भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने घोषणा की है कि जनवरी से मार्च 2025 के बीच वो 4.73 लाख करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड बेचने वाला है। ये बॉन्ड राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश खरीदेंगे। इसका मकसद है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनके खर्चों के लिए पैसा उधार दिया जाए। RBI ने बाकायदा इसके लिए एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें लिखा है कि कौन-कौन से राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इसमें हिस्सा लेंगे। इसके अलावा नीलामी (Auction) कब-कब होगी और किस तरीके से पैसा बांटा जाएगा। हालांकि, जो असली रकम राज्यों को उधार दी जाएगी ये नीलामी से 2-3 दिन पहले बताया जाएगा। हालांकि ये कई चीज़ों पर निर्भर करता है जैसे राज्यों की जरूरत क्या है ? भारतीय संविधान के अनुच्छेद 293(3), जिसके तहत राज्यों को केंद्र सरकार से मंजूरी लेनी पड़ती है।
सरकारी बॉन्ड या सरकारी सिक्योरिटीज (G-Secs) वो कागज़ होते हैं, जिन्हें सरकार पैसा उधार लेने के लिए जारी करती है। जब आप इन बॉन्ड को खरीदते हैं, तो आप सरकार को पैसा उधार दे रहे होते हैं। सरकार इस पैसे को ब्याज समेत एक तय समय के बाद वापस करती है। बॉन्ड दो तरह के होते हैं एक तो शॉर्ट टर्म बॉन्ड होता है इनकी मियाद (समय सीमा) एक साल से कम होती है। इन्हें ट्रेजरी बिल (Treasury Bill) कहते हैं। दूसरा लॉन्ग टर्म बॉन्ड होती है। इनकी मियाद एक साल या उससे ज्यादा होती है। इन्हें डेटेड सिक्योरिटी या सरकारी बॉन्ड कहते हैं। हालाकिं सरकारी बॉन्ड को रिस्क-फ्री माना जाता है, यानी इसमें आपका पैसा डूबने का कोई खतरा नहीं है। इसे गिल्ट-एज्ड इंस्ट्रूमेंट भी कहा जाता है।
हर हफ्ते नीलामी होगी, यानी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मौका मिलेगा कि वे इस बॉन्ड को खरीदें और अपनी जरूरत के मुताबिक पैसा उधार लें। RBI इस बात का ध्यान रखेगा कि हर राज्य को बराबर मौका मिले और पूरी प्रक्रिया बिना किसी रुकावट के हो। नीलामी की तारीख और रकम जरूरत पड़ने पर बदली भी जा सकती है। RBI इस प्रक्रिया को स्मूद यानी आराम से चलाने के लिए पूरी कोशिश करेगा। तिमाही में उधार को समान रूप से बांटा जाएगा, ताकि किसी एक हफ्ते या महीने में ज्यादा दबाव न पड़े। नीलामी की तारीख और रकम में बदलाव का अधिकार RBI के पास है, लेकिन ये राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से बातचीत के बाद ही होगा।
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर नोएडा अथॉरिटी ने किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब सबका हल निकलने वाला है वो भी एक बेमिसाल तरीके से! यह कदम खासतौर पर उस समस्या को हल करने के लिए उठाया गया है, जो किसानों के बीच लंबे समय से रही है आबादी निस्तारण की। इस प्रक्रिया में अब 20 गांवों की सीमा निर्धारण के लिए पेरिफेरल रोड बनाई जाएगी, जो गांवों के चारों तरफ बनेंगी। पेरिफेरल रोड का निर्माण इन गांवों की समस्याओं के समाधान और विकास में सहायक होगा, जिससे इन क्षेत्रों में प्रशासनिक कार्यों को सुगम बनाया जा सकेगा।
नोएडा में पहले आबादी निस्तारण के लिए तय किया गया था कि प्रति वयस्क व्यक्ति का दायरा 450 मीटर तक होगा, लेकिन किसानों की समस्याओं को समझते हुए, इसे बढ़ाकर 1000 वर्ग मीटर प्रति वयस्क कर दिया गया है। इससे किसानों को ज्यादा भूमि का अधिकार मिलेगा और उनके लिए आदान-प्रदान की प्रक्रिया सरल होगी। यह निर्णय एक समिति द्वारा लिया गया था, जिसे शासन के निर्देशों का पालन करते हुए बनाया गया था। अब तक, नोएडा अथॉरिटी ने 20 गांवों की पहचान की है, जिनमें पेरिफेरल रोड बनाई जाएगी। इन गांवों का सर्वे पहले चरण में किया जा रहा है, और इनकी सीमा को सटीक रूप से निर्धारित किया जाएगा। इसके बाद पेरिफेरल रोड का निर्माण कार्य शुरू होगा। इन 20 गांवों में से कुछ गांव ऐसे हैं जो नए विकसित सेक्टर के पास स्थित हैं, जहां पेरिफेरल रोड की आवश्यकता ज्यादा महसूस हो रही है।
नोएडा अथॉरिटी के सीईओ लोकेश एम ने बताया कि वर्तमान में नोएडा में 81 गांवों का सर्वे किया जा रहा है। इसमें शाहपुर गोवर्धन और झट्टा जैसे गांव शामिल हैं। नोएडा अथॉरिटी ने 5-5 गांवों का सर्वे शुरू किया है, जिनके बाद इन गांवों के चारों ओर पेरिफेरल रोड बनाने की योजना है। पहले से विकसित क्षेत्रों में, जैसे पुराने गांवों के आसपास, जहां पहले ही सेक्टर विकसित हो चुके हैं, वहां पेरिफेरल रोड की आवश्यकता नहीं है। लेकिन एक्सप्रेसवे और नए सेक्टर के पास स्थित गांवों में यह रोड आवश्यक है ताकि वहां की आवागमन समस्याओं को सुलझाया जा सके और विकास की प्रक्रिया में कोई रुकावट न आए।
यह कदम किसानों की भूमि से संबंधित समस्याओं को हल करने के लिए उठाया गया है। जब तक आबादी निस्तारण का दायरा छोटा था, किसानों को अपनी भूमि के लिए पर्याप्त अधिकार नहीं मिल पा रहे थे, लेकिन अब इसे बढ़ाने से किसानों को राहत मिलेगी। इससे यह भी संभव होगा कि किसान अपनी कृषि भूमि पर बेहतर तरीके से काम कर सकें, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके। इस योजना से नोएडा के किसानों को अधिक भूमि अधिकार मिलेंगे, जिससे उनका जीवनस्तर ऊंचा उठेगा।
अमेरिका के न्यू ऑर्लियंस में नए साल के अवसर पर जुटी भीड़ पर एक संदिग्ध ने ट्रक चढ़ा दिया। मिल रही खबर के हिसाब से इस घटना में अबतक 15 लोगों की जान जा चुकी है। न्यू ऑर्लियंस में नए साल के मौके पर जुटी भीड़ में ट्रक घुसाने और 15 लोगों की जान लेने वाले संदिग्ध आतंकी की पहचान हो गई है। अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (FBI) ने संदिग्ध की पहचान शम्सुद्दीन जब्बार के तौर पर की है, 42 वर्षीय जब्बार के अमेरिकी नागरिक होने की बात सामने आई है। उसने आतंकी संगठन ISIS का झंडा लगाए हुए अपने ट्रक को बॉर्बन स्ट्रीट स्थित भीड़ में घुसा दिया था। बता दें, इस घटना में दर्जनों लोग घायल भी हुए। आतंकी जब्बार यहीं नहीं रुका, ट्रक से लोगों को कुचलने वाली घटना को अंजाम देने के बाद उसने अपने ट्रक से बाहर निकलकर लोगों पर गोलियां बरसाना भी शुरू कर दिया, जिसके कुछ देर बाद ही पुलिस ने उसे मार गिराया। न्यू ऑर्लियंस में भीड़ में ट्रक घुसाने के मामले में FBI ने बड़ा दावा किया है। अमेरिका के FBI का कहना है कि न्यू ऑर्लियंस में हमला करने वाला शम्सुद्दीन जब्बार आतंकी घटना को अंजाम देने के लिए अकेला जिम्मेदार नहीं है। FBI के प्रभारी सहायक विशेष एजेंट एलेथिया डंकन ने कहा कि हमारी एजेंसी हर सुराग की तलाश कर रहे हैं, जिसमें उसके सहयोगियों की भी पहचान करना शामिल है और इसके लिए हमें जनता की मदद की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमने जनता से मदद मांगी है और हम लोगों से अपील कर रहे हैं कि अगर किसी के पास घटना से जुड़ी कोई जानकारी, वीडियो या तस्वीर है तो हमारे साथ साझा करें। उन्होंने कहा कि हमने लोगों से कहा कि अगर किसी ने पिछले 72 घंटे में शम्सुद्दीन जब्बार से कोई बात की हो तो हमसे संपर्क करें। बता दें, संदिग्ध आतंकी पर दर्ज आपराधिक मामलों का भी खुलासा हुआ है, जिसके अनुसार उस पर साल 2002 में दुराचार और चोरी के आरोप लगे थे। इसके अलावा साल 2005 में उस पर अवैध लाइसेंस के साथ ड्राइविंग का भी आरोप लगा था। अबतक की जाँच में पुलिस को घटनास्थल पर जांच के दौरान संदिग्ध आतंकी की गाड़ी से एक एआर-स्टाइल राइफल, पिस्तौल और कुछ बम मिले हैं। जांच में सामने आया है कि जब्बार ने जिस ट्रक को भीड़ में घुसाया, वह उसने कार शेयरिंग के लिए इस्तेमाल होने वाली ट्यूरो एप के जरिए किराए पर लिया था और उसका ट्रक करीब एक महीने पहले टेक्सास से न्यू ऑर्लियंस पहुंचा था।
अमेरिका के न्यू ऑर्लियंस में बोरबन स्ट्रीट पर नए साल के सेलिब्रेशन के बीच एक शख्स ने भीड़ में अपना ट्रक घुसा दिया और फिर ट्रक से बहार निकलकर भीड़ पर अंधाधुन गोलीबारी शुरू कर दी। इस घटना में अबतक की जानकारी के अनुसार 15 लोगों के मारे जाने की खबर है और 35 घायल हुए हैं। इस हमले के बारे में संघीय जांच ब्यूरो (FBI) ने इसे एक आतंकी हमला बताया है और कहा कि वो अमेरिका के न्यू ऑर्लियंस में हुई ट्रक दुर्घटना की जांच कर रही है। FBI के प्रभारी सहायक विशेष एजेंट एलेथिया डंकन ने कहा कि जब्बार द्वारा इस्तेमाल की गई गाड़ी पर ISIS का झंडा मिला था। FBI जब्बार के आतंकी संगठन से जुड़े हर संपर्क को खंगाल रही है। FBI ने बताया कि 42 वर्षीय हमलावर जब्बार अमेरिकी नागरिक था, उसका जन्म टेक्सास राज्य में हुआ था। जब्बार ने अपनी पढ़ाई जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी से की, उसने यहां से बैचलर डिग्री हासिल की थी और वो पहले अमेरिकी सेना में काम कर चुका है। इतना ही नहीं शम्सुद्दीन जब्बार अमेरिकी सेना में करीब एक दशक की सेवा के दौरान एचआर स्पेशलिस्ट और आईटी स्पेशलिस्ट के तौर पर भी काम कर चुका था। हम इस घटना की पूरी जांच कर रहे हैं। FBI का मानना है कि जब्बार इस घटना में अकेला नहीं था। बता दें, एजेंसी का कहना है कि इस घटना में इस्तेमाल हुए फोर्ड ट्रक का जो वीडियो मिला है, उसमें तीन आदमियों और एक महिला को वाहन में IED रखते देखा जा सकता है। यूएस मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार जब्बार की दो बार शादी हुई थी। उसके पहले रिश्ते का अंत साल 2012 में, जबकि दूसरी पत्नी से उसका तलाक साल 2022 में हो गया था। आतंकी अपने दूसरे तलाक के बाद से ही वित्तीय संकट से जूझ रहा था। उसने अपने ईमेल में माना था कि उस पर घर के कर्ज के 27 हजार डॉलर बकाया हैं और वह इसे चुकाने में असमर्थ है। उसके दूसरी पत्नी के पति ड्वेन मार्श ने बताया कि जब्बार पिछले साल ही इस्लाम को अपनाने की शुरुआत कर चुका था और वह इसको लेकर कुछ हद तक पागल हो रहा था।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस भयावह आत्मघाती हमले की निंदा की है। बाइडन ने कहा कि किसी भी तरह की हिंसा का कोई हम स्वीकार नहीं करते और हम अपने देश पर किसी भी हमले को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि मैंने अपनी टीम को निर्देश दिया है कि न्यू ऑर्लियंस हमले की जांच जल्दी से पूरी की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि अमेरिकी लोगों के लिए कोई खतरा न हो। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार न्यू ऑर्लियंस हमले के पीड़ित लोगों के लिए हर संभव मदद मुहैया करवाएगी। वहीं इस पूरी घटना पर देश के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेट्स पर अमेरिका में आपराधिक प्रवास के बारे में उनकी चेतावनियों को खारिज करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जब मैंने कहा कि हमारे देश में आने वाले अपराधी हमारे देश में मौजूद अपराधियों से कहीं ज्यादा बुरे हैं, तो डेमोक्रेट्स और फेक न्यूज फैलाने वाली वोक मीडिया ने इसे लगातार नकारा, लेकिन यह सच साबित हुआ। हमारे देश में अपराध दर अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर है। हम सभी निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं, जिनमें न्यू ऑर्लियंस पुलिस विभाग के बहादुर अधिकारी भी शामिल हैं। ट्रंप प्रशासन न्यू ऑर्लियंस शहर का पूरा समर्थन करेगा, क्योंकि वे इस पूरी तरह से दुष्टता के कार्य की जांच कर रहे हैं।
इस बार 2025 के पहले दिन का जश्न तो कुछ अलग ही था। नोएडा में शराब के शौक़ीनों ने पूरे देश में सबसे ज्यादा शराब की बिक्री का रिकॉर्ड बनाया। 31 दिसंबर को जहां शराब की बिक्री का आंकड़ा 14 करोड़ रुपये था, वहीं 1 जनवरी को यह आंकड़ा 16 करोड़ रुपये से भी ज्यादा पहुंच गया। यह पिछली साल की तुलना में काफी ज्यादा था। अब सवाल यह उठता है कि इस तरह के रिकॉर्ड से क्या यह संकेत मिलता है कि समाज में शराब की खपत बढ़ रही है? क्या हम सही तरीके से जश्न मना रहे हैं, या फिर यह एक चेतावनी है कि हमें अपनी आदतों पर ध्यान देना चाहिए? जश्न मनाना अच्छा है, लेकिन क्या यह जरूरत से ज्यादा नहीं हो रहा? दूसरी ओर, दिल्ली पुलिस ने नए साल की रात को ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर कड़ी निगरानी रखी। दिल्ली पुलिस ने कुल 4,583 चालान काटे, जिनमें 558 चालान शराब पीकर वाहन चलाने के थे। ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन में सबसे ज्यादा चालान शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के थे। दिल्ली पुलिस का कहना था कि शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले में बहुत बड़ी बढ़ोतरी देखी गई है। इसके अलावा, दिल्ली पुलिस ने 205 चालान गलत दिशा में गाड़ी चलाने के और 648 चालान बिना हेलमेट के बाइक चलाने के काटे। दिल्ली में ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई। ऐसा लगता है कि लोग नए साल की शुरुआत में पूरी तरह से नियमों को नजरअंदाज कर रहे थे। दिल्ली पुलिस का कहना था कि इस बार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन पहले से ज्यादा था, और उनके लिए यह एक चुनौतीपूर्ण दिन था। तो सवाल यह है क्या इस बढ़ती शराब की बिक्री और ट्रैफिक उल्लंघनों को नियंत्रित किया जा सकता है? क्या पुलिस की कड़ी कार्रवाई और नियमों का पालन लोगों को जागरूक कर सकता है? और क्या हम नए साल का जश्न इस तरह मनाते रहेंगे, या फिर समाज में बदलाव की जरूरत महसूस करेंगे?
पुलिस ने इस बढ़ते उल्लंघन को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाए वहीँ जामिया नगर में तो ऑपरेशन 'बुलेट राजा' चलाया। इस अभियान के तहत पुलिस ने 35 बुलेट सवारों के खिलाफ मामला दर्ज किया, जो अपनी बाइकों पर संशोधित साइलेंसर का इस्तेमाल कर रहे थे और स्टंट कर रहे थे। संशोधित साइलेंसर लगाना Showoff करने पर ये दूसरों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है? इतना ही नहीं, दिल्ली पुलिस ने डीपी एक्ट के तहत 673 लोगों को हिरासत में लिया और 131 वाहनों को जब्त किया। पुलिस का कहना था कि ये सभी लोग नियमों का उल्लंघन कर रहे थे और उनकी गतिविधियां कानून के खिलाफ थीं।
साल 2025 की शुरुआत अमेरिका के लिए बेहद डरावना साबित हुआ है। डोनाल्ड ट्रंप, जो हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए हैं,उनकी लास वेगास स्थित ट्रंप इंटरनेशनल होटल के बाहर एक बड़ा धमाका हुआ। यह धमाका उस जगह हुआ, जहां से राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप अपने समर्थकों को संबोधित करने की योजना बना रहे थे। धमाका टेस्ला के 2024 मॉडल साइबरट्रक में हुआ, जिसमें एक व्यक्ति की जान चली गई और सात लोग घायल हो गए। यह महज़ इत्तेफाक था या किसी बड़ी साजिश का आगाज़? क्या किसी को संदेश दिया गया है या ये आने वाले खतरे की आहट है? सवाल तो और भी हैं, लेकिन जवाब कहीं छुपे हैं साजिश में, राजनीति में, या शायद डर में। लास वेगास मेट्रोपॉलिटन पुलिस के शेरिफ केविन मैकमाहिल ने मीडिया को बताया कि एक टेस्ला साइबरट्रक होटल के गेट पर खड़ा हुआ। कुछ देर बाद उसमें से धुआं निकलने लगा और फिर जोरदार धमाका हुआ। धमाका इतना शक्तिशाली था कि ट्रक के परखच्चे उड़ गए। वहां मौजूद एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 7 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। हादसे के बाद होटल के बाहर अफरा-तफरी मच गई। टेस्ला के CEO एलन मस्क ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर लिखा कि यह धमाका साइबरट्रक की खराबी का नतीजा नहीं था। ट्रक में आतिशबाजी या विस्फोटक सामग्री रखी गई थी। हमारी जांच टीम स्थिति को समझने में जुटी है। मस्क ने आगे इस धमाके को संभावित आतंकी हमला करार दिया। यह घटना उस समय हुई है, जब डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं। वहीं, एलन मस्क, जो ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की टीम का हिस्सा बनने जा रहे हैं, उनके नाम पर पहले ही विवाद हो चुका है। ट्रंप और मस्क दोनों को इस धमाके के ज़रिये संदेश देने की कोशिश की गई है या नहीं, यह जांच का विषय है। इसी दिन, न्यू ऑर्लियंस में नए साल का जश्न मना रही भीड़ पर एक ट्रक ने जानलेवा हमला कर दिया। ट्रक ने 15 लोगों को कुचल दिया। और सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ट्रक पर ISIS का झंडा लगा हुआ था। न्यू ऑर्लियंस और लास वेगास में हुई इन दो घटनाओं का समय और संदिग्ध परिस्थितियां यह इशारा करती हैं कि यह महज़ इत्तेफाक नहीं हो सकता।
डोनाल्ड ट्रंप पहले भी अपनी विवादित नीतियों और बयानबाजी की वजह से आतंकी संगठनों के निशाने पर रहे हैं। लेकिन यह धमाका सीधे उनके होटल के गेट पर हुआ। क्या यह हमला ट्रंप को चेतावनी देने की कोशिश थी? क्या एलन मस्क की नज़दीकी का कोई राजनीतिक या आतंकी संबंध है। एफबीआई लास वेगास और अन्य एजेंसियां इस घटना को बेहद गंभीरता से ले रही हैं। CNN और ABC न्यूज़ की रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियां इसे आतंकी एंगल से देख रही हैं। FBI के प्रवक्ता ने कहा हम अगले 48 घंटों में जांच कर रहे हैं और जल्द ही तथ्यों को साझा करेंगे। हालांकि दोनों घटनाओं का संदिग्ध तालमेल बताया जा रहा है। इन दोनों घटनाओं का एक ही दिन होना बताता है कि ये महज़ हादसा नहीं है। यह आतंकवाद का नया रूप हो सकता है, जिसमें तकनीक और रणनीतिक लोकेशन का इस्तेमाल किया गया है। इस पूरी घटना पर देश के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेट्स पर अमेरिका में आपराधिक प्रवास के बारे में उनकी चेतावनियों को खारिज करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जब मैंने कहा कि हमारे देश में आने वाले अपराधी हमारे देश में मौजूद अपराधियों से कहीं ज्यादा बुरे हैं, तो डेमोक्रेट्स और फेक न्यूज फैलाने वाली वोक मीडिया ने इसे लगातार नकारा, लेकिन यह सच साबित हुआ। हमारे देश में अपराध दर अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर है। हम सभी निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं, जिनमें न्यू ऑर्लियंस पुलिस विभाग के बहादुर अधिकारी भी शामिल हैं। ट्रंप प्रशासन न्यू ऑर्लियंस शहर का पूरा समर्थन करेगा, क्योंकि वे इस पूरी तरह से दुष्टता के कार्य की जांच कर रहे हैं।
नए साल की शुरुआत में ही ऐसी घटनाओं ने अमेरिकी सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह आतंकी साजिश का हिस्सा है? या फिर किसी बड़ी राजनीतिक गेम का संकेत? ट्रंप प्रशासन के सामने चुनौती साफ है न केवल इन घटनाओं के पीछे की सच्चाई को उजागर करना, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाना। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद, उनके द्वारा उठाए गए विवादास्पद मुद्दे और नीतियाँ पहले ही कई राजनीतिक खतरों को जन्म दे चुकी हैं। 2025 में, ट्रंप प्रशासन को न केवल इन समस्याओं से निपटना होगा, बल्कि देश के भीतर फैली असहमति और विवादों को भी सुलझाने के लिए कदम उठाने होंगे। अमेरिका की वैश्विक स्थिति और आंतरिक सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठने वाले हैं, और यह साल अमेरिकी सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती साबित हो सकता है।
मेलबर्न टेस्ट में टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाजों ने एक बार फिर कंगारुओं के आगे आसानी से घुटने टेक दिये। चौथे टेस्ट में आस्ट्रेलिया के हाथों 184 रन की शर्मनाक हार के साथ ही लगातार खराब फॉर्म से जूझ रहे कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की मांग जोर पकड़ने लगी है। मैच के आखिरी इनिंग में जीत के लिये 340 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए रोहित 9 और कोहली 5 रन बनाकर आउट हो गए। चौथे टेस्ट के बाद कप्तान रोहित शर्मा की काफी आलोचना हुई थी क्योंकि उन्होंने खुद को शीर्ष क्रम पर लाने के लिए युवा बल्लेबाज सुभमण गिल को टीम की प्लेइंग-11 से बाहर रखा था, लेकिन अब मौजूदा परिस्थितिओं में अगर भारत को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर कब्जा बनाए रखने के साथ ही वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल की दौड़ में बने रहना है तो टीम के भारत के हित में उपलभ्ध विकल्पों में से सर्वश्रेष्ठ को चुनना होगा। रोहित के लगातार विफल रहने के बाद कुछ पूर्व क्रिकेटरों सहित प्रशंसकों ने उनके टेस्ट क्रिकेट के भविष्य पर सवाल खड़े किए थे। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया था कि रोहित सिडनी टेस्ट के बाद क्रिकेट के इस प्रारूप से संन्यास की घोषणा कर देंगे। चर्चा तो यह भी है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के शीर्ष अधिकारी और चयनकर्ता पहले ही इस फैसले के बारे में बात कर चुके हैं।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच शुक्रवार से सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का पांचवां और अंतिम टेस्ट मुकाबला खेला जाना है। रोहित का फॉर्म टीम के लिए चिंता का विषय बना हुआ है और वह रन बनाने के लिए जूझते नजर आ रहे हैं, इससे भारतीय कप्तान के टेस्ट भविष्य को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। भारतीय टीम के मौजूदा कोच गौतम गंभीर ने सिडनी टेस्ट से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब उनसे रोहित के प्लेइंग-11 में शामिल होने को लेकर पूछा गया तो उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया और सवाल टाल गए। हालांकि, रोहित शर्मा प्रैक्टिस सेशन के दौरान ग्राउंड पर अभ्यास करते दिखे थे और टीम के साथी खिलाड़ियों के साथ फुटबॉल खेलते भी नजर आए थे। रोहित के बारे में पूछे जाने पर गंभीर ने कहा कि अभी प्लेइंग-11 तय नहीं की गई है और इसका फैसला कल पिच देखने के बाद ही लिया जाएगा। बता दें, गंभीर ने जहां इस बात की पुष्टि की कि तेज गेंदबाज आकाश दीप पीठ में दिक्कत के कारण पांचवें टेस्ट में टीम का हिस्सा नहीं होंगे, जबकि रोहित के बारे में पूछे गए सवाल पर चुप्पी साधे रहे। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकार लगातार इस बारे में गंभीर से सवाल करते रहे कि पांचवें टेस्ट से पहले कप्तान खुद प्रेस से बात करने क्यों नहीं आए? इस सवाल को टीम इंडिया के कोच ने यह कह के ताल दिया की रोहित के साथ सबकुछ ठीक है और मुझे नहीं लगता कि मैच से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कप्तान का आना कोई परंपरा है। टीम का कोच होने के नाते मैं कल पिच को देखूंगा और प्लेइंग-11 को अंतिम रूप दूंगा।
ऑस्ट्रेलिया के साथ जारी पांच मैचों की खेली जा रही बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में टीम इंडिया 1-2 से पिछड़ रही है और दोनों टीमों के बीच सीरीज का पांचवां व आखरी टेस्ट 3 जनवरी यानि कल से सिडनी में खेला जाएगा। टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन और सीरीज में हार के खतरे को लेकर टीम के हेड कोच गौतम गंभीर इस समय सबसे ज्यादा दबाव में हैं। ऑस्ट्रेलिया के हाथों सीरीज में हार के खतरे के अलावा भारतीय टीम के WTC फाइनल में पहुंचने की संभावनाएं भी खत्म होती दिख रही है। भारतीय टीम के पास लगातार तीसरी बार WTC के फाइनल में पहुंचने का मौका है। मिल रही खबर के अनुसार दावा किया जा रहा है कि भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम में इस समय सबकुछ ठीक नहीं हैं और मेलबर्न में मैच के बाद टीम के कुछ स्टार खिलाड़ियों पर कोच गौतम गंभीर ने जमकर अपनी भड़ास निकाली है। एक रिपोर्ट के मुताबिक गंभीर ने मेलबर्न में खिलाड़ियों के ड्रेसिंग रूम लौटने पर कहा, बस बहुत हो गया। खबर के अनुसार गंभीर कुछ खिलाड़ियों के रवैये से खुश नहीं हैं। गंभीर ने खिलाड़ियों से कहा जो टीम के लिए बनाई गई योजना के मुताबिक नहीं खेलेगा, उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। बता दें, मेलबर्न टेस्ट में जब मैच ऐसे टर्निंग प्वाइंट पर था, जहां से टीम हार से बच सकती थी तब ऋषभ पंत खराब शॉट खेलकर आउट हो गए। विराट कोहली पूरे मैच में ऑफ स्टंप के बाहर की गेंद से लगातार जूझते नजर आ रहें थे और टीम के कप्तान रोहित शर्मा लगातार सस्ते में आउट हो रहे हैं। इन खिलाड़ियों के कारण गौतम गंभीर बेहद चिंतित हैं और अब वह सख्त एक्शन लेने की तैयारी में हैं। इसके अलावा तीसरे टेस्ट में अश्विन के संन्यास के ऐलान के बाद टीम इंडिया में एक स्पेशलिस्ट स्पिन गेंदबाज के विकल्प की कमी को भी साफ तौर पर महसूस किया जा सकता है। हालांकि, कोच गौतम गंभीर ने सिडनी टेस्ट से पहले ड्रेसिंग रूम की बातें बाहर आने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। बता दें, गंभीर इस बात से खफा है कि खिलाड़ियों और कोच के बीच की बात मीडिया में लीक हो रही है जो अच्छी बात नहीं है।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में 1-2 से पीछे चल रही भारतीय टीम के पास सीरीज ड्रॉ कराने का मौका है। दोनों टीमों के बीच शुक्रवार, 01 जनवरी से सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर अंतिम टेस्ट खेला जाएगा। भारत की नजरें नए साल की शुरुआत जीत के साथ करने पर टिकी होगी और अगर भारतीय टीम ऐसा करने में सफल रहती है तो सीरीज 2-2 से बराबर हो जाएगी और ट्रॉफी पर टीम इंडिया का कब्जा बरकरार रहेगा क्योंकि पिछली बार भारत ने ही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीता था। बता दें, भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं और टेस्ट में उनके भविष्य को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। ऐसी भी चर्चा है कि रोहित को सिडनी टेस्ट में आराम दिया जा सकता है और उनकी जगह शुभमन गिल की प्लेइंग-11 में वापसी हो सकती है। गंभीर ने रोहित के प्लेइंग-11 में शामिल होने को लेकर कोई जवाब नहीं दिया था। इस बीच, उन्होंने स्वीकार किया था कि टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है, जो इस बात के संकेत है कि टीम में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। चौथे टेस्ट में मिली हार के बाद से भारतीय ड्रेसिंग रूम में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। ऐसी खबरें आ रही हैं कि कोच गौतम गंभीर खिलाड़ियों के प्रदर्शन से खुश नहीं हैं और इसे लेकर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की है। मैच से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी गंभीर ने कहा कि ड्रेसिंग रूम के अंदर खिलाड़ियों के साथ सार्थक बहस होनी चाहिए और यह बातें वहीं तक सीमित रहनी चाहिए।