हादसे की भयावहता बयान करती तस्वीरें
मध्य प्रदेश के छतरपुर में दर्दनाक हादसा हो गया। हादसे में अब तक सात लोगों की मौत हो गई है। हादसा की भयावहता बता रही है कि मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है। मौके पर पहुंची पुलिस ने तत्काल घायलों को अस्पताल भेजा दिया और शवों को भी पोस्टमार्टम के लिए भेजा। अस्पताल पहुंचे छह घायलों में से दो ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया, चार लोगों का अभी भी अस्पताल में इलाज चल रहा है। हालांकि छह लोगों को छतरपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहाँ जीवित चार पीड़ितों की जान बचाने की मशक्कत जारी है। बता दें, ये सभी लोग बागेश्वर धाम के दर्शन करने निकले थे। मिल रही जानकारी के मुताबिक सभी श्रद्धालु फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश के रहने वाले बताए जा रहे हैं।
ऑटो सवार सभी बागेश्वरधाम दर्शन के लिए निकले थे
जानकारी के अनुसार ऑटो में सवार लोग बागेश्वर धाम के दर्शन करने छतरपुर पहुंचे थे। जिसके बाद छतरपुर रेलवे स्टेशन पर उतारकर सभी लोगों ने एक ऑटो किराये पर ली और बागेश्वरधाम यानी गढ़ा गांव की ओर निकल पड़े। मन में दर्शन की कामना लिए सफर कर रहे थे, पर अचानक सुबह करीब 5 बजे इनका ऑटो आगे चल रहे एक ट्रक से पीछे टकरा गया। हादसा इतना भयावह था कि पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और जो घायल थे वो बेहोश हो गए। जोरदार टक्कर की आवाज सुनकर आस-पास के लोग घटनास्थल की तरफ भागे। लोगों ने तुरंत मदद के लिए एंबुलेंस और पुलिस को सूचना दी, कुछ लोग अपनी तरफ से मदद करने की कोशिश करने लगे। हादसे के बारे में अभी कहना मुश्किल है कि ऑटो चालक तेज गति से ट्रक से टकरा गया या ट्रक के अचानक ब्रेक लगाने के कारण ऑटो ट्रक में जा भिड़ी। माना ये भी जा रहा है कि ड्राइवर को झपकी आ गई हो और ऑटो ट्रक से जा टकराया।
जलभराव से सड़कों पर लगा भारी जाम
दिल्ली-NCR में आज सुबह कई इलाकों में तेज बारिश देखने को मिला। सड़कें पानी से लबालब दिख रहीं हैं, जिसके बाद कई इलाकों में जलभराव की स्थिति भी पैदा हो गई है। जलभराव के कारण कई इलाकों में जाम की इस्तिथि पैदा हो गए है, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बता दें, मौसम विभाग ने आज हल्की बारिश होने का अनुमान जताया था। मौसम विभाग का कहना है कि आज हल्की बारिश के साथ ही आसमान में हल्के बादल छाए रहेंगे। वहीं, मौसम विभाग ने बुधवार व गुरुवार को तेज बारिश होने के संकेत दिए हैं। ऐसे में लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिल सकती है। राजाधानी दिल्ली में आज हुई भारी बारिश के बाद कई जगह अंडरपास में पानी भर गया है, जिसकी वजह से लोगों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी तरफ, गाजियाबाद में सुबह करीब छह बजे से हो रही बारिश से जगह-जगह जल भराव हो गया है। इस वजह से इंदिरापुरम सीआईएसएफ-कनावनी रोड़ से लेकर ऊपर एलिवेटेड रोड तक लगे जाम की वजह से लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक बार फिर से लाल किले से देश को संबोधित किया। इस साल उनका भाषण नए राजनीतिक माहौल में था। बता दें, साल 2014 के बाद यह पहला मौका है जब बीजेपी के पास अपना बहुमत नहीं हैं और केंद्र सरकार सहयोगी दलों के समर्थन से चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण में इस बात पर भी लोगों की नजर थी कि वो क्या बोलते हैं और क्या उनके भाषण में सहयोगी दलों के भरोसे प्रधानमंत्री बनने का दबाव नजर आता है या नहीं। लाल किले पर झंडा फहराने के बाद पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में ही देश के सैनिकों, किसानों और युवाओं की बात की और उनकी प्रसंसा की।
पीएम ने मिलकर साथ चलने की बात की
पीएम मोदी ने कहा कि जब हम 40 करोड़ थे, तब हमने सफलतापूर्वक आजादी का सपना देखा और आज तो हम 140 करोड़ हैं, एक साथ मिलकर हम किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं। उन्होंने कहा, आज़ादी के दीवानों ने हमें स्वतंत्रता की सांस लेने का सौभाग्य दिया है, जिसके लिए ये देश उनका कर्जदार है। ऐसे हर महापुरुष के प्रति हम अपना श्रद्धाभाव व्यक्त करते हैं। प्रधानमंत्री ने अपने करीब 100 मिनट लंबे भाषण में महिला सुरक्षा का मुद्दा भी उठाया और युवाओं के लिए रोजगार के नए मौके देने की भी बात कही।
प्रधानमंत्री के भाषण में 240 सीटों का दबाव?
इन तमाम मुद्दों के बीच क्या प्रधानमंत्री के भाषण में 'बीजेपी को मिले 240 सीटों' और सहयोगियों का असहज करने वाला कोई दबाव नहीं दिखा। पिछले दो महीनों में संसद और बहार देखकर ऐसा लग रहा था कि मोदी थोड़े कमज़ोर पड़ गए हैं, लेकिन लाल किले से मोदी अपने पुराने अंदाज में गरजते दिखे। उनके भाषण में जोश, उत्साह और आक्रमण तीनों नजर आ रहा था। लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी पार्टी की उपलब्धियाँ भी गिनाई और साथ ही दूसरे देशों को भी संदेश देने की कोशिश की है। प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत की प्रगति दूसरे देशों के लिए खतरा नहीं, बल्कि विश्व कल्याण का अवसर है।
लाल किले से पीएम ने 'सेक्युलर सिविल कोड' की बात की
साल 2024 की राजनीतिक परिस्थिति में जब बीजेपी के पास अपना पूर्ण बहुमत नहीं है, तब प्रधानमंत्री ने लाल किले से बड़ा सन्देश देते हुए यह साफ कर दिया कि वो कठोर कदम उठाने से पीछे नहीं हटेंगे। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में आरोप लगाया है कि जिस सिविल कोड को लेकर हम जी रहे हैं, वह एक प्रकार का सांप्रदायिक सिविल कोड है, भेदभाव करने वाला सिविल कोड है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में 'सेक्युलर सिविल कोड' की बात की और उन्होंने इस मुद्दे पर देशभर में चर्चा और बहस की मांग भी की है। बता दें, बीजेपी अब तक यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड की बात करती रही है और अब लाल किले से प्रधानमंत्री का 'सेक्युलर सिवल कोड' का जिक्र करना देश में एक नई बहस खड़ा कर सकता है।
प्रधानमंत्री ने 'वन नेशन वन इलेक्शन' का जिक्र किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में 'वन नेशन वन इलेक्शन' का जिक्र किया है और इसके लिए देश से आगे आने की अपील भी की है। भारत में केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले कुछ साल से लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने वाली 'वन नेशन वन इलेक्शन' की चर्चा कई बार की है। 'वन नेशन वन इलेक्शन' के पीछे सरकार का तर्क है कि इससे चुनावी खर्च कम होगा और देश के विकास कार्यों में तेजी आएगी। दरअसल, चुनावों के दौरान देश और प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू होते ही सरकार कोई नई योजना लागू नहीं कर सकती है। आचार संहिता के दौरान नए प्रोजेक्ट की शुरुआत, नई नौकरी या नई नीतियों की घोषणा भी नहीं की जा सकती है और इससे विकास के काम पर असर पड़ता है। आपको बता दें, साल 1947 में आजादी के बाद भारत में नए संविधान के तहत देश में पहला आम चुनाव साल 1952 में हुआ था। देश में साल 1967 तक लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ ही होते थे।
महिला सुरक्षा को लेकर सख्त दिखे पीएम
पीएम ने महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की जल्द जांच और दोषियों को जल्द से जल्द कड़ी सजा देने की मांग की ताकि समाज में भरोसा पैदा किया जा सके। उन्होंने कहा कि मैं आज लाल किले से अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं, हमें गंभीरता से सोचना होगा। हमारी माताओं, बहनों, बेटियों के प्रति जो अत्याचार हो रहे हैं, उसके प्रति जन सामान्य का आक्रोश है। इसे देश को, समाज को, हमारी राज्य सरकारों को गंभीरता से लेना होगा। बता दें, कोलकाता वाले मामले को लेकर हाल के दिनों में देशभर की महिलाओं में आक्रोश है। हालाँकि भारत में लॉ एंड ऑर्डर राज्य का मुद्दा है और इसमें केंद्र सरकार की बहुत ज्यादा बड़ी भूमिका नहीं होती है। प्रधानमंत्री ने किसी घटना का जिक्र नहीं किया लेकिन फिलहाल पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक डॉक्टर की हत्या और बलात्कार के मामले को लेकर देशभर में काफी आक्रोश देखा जा सकता है।
उधमपुर में CRPF पर हमला, एक इंस्पेक्टर बलिदान
जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में आतंकियों ने सीआरपीएफ के एक दल पर हमला किया है, हमले में एक इंस्पेक्टर के बलिदान की खबर है। सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है और फिलहाल दोनों ओर से फायरिंग जारी है। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि उधमपुर के रामनगर के चील इलाके में सीआरपीएफ की नियमित गश्त के दौरान आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें सीआरपीएफ के एक इंस्पेक्टर बलिदान हो गए, ये बहुत दुखद है लेकिन यह हमारे कर्तव्य का हिस्सा है। बता दें, बलिदान इंस्पेक्टर की पहचान कुलदीप मलिक के रूप में हुई है। उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि यह इलाका एक जंगल है, जहां सड़कें और नेटवर्क नहीं हैं। यहां हम विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और इन चुनौतियों से निपटने के लिए हम प्रौद्योगिकी और ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं और हम जल्द से जल्द आतंकियों को ढूंढ कर उन्हें खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।
आतंकियों को मिली रही है स्थानीय मदद
इससे पहले सात अगस्त को भी उधमपुर के बसंतगढ़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। हालांकि आतंकी खराब मौसम और धुंध का फायदा उठाकर भागने में कामयाब रहे थे। माना जा रहा है कि उधमपुर के बसंतपुर के ऊपर जंगल में आतंकियों के कुछ ग्रुप यहां बीते कुछ महीने से छिपे हुए हैं। लम्बे समय तक बिना गाइड व मददगारों के इस छेत्र में छिपना संभव नहीं है। सूत्रों की माने तो इन आतंकियों को किसी स्थानीय से शरण और मदद मिल रही है। मौजूदा समय में गुज्जर-बकरवालों के कई डेरे जंगलों व पहाड़ों पर हैं, इनको धमकाकर आतंकी खाने का इंतजाम कर लेते हैं। सुरक्षाबलों को अप्रैल से ही इस क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों के बारे में सूचना मिल रही है।
हरियाणा के रहने वाले थे बलिदानी इंस्पेक्टर
54 वर्षीय सीआरपीएफ इंस्पेक्टर कुलदीप हरियाणा के जींद जिले के रहने वाले थे और जल्द ही DSP रैंक के लिए पदोन्नत होने वाले थे। देर रात उनके बलिदान होने की सूचना आने के बाद से गांव में मातम छा गया है, जानकारी मिलते ही उनके घर पर गांव के लोगों का आना शुरू हो गया। बता दें, कुलदीप मलिक का परिवार फिलहाल दिल्ली में रहता है, उनके दो बेटे संजय और नवीन हैं। संजय रेलवे पुलिस दिल्ली में तैनात हैं, तो नवीन सेना में हैं।
वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस (19168) शुक्रवार देर रात करीब 2:30 बजे बोल्डर से टकराकर पटरी से उतर गई। यह घटना गोविंदपुरी और भीमसेन स्टेशन के बीच पनकी क्षेत्र में हुई। राहत की बात यह रही कि सभी 22 बोगियों के डिरेल होने के बाद भी कोई हताहत नहीं हुआ। कुछ यात्रियों को मामूली चोट आई है। वहीं, हादसे की वजह से करीब पांच घंटे तक रुट बाधित रहा।
हादसे का CCTV फुटेज खंगालने में जुटी ATS
कानपुर-झांसी रूट पर पनकी में साबरमती एक्सप्रेस के डिरेल होने की घटना की जाँच एंटी टेररिस्ट स्क्वॉएड (ATS) ने भी तेज कर दी है। हादसे की तह तक पहुंचने के लिए घटनास्थल के पांच किलोमीटर के दायरे का मोबाइल डंप डाटा और सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालने में जुट गई है। एटीएस यह साफ करना चाहती है कि हादसे के पीछे रेलवे की चूक है या कोई साजिश। साथ ही देशभर में हुई घटनाओं में किसी एक ही पैटर्न का इस्तेमाल तो नहीं किया गया, जाँच में यह भी देखा जाएगा। एटीएस ने घटनास्थल का जायजा लेने के बाद मौके से मिली पटरी और अन्य साक्ष्यों की जाँच की। टीम ने घटनास्थल के आसपास के गांवों में जाकर लोगों से बातचीत कर जानने की कोशिश की कि क्या रेल हादसे के दौरान किसी ने कुछ संदिग्ध देखा या नहीं। बता दें, स्थानीय पुलिस और रेलवे के कुछ लोगों से भी टीम ने बातचीत की है। सूत्रों के मुताबिक डंप डाटा और सीसीटीवी फुटेज खंगालने से जाँच एजेंसी को घटना को समझने में मदद मिलेगी।
एजेंसी ने ने कई पहलुओं पर शुरू की जांच
साबरमती एक्सप्रेस के डिरेल होने के मामले में रेलवे के स्थानीय अधिकारियों के साथ ही अब सीनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड (SAG) अफसरों की पांच सदस्यीय कमेटी ने भी तहकीकात शुरू कर दी है। टीम में शामिल अधिकारी आज मौके का मुआयना कर सकते हैं। एटीएस के एक अफसर ने बताया कि आला अफसरों के निर्देश पर जाँच को आगे बढ़ाया जा रहा है। मामले में रेल अधिकारियों, हादसे का शिकार हुई ट्रेन के चालक, परिचालक व गार्ड से भी बात की जाएगी। जाँच से देश और प्रदेश में इस तरह के रेल हादसों के पीछे के कारणों पता लगाया जएगा। प्रारंभिक जांच में पूरा जोर पटरी के टुकड़े और ट्रैक पर है। जाँच दाल द्वारा ये समझने का प्रयास किया जा रहा है कि आखिर पटरी किस तरह से रखी थी, जो ट्रेन का कैटल गार्ड तक टूट गया। वहीं, टीम में इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सिविल के वरिष्ठ अधिकारी और आरपीएफ के डीआईजी को शामिल किया गया है। यह टीम विभिन्न पहलुओं को परखने के बाद किसी निष्कर्ष पर पहुंचेगी।
साजिश की आशंका के एंगल से भी हो रही है जांच
इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी), आरपीएफ और रेलवे के सीनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड (SAG) टीम ने जांच शुरू कर दी है। घटनास्थल पर पटरी का एक हिस्सा भी मिला है, जिसके बाद से किसी साजिश से इन्कार नहीं किया जा सकता है। मौके से मिल रही जानकारी के अनुसार, रात करीब ढाई बजे अचानक लोको पायलट को ट्रेन के इंजन से कोई वस्तु टकराने और रगड़ने की तेज आवाज हुई, जिसके बाद इंजन और बोगियां लहराईं, जिस पर चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगा दी, ब्रेक लगाने के बाद ट्रैन करीब 450 मीटर की दूरी पर जाकर रुकी। अचानक ब्रेक लगने के कारण एलएचबी कोच में तेज झटका लगा, जिसकी वजह से ऊपर और साइड बर्थ में सो रहे यात्री नीचे गिर गए। ट्रेन के सीआईटी और चेकिंग दल ने तुरंत कंट्रोल को हादसे का मैसेज किया, जिसके कुछ ही मिनट बाद पनकी थाने, आरपीएफ जीएमसी, आरपीएफ पनकी, जूही पोस्ट, जीआरपी स्टाफ और फायरब्रिगेड के अधिकारी मौके पर पहुंच गए।
मलयेशिया के प्रधानमंत्री का राष्ट्रपति भवन में हुआ भव्य स्वागत
भारत के दौरे पर आए मलयेशिया के प्रधानमंत्री दातो सेरी अनवर बिन इब्राहिम का आज राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने औपचारिक स्वागत किया इस दौरान दोनों देशों के नेता गर्मजोशी से गले मिलते दिखाई दिए। इससे पहले मलयेशिया के प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली स्थित महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। मलयेशिया के प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक में भी शिरकत की।
तीन दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचे मलयेशिया के प्रधानमंत्री
मलयेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम अपने तीन दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर मलयेशिया के पीएम भारत दौरे पर यहाँ आएं हैं। बता दें, उनके साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया है। प्रधानमंत्री के तौर पर यह अनवर इब्राहिम की पहली भारत यात्रा है। मलयेशिया के प्रधानमंत्री ने दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात की है। अनवर इब्राहिम के इस दौरे पर दोनों देशों के बीच कई अहम समझौतों पर भी हस्ताक्षर हुए है, जिसकी जानकारी दोनों राष्ट्राध्यक्षों की मौजूदगी में हुए एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दी गई। (Video Link- https://youtu.be/Q-sct_HDIyo?si=QLkfziTdMC5b2mF1)
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी करेंगे मुलाकात
मलयेशिया के पीएम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मलयेशिया के प्रधानमंत्री की मुलाकात में विवादास्पद इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण का मुद्दा भी उठ सकता है भारत। इससे पहले भारत ने मलयेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के सामने भी जाकिर नाइक का मुद्दा उठाया था, लेकिन उसमें कोई खास प्रगति नहीं हुई। बीते वर्षों में भारत और मलयेशिया के संबंध खासे उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। जाकिर नाइक को लेकर दोनों देशों के रिश्तों में खटास आई है। अब इस मुलाकात में दोनों देशों की कोशिश है कि रिश्तों को वापस पटरी पर लाया जाए।
रेप-मर्डर केस में नेशनल टास्क फोर्स का गठन
शीर्ष अदालत ने जूनियर डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या और अस्पताल में तोड़फोड़ के मामले पर स्वत:संज्ञान लिया। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शामिल रहे। बेंच ने इस मामले में पीड़िता की पहचान उजागर होने पर चिंता जाहिर की। साथ ही केस में पुलिस जांच से लेकर आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष की भूमिका तक पर सवाल उठाए। सुप्रीम कोर्ट ने जूनियर डॉक्टर बलात्कार और हत्या मामले में सुनवाई के दौरान ममता बनर्जी सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने बंगाल सरकार से अस्पताल में हुए हंगामे की जांच रिपोर्ट मांगी। सुनवाई के दौरान डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि ये सिर्फ कोलकाता में हत्या का मामला नहीं, ये मुद्दा देशभर में डॉक्टरों की सुरक्षा का है। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर स्वत: संज्ञान मामले में उसे भी पक्षकार बनाए जाने का अनुरोध किया है। मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को की जायेगी। स्थिति को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया है और कहा कि देश एक और रेप का इंतजार नहीं कर सकता। कोर्ट ने मामले में आठ सदस्यीय टास्क फोर्स के गठन का फैसला किया। इसमें एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवासन के अलावा कई और डॉक्टरों का नाम शामिल किया गया।
क्या करेगी टास्कफोर्स?
कोर्ट ने देशभर में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया है। यह टास्क फोर्स डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर अपना सुझाव देगी। लिंग आधारित हिंसा को रोकना, इंटर्न, रेजिडेंट, नॉन रेजिडेंट डॉक्टरों के सम्मानजनक कामकाज के लिए राष्ट्रीय योजना तैयार करना होगा। कोर्ट ने टास्क फोर्स को तीन सप्ताह में अंतरिम रिपोर्ट देने के लिए कहा है। साथ ही दो महीने में फाइनल रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश एक और हत्या रेप मामले का इंतजार नहीं कर सकता। साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा की सुनिश्चित करें कि जो लोग तोड़फोड़ में शामिल थे उनके खिलाफ करवाई हो।
कौन-कौन होगा टास्क फोर्स का हिस्सा?
1. डॉ. एमश्री निवास, निदेशक, एम्स दिल्ली
2. डॉ. नागरेश्वर रेड्डी, प्रबंध निदेशक, एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोलॉजी
3. आरती सरीन, सर्जन वाइस एडमिरल
4. डॉ. गोवर्धन दत्त पुरी, निदेशक, एम्स जोधपुर
5. डॉ. सौमित्र रावत, प्रबंध सदस्य गंगाराम अस्पताल
6. डॉ. प्रतिमा मूर्ति, एनआईएमएचएएनएस, बंगलूरू
7. प्रो. अनीता सक्सेना, कॉर्डियोलॉजी हेड एम्स दिल्ली
8. प्रो. पल्लवी सापरे, डीन ग्रांट मेडिकल कॉलेज, मुंबई
9. डॉ. पदमा श्रीवास्तव, न्यूरोलॉजी विभाग एम्स
इसके अलावा टास्क फोर्स में भारत सरकार की ओर से कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव, नेशनल मेडिकल कमीशन के अध्यक्ष और नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनर्स के ध्यक्ष को भी शामिल किया गया है।
पीड़िता की पहचान उजागर होने पर सुप्रीम कोर्ट नाराज
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से पीड़िता की पहचान उजागर करने को लेकर भी नाराजगी जाहिर की गई, कोर्ट ने कहा कि यह घटना दुखद है। सुप्रीम कोर्ट ने एलान किया कि इस घटना के बाद डॉक्टरों की स्थिति को लेकर नेशनल टास्क फोर्स बनाने जा रहे हैं। यह टास्क फोर्स कोर्ट की निगरानी में काम करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में CBI से 22 अगस्त तक स्टेटस रिपोर्ट भी तलब की। साथ ही CBI को तीन महीने के अंदर जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने का भी आदेश दिया। कोर्ट ने तीन हफ्ते के अंदर टास्क फोर्स से भी रिपोर्ट मांगा।
पुलिस की कार्रवाई पर कोर्ट ने उठाया सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पुलिस की कार्रवाई और पीड़िता के परिवार को अंधेरे में रखने से जुड़े आरोपों को लेकर भी सवाल पूछे। कोर्ट ने कहा कि ये एक अपराध का मामला नहीं है। इस मामले में FIR दर्ज करने में देर हुई। यह अस्पताल की जिम्मेदारी थी कि वह FIR दर्ज कराए। लेकिन देर रात FIR दर्ज कराई गई। अस्पताल प्रबंधन इस मामले में आखिर कर क्या रहा था? अभिभावकों को भी पीड़िता का शव काफी देर बाद सौंपा गया। FIR दर्ज करने में बेवजह देरी हो रही है। राज्य को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि तोड़फोड़ करने वालों को पकड़ा जाए। हम यह समझ नहीं पा रहे हैं कि राज्य सरकार अस्पताल में हुई तोड़फोड़ के मामले को कैसे नहीं संभाल पाई। कोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य संदीप घोष को लेकर भी कई सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि यह बेहद डरावनी घटना है। प्रिंसिपल ने इस मामले को पहले सुसाइड बताने की कोशिश की। आखिर प्रिंसिपल कर क्या रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आखिर इस मामले के बाद सरकार ने प्रिंसिपल की नियुक्ति दूसरी जगह कैसे कर दी?
भाजपा ने पूछा- क्या ममता बनर्जी इस्तीफा देंगी?
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में दुष्कर्म और हत्या की घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर भाजपा ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्टे के सामने जो सुनवाई हुई उससे एक बात स्पष्ट है कि ममता बनर्जी की सरकार बेटी को न्याय दिलाने के बजाय 'सच दबाओ, सबूत मिटाओ और बलात्कारी बचाओ' कर रही है। इस मामले को पहले आत्महत्या की शक्ल दी गई, परिजनों को शव नहीं दिया गया, घंटों तक इंतजार करवाया गया। वहीं राज्य सरकार का रोल इन सब चीजों को प्रमोट करने का रहा। 5000 गुंडे कॉलेज में घुस जाते हैं और वहां की पुलिस कुछ कर नहीं पाती। सवाल बनता है कि क्या ममता बनर्जी जिम्मेदारी उठाते हुए इस्तीफा देंगी? दुख की बात यह है कि 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' कि बड़ी-बड़ी बातें करने वाले कांग्रेस के बड़े नेता कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं।
एक सप्ताह से डॉक्टरों की हड़ताल जारी
मामले में डॉक्टरों की हड़ताल को रविवार को एक सप्ताह हो चुके हैं, जिससे मरीजों को परेशानी हो रही है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि CBI दोषियों को पकड़े और अदालत उन्हें अधिकतम सजा दे। इसके अलावा, वह सरकार से यह आश्वासन चाहते हैं कि भविष्य में दोबारा ऐसी कोई घटना न घटे। जिसके बाद उच्च न्यायालय ने इन सभी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जांच CBI को स्थानांतरित करने का आदेश दिया, जिनमें पीड़िता के माता-पिता द्वारा अदालत की निगरानी में जांच की प्रार्थना भी शामिल थी।
विरोध प्रदर्शन खत्म करने पर विचार कर सकते हैं संगठन
रेजीडेंट डॉक्टर्स के संगठन फोरडा ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना पर सुप्रीम कोर्ट के स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई करने का स्वागत किया। संगठन ने कहा कि वह सभी हिस्सेदारों से चर्चा के बाद अपने विरोध प्रदर्शन को समाप्त करने पर विचार करेंगे। डॉक्टरों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कितना व्यापक असर होगा, ये नहीं बताया जा सकता, लेकिन यह फैसला मील का पत्थर साबित होगा। बता दें, कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। सीबीआई बीते चार दिनों से संदीप घोष से पूछताछ कर रही थी। वहीं कोलकाता में डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने घटना पर स्वतः संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले पर सुनवाई की।