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Breaking News 20 September 2024

1.) प्रधानमंत्री के उपहारों की नीलामी ...9 लाख की टोपी, 8 लाख का जूता

17 सितंबर से शुरू है उपहारों की नीलामी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तोहफों की नीलामी शुरू हो चुकी है। अक्टूबर महीने की दो तारिक तक चलने वाली इस नीलामी में पीएम के 600 से ज्यादा उपहारों को आप भी खरीद सकते हैं। बता दें, पीएम मोदी ने खुद देशवासियों से नीलामी में शामिल होकर दुनियाभर से मिले उनके उपहारों को खरीदने के लिए बोली लगाने का आह्वान किया है। पीएम मोदी को मिले उपहारों के साथ ही उन्हें मिले स्मृति चिह्नों की भी नीलामी होनी है। पीएम मोदी को मिले उपहारों और स्मृति चिह्नों की ई-नीलामी बीते मंगलवार को शुरू हुई थी, जो कि 2 अक्टूबर तक जारी रहेगी। ये नीलामी केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा 600 से ज्यादा उपहारों और स्मृति चिह्नों की ऑनलाइन माध्यम से की जा रही है और नीलामी के इन वस्तुओं को राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय में रखा गया है।

नीलामी में क्या-क्या उपहार हैं मौजूद?

हर साल की तरह इस साल भी प्रधानमंत्री को मिले 600 उपहारों की ई-नीलामी की जा रही है। इनमें टोपी, जूते, बैडमिंटन रैकेट, भगवान राम-लक्ष्मण-सीता की मूर्ति, राम मंदिर मॉडल, कलश समेत तमाम चीजें हैं। नीलामी में पैरालिंपिक कांस्य पदक विजेता नित्या श्री सिवन के बैडमिंटन रैकेट की कीमत साढ़े 5 लाख रुपए रखी गई है। वहीं, विश्व पैराएथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले शरद कुमार की टोपी की कीमत सबसे ज्यादा 9 लाख रुपए रखी गई है। उपहारों की ज्यादा कीमत देखकर आपको निराश होने की बिलकुल जरूरत नहीं है। बता दें, आप 1000 रुपए के अंदर भी बहुत कछ खरीद सकते हैं। सबसे सस्ते गिफ्ट की कीमत महज 700 रुपए रखी गई है, 1200 रुपए तक में भी तमाम चीजें खरीदी जा सकती हैं।

पीएम ने उपहारों की बोली के लिए किया आमंत्रित 

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स' पर अपनी एक पोस्ट में लिखा, हर साल मैं सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान मिलने वाले विभिन्न स्मृति चिह्नों की नीलामी करता हूं। नीलामी की आय नमामि गंगे पहल के तहत गंगा माता की सफाई में जाती है और मुझे आप सभी को यह बताते हुए खुशी हो रही है कि इस साल की नीलामी शुरू हो गई है। आप सभी उन स्मृति चिन्हों के लिए बोली लगाएं जो आपको दिलचस्प लगती हैं। बता दें कि ‘नमामि गंगे' गंगा नदी के संरक्षण और कायाकल्प के लिए मोदी सरकार की एक पहल है और नीलामी से मिला पैसा इस पहल में सरकार खर्च करती है।

नीलामी में बोली कैसे लगाएं ?

पीएम मोदी को मिले उपहारों को खरीदने के लिए सबसे पहले आप इस दिए गए https://pmmementos.gov.in/#/ लिंक पर क्लिक करें और फिर अपना रजिस्ट्रेशन करवाकर आप इसमें बोली लगा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के लिए सबसे पहले आपको लॉगइन करना होगा, उसके बाद इसमें अपनी डिटेल भरकर आप बोली लगा सकते हैं। कलेक्शन में मौजूद सबसे सस्ता गिफ्ट 700 रुपए में खरीदा जा सकता है और सबसे महंगा गिफ्ट 9 लाख रुपए का है।

 

2.) यूरोपीय कमीशन केस में Google को बड़ी राहत

अदालत ने 1.5 अरब यूरो के जुर्माने पर लगाई रोक

विज्ञापन से जुड़े एंट्री ट्रस्ट केस में अदालत से गूगल को बड़ी राहत मिल गई है। सोशल मीडिया जाइंट और आईटी कंपनी गूगल ने बीते बुधवार को यूरोपीय संघ की ओर से पांच साल पहले लगाए गए 1.49 बिलियन यूरो के जुर्माने के खिलाफ दाखिल केस जीत लिया है। यूरोपीय कमीशन के जनरल कोर्ट ने गूगल के मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि वह यूरोपीय संघ की ओर से 2019 में लगाए गए जुर्माने को खारिज कर रहा है। हालांकि, जनरल कोर्ट ने गूगल को राहत देने वाले अपने फैसले में कहा कि कमीशन ने उक्त शर्त का मूल्यांकन करने में त्रुटि की। कमीशन यह साबित करने में विफल रहा कि गूगल की शर्त के कारण इनोवेशन प्रभावित हुआ, उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचा और इससे गूगल को अपना एकाधिकार मजबूत करने में मदद मिली।

क्या है पूरा मामला?

यूरोपीय संघ के रेगुलेटर्स ने गूगल पर आरोप लगाया था कि कंपनी ने थर्ड पार्टी साइट्स के साथ अपने समझौतों में अलग से एक शर्त जोड़ी कि वे साइट्स गूगल की प्रतिद्वंदी कंपनियों की ओर से जारी विज्ञापन नहीं चलाएंगे। यूरोपीय संघ ने गूगल पर जुर्माना इसलिए लगाया था क्योंकि उसकी शर्त के कारण वेबसाइट मालिकों और विज्ञापनदाताओं के पास बहुत सीमित विकल्प बचे थे, जिसकी वजह से उन्हें ऊंची कीमतें चुकानीं पड़ी और इसका भार अंतत: उपभोक्ताओं पर पड़ा। बता दें, गूगल की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि न्यायालय ने आयोग के निर्णय को पूरी तरह से रद्द कर दिया है, आयोग का निर्णय गूगल के विज्ञापन व्यवसाय के एक सीमित हिस्से पर ही लागू होता है।

 

3.) 550 दिन का टारगेट ...खत्म हो जाएंगे माओवादी?

नक्सलियों के पास दो विकल्प, पहला गोली-दूसरा आत्मसमर्पण

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के विभिन्न हिस्सों से नक्सलियों को 'मार्च 2026' तक पूरी तरह खत्म करने का प्लान तैयार किया है। गृह मंत्रालय के इस टारगेट के तहत, अगले 550 दिन में नक्सलियों के पास दो विकल्प होंगे। पहला, अगर वे लड़ते हैं तो उन्हें गोली मिलेगी और दूसरा आत्मसमर्पण का है। आपको बता दें, केंद्र एवं राज्य सरकार मिलकर, नई आत्मसमर्पण नीति तैयार कर रही हैं, जिसके तहत नक्सल के रास्ते पर चल रहे युवाओं को मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया जाएगा। अगर वे शांतिपूर्ण तरीके से हथियार डालते हैं तो सरकार की तरफ से उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए कई तरह की मदद प्रदान की जाएगी।

नक्सली हिंसा को जड़ से खत्म करेगी सरकार

केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, देश में जहां कहीं भी नक्सली हिंसा होती है, उसे जड़ से खत्म करने का प्लान तैयार किया गया है। मोदी सरकार के 100 दिन के प्लान में इस नीति पर काम शुरु भी हो चूका है। छत्तीसगढ़ सहित देश के सभी राज्यों में वामपंथी उग्रवाद समाप्त करने के लिए अभियान के अंतिम चरण के तहत दोनों विकल्प रहेंगे, यानी नक्सल प्रभावित इलाकों में अगर माओवादी हथियार नहीं डालते हैं तो उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। गृह मंत्रालय की इस योजना के तहत केंद्रीय बलों ने नक्सल प्रभावित इलाकों में 50 से अधिक फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस स्थापित किए हैं, आने वाले समय में लगभग इतने ही नए फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस और तैयार होंगे। हालांकि, गृह मंत्रालय पहले नक्सलियों को हथियार डालने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिसके तहत राह भटके युवाओं को मुख्य धारा में शामिल करने का हर प्रयास किया जाएगा और इसके बाद भी वे नहीं मानते हैं तो उन्हें सुरक्षा बलों का सामना करना पड़ेगा।

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं का होगा प्रसार

वामपंथी उग्रवाद मामलों की जल्द से जल्द जांच और अभियोजन हो, इसके लिए भी सरकार द्वारा कई प्रभावी पहल किये गए हैं। सरकार का मकसद है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार हो। वहां का समुचित विकास किया जाए। सरकार का मूल मकसद, वामपंथी उग्रवाद फैला रहे ईकोसिस्टम को टारगेट करना है, जिसके तहत गृह मंत्रालय और छत्तीसगढ़ सरकार मिलकर एक अभियान चलाएंगे, ताकि वामपंथी उग्रवाद के कारण अनपढ़ रह गए लोगों को शिक्षा दी जा सके। छत्तीसगढ़ सरकार जल्द ही एक नई आत्मसमर्पण नीति लाएगी, इससे युवाओं को हथियार छोड़ने और मुख्यधारा में शामिल होने में मदद मिल सकेगी। इसके अलावा 'मार्च 2026' तक नक्सली हिंसा पूरी तरह खत्म हो जाए, इसके लिए केंद्रीय बलों की पर्याप्त संख्या को छत्तीसगढ़ एवं दूसरे राज्यों में लगाया गया है। बता दें, केंद्र सरकार ने सौ दिनों में सुरक्षा संबंधी कमी दूर करने और इंटेलीजेंस आधारित ऑपरेशन करने की दिशा में विशेष प्रगति प्राप्त की है।

 

4.) क्या मंदिर के प्रसाद में हो रहा है जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल?

तिरुपति प्रसाद मामले पर केंद्र ने मांगी रिपोर्ट

विश्व प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर के प्रसाद में दिए जाने वाले लड्डुओं को बनाने में जानवरों के फैट का इस्तेमाल करने के मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू से विस्तृत रिपोर्ट माँगा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने साथ ही कहा कि सरकार मामले में आगे की जांच करेगी और उचित कार्रवाई करेगी। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा, मुझे सोशल मीडिया के जरिए इस मुद्दे के बारे में पता चला है, मैंने आज चंद्रबाबू नायडू से बात की और पूरी रिपोर्ट भेजने को कहा है। उन्होंने कहा, रिपोर्ट मिलने के बाद इसकी जांच की जाएगी और मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री के दावे से खुली सरकार की पोल

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने अपने एक बयान में जगन सरकार को लेकर दवा किया, जिसे लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पिछली सरकार के दौरान तिरुपति के प्रसाद में पशु चर्बी का इस्तेमाल किया गया था। इस पर राज्य के पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी की पार्टी YSRCP ने कहा है कि चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति मंदिर के प्रसाद को लेकर जो बयान दिया है वो बेहद घटिया है और कोई भी शख्स इस तरह के आरोप लगाने से पहले सोचेगा जरूर। बता दें, सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने बीते कल बृहस्पतिवार को दावा किया था कि गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला द्वारा मिलावट की पुष्टि की गई है। TDP प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया था कि प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) द्वारा उपलब्ध कराए गए घी के नमूनों में गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला द्वारा मिलावट की पुष्टि की हुई है। उन्होंने प्रयोगशाला रिपोर्ट दिखाई, जिसमें दिए गए घी के नमूने में पशु की चर्बी (सूअर की चर्बी से संबंधित) और मछली के तेल की मौजूदगी का दावा किया गया।

 

5.) फूल बेचने वाली मोहिनी को देश का सलाम

18 साल की उम्र में बचाई 4 की जान

उत्तर प्रदेश के आगरा में गणेश प्रतिमा विसर्जन करने आए चार युवक यमुना नदी में डूब गए। युवक गहरे पानी में अपनी जान बचाने की हरसंभव कोशिश कर रहे थे, मगर उनकी हर कोशिश बेकार साबित हो रही थी, तभी युवकों को डूबता देख 18 साल की मोहिनी ने बिना अपनी जान की परवाह किए नदी में छलांग लगा दी। मोहिनी ने एक-एक कर चारों युवकों की जान बचा ली। बता दें की अगर वहां मोहिनी मौजूद ना होती तो यकीनन बड़ा हादसा हो सकता था, लेकिन मोहिनी ने वक्त रहते नदी में छलांग लगाकर चारों की जान बचा ली। जानकारी के अनुसार, 2 दिन पहले गणेश प्रतिमा विसर्जन किया जा रहा था इसी दौरान यमुना में नहाने के लिए दो युवक नदी में उतरे, नहाते नहाते ये दोनों युवक यमुना के गहरे पानी में चले गए, फिर क्या था देखते ही देखते दोनों डूबने लगे। इन युवकों को डूबता देख वहां मौजूद दो युवक बचाने के लिए यमुना में उतरे लेकिन वो भी डूबने लगे और ये देख वहां चीख पुकार मच गई, लेकिन पास ही  घाट पर पूजा का सामान बेच रही 18 साल की मोहनी ने नदी में छलांग लगा दी और वक्त रहते चारों युवकों की जान बचा ली।

मोहिनी ने कैसे बचाई 4 जिंदगियां?

आगरा के बाह बटेश्वरधाम में यमुना के किनारे मंदिर है और कुछ दिन पहले ही यहां गणेश प्रतिमा का विसर्जन किया जा रहा था। विसर्जन के समय अचानक चार युवकों को डूबता देख वहां चीख पुकार मच गई, तभी उफनती नदी में डूब रहे युवकों के लिए फरिश्ता बनकर आई मोहिनी ने बिना अपनी जान की परवाह किये यमुना में छलांग लगा दी और एक-एक कर चारों युवकों को नदी से बाहर निकाल लिया। अब मोहनी के साहस और हौसले की देशभर में खूब चर्चा हो रही है। बता दें, गणेश विर्सजन के लिए यमुना किनारे बटेश्वरधाम में दूर दराज से श्रद्धालु पहुंचते हैं और बीते मंगलवार को फिरोजाबाद और अन्य जगहों से भी श्रद्धालु गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए बटेश्वरधाम पहुंचे थे। मूर्ति विसर्जन के बाद लोग नदी में नहा रहे थे, उसी दौरान ये हादसा होते होते बच गया। मोहिनी की हिम्मत और हौसला देखकर दूसरे लोग भी मदद के लिए आगे बढे, एक व्यक्ति ने नदी में रस्सी फेंक दी और इसके बाद तैराकी में माहिर मोहनी ने एक-एक कर रस्सी के सहारे चारों युवकों को उफनती यमुना नदी से सुरक्षित बाहर निकाल लिया।