Latest News

Breaking News 20 March 2025

1.)  प्रयागराज में हुई बमबारी 

प्रयागराज में अपराधियों के हौसले एक बार फिर बुलंद नजर आए। बुधवार की रात कर्नलगंज थाना क्षेत्र के कचहरी रोड पर अज्ञात हमलावरों ने एक के बाद एक तीन बम फेंककर इलाके में दहशत फैला दी। इस हमले के पीछे की मंशा क्या थी, यह अब तक साफ नहीं हो सका है, लेकिन पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। रात के अंधेरे का फायदा उठाकर हमलावर आए और बंद पड़ी जनरल स्टोर की दुकानों को निशाना बनाते हुए तीन बम फेंककर फरार हो गए। बम धमाकों की आवाज सुनकर आसपास के लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। विस्फोटों के बाद इलाके में सनसनी फैल गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल शुरू कर दी। पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू कर दी है ताकि आरोपियों की पहचान की जा सके। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हमलावरों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस घटना के बाद पुलिस सतर्क हो गई है और कई इलाकों में छापेमारी की जा रही है। हालांकि, यह हमला क्यों किया गया, इसके पीछे कौन लोग शामिल हैं, और उनका मकसद क्या था, इन सभी सवालों के जवाब पुलिस जांच के बाद ही सामने आएंगे। फिलहाल, प्रयागराज में बढ़ते अपराधों को लेकर स्थानीय लोगों में रोष है और वे प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। लगातार हो रही आपराधिक घटनाएं यह सवाल खड़ा करती हैं कि क्या प्रयागराज में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि वे बेखौफ होकर बमबाजी जैसी वारदातों को अंजाम देने लगे हैं? क्या कानून-व्यवस्था को लेकर पुलिस की कार्रवाई पर्याप्त है? इन सवालों का जवाब आने वाले दिनों में पुलिस की जांच और कार्रवाई पर निर्भर करेगा।

 

 

2.)  मेरठ का 'ब्लू व्हेल' मर्डर केस के पीछे की साजिश हत्या और दिल दहलाने वाले खुलासे

मेरठ के सौरभ हत्याकांड ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। एक पत्नी, एक प्रेमी, एक मासूम बच्ची का भविष्य, और एक ऐसी साजिश, जिसे सुनकर आपकी रूह कांप जाएगी। आइये जानते है इस खौफनाक मर्डर के पीछे की पूरी साजिस........   सौरभ, जो लंदन में काम करता था, फरवरी 2025 में भारत लौटा। उसे क्या पता था कि जिसे वह अपना घर समझ रहा है, वहां उसकी कब्र पहले ही तैयार की जा चुकी है। उसकी पत्नी मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल ने चार महीने पहले ही उसकी मौत का ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया था। नवंबर 2024 में, दोनों ने गांव-गांव जाकर पता किया कि जानवरों के शव कहां दफनाए जाते हैं, ताकि हत्या के बाद लाश छिपाई जा सके। दिसंबर में दोनों ने गूगल पर नशीली दवाइयों और उनके असर के बारे में रिसर्च शुरू की। जनवरी तक हत्या के हथियार खरीदे जाने लगे 800 रुपये के दो चाकू, 300 रुपये का उस्तरा और पॉली बैग। फरवरी में नींद की गोलियां भी खरीद ली गईं, और फिर 3 मार्च को, 'ब्लू व्हेल' स्टाइल में इस मर्डर गेम का आखिरी टास्क पूरा हुआ। 3 मार्च की शाम सौरभ अपनी मां के घर से लौकी के कोफ्ते लेकर आया। मुस्कान ने उसे गर्म करने को कहा और इसी दौरान उसमें नींद और नशे की गोलियां मिला दीं। कुछ ही देर बाद सौरभ गहरी नींद में चला गया, और फिर कातिलों ने अपना असली रूप दिखाया। मुस्कान ने साहिल को फोन किया और वह चुपचाप घर में दाखिल हुआ। दोनों ने मिलकर चाकू से सौरभ के शरीर पर ताबड़तोड़ वार किए। फिर उसके हाथ-पैर और गर्दन अलग कर दिए। मुस्कान ने अपने ही बेड के बॉक्स में सौरभ का धड़ रख दिया, जबकि साहिल कटा हुआ सिर और हाथ अपने बैग में लेकर चला गया। 24 घंटे तक साहिल उसी कमरे में रहा, जहां सौरभ का सिर रखा था। वह उसके पास सोया, खाया, और शायद अपनी जीत का जश्न भी मनाया। मुस्कान उसी बेड पर सोई, जिसके नीचे सौरभ का शव रखा था। 5 मार्च को, जब शरीर सड़ने लगा और बदबू फैलने लगी, तो दोनों ने घंटाघर से एक बड़ा ड्रम खरीदा। उन्होंने धड़ को उसमें डालकर ऊपर से सीमेंट और डस्ट का घोल भरकर उसे पूरी तरह सील कर दिया। सिर और हाथों को भी इसी तरह ठिकाने लगाया गया। यह पहली बार नहीं था जब मुस्कान की बेवफाई सामने आई। 2021 में मकान मालिक ने उसे साहिल के साथ आपत्तिजनक हालत में पकड़ लिया था और इसकी जानकारी सौरभ को दी थी। इसके बाद दोनों के बीच तलाक की नौबत तक आ गई थी, लेकिन बेटी की खातिर सौरभ ने रिश्ते को बचाने की कोशिश की। पुलिस पूछताछ में मुस्कान ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। उसने बताया कि सौरभ के भारत लौटते ही उसे मारने की योजना थी। पुलिस के मुताबिक पहले शराब में नींद की गोलियां मिलाने की कोशिश की गई, लेकिन सौरभ ने शराब नहीं पी। फिर खाने में नींद की गोलियां मिलाकर उसे बेहोश किया गया। फिर ताबड़तोड़ वार करके हत्या की गई। शव को टुकड़ों में काटकर सीमेंट के ड्रम में बंद कर दिया गया। इस हत्याकांड को 'ब्लू व्हेल मर्डर' कहा जा रहा है, क्योंकि हत्या महीनों की प्लानिंग का हिस्सा थी, जैसे ब्लू व्हेल गेम के टास्क होते हैं। पीड़ित को पहले मानसिक रूप से कमजोर किया गया, फिर धीरे-धीरे मौत के करीब लाया गया। लाश को इस तरह ठिकाने लगाने की कोशिश की गई, कि वह कभी न मिले। फिलहाल, मुस्कान और साहिल पुलिस कस्टडी में हैं। सवाल बहुत हैं, जवाब अभी बाकी हैं, लेकिन जो सामने आ चुका है, वो यह कि इंसानियत के नाम पर यह एक ऐसा दाग है, जिसे कभी मिटाया नहीं जा सकता।

 

3.)दिशा की मौत, 6 दिन बाद सुशांत मिल गयी कड़ी दिशा सालियान केस में पिता का बड़ा खुलासा 

सुशांत सिंह राजपूत केस के साथ जुड़ा एक और रहस्यमयी मामला फिर से सुर्खियों में है। दिशा सालियान की मौत के करीब पांच साल बाद उनके पिता ने चौंकाने वाला दावा किया है। उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी ही बेटी की मौत की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की है। इतना ही नहीं, उन्होंने शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की भी अपील की है। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जो माता-पिता पहले इसे आत्महत्या मान चुके थे, अब वे कह रहे हैं कि उनकी बेटी की गैंगरेप के बाद हत्या की गई थी यह दावा और भी गंभीर हो जाता है जब दिशा के पिता कहते हैं कि उन्हें नजरबंद करके पुलिस द्वारा पेश किए गए सबूतों को सच मानने के लिए मजबूर किया गया था। आखिर यह कौन-सी साजिश थी? किसने सच को छिपाने की कोशिश की? क्या वह ‘सुसाइड थ्योरी’ महज़ एक झूठ था? इस याचिका में मुंबई पुलिस, तत्कालीन मेयर किशोरी पेडनेकर, बॉलीवुड एक्टर डिनो मोरिया और सूरज पंचोली पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि मुंबई पुलिस और राजनीतिक ताकतों ने परिवार को गुमराह किया और दबाव बनाया। "सबूत मिटाए गए, विजिटर रजिस्टर फाड़ा गया, सीसीटीवी फुटेज डिलीट की गई! बीजेपी नेता नितेश राणे पहले ही इस केस को हत्या करार दे चुके हैं। उन्होंने दावा किया था कि सोसाइटी का विज़िटर रजिस्टर गायब कर दिया गया, सीसीटीवी फुटेज डिलीट कर दी गई, और एक गहरी साजिश रची गई। अब जब दिशा के पिता ने भी वही आरोप लगाए हैं, तो सवाल उठता है अगर यह आत्महत्या थी, तो सबूतों को क्यों नष्ट किया गया? दिशा ने मौत से ठीक पहले 100 नंबर पर फोन कर मदद क्यों मांगी थी? 8 जून 2020 को दिशा सालियान की मौत हुई। ठीक 6 दिन बाद, 14 जून को सुशांत सिंह राजपूत अपने फ्लैट में मृत पाए गए। क्या यह महज़ इत्तेफाक है? या दोनों केस आपस में जुड़े हैं? इस नई याचिका के बाद राजनीतिक हलकों में खलबली मच गई है। अब सबकी निगाहें इस केस की अगली सुनवाई और हाई कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं। क्या यह केस एक नया मोड़ लेगा, या यह रहस्य हमेशा के लिए अंधेरे में ही रहेगा।