पिछले वर्ष अगस्त में पश्चिम बंगाल में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर की बलात्कार के बाद हुई हत्या ने पूरे पश्चिम बंगाल में एक जन आक्रोश को जन्म दिया था। इस घटना के सामने आने के बाद से कोलकाता में प्रदर्शन शुरू हो गए थे और दो महीने से भी ज्यादा समय तक राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं ठप रही थीं। बीते दिन अपनी सुनवाई में कोर्ट ने अभियुक्त संजय रॉय को आर.जी कर अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या मामले में दोषी पाया है और आज यानि सोमवार, 20 जनवरी को अदालत इस मामले में सजा सुनाएगी। आपको बताते चलें इस घटना को करीब छह महीने बीत चुके हैं और बीते हफ्ते शनिवार को कोलकाता के सियालदह कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया है। अपना आदेश सुनाते हुए कोर्ट के स्पेशल जज अनिर्बान दास ने संजय रॉय की तरफ देखते हुए कहा कि उनके विरुद्ध जांच एजेंसी CBI ने बलात्कार और हत्या से जुड़े जो सबूत पेश किए हैं उससे उसका अपराध साबित होता है। कोर्ट ने कहा संजय रॉय को भारतीय न्याय संहिता की धारा 64, 66 और 103 (1) के तहत दोषी पाया गया है। शनिवार को हुई इस सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सजा सोमवार, 20 जनवरी को सुनाई जाएगी, उस दौरान अभियुक्त संजय रॉय को कोर्ट में मौजूद रहना होगा। शनिवार को फैसला सुनाए जाने के समय आरोपी रॉय ने अदालत में दावा किया कि उसे फंसाया गया है। अब आज देखने वाली बात यह होगी की इस मामले में सजा का एलान करते हुए कोर्ट अभियुक्त संजय रॉय को उम्रकैद देता है या फांसी?
9 अगस्त, 2024 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित आर.जी कर अस्पताल के कॉन्फ्रेंस रूम में ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव मिला था, जिसके बाद जांच में पता चला कि डॉक्टर का पहले बलात्कार किया गया और फिर हत्या कर दी गई थी। बता दें, इस मामले में संजय रॉय को आर.जी कर अस्पताल के सेमिनार कक्ष में शव पाए जाने के एक दिन बाद 10 अगस्त, 2024 को गिरफ्तार किया गया था। राज्य सरकार और पुलिस के द्वारा जाँच में देरी और एविडेंस से छेड़छाड़ का मामला सामने आने के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले की जांच कोलकाता पुलिस से केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) को स्थानांतरित कर दी थी। हालांकि, इस मामले में 'साक्ष्य मिटाने' के आरोप में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष और स्थानीय टाला थाना के प्रभारी अभिजीत मंडल के विरुद्ध CBI आरोप पत्र दाखिल नहीं कर पायी है, जिसकी वजह से दोनों आरोपियों को जमानत मिल गयी है, लेकिन इसे लेकर मृतक डॉक्टर के माता-पिता ने अपना असंतोष व्यक्त किया है। उन्होंने मामले की निगरानी कर रहे सुप्रीम कोर्ट और कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने पूरे मामले की सुनवाई एक बार फिर नए सिरे से करने की अपील की है। अभियुक्त संजय रॉय को न्यायाधीश ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 64, 66 और 103(1) के तहत उसे दोषी ठहराया है। बता दें, BNS की धारा 64 में दुष्कर्म करने का आरोपी पाए जाने पर कम से कम 10 साल की सजा का प्रावधान है, जो आजीवन कारावास तक हो सकती है। वहीं, धारा 66 के तहत कम से कम 20 साल की सजा का प्रावधान है और यह आजीवन कारावास तक हो सकती है। BNS की धारा 103(1) हत्या के आरोप में दोषी को मृत्युदंड या आजीवन कारावास का प्रावधान है।
कोलकाता के आरजी कर मामले में सोमवार को सजा का एलान कर दिया गया है। कोर्ट ने दोपहर 2.45 बजे अपना फैसला सुनाते हुए दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई। सियालदह अदालत ने संजय रॉय पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। जज अनिरबन दास ने कहा कि यह रेयरएस्ट केस नहीं है। हालांकि, कोर्ट ने पीड़ित परिवार को ट्रेनी डॉक्टर की मौत के लिए 10 लाख रुपये मुआवजा और 7 लाख रुपये अतिरिक्त दिए जाने के लिए भी कहा। फैसला सुनाने से पहले दोषी को आज कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान संजय रॉय ने अदालत से कहा कि मुझे फंसाया जा रहा है, मैने कोई अपराध नहीं किया है। इस पर CBI ने कहा कि यह जघन्य अपराध है, इस मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था।
महाकुंभ के पवित्र माहौल में अचानक चर्चा का केंद्र बने ‘IITian बाबा’ अभय सिंह अब विवादों में घिरकर गायब हो गए हैं। एक ओर उनके फॉलोअर्स उन्हें खोज रहे हैं, तो दूसरी ओर जूना अखाड़े ने उनके खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए उन्हें निष्कासित कर दिया है। शुक्रवार की रात एक बड़ा मोड़ आया। जूना अखाड़े के प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि ने घोषणा की कि अभय सिंह को अखाड़े से निष्कासित किया जा रहा है। उनके ऊपर आरोप था कि उन्होंने अपने गुरु महंत सोमेश्वर पुरी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। इससे पहले भी उनके व्यवहार को लेकर सवाल उठते रहे थे। श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा, “गुरु-शिष्य परंपरा सनातन धर्म का मूल है। जो व्यक्ति अपने गुरु का सम्मान नहीं कर सकता, वह सन्यास की परंपराओं का पालन नहीं कर सकता। जूना अखाड़े में अनुशासन सर्वोपरि है। अभय सिंह ने इसे तोड़ा है।” अखाड़े के निर्णय के अनुसार, अभय सिंह पर अखाड़ा शिविर और उसके आसपास आने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया। उन्हें तुरंत महाकुंभ छोड़ने का आदेश दिया गया। इस घटना ने न केवल महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं, बल्कि सोशल मीडिया पर उनके लाखों अनुयायियों को भी चौंका दिया। इस पूरे मामले में अभय सिंह का परिवार भी सामने आया। झज्जर से उनके माता-पिता महाकुंभ में उन्हें खोजने पहुंचे। लेकिन जब उन्हें पता चला कि अभय सिंह शिविर छोड़ चुके हैं, तो वे निराश होकर लौट गए। अभय सिंह के जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि उन्होंने बचपन में अपने माता-पिता के झगड़े और घरेलू हिंसा देखी थी। इन घटनाओं का उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ा। उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा था, “मैंने अपने माता-पिता के नंबर ब्लॉक कर दिए। अब मेरा उनसे कोई संबंध नहीं है।” महंत हरि गिरि, जो जूना अखाड़ा के मुख्य संरक्षक हैं, उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “संन्यास का मार्ग अनुशासन और गुरु के प्रति समर्पण मांगता है। जो इसका पालन नहीं करता, उसका अखाड़े में कोई स्थान नहीं है। अभय सिंह का कृत्य गुरु-शिष्य परंपरा और धर्म दोनों का अपमान है।”
निष्कासन के बाद, अभय सिंह ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी किया। उन्होंने अपने गुरु और अखाड़े पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि उनकी बढ़ती लोकप्रियता से उनके गुरु परेशान हो गए थे। बाबा ने कहा, “मुझे साजिश के तहत बदनाम किया गया। मेरी लोकप्रियता अखाड़े के कुछ लोगों को खटकने लगी थी।” उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें महाकुंभ से बाहर निकलने पर मजबूर किया गया। लेकिन वे कहीं और जाकर बस गए थे। बाबा के अनुसार, “मुझे डर था कि अगर मैं कुछ बोल दूं, तो यह विवाद और बढ़ सकता है। इसलिए चुप रहना बेहतर समझा।” हालांकि जूना अखाड़ा ने भी उन्हें शुरुआती तौर पर समर्थन दिया। महंत सोमेश्वर पुरी के शिष्य के रूप में उन्होंने अखाड़े में स्थान पाया। लेकिन जल्द ही गुरु-शिष्य के इस रिश्ते में दरार आ गई। जूना अखाड़े से निष्कासन के बाद से बाबा का कोई अता-पता नहीं है। उनके शिविर खाली पड़े हैं। सोशल मीडिया पर उनके वीडियो जरूर वायरल हो रहे हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वे कहां हैं।
आज से करीब 11 वर्ष पहले नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद दुनियाभर में भारत का कद लगातार किस कदर बढ़ रहा है और अमेरिका के लिए भारत के क्या मायने हैं, यह एक बार फिर से दुनिया को पता चल गया है। बता दें, डोनल्ड ट्रंप के शपथ समारोह से सामने आई भारतीय विदेश मंत्री डॉ.एस जयशंकर की एक तस्वीर सोशल मीडिया से लेकर तमाम मीडिया चैनलों और अखबारों में जमकर वायरल हो रही है और उनकी इस वायरल तस्वीर से न जाने कितनों को मिर्ची भी लगी होगी। बात कुछ ऐसी है की सोमवार, 20 जनवरी को दुनियाभर के प्रतिनिधियों की तरह ही भारत के विदेश मंत्री डॉ.एस जयशंकर भी डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण में शामिल होने वॉशिंगटन डी सी पहुंचे थे। शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे मेहमानों में जयशंकर की चर्चा इसलिए हो रही है क्यों कि उनको मेहमानों की पहली कतार में जगह दी गई थी। समारोह से सामने आई तस्वीरों में डॉ. जयशंकर सबसे आगे बैठे दिखाई दे रहे हैं, वो इक्वाडोर के राष्ट्रपति डेनियल नोबोआ के साथ आगे की पंक्ति में बैठे दिखाई दिए। जिओपॉलिटिकल अनलिस्ट्स की माने तो इस तस्वीर को दुनियाभर में बदलते भारत और अमेरिका के प्रगाढ़ होते रिश्तों के तौर पर देखा जा रहा है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष दूत के रूप में ट्रंप के शपथ ग्रहण में शामिल होने अमेरिका पहुंचे थे। डॉ. जयशंकर की यह तस्वीर अपने आप में काफी कुछ कह रही है और वो ये है की ट्रंप के दौर में भारत-अमेरिका के बीच के रिश्ते नई ऊचाइंया छूने जा रहे है। बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही खुद ट्रंप के शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हो सके, लेकिन उन्होंने खास अंदाज में अपने दोस्त ट्रंप को बधाई दी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल 'X' पर लिखा, मेरे प्रिय दोस्त डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने पर बधाई। मैं दोनों देशों के एक बार फिर से साथ मिलकर काम करने और दुनिया के बेहतर भविष्य के लिए साथ मिलकर काम करने की आशा करता हूं, आपको शुभकामनाएं। आपको बताते चलें, भारत और अमेरिका के संबंध एक दूसरे के साथ काफी अच्छे हैं और मोदी सरकार के दौर में इसने नई ऊंचाई हासिल की है। मोदी सरकार की नीति है कि अमेरिका समेत दुनियाभर के देशों के साथ भारत के रिश्ते और भी बेहतर हों, चाहे वह कूटनीतिक संबंध हों या फिर व्यावसायिक और इस दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है।
4.)ओड़िशा-छत्तीसगढ़ पुलिस ने किया संयुक्त ऑपरेशन
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ की खबर आ रही है। ओडिशा और छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर कुल्हाड़ी घाट के जंगल में बड़ी संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना सुरक्षाबलों को मिली थी। इस सूचना के मिलने के बाद ओड़िशा और छत्तीसगढ़ पुलिस ने एक साथ नक्सलियों के खिलाफ संयुक्त ऑपरेशन लांच किया। छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के जवानों की कुल 10 टीमें नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन को अंजाम दे रही है। कुल्हाड़ी घाट रिजर्व फॉरेस्ट के घने जंगलों में सुरक्षाबलों द्वारा नक्सलियों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक पिछले लगभग दो दिन से नक्सलियों के साथ जवानों की मुठभेड़ जारी है। गरियाबंद मुठभेड़ में 20 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है, फिलहाल इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। मारे गये नक्सलियों की संख्या और भी बढ़ सकती है। वहीं, मुठभेड़ में ढेर 16 नक्सलियों के शव बरामद कर लिये गये हैं। सभी मारे गए नक्सलियों के हथियार भी बरामद कर लिए गए हैं। इस मुठभेड़ के दौरान एक घायल जवान को एयरलिफ्ट कर रायपुर लाया गया। सर्चिंग के दौरान और भी नक्सलियों के शव मिलने की संभावना जताई गई है और जो नक्सली मारे गए हैं, उनके शवों की पहचान की जा रही है। इससे पूर्व बीजापुर में सुरक्षा बलों ने 18 नक्सलियों को मार गिराया था।
गरियाबंद जिले के कुल्हाड़ी घाट स्थित जंगल में करीब एक हजार से अधिक जवानों ने 50 से अधिक नक्सलियों को चारों तरफ से घेर रखा है। बता दें, रविवार की सुबह से आज सुबह तक सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच रुक-रुक कर फायरिंग हो रही है। पूरे इलाके में जवानों का सर्च ऑपरेशन जारी है, आईजी रायपुर जोन अमरेश मिश्रा ने इसकी जानकारी दी है। सुरक्षाबलों का दावा है कि इस मुठभेड़ में नक्सलियों के कई इनामी लीडर्स मारे गए हैं। गरियाबंद मुठभेड़ में एक करोड़ का इनामी नक्सली जयराम उर्फ चलपती के मारे जाने की खबर है। चलपती नक्सलियों के केंद्रीय कमेटी का मेंबर बताया जा रहा है। अब तक 16 के करीब महिला और पुरुष नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। मारे गए नक्सलियों में माओवादियों के सीनियर कैडर लीडर शामिल हैं, जिनकी पहचान की जा रही है l एनकाउंटर में AK-47, SLR, INSAS जैसे अन्य ऑटोमेटिक हथियार बरामद किए गए हैं। नक्सल विरोधी सर्च अभियान में गरियाबंद ऑपरेशन ग्रुप E 30, कोबरा 207, CRPF की 65 एवं 211 बटालियन और SOG नुआपाड़ा की संयुक्त टीम शामिल है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'X' पर लिखा कि नक्सलवाद को एक और करारा झटका। नक्सल मुक्त भारत बनाने की दिशा में हमारे सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर CRPF, SOG ओडिशा और छत्तीसगढ़ पुलिस ने संयुक्त अभियान में नक्सलियों को ढेर कर दिया। नक्सल मुक्त भारत के हमारे संकल्प और हमारे सुरक्षाबलों के संयुक्त प्रयासों से आज नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें ले रहा है। वहीं, इस मुठभेड़ पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 'X' पर अपने एक पोस्ट में लिखा कि गरियाबंद जिले के मैनपुर थाना अंतर्गत कुल्हाड़ीघाट क्षेत्र में सुरक्षाबलों की नक्सलियों के साथ रविवार रात से अब तक जारी मुठभेड़ में 10 से अधिक नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। मार्च 2026 तक देश-प्रदेश में नक्सलवाद के खात्मे के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और माननीय केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के संकल्प को मजबूती प्रदान करते हुए सुरक्षाबल के जवान निरंतर सफलता हासिल कर लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। जवानों को मिली यह कामयाबी सराहनीय है। मैं उनकी बहादुरी को सलाम करता हूं। हमारी डबल इंजन की सरकार में निश्चित ही हमारा छत्तीसगढ़ मार्च 2026 तक नक्सलवाद से मुक्त होकर रहेगा।
पर्दे पर अल्लू अर्जुन का पुष्पा बड़े ठाट-बाट से कहता है, मैं झुकेगा नहीं, लेकिन असली जिंदगी में आयकर विभाग ने दिखा दिया कि "हम भी झुकने वाले नहीं हैं।" जिस वक्त 'पुष्पा 2: द रूल' के निर्माता सफलता का मीठा स्वाद चख रहे थे, आयकर विभाग उनके दरवाजे पर दस्तक दे चुका था ठीक वैसा ही, जैसे फिल्म का क्लाइमैक्स बिना वॉर्निंग के आता है। बॉक्स ऑफिस पर 1800 करोड़ रुपये का कलेक्शन, अल्लू अर्जुन की सुपरस्टारडम, और सिनेमा हॉल में दर्शकों का पागलपन इन सबसे अलग, मेकर्स के अकाउंट्स की ‘स्टोरीलाइन’ ने आयकर अधिकारियों को नया मसाला दे दिया। मंगलवार, 21 जनवरी को तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री के नामचीन निर्माता दिल राजू, नवीन यरनेनी, और वाई. रवि शंकर समेत कई दिग्गजों के घरों और ऑफिसों पर रेड मारी गई। सूत्रों के मुताबिक, रेड के दौरान कई “गोल्डन कलेक्शन” सामने आए, जिनमें टैक्स चोरी के संकेत मिले। आयकर विभाग ने तेलुगु सिनेमा की इस "ग्लैमरस इंडस्ट्री" में अपने तरीके से ‘डायलॉग डिलीवरी’ की। फिल्मी पर्दे पर भले ही ये निर्माता करोड़ों का खेल करते हों, लेकिन असली खेल उनके बैलेंस शीट्स में दिख रहा था, जिसे पकड़ने के लिए आयकर अधिकारियों ने 55 टीमों के साथ मोर्चा संभाल लिया। तेलुगु सिनेमा के ‘मेगा प्रोड्यूसर’ दिल राजू, जो हाल ही में ‘गेम चेंजर’ और ‘संक्रांति की वास्तुन्नम’ जैसी बड़ी बजट की फिल्मों के निर्माता रहे हैं, इस जांच के मुख्य पात्र बन गए हैं। आयकर विभाग ने उनके बिजनेस पार्टनर सिरीश और बेटी हंसिता रेड्डी के घरों पर भी रेड डाली। माना जा रहा है कि दिल राजू के घर पर छापेमारी के दौरान "संक्रांति की वास्तुन्नम" के नाम पर ऐसे अकाउंट्स मिले, जिनमें संक्रांति का उत्सव तो कम, मगर करोड़ों का लेनदेन ज्यादा दिखा। फिल्म इंडस्ट्री में मैत्री मूवी मेकर्स एक बड़ा नाम है, लेकिन इस बार उनके प्रोडक्शन हाउस के सीईओ चेरी समेत निर्माताओं नवीन यरनेनी और वाई. रवि शंकर के घरों पर भी आयकर अधिकारियों ने रेड मारी। फिल्म में पुष्पा का ‘शानदार स्वैग’ भले ही दर्शकों को पसंद आया हो, लेकिन आयकर अधिकारियों को इनका स्वैग समझने में ज्यादा वक्त नहीं लगा। आयकर विभाग ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में एक साथ आठ स्थानों पर छापेमारी की। यह किसी फिल्म की "क्लाइमैक्स फाइट सीन" से कम नहीं था, जिसमें 55 टीमों ने 8 ठिकानों को टारगेट किया। फिल्मी सेट की तरह यहां भी हर सीन में एक्शन भरपूर था बस कैमरों की जगह दस्तावेज़ खंगालने वाले बैग थे।‘पुष्पा 2’ भले ही बॉक्स ऑफिस पर अजेय हो, लेकिन निर्माताओं के अकाउंट्स में “टैक्स कंप्लायंस” का अभाव साफ दिखा। मेकर्स को लग रहा था कि उनकी फिल्म साउथ से लेकर नॉर्थ तक "फ्लावर से फायर" बन गई है, लेकिन आयकर विभाग ने उनके कागजातों को "फायर" में डालकर झुलसाने का काम शुरू कर दिया।
तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री की सफलता के पीछे चमचमाते आंकड़ों का खेल है, लेकिन यह रेड दिखाती है कि इस सफलता के पीछे का "अंधेरा" कितना गहरा हो सकता है। जैसे-जैसे यह जांच आगे बढ़ेगी, आयकर विभाग की अगली "कहानी" भी खुलकर सामने आएगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि फिल्म इंडस्ट्री के “रियल-लाइफ विलेन” कौन साबित होते हैं और “हीरो की छवि” किसकी बनी रहती है। "पुष्पा" झुकने का नाम भले ही न ले, लेकिन यह रेड साबित करती है कि “सिस्टम” झुकने के लिए नहीं बना।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार, 21 जनवरी को 'संकल्प पत्र' जारी किया। बता दें, भाजपा तीन चरणों में अपना संकल्प पत्र जारी कर रही है। पार्टी ने आज अपने संकल्प पत्र का दूसरा भाग जारी किया है, जिसमें दिल्ली की जनता से कई वादे किए गए हैं। संकल्प पत्र के दूसरे भाग को हिमाचल प्रदेश से चुनकर आए भाजपा के युवा सांसद अनुराग ठाकुर ने जारी किया है। संकल्प पत्र का दूसरा भाग जारी करते हुए सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि दिल्ली के युवाओं को एंट्रेंस परीक्षाओं की तैयारी के लिए 15,000 रुपये की एकमुश्त वित्तीय सहायता दी जाएगी, साथ ही दो बार की यात्रा व आवेदन शुल्क का रिम्बर्समेंट भी होगी और यह मोदी की गारंटी है। जब हम विकसित भारत की कल्पना करते हैं, तो इसमें विकसित दिल्ली की एक अहम भूमिका है। विकसित दिल्ली संकल्प पत्र 2025 के संबंध में बोलते हुए उन्होंने कहा की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी नड्डा ने आपके सामने पहले अपनी बात रखी थी, आज उसके दूसरे भाग को लेकर मैं आप सबके सामने आया हूं। उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार बनने पर हम स्वास्थ्य, यातायात, बिजली, पानी और परिवहन आदि से जुड़ी समस्याओं का हल करेंगे। दिल्ली वालों को बेहतर आज और बेहतर कल देने का प्रयास करेंगे। भाजपा की जहां भी सरकारें रही, जन-कल्याण उनकी प्राथमिकता और केंद्र बिंदु रहा। उन्होंने बताया की कैसे पिछले 10 वर्षों में भाजपा सरकार ने दलालों को खत्म कर दिया है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से जन-कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया। भ्रष्टाचार के प्रति मोदी सरकार की नीति जीरो टॉलरेंस की है। दिल्ली के सरकारी शिक्षण संस्थानों में दिल्ली के जरूरतमंद छात्रों को केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।
दिल्ली में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संकल्प पत्र का पहला भाग जारी किया था। उन्होंने दिल्ली के लोगों से वादा किया था कि दिल्ली में जन कल्याण की चल रहीं वर्तमान योजनाएं भाजपा की सरकार बनने के बाद भी जारी रहेंगी। योजनाओं से जुड़ी सुविधाओं को मजबूत और उनमें सुधार किया जाएगा, उनको भ्रष्टाचार मुक्त भी किया जाएगा, जिसके लिए भाजपा अपना संकल्प पत्र तीन चरणों में लागू करेगी। पहले चरण में किये गए वादों के अनुसार पार्टी द्वारा महिला समृद्धि योजना के तहत प्रति महीने महिलाओं को 2500 दिए जाएंगे, गर्भवती महिलाओं को 21000 रुपए दिए जाएंगे, गरीब महिलाओं को गैस सिलेंडर में 500 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी, गरीब परिवारों को होली और दिवाली पर एक सिलेंडर मुक्त दिया जाएगा, 70 साल से अधिक आयु के लोगों को 10 लाख रुपये का बीमा कवर दिया जाएगा, दिल्ली में अटल कैंटीन योजना लॉन्च की जाएगी (इसके तहत झुग्गी झोपड़ी इलाके में 5 रुपए में भोजन उपलब्ध कराया जाएगा), 70 साल से अधिक उम्र के लोगों और दिव्यांग व विधवा महिलाओं को 2500 के बजाय 3000 रुपये पेंशन दी जाएगी। वहीं, दूसरे भाग में पार्टी ने वडा किया है कि जरूरतमंद छात्रों को KG से PG तक मुफ्त शिक्षा दी जाएगी, एससी छात्रों को हर महीने 1000 रुपये की मदद दी जाएगी, ऑटो-टैक्सी वालों के लिए वेलफेयर बोर्ड बनाया जायेगा, युवाओं को एंट्रेंस परीक्षाओं की तैयारी के लिए 15 हजार रुपये की मदद और दो बार के यात्रा व आवेदन शुल्क का रिम्बर्समेंट भी किया जाएगा।