दिल्ली में नई सरकार के गठन के बीच महाराष्ट्र की राजनीति में एक और भूचाल आ गया है। नासिक जिला अदालत ने महाराष्ट्र के कृषि मंत्री और एनसीपी (अजित पवार गुट) के नेता माणिकराव कोकाटे को दो साल की जेल और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। मामला 1995 में हुए एक कथित घोटाले से जुड़ा है, जिसमें दस्तावेजों से छेड़छाड़ और धोखाधड़ी के आरोप लगे थे । दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के शपथ ग्रहण समारोह में महाराष्ट्र के तीन बड़े नेता देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार शामिल थे। लेकिन जब ये नेता दिल्ली में थे, उसी दौरान महाराष्ट्र में उनकी सरकार के एक मंत्री पर कानूनी गाज गिर गई।
माणिकराव कोकाटे और उनके भाई सुनील कोकाटे पर 1995 में दस्तावेजों से छेड़छाड़ और धोखाधड़ी का आरोप लगा था। पूर्व मंत्री तुकाराम दिघोले ने इस मामले में याचिका दायर की थी। आरोप है कि दोनों भाइयों ने सरकारी योजना के तहत फ्लैट प्राप्त करने के लिए झूठी जानकारी दी थी। नासिक जिला न्यायालय ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 465 (कूटरचना), 471 (फर्जी दस्तावेज का उपयोग) और 47 के तहत कोकाटे को दोषी ठहराया। अब सवाल यह है कि क्या उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना होगा, या सरकार उन्हें बचाने की कोशिश करेगी?
माणिकराव कोकाटे को 2019 में सिन्नर विधानसभा सीट से जीत मिली थी। चुनाव प्रचार के दौरान अजित पवार ने वादा किया था कि अगर वे जीतते हैं, तो उन्हें मंत्री बनाया जाएगा। अजित पवार ने अपना वादा निभाया और कोकाटे को कृषि मंत्री बनाया गया। अब जब अदालत का फैसला आ चुका है, तो यह अजित पवार के लिए एक नया सियासी सिरदर्द बन सकता है। महायुति सरकार पहले से ही कई विवादों में घिरी हुई है। अब कृषि मंत्री को जेल की सजा मिलने से विपक्ष को नया मुद्दा मिल गया है। क्या महाराष्ट्र सरकार इस मामले में कोकाटे का बचाव करेगी, या फिर उन्हें पद से हटाने का दबाव बढ़ेगा?