जी हां, वही ऑक्सफोर्ड जहां बड़े-बड़े स्कॉलर्स पढ़ाने जाते हैं, अब वहां बंगाल की ‘दीदी’ ज्ञान की गंगा बहाएंगी। तारीख तय हो चुकी है 22 मार्च। लेकिन असली सवाल ये है कि ये दौरा बंगाल के विकास के लिए है या राजनीति के लिए? ऑक्सफोर्ड का निमंत्रण ममता बनर्जी को नवंबर 2023 में ही मिला था, जब वे बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट की मेजबानी कर रही थीं। लेकिन इस ज्ञानवर्धक दौरे के बीच ‘बिजनेस मीटिंग’ भी ठूंस दी गई है। 25 मार्च को दीदी लंदन के अमीर उद्योगपतियों से मुलाकात करेंगी। मतलब, एक तीर से दो शिकार विदेश में भी ज्ञान बांटेंगी और बंगाल के लिए निवेश भी लाएंगी! अब निवेश आए या न आए, यह तो बाद की बात है, लेकिन एक शानदार विदेश यात्रा तो हो ही जाएगी। अब ममता बनर्जी का कोई दौरा हो और उसमें राजनीति न हो, ऐसा कैसे हो सकता है? उन्होंने पहले ही एलान कर दिया है कि कुछ ‘शक्तियां’ उनकी इस यात्रा के खिलाफ साजिश रच रही हैं। उनके मुताबिक, "कुछ लोग व्हाट्सऐप और ईमेल पर झूठ फैलाकर हमें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।" दीदी ने यह भी साफ कर दिया कि अगर किसी को उनसे जलन है, तो उसकी कोई दवा नहीं है।
दीदी के बयान से ऐसा लग रहा है जैसे पूरा विपक्ष बस यही कोशिश कर रहा है कि वे लंदन न जाएं, ऑक्सफोर्ड का मंच न हिला दें और बंगाल को अंतरराष्ट्रीय पहचान न मिले! और हां, दीदी ने यह भी साफ कर दिया कि जो लोग उनके खिलाफ विदेशों में मेल भेज रहे हैं, वे "गणशत्रु" हैं। अब ये कौन हैं, कहां से मेल भेज रहे हैं, इसका जिक्र नहीं किया। यह पहला मौका नहीं है जब ममता बनर्जी विदेश दौरे पर जा रही हैं। 2017 में भी वे ब्रिटेन गई थीं, जहां स्कॉटलैंड में उन्होंने बिजनेस मीटिंग की थी। और 2023 में तो स्पेन और दुबई में भी निवेश लाने के लिए दौरा किया था।