वियतनाम के माननीय प्रधानमंत्री श्री फाम मिन्ह चिन्ह, जो भारत की राजकीय यात्रा पर हैं, ने आज उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने भारत-वियतनाम द्विपक्षीय संबंधों के विविध पहलुओं पर विचार किया, जिसमें दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को मजबूत करने और लोगों से लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया। अपनी चर्चा के दौरान, उन्होंने आर्थिक साझेदारी को गहरा करने और व्यापार और निवेश के लिए नए रास्ते तलाशने के महत्व पर जोर दिया। नेताओं ने भारत और वियतनाम द्वारा साझा की गई समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर भी प्रकाश डाला, विभिन्न क्षेत्रों में सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सहयोग बढ़ाने के महत्व को रेखांकित किया।
आइये अब आगे आपको दोनों नेताओं के बीच मुलाकात की कुछ झलकियां दिखाते हैं, जिसमें भारत और वियतनाम के बीच लंबे समय से चली आ रही दोस्ती को आगे बढ़ाने के लिए आपसी सम्मान और प्रतिबद्धता के क्षण शामिल हैं।
जापान की प्रतिनिधि सभा यानि पार्लियामेंट के माननीय अध्यक्ष श्री नुकागा फुकुशिरो ने आज संसद भवन में माननीय उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति श्री जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। अपनी इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने भारत और जापान के बीच आर्थिक, प्रौद्योगिकी और रक्षा सहयोग बढ़ाने के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने दोनों देशों के बीच की शक्तियों का लाभ उठाते हुए, उन्नत व्यापार और निवेश के माध्यम से आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। चर्चा में पारस्परिक विकास और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और स्वच्छ ऊर्जा सहित अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी में सहयोग की संभावना पर भी प्रकाश डाला गया।
भारत-जापान IOR में मजबूत करेंगे रणनीतिक साझेदारी
रक्षा के क्षेत्र में, दोनों नेताओं ने हिन्द महासागर में स्थिरता और शांति सुनिश्चित करने के लिए रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने और दोनों देशों की सेना के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। बैठक में भारत और जापान के बीच साझा मूल्यों और समृद्ध भविष्य के दृष्टिकोण पर बने मजबूत और स्थायी संबंधों को रेखांकित किया गया।
आइये अब आपको दोनों नेताओं के बीच मुलाकात की कुछ झलकियां दिखाते हैं, जिसमें भारत और जापान के बीच लंबे समय से चली आ रही दोस्ती को आगे बढ़ाने के लिए आपसी सम्मान और प्रतिबद्धता के क्षण शामिल हैं।
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में लीडर ऑफ ओप्पोसिशन राहुल गांधी ने 29 जुलाई को संसद में अपने एक बयान में कमल के चिह्न को प्रदर्शित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की और दावा किया था कि 21 वीं सदी का नया चक्रव्यूह रचा गया है। उन्होंने आगे कहा, कुरुक्षेत्र में हजारों साल पहले छह लोगों ने अभिमन्यु को चंक्रव्यूह में फंसाकर मार डाला था। मैंने थोड़ा रिसर्च किया और पाया कि चक्रव्यूह को पद्मव्यूह नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है कमल का निर्माण।
बांहें फैलाकर किसके इंतजार में हैं राहुल गाँधी?
राहुल गांधी ने दावा किया कि 29 जुलाई को संसद में उनके चक्रव्यूह वाले बयान के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अब उन पर छापेमारी की योजना बना रही है। उन्होंने बताया कि वह बांहें फैलाकर ईडी का इंतजार कर रहे थे, जब ईडी के सूत्रों ने उन्हें बताया कि उन पर छापेमारी की योजना बनाई जा रही है। कांग्रेस सांसद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर इसकी जानकारी दी, राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर पोस्ट करते हुए कहा: (Tweet link- https://x.com/RahulGandhi/status/1819106372396765206)
राहुल ने किन छह लोगों को चक्रव्यूह का हिस्सा बताया?
राहुल गांधी ने कमल के चिह्न को प्रदर्शित करने के लिए पीएम मोदी की आलोचना की और दावा किया कि 21 वीं सदी का नया चक्रव्यूह रचा गया है। उन्होंने आगे कहा, "कुरुक्षेत्र में हजारों साल पहले छह लोगों ने अभिमन्यु को चंक्रव्यूह में फंसाकर मार डाला था। मैंने थोड़ा रिसर्च किया और पाया कि चक्रव्यूह को पद्मव्यूह से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है कमल का निर्माण। चक्रव्यूह कमल के आकार का होता है। 21वीं सदी में नया चकक्रव्यूह रचा गया है। प्रधानमंत्री इसका चिह्न अपने सीने पर पहनते हैं। जो अभिमन्यु के साथ किया गया, वही अब देश की जनता के साथ किया जा रहा है। अभिमन्यु को छह लोगों ने मारा था। आज छह लोग चक्रव्यूह के केंद्र में है। आज भी छह लोग भारत को चला रहे हैं- नरेंद्र मोदी, अमित शाह, अजीत डोभाल, मोहन भागवत, अंबानी और अदाणी।
भारत और श्रीलंका के बीच आज से शुरू होने वाली तीन मैच की वनडे सीरीज कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम में खेला जाएगा, मैच भारतीय समयानुसार दोपहर ढाई बजे से खेला जाएगा। इस सीरीज में कप्तान रोहित शर्मा और स्टार बल्लेबाज विराट कोहली पर भी निगाहें टिकी रहेेंगी, जो टी-20 विश्व कप में जीत के बाद पहली बार कोई मैच खेलने मैदान में उतरेंगे, क्योंकि 2027 में होने वाले वनडे विश्व कप के लिए टीम तैयार करने की जिम्मेदारी इन्ही दोनों खिलाडियों पर होगी। बता दें, दोनों खिलाड़ियों ने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व कप फाइनल के बाद कोई वनडे मैच नहीं खेला है और वह 50 ओवरों के मैच में शानदार वापसी करने के लिए बेताब होंगे।
राहुल या पंत में से कौन खेलेगा?
गौतम गंभीर की अगुवाई वाले भारतीय टीम प्रबंधन के पास श्रीलंका के खिलाफ आज से शुरू होने वाली तीन मैच की वनडे सीरीज में यह फैसला करने का मौका होगा कि केएल राहुल और ऋषभ पंत में से कौन वनडे क्रिकेट में भारत का विकेटकीपर बल्लेबाज होगा। हालांकि, भारतीय टीम के चयनकर्ता बाहर चल रही चर्चाओं पर ध्यान दिए बिना सही टीम कॉम्बिनेशन चुनने पर ध्यान केंद्रित करेगा क्योंकि आने वाले समय में चैंपियंस ट्राफी सहित कुछ महत्वपूर्ण वनडे प्रतियोगिताएं होनी हैं। टीम में जगह को लेकर राहुल बनाम ऋषभ का मसला निश्चित तौर पर चयनकर्ताओं के लिए प्राथमिकता में होगा। बता दें, पंत के चोट से उबरकर वापसी करने से पहले राहुल ने विकेटकीपर बल्लेबाज की भूमिका अच्छी तरह से निभाई थी। के एल राहुल ने विकेट के आगे और विकेट के पीछे अच्छा प्रदर्शन किया था। राहुल द्रविड़ के नेतृत्व वाले पिछले टीम प्रबंधन ने उन पर पूरा भरोसा दिखाया था। अब जबकि पंत की वापसी हो गई है तो यह देखना दिलचस्प होगा कि गंभीर बाएं हाथ के इस बल्लेबाज को प्राथमिकता देते हैं या पिछले टीम प्रबंधन की तरह राहुल पर ही विश्वास बनाए रखते हैं। अगर गंभीर और कप्तान रोहित इन दोनों बल्लेबाजों को प्लेइंग इलेवन में बनाए रखने का फैसला करते हैं तो तब उन्हें इस पर विचार करना होगा कि श्रेयस अय्यर को कैसे टीम में फिट किया जाए, जो 50 ओवरों की क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं।
सु्प्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आदेश में कहा कि उसने प्रश्न-पत्र लीक की चिंताओं के कारण विवादों से घिरी राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) 2024 परीक्षा को रद्द नहीं किया, क्योंकि इसकी शुचिता में कोई सिस्टेमेटिक चूक नहीं पाई गई है। प्रधान न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने बीते दिन 23 जुलाई को सुनाए गए आदेश के विस्तृत कारणों में कहा कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) को अपना ढुलमुल रवैया बंद करना चाहिए क्योंकि यह छात्रों के हित में नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नीट-यूजी 2024 के पेपर में कोई व्यवस्थागत उल्लंघन नहीं हुआ है। लीक सिर्फ पटना और हजारीबाग तक सीमित था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि केंद्र द्वारा गठित समिति परीक्षा प्रणाली की साइबर सुरक्षा में संभावित कमजोरियों की पहचान करने, जांच बढ़ाने की प्रक्रिया, परीक्षा केंद्रों की सीसीटीवी निगरानी के लिए तकनीकी प्रगति के लिए एसओपी तैयार करने पर भी विचार करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने उजागर की NTA की कमियाँ?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसने अपने फैसले में एनटीए की संरचनात्मक प्रक्रियाओं में सभी कमियों को उजागर किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम छात्रों की बेहतरी के लिए ऐसा नहीं होने दे सकते। इसलिए जो मुद्दे उठे हैं, उन्हें केंद्र को इसी साल ठीक करना चाहिए, ताकि ऐसा दोबारा न हो। बता दें पीठ ने कई निर्देश जारी किए तथा एनटीए के कामकाज की समीक्षा करने और परीक्षा सुधारों की सिफारिश करने के लिए इसरो के पूर्व प्रमुख के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में केंद्र द्वारा नियुक्त समिति के दायरे का विस्तार किया। इसमें कहा गया है कि चूंकि समिति का दायरा बढ़ा दिया गया है, इसलिए समिति परीक्षा प्रणाली में कमियों को दूर करने के लिए विभिन्न उपायों पर अपनी रिपोर्ट 30 सितंबर तक प्रस्तुत करे। राधाकृष्णन समिति को परीक्षा प्रणाली को मजबूत करने के मद्देनजर उन्नत प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करने पर विचार करना चाहिए।
नीट पेपर लीक में क्या था हंगामे का कारण?
मेडिकल में प्रवेश के लिए कराई जाने वाली नीट परीक्षा में हुए कथित पेपर लीक को लेकर बीते दिनों देश में काफी हंगामा हुआ था और बड़ी संख्या में लोगों ने फिर से नीट की प्रवेश परीक्षा कराने की मांग की थी। विपक्ष भी इस मुद्दे पर सरकार पर हमलावर था और फिर से नीट परीक्षा कराने की मांग कर रहा था। मामला सुप्रीम कोर्ट गया और सुप्रीम कोर्ट ने माना कि परीक्षा के दौरान व्यवस्थागत खामियां नहीं हुईं और फिर से परीक्षा कराने से इनकार कर दिया। बता दें, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 23 जुलाई को विवादों से घिरे NEET-UG 2024 को रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था। तब कोर्ट ने कहा था कि रिकॉर्ड में ऐसा कोई डेटा नहीं है, जो प्रश्नपत्र के व्यवस्थित रूप से लीक होने और अन्य गड़बड़ियों का संकेत दे।
भारतीय निशानेबाज स्वप्निल कुसाले ने गुरुवार को पेरिस ओलंपिक में पुरुषों की 50 मीटर 3-पोजिशन स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। वह भारत के लिए इस स्पर्धा में पदक जीतने वाले पहले एथलीट हैं। भारतीय निशानेबाज स्वप्निल कुसाले को पेरिस ओलंपिक 2024 में कांस्य पदक जीतने पर सेंट्रल रेलवे के खेल प्रकोष्ठ में विशेष कार्य अधिकारी के पद पर पदोन्नत किया गया है। इससे पहले वह टिकट कलेक्टर के पद पर कार्यरत थे। (Railway letter Image लगाना है फुल स्क्रीन पर)
मुख्यमंत्री ने स्वप्निल के लिए एक करोड़ रुपये का किया एलान
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले निशानेबाज स्वप्निल कुसाले के लिए एक करोड़ रुपये के पुरस्कार की घोषणा की। शिंदे ने कहा, "महाराष्ट्र सरकार कुसाले के लिए एक करोड़ रुपये के पुरस्कार की घोषणा कर रही है। ओलंपिक से लौटने पर उनको सम्मानित किया जाएगा।"
पदक विजेता स्वप्निल को उपराष्ट्रपति ने दी बधाई
माननीय उपराष्ट्रपति ने पेरिस ओलंपिक 2024 में कांस्य पदक जीतने पर स्वप्निल कुसाले को बधाई दी। उन्होंने लिखा #ParisOlympics2024 में पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में कांस्य पदक जीतने के लिए स्वप्निल कुसाले को हार्दिक बधाई! श्री जगदीप धनखड़ ने कहा, आपके सच्चे समर्पण और दृढ़ता ने पूरे राष्ट्र को वैश्विक मंच पर गौरवान्वित किया है। आपके भविष्य के प्रयासों में निरंतर सफलता की कामना करता हूँ! #ओलंपिक2024 @ओलंपिक @कुसालेस्वपनिल