अब तक की सबसे बड़ी खबर है GST को लेकर ,सरकार ने 1.82 लाख करोड़ रुपये का GST जमा कर लिया, जो पिछले साल के मुकाबले 8.5% ज्यादा है। अब ये नंबर कोई हल्का-फुल्का नहीं है | नवंबर में GST से सरकार के खाते में 1.82 लाख करोड़ रुपये आये । ये GST के इतिहास में अब तक का तीसरा सबसे बड़ा मासिक कलेक्शन है। मतलब सरकार वसूली में कोई कसर नहीं छोड़ रही। जिसमे से CGST (सेंट्रल GST) में 33,645 करोड़ रुपये,SGST (स्टेट GST) में 42,428 करोड़ रुपये IGST (इंटीग्रेटेड GST) में 91,235 करोड़ रुपये (इसमें इंपोर्ट ड्यूटी भी शामिल है) और सेस (Cess) में 14,750 करोड़ रुपये भारत सरकार की पूंजी में इकठ्ठा हुआ है अब तक | टैक्स पेमेंट में अगर ग्रोथ की बात की जाये तो डोमेस्टिक ट्रांजेक्शन में 11% की ग्रोथ और इंपोर्ट ड्यूटी में 5% की बढ़त हुई है |
नवंबर की कलेक्शन दिवाली के बाद हुई खरीदारी और बिजनेस से आया है, GST नेटवर्क ने टेक्नोलॉजी से फ्रॉड रोकने के लिए कड़क चेकिंग की है।इकोनॉमी का ट्रैक अच्छा चल रहा है, लोग खर्च कर रहे हैं। हालांकि सरकार ने कहा है कि यह विकास GST कलेक्शन में एक स्थिर और मजबूत पैटर्न दिखा रहा है, राज्यों और केंद्र को अब और फंड्स मिलेंगे। यानी "सरकार के पास पैसा है तो अपना इंफ्रास्ट्रक्चर भी चमकेगा।" हालांकि 2024 में सरकार ने 5 करोड़ रुपये से ऊपर वाले टर्नओवर के व्यापारियों के लिए ई-इनवॉइस अनिवार्य कर दिया,इससे टैक्स चोरी रोकने और पारदर्शिता लाने में मदद मिली। हालांकि कई बार कंपनियां ग्राहकों को "फ्री" सामान देती हैं? लेकिन GST में ये फ्री सामान भी टैक्सेबल होता है।सरकार ने इस बार इसे सख्ती से मॉनिटर किया और टैक्स वसूला।
सरकार ने 1.82 लाख करोड़ रुपये इकट्ठा किए, लेकिन ये पैसा आखिर कहां खर्च होगा? क्या ये पैसा पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और वेलफेयर स्कीम्स में जाएगा, या बस पुराने कर्ज चुकाने में खत्म हो जाएगा? इसके अलावा छोटे और मझोले व्यापारियों के लिए GST का पेपरवर्क और जटिलताएं अब भी सिरदर्द बनी हुई हैं।
ये ग्रोथ कहीं सिर्फ बड़े कॉरपोरेट्स से तो नहीं आ रही? क्या छोटे कारोबारियों को जीएसटी सिस्टम में और राहत दी जाएगी? इंडस्ट्रीज को सप्लाई चेन में GST की वजह से कोई राहत मिली है या सिर्फ बोझ बढ़ा है?कलेक्शन का नंबर तो बड़ा है, लेकिन बाकि चीज़े जैसे खर्च, राज्यों का हिस्सा, और छोटे व्यापारियों की हालत क्या उतने ही दमदार हैं? सरकार को इन सवालों के जवाब देने होंगे, ताकि जनता को सही तस्वीर दिखे।
वर्तमान में दो खतरनाक वायरस मारबर्ग, एमपॉक्स (मंकीपॉक्स का नया स्वरूप) ने World Health Organization को सतर्क कर दिया है। WHO के अनुसार, 2024 में यह नया स्ट्रेन अधिक संक्रामक और जटिल लक्षणों वाला है। इन वायरसों के कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन और स्वास्थ्य एजेंसियों ने कई देशों में विशेष अलर्ट जारी किया है।यह संक्रमण न केवल मौत का खतरा बढ़ा रहा है, बल्कि कमजोर स्वास्थ्य प्रणालियों पर भारी दबाव डाल रहा है।संक्रमण के कारण कई देशों में पर्यटन और व्यापार प्रभावित हो रहा है।
मारबर्ग वायरस को "ब्लीडिंग आइज़" वायरस के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह आंखों से खून बहने और आंतरिक रक्तस्राव का कारण बनता है। यह अत्यधिक घातक है और अब तक रवांडा में 15 लोगों की जान ले चुका है, इसके लक्षण में प्रारंभिक लक्षण तेज बुखार, सिरदर्द, थकान, और मांसपेशियों में दर्द होगा | उसके बाद उन्नत लक्षण: रक्तस्राव (आंखों, नाक, मसूड़ों से), उल्टी, पेट दर्द होता है | यह चमगादड़ों और संक्रमित मनुष्यों के संपर्क से फैलता है। यह मुख्य रूप से रवांडा, युगांडा, और अन्य मध्य अफ्रीकी देशों में फैल रहा है। इसमें मृत्युदर 50%-88% तक होती है | कोई विशेष वैक्सीन नहीं है। लक्षणों का प्रबंधन और मरीजों को अलग रखना ही प्रमुख उपाय हैं।मारबर्ग वायरस पहली बार 1967 में जर्मनी के मारबर्ग शहर में पहचाना गया था। यह चमगादड़ों से इंसानों में फैला और तेजी से अन्य लोगों में फैल गया।
एमपॉक्स (मंकीपॉक्स का नया स्ट्रेन) में आंखों की सूजन, लालिमा, और गंभीर मामलों में दृष्टि हानि के लक्षण पाए जा रहे हैं। यह मुख्य रूप से त्वचा के घावों और शारीरिक संपर्क से फैलता है। इसे 2024 में एक वैश्विक आपातकाल घोषित किया गय था, इससे संक्रमण के मामलों में तेजी आई है। ओरोपोचे वायरस
यह वायरस मच्छरों और अन्य कीटों के काटने से फैलता है और बुखार, सिरदर्द, और जोड़ों में दर्द पैदा करता है। यह मुख्य रूप से दक्षिण अमेरिका और कैरिबियन क्षेत्रों में फैल रहा है। गर्भवती महिलाओं और बच्चों को इस वायरस से बचाव के लिए यात्रा के दौरान मच्छरों से बचने की सख्त सलाह दी गई है।इसके लक्षण में बुखार, सिरदर्द, लिम्फ नोड्स में सूजन। और आंखों में सूजन (कंजक्टिवाइटिस), केराटाइटिस (कॉर्निया की सूजन), और दृष्टि हानि होती है |
इस वायरस से बचने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में यात्रा पर पाबंदी और जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।मच्छरों और कीटों से बचाव के लिए विशेष उपाय सुझाए गए हैं, जैसे लंबी आस्तीन वाले कपड़े पहनना और कीटनाशक का उपयोग। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे यात्रा से पहले डॉक्टर से परामर्श लें और संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त कर।यह वायरस दक्षिण अमेरिका और कैरेबियन में सक्रिय है। मच्छरों और छोटे कीटों (मिज़) के माध्यम से फैलता है। इसके अलावा रिंग वैक्सीनेशन" तकनीक का परीक्षण हो रहा है, लेकिन फिलहाल कोई प्रमाणित वैक्सीन उपलब्ध नहीं है,और लक्षणों के उपचार के लिए IV फ्लुइड्स, दर्दनाशक और रक्तस्राव रोकने वाले इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
भारतीय ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश और चीनी विश्व चैंपियन डिंग लिरेन के बीच सिंगापुर में चल रही FIDE वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप 2024 का छठा मुकाबला बराबरी पर खत्म हुआ। यह दोनों खिलाड़ियों के बीच लगातार तीसरा ड्रॉ रहा, जिससे स्कोर अब 3-3 पर है। यह चैंपियनशिप इस साल खास है क्योंकि यह पहली बार है जब दो एशियाई खिलाड़ी वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचे हैं।
डी. गुकेश, जो 18 साल की उम्र में वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप के सबसे युवा खिलाड़ी बन गए है,वहीँ डिंग लिरेन,अपने खिताब की रक्षा कर रहे हैं | गुकेश की आक्रामक शैली और डिंग की ठोस रक्षात्मक रणनीतियां इस प्रतियोगिता को बेहद रोमांचक बना रही हैं। छठे मैच में भी दोनों ने संतुलित और जटिल खेल दिखाया।प्रतियोगिता के विजेता को $2.5 मिलियन का इनाम मिलेगा।138 साल में यह पहला मौका है जब वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप का फाइनल दो एशियाई खिलाड़ियों के बीच हो रहा है।इस चैंपियनशिप को Google ने प्रायोजित किया है,इस मुकाबले के दौरान खिलाड़ियों के चालें और रणनीतियां अत्यधिक विश्लेषण के केंद्र में रही हैं। उदाहरण के लिए, गुकेश की चालें कभी-कभी उनके आक्रामक स्वभाव को दर्शाती हैं, जबकि डिंग ने अपनी रक्षात्मक विशेषज्ञता से उन्हें चुनौती दी है। हालांकि फाइनल के लिए अभी 8 मुकाबले और खेले जाने हैं। अगले मैच में दोनों खिलाड़ियों पर जीत हासिल करने का दबाव बढ़ेगा, जिससे खेल और रोमांचक हो सकता है।
यह मुकाबला भारतीय शतरंज के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है, जहां युवा ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश ने इतिहास रचते हुए विश्व चैंपियन डिंग लिरेन को चुनौती दी है।14-गेम की इस सीरीज का मकसद वर्ल्ड चैंपियन का चयन करना है, वहीँ वर्तमान में स्कोर 3-3 पर है।खेल की शुरुआत फ्रेंच डिफेंस ओपनिंग से हुई।
जिसमे डिंग ने डिफेंसिव पोजीशन लेकर गुकेश की आक्रामकता को काउंटर किया।इसके बाद गुकेश ने किंगसाइड से दबाव बनाया, लेकिन डिंग के सटीक जवाबों के कारण आक्रमण निष्प्रभावी रहा। अंत में 40 चालों के बाद गेम ड्रॉ पर समाप्त हुआ, क्योंकि दोनों खिलाड़ियों के पास बराबर पोजीशन थी। गुकेश ने हाल ही में विश्वनाथन आनंद को पीछे छोड़ते हुए भारत के नंबर 1 रैंकिंग वाले खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल किया।इस चैंपियनशिप में उनकी उपस्थिति युवा भारतीय खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।डिंग को अपने खिताब की रक्षा के लिए गुकेश जैसे युवा और आक्रामक खिलाड़ी से निपटना पड़ रहा है,अपने अनुभव के बावजूद, डिंग ने हर गेम में बेहतर रणनीतियों के लिए संघर्ष किया है।सिंगापुर में इस टूर्नामेंट ने एशियाई शतरंज को नई ऊंचाई पर पहुंचाया है।आयोजन स्थल पर दर्शकों और एआई आधारित तकनीकों का सहयोग खिलाड़ियों और दर्शकों के लिए शानदार अनुभव बना रहा है।सातवें गेम में डिंग लिरेन के पास सफेद मोहरों के साथ खेलते हुए बढ़त बनाने का मौका होगा। यह मुकाबला सिर्फ चेस के लिए नहीं, बल्कि एशिया के बढ़ते दबदबे और भारतीय शतरंज के भविष्य को दर्शाने का मंच बन चुका है।
आज शेयर बाजार निवेशकों के लिए पॉजिटिव रहा , बात करें सेंसेक्स और निफ्टी के प्रदर्शन की तो निफ्टी 50 ने 216.95 अंकों की बढ़त के साथ 0.91% की वृद्धि की और 24,291.95 के स्तर पर बंद हुआ। इसका मुख्य कारण हेल्थकेयर, कमोडिटी, ऊर्जा और ऑटो स्टॉक्स में निवेशकों का जोरदार निवेश था। वहीँ सेंसेक्स भी 409.97 अंक बढ़कर 80,212.76 पर बंद हुआ, जो कि 0.51% की वृद्धि को दर्शाता है। निफ्टी ने 24,000 का महत्वपूर्ण स्तर पार किया, जो एक सकारात्मक संकेत है। इसके अलावा, निफ्टी बैंक ने भी 148.75 अंकों की बढ़त देखी, हालांकि इसकी वृद्धि मात्र 0.29% रही, जोकि बैंकिंग सेक्टर के सार्वजनिक बैंकों में सुस्ती के कारण थी। हालांकि बैंक निफ्टी ने 52,169.25 पर 148.75 अंक की बढ़त दर्ज की। यह निफ्टी और सेंसेक्स से काफी पीछे रहा। बैंक निफ्टी में खासतौर पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में धीमी गति देखी गई, जबकि निजी बैंकों ने अच्छा प्रदर्शन किया।
हेल्थकेयर और ऑटो सेक्टर में आज दिन भर मजबूत प्रदर्शन देखा गया। हेल्थकेयर कंपनियों में Dr. Reddy's Laboratories और Sun Pharma जैसे स्टॉक्स में बढ़त आई। वहीँ ऑटो सेक्टर में Maruti Suzuki और Tata Motors ने अच्छी कमाई की, खासकर टाटा मोटर्स के स्टॉक्स में 2% से ज्यादा की बढ़त देखी गई।कमोडिटी और ऊर्जा सेक्टर में भी तेज़ी आई, खासकर Reliance Industries के स्टॉक्स में वृद्धि रही। SBI और HDFC Bank जैसे स्टॉक्स ने बाजार को मजबूत किया, लेकिन प्रमुख बैंक जैसे PNB और Bank of Baroda, में उतनी एक्टिविटी नहीं देखी गई। वहीँ Adani Group ने भी आज बाजार में काफी प्रॉफिट किया। Adani Green ने अपनी योजना को साझा करते हुए डॉलर बॉन्ड्स को फिर से जारी करने की बात की, जबकि Adani Power और Adani Transmission के स्टॉक्स में हल्की बढ़त देखने को मिली। HUL (Hindustan Unilever) ने अपनी नई प्रोडक्ट्स की योजना को लॉन्च किया, जिसमें प्रीमियम स्किनकेयर और होमवेयर जैसी चीज़े शामिल हैं।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 6 दिन की अपनी यूके और जर्मनी की यात्रा कर शनिवार को भोपाल लौटे। उनकी इस दो देशों की यात्रा से प्रदेश को बम्पर 78 हजार करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव मिला है। बता दें, जर्मनी की ओर से जहां 18 हजार करोड़ के निवेश का वादा किया गया है, वहीं यूके की ओर से उन्हें 60 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिला है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारी सरकार और मध्य प्रदेश के लिए ये खुशी की बात है कि विदेशी निवेशक प्रदेश में निवेश करने में रुचि दिखा रहे हैं। बता दें, मुख्यमंत्री अपने तीन दिवसीय यूके दौरे के बाद 29 नवंबर को जर्मनी दौरे पहुंचे थे। अपने इस दौरे के दौरान वे म्यूनिख और स्टटगार्ट में कई कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने बवेरिया राज्य सरकार के नेताओं और म्यूनिख में काउंसिल जनरल ऑफ इंडिया से प्रदेश में निवेश को लेकर चर्चा किया। सीएम यादव ने अपनी यात्रा के दौरान जर्मनी में आयोजित ‘इंवेस्टमेंट अपॉर्च्युनिटी इन मध्य प्रदेश’ में उद्योगपतियों और निवेशकों से प्रदेश में निवेश को लेकर बातचीत भी किया। इस कार्यक्रम में काउंसलिंग जनरल ऑफ इंडिया, भारतीय उद्योग परिसंघ (CII), इन्वेस्टर इंडिया और इंडो जर्मन चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे, मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के साइडलाइन में करीब 80 उद्योगपतियों के प्रतिनिधिमंडल से निवेश पर वार्ता भी किया। अपने इस दौरे के दौरान उन्होंने 'फ्रेंड्स ऑफ एमपी' के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक किया, इस बैठक में लगभग 100 प्रतिनिधि शामिल रहे। दौरे के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव काउंसलिंग जनरल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित डिनर में भी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की 24 नवंबर से 30 नवंबर तक छह दिवसीय यूके-जर्मनी यात्रा में 78 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। शनिवार को विदेश से लौटने के बाद सीएम ने समत्व भवन में मीडिया को बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य मध्य प्रदेश को "फ्यूचर रेडी" राज्य के रूप में प्रस्तुत करना और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना था। उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा और उनकी ग्लोबल लीडरशिप ने हमारी यात्रा को नई ऊंचाई दी। उन्होंने आगे कहा कि निवेश प्रस्तावों से प्रदेश में तकनीकी, औद्योगिक और सांस्कृतिक उन्नति के द्वार खुलेंगे। सीएम ने कहा कि यूके और जर्मनी की यात्रा में निवेश के लिए फोकस सेक्टर खनिज, सेमीकंडक्टर, स्वास्थ्य, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रानिक व्हीकल (EV), नवकरणीय ऊर्जा, शिक्षा और खाद्य प्र-संस्करण थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश को इंडस्ट्रियल हब बनाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। हम निवेश के लिए हर जगह जाएंगे और प्रदेश के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। उन्होंने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि मध्य प्रदेश में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर की स्थापना के लिए SRAM और MRAM ग्रुप द्वारा 25,000 करोड़ का निवेश प्रस्ताव दिया गया है, इससे सेमीकंडक्टर और साइंस टेक्नोलॉजी पार्क की स्थापना की जाएगी। वहीं, सौर ऊर्जा और उपकरण निर्माण में निवेश के लिए हुई चर्चा में Ejea लिमिटेड और आजिया लिमिटेड ने सौर ऊर्जा में क्रमशः 50 करोड़ और 100 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया। इन निवेशों से नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश की स्थिति मजबूत होगी।
मुख्यमंत्री ने बताया प्रदेश में डेयरी उद्योग में उत्पादकता बढ़ाने और आधुनिक टेक्नोलॉजी वाले प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना के लिए पोलेंड की कंपनी PPH टैमर से विस्तार से चर्चा हुई है, चर्चा में स्वदेशी और विदेशी कंपनियों के सहयोग से नई परियोजनाओं को प्रारंभ करने की योजनाएं भी बनाई गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि पर आधारित उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए हम दूध उत्पादन को प्रोत्साहित कर रहे हैं। हमारे यहां दूध उत्पादन क्षमता 9 प्रतिशत है, हम इसे भविष्य में 20 प्रतिशत तक ले जाना चाहते हैं। इसके साथ ही हमारी सरकार पशुपालन को भी बढ़ावा दे रही है, जिसके तहत हम गौपालकों को पांच बछिया देंगे, वे गाय बनने पर दो गाय अपने पास रखेंगे और तीन गाय हम खरीदेंगे। इसके विक्रय और दूध उत्पादन से होने वाली आय से उनकी आमदनी में वृद्धि होगी। उन्होंने बताया की इंदौर में जल्द हेल्थकेयर प्लांट स्थापित होगा, यहां स्मार्ट इंडस्ट्रियल पार्क में एक आधुनिक चिकित्सा उपकरण और दवा निर्माण प्लांट की स्थापना होगी। हमारी सरकार द्वारा विदेशी कंपनियों से चर्चा के बाद तत्काल भूमि आवंटन करने का निर्णय लिया गया, इस निर्णय से प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता सुधार और रोजगार सृजन की संभावना बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान सॉफ्टवेयर और IT पार्क के निर्माण पर विभिन्न इंटरैक्टिव सेशन और राउंड टेबल डिस्कशन किया, जिसके बाद उन्हें प्रदेश में वुडपैकर सॉफ्टवेयर से रसायन और IT सेक्टर में 1100 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव मिला।
मुंबई की एक अदालत ने Google के CEO सुंदर पिचाई को यूट्यूब पर एक मानहानिकारक वीडियो को हटाने में असफल रहने के लिए नोटिस जारी किया है । ध्यान फाउंडेशन और उसके संस्थापक योगी अश्विनी के खिलाफ यूट्यूब पर अपमानजनक वीडियो को लेकर चल रहे विवाद में Chief Judicial Magistrate की अदालत ने गूगल को आदेश दिया था कि वह यह वीडियो हटा दे। यह वीडियो विशेष रूप से फाउंडेशन और योगी अश्विनी के खिलाफ नकारात्मक और आपत्तिजनक Image पेश करता है। हालांकि, यूट्यूब ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया, जिसके बाद ध्यान फाउंडेशन ने गूगल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की।इस मामले में गूगल पर आरोप है कि उसने जानबूझकर वीडियो को हटाने में देरी की, जिसके कारण फाउंडेशन की छवि को नुकसान हो रहा है। गूगल के खिलाफ 29 नवंबर को अदालत में एक नोटिस जारी किया गया था, वहीँ अगले आदेश की सुनवाई 3 जनवरी 2025 को होगी। यह मामला एक कंटेम्प्ट पिटीशन के तहत आया, जो यह दावा करता है कि गूगल ने अदालत के आदेश का उल्लंघन किया है जिसके चलते अदालत ने अवमानना नोटिस जारी किया।अब इस मामले की सुनवाई जनवरी 2024 में निर्धारित की गई है, जिसमें Google को इस मामले में अपना पक्ष रखना होगा। यह घटना एक बार फिर से डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की जिम्मेदारी और कानूनी जवाबदेही पर सवाल उठाती है।
सुंदर पिचाई के खिलाफ एंटीट्रस्ट का भी मामला दर्ज़ है | एंटीट्रस्ट का मतलब होता है, जब कोई कंपनी अपने बाजार में इतना दबदबा बना लेती है कि दूसरी कंपनियों के लिए कॉम्पिटिशन करना मुश्किल हो जाता है। गूगल, जो पिचाई के नेतृत्व में है, उन पर आरोप है कि उसने अपनी प्रमुख सेवाओं जैसे सर्च इंजन और विज्ञापन नेटवर्क का उपयोग किया है ताकि अन्य कंपनियों को बाजार में अपनी जगह बनाने से रोका जा सके। गूगल के खिलाफ एंटीट्रस्ट केस कई देशों में चल रहे हैं, जिनमें यूएस, यूरोप, और भारत तक शामिल हैं। मुख्य आरोप ये हैं कि गूगल ने अपनी ताकत का इस्तेमाल करते हुए सर्च इंजन के मामले में असमान प्रतिस्पर्धा बनाई। मतलब, गूगल के सर्च रिजल्ट्स में ऐसे परिणाम आ रहे थे, जिनसे दूसरी कंपनियों के लिए अपने प्रोडक्ट्स को प्रमोट करना मुश्किल हो रहा था। यूएस में तो गूगल पर यह आरोप लगाया गया है कि उसने स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों के साथ सर्च इंजन को प्री-इंस्टॉल करवाने का सौदा किया। इसका मतलब ये था कि एंड्रॉयड फोन में पहले से गूगल का सर्च इंजन इंस्टॉल होगा, जिससे यूजर्स के पास दूसरी कंपनियों का ऑप्शन कम हो जाएगा। भारत में भी कुछ समय पहले गूगल पर आरोप लगे थे कि उसने ऐप्स के डिस्ट्रिब्यूशन और पेमेंट सिस्टिम्स पर अपना एकाधिकार बनाया है। गूगल ने अपने एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम और गूगल प्ले स्टोर का इस्तेमाल किया, जिससे अन्य डेवलपर्स को अपनी एप्लिकेशन्स के लिए ज्यादा मुआवजा देना पड़ता था। इन सब के चलते, कई सरकारें गूगल पर नकेल कसने की कोशिश कर रही हैं। गूगल ने इन आरोपों का विरोध किया है यह कहकर कि वह यूजर्स को बेहतर सर्विस दे रहा है और अपनी पॉलिसी में बदलाव करने के लिए तैयार है। लेकिन एंटीट्रस्ट के कानून के तहत, अगर यह साबित हो जाता है कि गूगल ने अपनी ताकत का गलत तरीके से इस्तेमाल किया, तो उसे भारी जुर्माना और अन्य सख्त कदमों का सामना करना पड़ सकता है।अब इस मामले में पिचाई को इसलिए घेरा गया है, क्योंकि वह गूगल के सीईओ हैं और इस कंपनी की रणनीतियों का जिम्मा उनके ऊपर ही है।