जयपुर-अजमेर हाईवे पर आज सुबह एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। भांकरोटा इलाके में एक सीएनजी टैंकर और ट्रक के बीच भिड़ंत के बाद टैंकर में जोरदार ब्लास्ट हो गया। ब्लास्ट इतना भीषण था कि 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 30 लोग गंभीर रूप से झुलस गए। हादसे ने कुछ ही मिनटों में पूरे इलाके को तबाह कर दिया। आग की लपटों ने हाईवे किनारे मौजूद पाइप फैक्ट्री, सड़क पर खड़े 40 वाहन और पेट्रोल पंप के एक हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया। जले हुए वाहनों में 19 ट्रक, 2 यात्री बसें, 2 गैस टैंकर, 3 कारें, 2 पिकअप, 1 बाइक और 1 टेम्पो शामिल हैं। घटनास्थल पर मौजूद एक स्लीपर बस में भी आग लग गई। कुछ यात्रियों ने बस से कूदकर जान बचाई, लेकिन कई यात्री आग की चपेट में आ गए। दमकल की 20 गाड़ियां आग पर काबू पाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है। आसमान में धुएं का काला गुबार कई किलोमीटर दूर से दिखाई दे रहा है।
पुलिस और दमकलकर्मी घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हैं। जले हुए वाहनों में शवों की तलाश की जा रही है। सिविल डिफेंस और स्थानीय लोगों ने मिलकर घायलों को मानसिंह अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों की टीम घायलों के इलाज पर नजर रख रही है। घटना की जानकारी मिलते ही राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल लिया। मुख्यमंत्री ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
हाईवे पर मौजूद चश्मदीदों ने बताया कि ब्लास्ट इतना जोरदार था कि ऐसा लगा जैसे बम धमाका हुआ हो। हाईवे पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। यह हादसा हाईवे पर सुरक्षा प्रोटोकॉल और CNG वाहनों के मेंटेनेंस पर सवाल खड़े करता है। क्या हादसे को टाला जा सकता था? जवाब ढूंढना जरूरी है।
देश की सुरक्षा तकनीकों में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए IIT दिल्ली ने दुनिया की सबसे हल्की बुलेट प्रूफ जैकेट बनाई है। इसे 'एडवांस्ड बैलिस्टिक्स फॉर हाई एनर्जी डीफीट' (ABHED) नाम दिया गया है। IIT दिल्ली के डीआरडीओ इंडस्ट्री अकेडमी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (DIA-CoE) द्वारा विकसित इस जैकेट की खासियत यह है कि यह भारतीय मानक (BIS) V और VI के अनुसार एक से ज्यादा गोलियों को रोकने में पूरी तरह सक्षम है। इस जैकेट को IIT दिल्ली के वरिष्ठ प्रोफेसर नरेश भटनागर और उनकी टीम ने तैयार किया है। यह जैकेट न केवल हल्की है बल्कि यह भारतीय सैनिकों के लिए दुश्मनों का सामना करने में एक बड़ी मदद साबित होगी। इसका हल्का वजन सैनिकों को अधिक गति और दक्षता के साथ काम करने में सहायता प्रदान करेगा।
IIT दिल्ली न केवल बुलेट प्रूफ जैकेट बल्कि कई अन्य महत्वपूर्ण रक्षा तकनीकों पर भी काम कर रहा है। जैसे स्मार्ट सोल्जर जैकेट जो सैनिकों को अत्यधिक तापमान और कठोर परिस्थितियों में भी आरामदायक बनाएगी। लाइटवेट और स्ट्रॉन्ग बॉडी आर्मर जो हल्के होने के साथ ही ज्यादा सुरक्षित हैं। हाई परफॉर्मेंस एयरोस्टैट और एयरशिप मटेरियल जो सीमा पर निगरानी में मददगार साबित होंगे। इसके अलावा टेराहर्ट्ज़ तकनीक का उपयोग स्पेक्ट्रोस्कोपी और इमेजिंग के लिए किया जा रहा है। वहीँ ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस और कॉग्निटिव रोबोटिक्स पर काम जारी है जो भविष्य के रक्षा रोबोट्स में इस्तेमाल होंगे।
IIT दिल्ली ने रक्षा तकनीक के क्षेत्र में उद्योगों और DRDO के साथ मिलकर लगभग 50 बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू किया है। इन प्रोजेक्ट्स का मुख्य उद्देश्य सैनिकों के लिए स्वदेशी तकनीकों का निर्माण करना और देश को आत्मनिर्भर बनाना है। इसके लिए IIT दिल्ली के लगभग 100 फैकल्टी सदस्य और 200 शोधकर्ता दिन-रात मेहनत कर रहे हैं।
भारतीय सैनिक सीमाओं पर दुश्मनों से लड़ते हुए अक्सर अपनी जान जोखिम में डालते हैं। ऐसे में IIT दिल्ली की यह पहल उन्हें न केवल सुरक्षा प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें तेज और कुशल बनाएगी। 'ABHED' जैकेट भारतीय रक्षा बलों के लिए एक बड़ा वरदान साबित होगी। देश को आत्मनिर्भर और सुरक्षित बनाने के इस मिशन में IIT दिल्ली ने नई मिसाल कायम की है। यह पहल न केवल भारत को रक्षा तकनीकों में आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि इसे वैश्विक मंच पर नई पहचान भी दिलाएगी।
गुरुग्राम में 89 साल की उम्र में ओमप्रकाश चौटाला साहब ने दुनिया को अलविदा कह दिया। चार बार हरियाणा में मुख्यमंत्री पद संभालने वाले इस शख्स ने कभी सत्ता के गलियारों में अपनी अलग छाप छोड़ी थी। पहली बार 2 दिसंबर 1989 को मुख्यमंत्री बने, लेकिन कुर्सी पर सिर्फ 171 दिन टिक पाए। फिर 12 जुलाई 1990 को दोबारा सीएम बने, पर इस बार कहानी महज 5 दिन में खत्म हो गई। तीसरी बार 22 मार्च 1991 को पद संभाला, पर 15 दिन में गद्दी छोड़नी पड़ी। चौथी बार 24 जुलाई 1999 को सत्ता संभाली और इस बार 5 साल पूरे करते हुए 2005 तक हरियाणा की राजनीति के खिलाड़ी बने रहे।
ओमप्रकाश चौटाला के पिता चौधरी देवी लाल भी काफी नामचीन नेता थे। दो बार हरियाणा के सीएम बने और दो बार देश के डिप्टी पीएम। राजनीति के इस परिवार की तीसरी पीढ़ी आज हरियाणा की राजनीति में मोर्चा संभाले हुए है। लेकिन घर की कहानी भी सियासी फिल्म से कम नहीं। बेटा अजय सिंह चौटाला ने अपनी पार्टी JJP बना ली, तो दूसरे बेटे अभय चौटाला INLD के साथ रहे। हाल के चुनावों में दोनों गुटों को झटका लगा। JJP के हाथ खाली रह गए, लेकिन INLD ने दो सीटें झटक लीं। रनिया से अर्जुन चौटाला (अभय के बेटे) और डबवाली से आदित्य देवीलाल (जगदीश चंद्र के बेटे) ने जीत दर्ज की। आज चौटाला साहब के जाने से हरियाणा की सियासत का एक अध्याय खत्म हो गया है। पर उनकी कहानी, उनकी कुर्सी की जंग, और उनके परिवार का सियासी सफर हमेशा चर्चा का हिस्सा रहेगा।
संसद के इतिहास में ऐसा शायद ही कभी देखा या सुना गया होगा। दरअसल, संसद परिसर में हुई आज की घटना से निश्चित तौर पर लोकतंत्र के मंदिर को गहरा धक्का लगा है। बता दें, गृहमंत्री अमित शाह की एक टिप्पणी को लेकर संसद के दोनों सदनों में बुधवार, 18 दिसंबर से गतिरोध बना हुआ है। विपक्षी दलों विशेषकर कांग्रेस का आरोप है कि अमित शाह ने 'भारत के संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा' विषय पर राज्यसभा में दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार, 17 दिसंबर को अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और नेहरू-गाँधी परिवार ने हमेशा बाबासाहेब का अपमान किया और उन्हें चुनाव में हरवाया तक दिया। इसी बीच संसद के दोनों सदनों में गुरुवार को भी हंगामा होता रहा है। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ने संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया। एक ओर जहां विपक्षी सांसदों ने गृहमंत्री की टिप्पणी को लेकर विरोध जताते हुए मार्च निकाला तो वहीं भाजपा सांसदों ने कांग्रेस पर बाबासाहेब के अपमान का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान संसद भवन के 'मकर द्वार' के निकट सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्य एक दूसरे के सामने आ गए और जमकर नारेबाजी करने लगे। इस दौरान दोनों दलों के सांसदों के बीच मकर द्वार पर धक्का-मुक्की की खबर भी आई। इस धक्का-मुक्की में ओडिशा से आने वाले भाजपा सांसद प्रताप सारंगी के सिर में चोट की तस्वीर सामने आई है। इस धक्का-मुक्की में भाजपा सांसद मुकेश राजपूत भी घायल हो गए, उनकी हालत गंभीर बनी हुई है, उन्हें राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल के ICU में भर्ती कराया गया है। सारंगी का इलाज भी इसी अस्पताल में चल रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने फोन पर दोनों सांसदों का हालचाल जाना है।
भारत के संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर पर बीते दिनों राज्यसभा में चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह की एक टिप्पणी को लेकर विपक्ष का हंगामा गुरुवार को भी जारी रहा है। बीते कई दिनों से जारी ये हंगामा गुरुवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों के बीच अचानक हिंसक धक्का-मुक्की के में बदल गया। संसद में प्रदर्शन के दौरान बीजेपी के दो सांसद घायल हो गए। बीजेपी सांसद ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर धक्का मारने का आरोप लगाया है। अपने दो सांसदों के घायल होने पर बीजेपी कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कर रही है। राहुल गांधी पर आरोप है कि सीढ़ियों पर धक्का देने से दो बीजेपी सांसद नीचे गिरने से घायल हो गए। बीजेपी सांसद का कहना है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उन्हें धक्का दिया जिससे वो गिर गए और जख्मी हो गए। सांसद सारंगी ने कहा, मैं सीढ़ियों पर खड़ा था, तभी राहुल गांधी ने एक सांसद को धक्का दिया और वो मेरे ऊपर गिर गए, जिससे मैं गिर गया और मुझे चोट लग गई। इस घटना में बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत घायल बताए जा रहे हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। बता दें, इस घटना में सांसद मुकेश राजपूत को भी गंभीर चोटें आई हैं और वो फिलहाल ICU में भर्ती है। इसके अलावा राहुल गांधी पर नागालैंड से आने वाली बीजेपी की महिला सांसद फांगनोन कोन्याक ने गंभीर आरोप लगाया है, सांसद कोन्याक ने राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा कि मैं प्लेकार्ड के साथ खड़ी थी और राहुल मेरे सामने आ गए, जिससे मैं असहज महसूस करने लगी और इस बीच राहुल ने मेरे साथ बदसलूकी भी की। अब इस मामले में राहुल गांधी के खिलाफ कानूनी एक्शन की बात हो रही है। संसद के प्रवेश द्वार पर सांसदों के बीच हुई धक्का-मुक्की और महिला सांसद से बदसलूकी के मामले में शिकायत दर्ज कराने अनुराग ठाकुर और बांसुरी स्वराज समेत तीन सांसद संसद मार्ग पुलिस थाने पहुंचे। राहुल गांधी के खिलाफ कानूनी एक्शन लेने के लिए पुलिस को अब ये देखना होगा कि क्या उन्होंने जानबूझकर धक्का दिया या फिर उनसे गैर इरादतन धक्का लगा, इसके लिए पुलिस को घटना के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज और मीडिया कैमरों की फुटेज को खंगालना होगा।
इंडि गठबंधन के सांसदों ने संसद भवन के मकर द्वार की दीवार पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन किया और राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बाबासाहेब अंबेडकर पर की गई टिप्पणी के लिए उनसे माफी मांगने और इस्तीफे की मांग की है। इसी मुद्दे पर आज संसद भवन के ‘मकर द्वार' के निकट सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्य एक दूसरे के सामने आ गए और फिर धक्का-मुक्की की खबर सामने आई। राहुल गांधी ने दावा किया कि बीजेपी सांसदों ने उन्हें और अन्य विपक्षी सदस्यों को संसद भवन में जाने से रोका और धक्का-मुक्की की। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का कहना है की मैं संसद के प्रवेश द्वार से अंदर जाने की कोशिश कर रहा था, तो बीजेपी सासंद मुझे रोकने की कोशिश कर रहे थे, मुझे धमका रहे थे। राहुल ने कहा यह संसद का प्रवेश द्वार है और हमारा अंदर जाने का अधिकार है। मुख्य मुद्दा यह है कि वे संविधान पर आक्रमण कर रहे हैं। राहुल ने दावा किया कि खरगे और प्रियंका गांधी के साथ भी धक्का-मुक्की की गई, लेकिन इससे विपक्ष को फर्क नहीं पड़ता। कांग्रेस ने एक वीडियो जारी कर दावा किया कि बीजेपी सदस्यों ने संसद परिसर में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और प्रियंका गांधी वाद्रा समेत कई महिला सांसदों के साथ धक्का-मुक्की की, जो भाजपा की तानाशाही को दिखाता है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बाबासाहेब अंबेडकर पर की गई टिप्पणी के लिए उनसे माफी मांगने और इस्तीफे की मांग पर आज खुद अमित शाह ने पार्टी कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस के आरोपों का सिलसिलेवार जवाब दिया। अमित शाह ने कांग्रेस और नेहरू-गाँधी परिवार पर आरोप लगते हुए कहा की कांग्रेस एक परिवार की पार्टी है और इस परिवार ने समय-समय पर बाबासाहेब आंबेडकर का अपमान किया है। गृहमंत्री ने कहा कांग्रेस और नेहरू परिवार बाबासाहेब आंबेडकर को देखना तक नहीं चाहते थे और इसलिए इस परिवार ने साजिश के तहत डॉ. आंबेडकर को चुनाव में हरवा दिया था, वो उन्हें संसद तक पहुँचने देना नहीं चाहते थे। इस परिवार ने खुद को भारत रत्न से सम्मानित किया पर कभी देश के संविधान निर्माता डॉ. भीम राव आंबेडकर को सम्मानित करने का नहीं सोचा और फिर जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई तब हमारी सरकार उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया। इसके अलावा आज की घटना पर टिप्पणि करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि प्रताप सारंगी को गहरी चोट लगी है और हमारे एक सांसद इस समय ICU में भर्ती है। उन्होंने राहुल के आरोप को नकारते हुए कहा कि यह कहना पूरी तरह गलत है कि विपक्षी सांसदों को अंदर जाने नहीं दिया गया, राहुल गांधी की गुंडागर्दी उनकी हताशा को दर्शाता है। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, सारंगी जी को देखकर मन पीढ़ा से भर गया है। संसद के इतिहास का ये काला दिन है, आज सारी मर्यादाओं की धज्जियां उड़ा दी गई। राहुल गांधी और कांग्रेस ने जो गुंडागर्दी की है उसका कोई दूसरा उदाहरण नहीं मिलता, अब वे ऐसी गुंडागर्दी करेंगे। ऐसा आचरण आज तक भारत की संस्कृति इतिहास में देखा नहीं गया, उनके लिए एक पाठशाला में ट्रेनिंग देनी चाहिए कि लोकतंत्र में आचरण कैसा होता है। हम इस गुंडागर्दी की निंदा करते हैं। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया, राहुल गांधी मारपीट करने के लिए बीच में घुसे थे। उनका व्यवहार मानो गुंडे का व्यवहार था, यह देश गुंडे को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने हमारे एक बुजुर्ग सांसद को धक्का देकर गिराया है।
संसद में बवाल मचा हुआ है। मामला है डॉ. भीमराव अंबेडकर जी का और उनके नाम को लेकर गृहमंत्री अमित शाह के बयान का। 17 दिसंबर को राज्यसभा में अमित शाह ने भाषण दिया और बस, तभी से विपक्ष तिलमिलाया हुआ है। विपक्ष का बयान है कि अमित शाह ने बाबा साहब का अपमान कर दिया। अब बीजेपी वाले भी पीछे हटने वाले नहीं हैं, बोल रहे हैं कि पूरा भाषण सुनो, फिर बात करना। ये क्या क्लिप-प्लिप काटकर ट्विटर पे नाटक कर रहे हो! "संसद का मामला सीधे-सीधे राजनीति की तगड़ी जंग बन चुका है। अमित शाह बोले, "अभी फैशन चल रहा है, अंबेडकर-अंबेडकर-अंबेडकर।अगर इतना भगवान का नाम लिया होता तो सात जन्म तक स्वर्ग मिल जाता।" बस यहीं से शुरू हो गया ये विवाद। अब अमित शाह के पूरे भाषण की बात करें तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस असली में अंबेडकर जी को मानती ही नहीं थी। "अंबेडकर जी ने पहली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था, क्योंकि वो SC/ST के साथ व्यवहार, अनुच्छेद 370 और विदेश नीति से नाखुश थे। बीसी रॉय ने नेहरू को खत लिखा कि अंबेडकर के जाने से क्या होगा? नेहरू बोले- अंबेडकर के जाने से कुछ नहीं बिगड़ेगा।" अमित शाह ने कांग्रेस पे तंज मारा कि ये लोग सिर्फ वोटबैंक के लिए अंबेडकर का नाम लेते हैं। मतलब, "काम कुछ करते नहीं और नाम लिए जा रहे हैं।" आज 19 दिसंबर को हालात और बिगड़ गए। ‘इंडिया’ गठबंधन के नेता राहुल गाँधी के साथ संसद के बाहर बाबा साहब की मूर्ति के सामने जमा हो गए। सबने कहा- "अमित शाह "माफी मांगो, इस्तीफा दो।" संसद के मकर द्वार तक मार्च निकाला गया। अब ये हंगामा यहीं खत्म होगा या और बवाल बढ़ेगा, ये देखना बाकी है।
सियासी हंगामे के बीच पीएम नरेंद्र मोदी भी खुलकर मैदान में उतर आए हैं। मोदी जी ने विपक्षी दलों को सीधे-सीधे “दूषित इकोसिस्टम” और “दुर्भावनापूर्ण झूठ” फैलाने का आरोपी ठहराया है। उन्होंने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, "विपक्षी दलों का दूषित इकोसिस्टम और झूठ, उनके कुकर्मों को छिपा नहीं सकता।" इसके बाद कांग्रेस और उनके साथी बोले कि शाह साहब ने अंबेडकर जी का अपमान कर दिया। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि "गृहमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।" राहुल गांधी ने और बड़ा हमला बोलते हुए कहा, "बीजेपी का असली मकसद संविधान बदलना है। ये अंबेडकर जी की विचारधारा और उनके काम के खिलाफ हैं। इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कांग्रेस पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि,"कांग्रेस ने बाबा साहेब आंबेडकर के जीवनकाल में और उसके बाद दशकों तक उन्हें व्यवस्थित तरीके से बदनाम किया।"राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि बीजेपी और पीएम मोदी की सरकार ने बाबा साहेब से जुड़े सभी स्थानों को सम्मान दिया है। इस पर ममता दीदी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग शुरू से ही संविधान बदलने की मंशा रखते हैं। “अमित शाह का बयान बीजेपी और आरएसएस की असली मानसिकता को दिखाता है। इनका संविधान और दलित समाज के प्रति नजरिया कभी ठीक नहीं रहा। बीजेपी ने भी साफ बोल दिया कि "हमने ही अंबेडकर जी का सम्मान किया है। कांग्रेस तो केवल उनका नाम वोट के लिए लेती है।" अमित शाह ने अपने भाषण में पंचतीर्थ स्मारक की बात की- "मऊ में जन्मस्थान, लंदन में जहां पढ़ाई की, नागपुर में दीक्षा भूमि, दिल्ली में महापरिनिर्वाण स्थल और मुंबई में चैत्य भूमि। ये सब बीजेपी की देन हैं। कांग्रेस ने तो उनके नाम का स्मारक तक नहीं बनाया।" संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा, "कांग्रेस ने कभी अंबेडकर जी को भारत रत्न नहीं दिया। 1952 में उन्हें चुनाव हराने की साजिश रची। रिजिजू ने बीजेपी की तारीफ करते हुए कहा कि "71 साल बाद मोदी जी ने मुझे, जो एक बौद्ध हूं, देश का कानून मंत्री बनाया।"
कोई कह रहा है, "सब पब्लिक को बेवकूफ बना रहे हैं।" तो कोई बोला, "कांग्रेस ने भी क्या किया अंबेडकर जी के लिए? बस नाम के ठेकेदार बन गए हैं।"
ये मामला संसद से सड़क तक खिंच गया है। दोनों तरफ से बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप जारी है। “हंगामा मचा रहेगा, लेकिन असली में बाबा साहब के लिए काम कौन करेगा, ये कोई नहीं पूछता।” अब देखना ये है कि विपक्ष और बीजेपी के बीच इस लड़ाई में कौन बाजी मारता है। संसद का अगला सत्र भी इसी मसले पर हंगामे की भेंट चढ़ेगा या कुछ समाधान निकलेगा, ये आने वाला वक्त बताएगा।