TITLE :विधानसभा चुनाव वोटिंग में किसकी सत्ता पलटेगी और कौन रहेगा रहेगा पावर में
झारखंड में विधानसभा की 81 सीटों पर चुनाव चल रहा है और अब तक यानि सुबह के 9 बजे तक 12.71% वोटिंग हो चुकी है,वोटिंग धीरे हो रही है पर नतीजे जरूर तेज़ आएंगे | यहाँ सब कुछ दो राउंड में बंटा है। पहले राउंड में 43 सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग हो गई। आज दूसरे राउंड में बाकी की 38 सीटों पर जनता वोट डाल रही है। बीजेपी पूरी 68 सीटों पर दम लगा रही है, दूसरी तरफ हेमंत सोरेन के जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी का गठबंधन 42, 30 और 6 सीटों पर लड़ रहा है। यहाँ का खास मामला ये है कि संथाल परगना में जेएमएम का पलड़ा भारी है, और उत्तरी छोटानागपुर में बीजेपी की हवा है। झारखंड भाजपा प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने अपना बयान देते हुए कहा कि भाजपा-एनडीए गठबंधन 51 से अधिक सीटें हासिल करेगा और सरकार बनाएगा, झारखंड में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम)-कांग्रेस गठबंधन के बीच है। हालांकि 23 नवंबर को रिजल्ट आएगा, और खेल पलटेगा या बनेगा, तब पता चलेगा।
महाराष्ट्र में सुबह के 9:30 तक 6.71% वोट पड़ा है हालांकि यहाँ मामला थोड़ा बड़ा है, यहाँ की 288 सीटों पर एक ही दिन में, मतलब आज, वोटिंग हो रही है। यहाँ भी पॉलिटिक्स का खेल बड़ा है बीजेपी और शिवसेना शिंदे गुट बना है। बीजेपी ने 164 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। सामने वाले हैं (महा विकास अघाड़ी) MVA उद्धव गुट, कांग्रेस, एनसीपी , और ये पुराने गढ़ बचाने के चक्कर में हैं। यहाँ नांदेड़, मुंबई, और गढ़चिरौली जैसी सीटें चर्चा में हैं। कई सारे सेलिब्रिटी ने अपना मतदान किया जैसे रितेश देशमुख और जेनेलिया डिसूजा, सोनू सूद, जॉन अब्राहम और फरहान अख्तर | खास बात ये है कि महंगाई, किसान का मुद्दा और बेरोजगारी यहां के वोटर्स के मूड पर भारी पड़ सकते हैं। 23 तारीख को गिनती होगी, और तब साफ होगा कि कौन महाराष्ट्र का असली बॉस है।
वोटिंग धीरे है पर दोनों राज्यों में बड़ा घमासान है। झारखंड में बीजेपी बनाम जेएमएम-कांग्रेस, और महाराष्ट्र में बीजेपी-शिंदे बनाम एमवीए की भिड़ंत है। अब देखना ये है कि कौन सी पार्टी दिल जीतती है और किसका दम निकलता है।
लॉरेंस बिश्नोई का भाई अनमोल हुआ गिरफ्तार, FBI ने लिया हिरासत में
इंटरपोल ने अनमोल के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया हुआ है, यानी उसे पूरी दुनिया में ढूंढा जा रहा है। इसके ऊपर भारत की सुरक्षा एजेंसी NIA (National Investigation Agency) ने 10 लाख का इनाम रखा था , ताकि जो कोई भी जानकारी दे, वो बदले में मोटा पैसा ले सके। अनमोल के खिलाफ सारा तंत्र काम कर रहा है। क्योंकि ये आतंक फैलाने का पूरा सिस्टम चला रहा था। इसी साल सितंबर महीने में राजस्थान पुलिस ने अनमोल बिश्नोई के खिलाफ कुल 31 केस दर्ज की बात बताई थी | इसके अलावा 22 मुकदमे राजस्थान में दर्ज हैं। यह सिर्फ अपराधों का जाल नहीं है, बल्कि एक ऐसे नेटवर्क की ओर इशारा करता है जो कानून से बचने के लिए हर मुमकिन तरीका अपना रहा है। अब ये देखना है कि अमेरिकी पुलिस उस पर क्या कार्रवाई करती है और कब तक वो वापसी के लिए तैयार होता है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति और युवा सशक्तिकरण राष्ट्र की प्राथमिकता
भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ का उनकी पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ के साथ झुंझुनू, राजस्थान में गर्मजोशी से स्वागत किया गया। श्री झाबर सिंह खर्रा, माननीय मंत्री, राजस्थान सरकार ने अन्य सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों के साथ, उपराष्ट्रपति का उनके आगमन पर बहुत सम्मान और प्रशंसा के साथ स्वागत किया। इस यात्रा ने राज्य की समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और आतिथ्य की भावना को उजागर किया जिसके लिए राजस्थान प्रसिद्ध है। अपने यात्रा कार्यक्रम के हिस्से के रूप में उपराष्ट्रपति ने पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय (JNV), कजरा में आयोजित विश्व बाल दिवस समारोह की अध्यक्षता कर शोभा बढ़ाई। इस कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों और स्थानीय निवासियों की एक उत्साही भीड़ देखी गई, जो उपराष्ट्रपति के साथ बातचीत करने और खुशी के अवसर में भाग लेने के लिए उत्सुक थे। अपने संबोधन में, श्री धनखड़ ने युवाओं के दिमाग को नरचर करने के महत्व पर जोर दिया क्योंकि वे देश के भविष्य के पथप्रदर्शक हैं। उन्होंने इनोवेटिव शिक्षा को बढ़ावा देने और छात्रों में अनुशासन और देशभक्ति के मूल्यों को स्थापित करने में जवाहर नवोदय विद्यालय के प्रयासों की सराहना की। अपनी यात्रा के दौरान डॉ. सुदेश धनखड़ भी छात्रों के साथ इस यादगार पल में जुड़ीं और उनके साथ प्रोत्साहन और प्रेरणा के शब्द साझा किए। बच्चों ने सांस्कृतिक प्रदर्शनों, भावपूर्ण भाषणों और अपनी रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से अपनी खुशी व्यक्त की।
उपराष्ट्रपति की यात्रा ने भारत के भविष्य को आकार देने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को एकीकृत करने वाले मॉडल स्कूल बनाने के लिए पीएम श्री पहल की सराहना की। श्री धनखड़ ने छात्रों को देश की प्रगति में योगदान देने की उनकी क्षमता की याद दिलाते हुए बड़े सपने देखने और उनकी आकांक्षाओं को साकार करने की दिशा में परिश्रमपूर्वक काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। उपराष्ट्रपति की झुंझुनू यात्रा उनके जमीनी स्तर से जुड़ाव और युवा पीढ़ी को उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करने की उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उनकी बातचीत में विनम्रता, नेतृत्व और दूरदर्शिता के मूल्य प्रतिबिंबित थे, जो देश भर में लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं। राजस्थान की यात्रा ने न केवल विश्व बाल दिवस का सार मनाया, बल्कि शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति और एक उज्जवल कल को आकार देने में देश के सर्वोच पद पर बैठे नेताओं की भूमिका को भी रेखांकित किया।
राजस्थान के झुंझुनूं जिले के काजरा स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्रों को संबोधित करते हुए विश्व बाल दिवस के अवसर पर उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने अनुशासन, संस्कार और मानव निर्माण के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा, “आपकी उम्र में संस्कारी बनना आवश्यक है। माता-पिता का सम्मान करना, गुरूजनों को प्रणाम करना और आपसी भाईचारे को बढ़ाना आपके जीवन के अभिन्न हिस्से होने चाहिए। छात्रों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, “आप सभी ग्रामीण भारत की रीढ़ की हड्डी हैं। याद रखें, भारत की आत्मा ग्रामीण आंचल में है। हमारी जड़ें ग्रामीण भारत में ही मजबूत होती हैं। हमारा अन्नदाता किसान भी ग्रामीण क्षेत्रों में ही रहता है।” उन्होंने कहा कि पंचायत राज और नगर पालिका जैसी संस्थाओं के माध्यम से भारत ने लोकतंत्र को जमीनी स्तर तक सशक्त किया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने इसे एक “गेम-चेंजर” बताया। उन्होंने कहा, तीन दशकों के बाद भारत को एक नई शिक्षा नीति मिली है, जिसका उद्देश्य छात्रों को केवल पुस्तकों और डिग्रियों के बोझ से मुक्त करना और उन्हें कौशलयुक्त बनाना है। यह नीति भारत को 2047 तक विकसित भारत के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी। उन्होंने छात्रों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हुए आग्रह किया कि वे अपने दादा-दादी और नाना-नानी के नाम पर पेड़ लगाएं। उन्होंने संस्थानों से अपील की कि वे इस नेक कार्य को ‘मिशन मोड’ में लेकर चलें। उपराष्ट्रपति ने कहा, जब आप इस विद्यालय से बाहर जाएं, तो आपको ऐसा अनुकरणीय आचरण दिखाना चाहिए, जो इस विद्यालय के गौरव को बढ़ाए। उपराष्ट्रपति ने अंत में बच्चों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और उनकी कार्यशैली की सराहना की, जिसने भारत के युवाओं को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए मंच प्रदान किया है।
22 नवंबर से पर्थ में खेला जायेगा सीरीज का पहला मैच
न्यूजीलैंड के हाथों अपने ही मैदान पर टीम इंडिया को लगातार तीन टेस्ट में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। अपनी इस हार के बाद अब टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम का सामना, उनके ही मैदानों पर करने जा रही है। इस मुश्किल दौरे के लिए टीम की घोषणा के वक्त से ही भारतीय टीम की चुनौतियों को लेकर चर्चा हो रही है। बता दें, पहले टेस्ट में रोहित शर्मा घरेलू वजह से हिस्सा नहीं ले पाएंगे और टीम की कमान जसप्रीत बुमराह सँभालते नजर आएंगे। बांग्लादेश को 2-0 से हराने के बाद अगर टीम इंडिया न्यूजीलैंड को भी सिरीज के तीनों मैच हारने में सफल होती तो लगातार पांच टेस्ट जीत के साथ जून, 2025 में होने वाली वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में अपनी जगह पक्की कर लेती और इससे ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर टीम के ऊपर किसी तरह का अतिरिक्त दबाव भी नहीं होता, लेकिन न्यूजीलैंड के हाथों मिली हार ने ऑस्ट्रेलियाई दौरे से पहले टीम को और दबाव में ला दिया है। इस मुश्किल दौरे के लिए टीम की घोषणा के वक्त से ही भारतीय टीम की चुनौतियों को लेकर चर्चा हो रही है और भारतीय बल्लेबाजों के प्रदर्शन पर भी सवाल उठ रहें हैं। बता दें, मौजूदा टीम को लेकर लगातार ये सवाल उठाया जा रहा है कि भारतीय बल्लेबाजी का लाइनअप कमजोर दिख रहा है और यही कारण है की टीम चयन के वक्त से ही इस पूरी टीम को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
एक्सपर्ट की माने तो भारत के पास स्ट्रोक्स खेलने वाले बल्लेबाज जरूर हैं, लेकिन टीम में विकेट पर टिक कर खेलने वाले बल्लेबाजों का अभाव है। साथ ही टीम के पास खिलाडियों का दमदार विकल्प भी नहीं है और ऐसे में अगर ऑस्ट्रेलिया की तेज पिचों पर इंजरी ने टीम के खिलाड़ियों को ज्यादा परेशान किया तो ऑस्ट्रेलियाई मैदान पर खेलने वाली टीम के पास ना तो अनुभव होगा और ना ही फॉर्म। यह पहलु बल्लेबाजी और गेंदबाजी, दोनों मोर्चों पर टीम की कमजोरी को दर्शाता है। एक्सपर्ट का मानना है कि टीम में ऐसा कोई बल्लेबाज नहीं दिखता जो घंटों विकेट पर टिक कर बल्लेबाजी करे और लंबी साझेदारी के साथ पारी को आगे बढ़ा सके। बता दें, टीम इंडिया की बल्लेबाजी बहुत हद तक रोहित शर्मा और विराट कोहली पर निर्भर है, लेकिन अगर बीते पांच सालों में इन दोनों के प्रदर्शन देखें तो इनका प्रदर्शन भी औसत ही नजर आता है। इसके अलावा बात करें के एल राहुल और शुभमन गिल की तो इनमें अभी ऑस्ट्रेलियाई चुनौती से पार पाने जैसी परिपक्वता नहीं दिखती। इन दोनों बल्लेबाजों के लिए ऑस्ट्रेलियाई दौरा बेहद निर्णायक साबित होने वाला है, अगर इस मुश्किल दौरे पर वे खुद को साबित करने में कामयाब हुए तो लंबे समय तक टीम में इनकी जगह पक्की हो सकती है। अब बात करें टीम की गेंदबाजी की तो इस एरिया में भी टीम इंडिया के सामने चुनौती दिख रही है। टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी सिरीज के पहले हॉफ तक नहीं खेल पाएंगे, इससे जसप्रीत बुमराह को मोहम्मद सिराज के साथ गेंदबाजी की कमान संभालनी होगी। आकाश दीप, प्रसिद्ध कृष्णा, हर्षित राणा और नीतीश कुमार रेड्डी ये चारों गेंदबाज पहली बार टेस्ट सिरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा कर रहे हैं और ऐसे में बुमराह और सिराज के साथ तीसरे गेंदबाज का विकल्प बहुत अनुभवी नहीं होगा। स्पिन गेंदबाजी की कमान अश्विन और जडेजा के हाथों में होगी, लेकिन टीम को कुलदीप यादव की कमी इस सीरीज में खल सकती है। बता दें, कुलदीप ने अब तक ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध दो टेस्ट खेले हैं और दोनों में ही उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों को अपनी फिरकी से परेशान किया है।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारतीय मध्यक्रम का दारोमदार टीम के अनुभवी बल्लेबाज विराट कोहली की सफलता पर निर्भर करेगा। इस वर्ष खेले गए मैचों में विराट फॉर्म में नहीं दिखे हैं, बीते पांच वर्षों में उनके बल्ले से सिर्फ दो टेस्ट शतक निकले हैं। इसके बावजूद ऑस्ट्रेलिया की धरती पर उनका शानदार रिकॉर्ड टीम के मध्यक्रम की सफलता में योगदान दे सकता है। पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर कि माने तो ऑस्ट्रेलिया में सफलता और बल्ले से रन निकालकर ही विराट का आत्मविश्वास वापस आएगा। विराट ने अब तक ऑस्ट्रेलिया के चार दौरे किए हैं और चारों में ही उनका प्रदर्शन शानदार रहा है। विराट को ऑस्ट्रेलिया में रन बनाना भी पसंद है, अन्य किसी देश के मुकाबले विदेशी धरती पर सबसे ज्यादा रन विराट ने ऑस्ट्रेलिया में ही बनाए हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कुल आठ शतक लगाए हैं, जिसमें से छह ऑस्ट्रेलिया में लगाए हैं। विराट ने न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में रन नहीं बनाए हैं और ऐसे में टीम और फैंस की नजर उन पर होगी। कोहली बीते चार से पांच वर्षों में विदेश ही नहीं बल्कि देश की धरती पर भी जूझ रहे हैं और ऐसे में एक्सपर्ट का मानना है की ऑस्ट्रेलियाई धरती पर उनका शानदार रिकॉर्ड आत्मविश्वास बढ़ाएगा, जो उनके फॉर्म में लौटने में सहायक रहेगा।