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Breaking News 20 January 2025

1.)कई माइनो में खास होगा ट्रंप का दूसरा शपथग्रहण 

 

आज सोमवार, 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। राष्ट्रपति के तौर पर यह उनका दूसरा कार्यकाल होगा। शपथ ग्रहण के बाद ट्रंप उद्घाटन भाषण देंगे, अपने इस भाषण में ट्रंप देश के लिए अपने दृष्टिकोण व आगामी प्रशासन की प्राथमिकताओं को सामने रखेंगे। पहले ही दिन वह अपने ओवल ऑफिस में 100 से अधिक कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करेंगे। इनका मुख्य मकसद उनके चुनावी वादों को पूरा करना है। ट्रंप का शपथ ग्रहण भारतीय समयानुसार रात साढ़े आठ बजे वाशिंगटन डी सी में अमेरिका के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स की उपस्थिति में होगा। शपथ के दौरान ट्रंप दो बाइबल का इस्तेमाल करेंगे, इनमें से एक उन्हें उनकी मां ने दी थी, जबकि दूसरी लिंकन बाइबल होगी। बता दें, ट्रंप की मां ने साल 1955 में न्यूयॉर्क के जमैका में फर्स्ट प्रेस्बिटेरियन चर्च में प्राइमरी स्कूल की पढ़ाई के दौरान उन्हें बाइबल दी थी, जिसके कवर के निचले हिस्से पर ट्रंप का नाम लिखा है। इसके अलावा शपथ ग्रहण समारोह में लिंकन बाइबल का भी इस्तेमाल किया जाएगा। लिंकन बाइबल का पहली बार इस्तेमाल चार मार्च 1861 को अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति (अब्राहम लिंकन) के शपथ ग्रहण समारोह में किया गया था। उसके बाद से अब तक इसका इस्तेमाल केवल तीन बार किया गया है। वहीं, आज ट्रम्प के साथ जे.डी वेंस अमेरिका के उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे।

कई दशक बाद होगा ऐसा शपथ ग्रहण

कड़ाके की ठंड की वजह से शपथ ग्रहण समारोह इस बार खुले में नहीं होगा। शपथ ग्रहण से संबद्ध जॉइंट कांग्रेस कमिटी इनअगराल सेरेमनी (JCCIC) ने कहा कि निर्वाचित राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह का उद्घाटन चार दशक में पहली बार घर के अंदर आयोजित किया जाएगा। आखिरी बार ऐसा साल 1985 में पूर्व रिपब्लिकन राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के दूसरे शपथ ग्रहण पर तेज ठंड के कारण उद्घाटन समारोह को घर के अंदर स्थानांतरित किया गया था। बता दें, उस समय दोपहर में तापमान -23 से -29 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, तो वहीं ट्रंप के शपथ ग्रहण के समय सोमवार को वाशिंगटन का तापमान -7 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का पूर्वानुमान है। ऐसे में संयुक्त राज्य अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण का समारोह भीषण ठंड के कारण कैपिटल के बाहर नहीं अंदर रोटुंडा में होगा। इस संबंध में ट्रंप ने कहा, ठंड की वजह से मैंने प्रार्थनाओं और अन्य भाषणों के अलावा उद्घाटन भाषण को यूनाइटेड स्टेट्स कैपिटल रोटुंडा में देने का आदेश दिया है।

शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे विदेशी राजनेता

ट्रंप के शपथ ग्रहण के दौरान कई विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के शामिल होने की संभावना है। इनमें अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, इक्‍वाडोर के राष्ट्रपति डैनियल नोबोआ, अल सल्‍वाडोर के राष्‍ट्रपति नईब बुकेले, ब्राजील के पूर्व राष्‍ट्रपति जायर बोल्‍सोनारो और पोलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री मातेज मोराविक शामिल हैं। इस समारोह में विदेश मंत्री डॉ.एस जयशंकर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। आमंत्रित अतिथियों में टेस्ला के मालिक एलन मस्क, अमेजॉन के जेफ बेजोस, मेटा के मार्क जुकरबर्ग, एप्पल के टिम कुक और ओपन AI के सैम अल्‍टमैन शामिल होंगे। शपथ ग्रहण से पहले कल रात वाशिंगटन डी सी में विजय रैली में 78 वर्षीय ट्रंप ने अपने समर्थकों को संबोधित किया। उन्होंने अपने कार्यकाल के पहले दिन हस्ताक्षर किए जाने वाले कार्यकारी आदेशों का भी उल्लेख किया।

 

2.) महाकुंभ में भीषण आग प्रशासन अलर्ट

 

महाकुंभ में रविवार को प्रयागराज में भीषण आग लगने की घटना ने श्रद्धालुओं और प्रशासन को हिला कर रख दिया। सेक्टर-19 के तुलसी मार्ग स्थित गीता प्रेस के शिविर में सिलिंडर ब्लास्ट के बाद यह आग भड़की। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, तेज हवा के चलते आग ने तेजी से आसपास के टेंटों को अपनी चपेट में ले लिया। फायर ब्रिगेड की 20 से अधिक गाड़ियां, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। हालांकि, इस घटना में 200 से अधिक टेंट जलकर खाक हो गए। प्रशासन ने राहत कार्यों को तेज कर दिया है, जबकि प्रभावित लोगों के लिए रात में ठहरने की व्यवस्था करना चुनौती बना हुआ है। आग लगने की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस, और दमकल विभाग के कर्मचारी तुरंत हरकत में आए। एडीजी प्रयागराज भानु भास्कर ने बताया कि घटना की जानकारी शाम 4 बजे मिली। मौके पर दमकल की गाड़ियां भेजी गईं और करीब दो घंटे की कड़ी मेहनत के बाद आग पर काबू पाया गया। उन्होंने कहा, "किसी भी तरह की जनहानि की सूचना नहीं है। हालांकि, नुकसान का आकलन जारी है। आग के कारणों की जांच की जाएगी।" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात की और राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी ली। सीएम योगी ने बताया कि कुशल बचाव दलों की सक्रियता से स्थिति नियंत्रण में है। मुख्यमंत्री ने स्वयं मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया और अधिकारियों को प्रभावितों की सहायता के लिए निर्देश दिए। आग का केंद्र गीता प्रेस का शिविर बताया जा रहा है, जहां तीन से चार सिलिंडर ब्लास्ट हुए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विस्फोट के बाद आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। तेज हवा के कारण आग ने आसपास के टेंटों को भी अपनी चपेट में ले लिया। रविवार को संगम क्षेत्र में बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए पहुंचे थे। आग लगने की घटना ने मेले में अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर दिया। गंगा पुल से आग की लपटें और धुआं साफ दिखाई दे रहे थे। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्र को सील कर दिया है और श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है।

आग लगने के कारणों की जांच

एडीजी भानु भास्कर ने कहा, "आग के कारणों का पता लगाने के लिए जांच जारी है। प्राथमिक जांच में सिलिंडर ब्लास्ट को मुख्य कारण माना जा रहा है।" उन्होंने आश्वासन दिया कि इस घटना के बाद सुरक्षा के और पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। प्रशासन की प्राथमिकता आग से प्रभावित लोगों के लिए भोजन और आवास की व्यवस्था करना है। कुंभ मेला क्षेत्र में पहले ही सुरक्षा और आपदा प्रबंधन को लेकर विशेष व्यवस्थाएं की गई थीं, लेकिन यह घटना तैयारियों पर सवाल खड़े करती है। 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ मेले में हर रोज लाखों श्रद्धालु संगम तट पर स्नान करने पहुंच रहे हैं। आग की इस घटना ने प्रशासन की चुनौतियां बढ़ा दी हैं। योगी सरकार ने महाकुंभ को दिव्य और भव्य बनाने का वादा किया था, लेकिन इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है।
महाकुंभ जैसी विशाल धार्मिक आयोजनों में ऐसी घटनाएं न केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर सवाल उठाती हैं, बल्कि प्रशासनिक तैयारियों की कमी को भी उजागर करती हैं। आग पर काबू पाने में सफलता जरूर मिली है, लेकिन इसका व्यापक प्रभाव आयोजन की व्यवस्था और श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर पड़ेगा। घटना की विस्तृत जांच और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के ठोस उपाय समय की मांग है।

 

3.)   मार्केट का कमबैक! 

 

वैश्विक बाजारों की मजबूती और घरेलू निवेशकों के जोश ने यह साफ कर दिया कि इस हफ्ते बाजार में रोमांच अपने चरम पर रहने वाला है। सेंसेक्स ने पूरे 398.21 अंकों की धमाकेदार छलांग लगाकर 77,017.54 के ऐतिहासिक स्तर को छू लिया। वहीं, निफ्टी ने भी 105.15 अंकों की बढ़त के साथ 23,308 का नया मुकाम हासिल कर लिया। यह सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि निवेशकों की उम्मीदों और बाजार के जोश का जीता-जागता सबूत था। बाजार में तेजी के इस तूफान के बीच, रुपये ने भी अपनी ताकत दिखाते हुए 14 पैसे की मजबूती हासिल की और 86.46 पर पहुंच गया। शुक्रवार को 86.60 पर बंद हुआ रुपया सोमवार को नए जोश के साथ खड़ा नजर आया। आज का अगर शेयर बाजार का असली स्टार कोई है, तो वह कोटक महिंद्रा बैंक का शेयर है। यह शेयर 1879.60 रुपये पर खुला और महज 30 मिनट के अंदर 8.72% की तेज़ी के साथ 1911.90 रुपये तक जा पहुंचा। शुक्रवार को 1758.65 रुपये पर बंद हुआ यह शेयर निवेशकों के लिए किसी सोने की खान साबित हुआ। कोटक ने साबित कर दिया कि असली खिलाड़ी वही है, जो मुश्किल वक्त में भी चमकना जानता है।

कौन फायदे में, कौन घाटे में?

सोने और चांदी में लगातार उथल-पुथल जारी है। सोना 79,239 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, जबकि चांदी 90,820 रुपये प्रति किलो पर है। शुक्रवार को सोने ने 242 रुपये की गिरावट और चांदी ने 754 रुपये का नुकसान झेला था। वेडिंग सीजन में खरीदारी करने वालों के लिए यह वक्त बेहद अहम हो सकता है। बाजार की इस चढ़ाई में कई कंपनियों ने निवेशकों की झोली खुशियों से भर दी। भारतीय स्टेट बैंक, एनटीपीसी, पावर ग्रिड, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टेक महिंद्रा और बजाज फाइनेंस के शेयरों ने जबरदस्त मुनाफा दिया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड 0.17% गिरकर 80.65 डॉलर प्रति बैरल पर रहा। हालांकि, तेल की कीमतों में स्थिरता का असर बाजार पर सकारात्मक बना हुआ है। वहीं, कुछ बड़े नाम आज बाजार की चमक में पीछे छूट गए। इंडसइंड बैंक, टाटा मोटर्स, टीसीएस, अदाणी पोर्ट्स, एक्सिस बैंक और महिंद्रा एंड महिंद्रा ने निवेशकों को मायूस किया। वैश्विक बाजार भी इस रैली के पीछे की बड़ी वजह रहे। जापान का निक्केई, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। हालांकि, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी थोड़ी गिरावट के साथ लाल निशान में रहा। अमेरिकी बाजार ने शुक्रवार को जिस सकारात्मकता के साथ हफ्ता खत्म किया था, उसने भारतीय बाजार की तेजी को और धार दे दी। लेकिन क्या यह तेजी टिक पाएगी या फिर मुनाफावसूली की तलवार इसे धीमा कर देगी? कोटक महिंद्रा बैंक का प्रदर्शन निवेशकों को इस हफ्ते बड़े मुनाफे का सपना दिखा रहा है, लेकिन बाजार की चाल हमेशा अप्रत्याशित होती है।

 

4.)LTC के तहत इन ट्रेनों की यात्रा कर सकेंगे कर्मचारी  

केंद्र की मोदी सरकार ने एक आदेश जारी कर सभी सरकारी कर्मचारियों को LTC (लीव ट्रैवल कंसेशन) योजना के तहत तेजस, वंदे भारत और हमसफर एक्सप्रेस जैसी सेमि हाई स्पीड ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति दे दी है। इस योजना के पीछे सरकार का उद्देश्य छुट्टियों के समय अपने गांव-शहर या पर्यटन स्थलों पर जाने के लिए अपने कर्मचारियों को अधिक सुविधाजनक और तेज यात्रा विकल्प प्रदान करना है। सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कर्मचारी अपनी पात्रता के आधार पर राजधानी, शताब्दी और दुरंतो ट्रेनों के अलावा इन प्रीमियम ट्रेनों का भी उपयोग कर सकते हैं। बता दें, DOPT (कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग) ने इस निर्णय का ऐलान कई सरकारी कार्यलायों और कर्मचारियों के अनुरोधों के बाद किया है। अंतिम आदेश जारी करने से पहले DOPT ने डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर के साथ बातचीत करके नए नियम तैयार कर लिए हैं। केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को लीव ट्रैवल कंसेशन के तहत उनकी रैंक और वेतन के आधार पर आने-जाने की यात्रा के लिए टिकट लागत की धनराशि दी जाती है। 

क्या है LTC (लीव ट्रैवल कंसेशन)?

LTC सरकारी कर्मचारियों के लिए एक रियायती यात्रा सुविधा है, जो उन्हें 4 साल कर भारत में किसी भी स्थान की यात्रा करने की दिया जाता है। LTC के तहत, एलिजिबल केंद्रीय कर्मचारी को पेड लीव के अलावा आने-जाने की यात्रा के लिए टिकटों का रिम्बर्समेंट मिलता है। LTC का लाभ सरकारी कर्मचारी, सिविल सेवाओं के कर्मचारी और डिफेंस सर्विस के कर्मचारी उठा सकते हैं। इसके अलावा वो कर्मचारी भी इसमें शामिल हैं जो राज्य सरकार के अधीन काम करते हैं और केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं। बता दें, LTC योजना के तहत सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को दो विकल्प प्रदान किए जाते हैं। पहले विकल्प के तहत कर्मचारी चार साल के भीतर दो बार अपने गांव-शहर जाने की टिकट लागत का रिम्बर्समेंट करा सकते हैं, जिसे दो-दो साल की अवधि में विभाजित किया गया है। दूसरे विकल्प के तहत वो दो साल की अवधि में एक बार अपने होमटाउन जाएं और बाकी दो साल की अवधि में भारत में किसी भी स्थान पर छुट्टियां मनाने जा सकते हैं और उस यात्रा की टिकट लागत की का रिम्बर्समेंट करा लें।

LTC का दुरुपयोग करना पड़ सकता है महंगा

DOPT (कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग) ने LTC का दुरुपयोग करते हुये पाये जाने वाले केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है। बता दें कि DOPT के नये दिशा-निर्देशों के अनुसार, कर्मचारियों को एक अंडर-टेकिंग जमा करना होगा, जिसमें यह बताना होगा कि वो जो दावा कर रहे हैं उसके तहत वह और उनके परिवार के सदस्य वास्तव में यात्रा के लिए बताई जगह की ओर रवाना हुये हैं। LTC पर जाने वाले सभी सरकारी कर्मचारी को अपने घोषणापत्र में यह बताना अनिवार्य होगा कि नजदीकी हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन या बस टर्मिनल तक पहुँचने के लिए उन्होंने किस वाहन का उपयोग किया और साथ ही शेष यात्रा के दौरान उन्होंने किस वाहन का इस्तेमाल किया। बताते चलें की अतीत में कुछ कर्मचारियों द्वारा कथित तौर पर प्राइवेट ट्रैवल एजेंट के साथ साठगांठ करके अनुचित लाभ प्राप्त करने का मामला सामने आने के बाद केंद्र सरकार LTC के दुरुपयोग की जांच के लिए एक सख्त सिस्टम अपनाने की कोशिश कर रही है।