केंद्र सरकार वक्फ संशोधन विधेयक को किसी भी हाल में कानून बनाने पर अड़ी है, तो वहीं विपक्ष इसे "अल्पसंख्यकों के खिलाफ साजिश" करार दे रहा है। सत्ता और विरोध के इस घमासान में संसद का मैदान जंग का नया अखाड़ा बन गया है। आज लोकसभा में इस बिल पर 8 घंटे तक गरमागरम बहस होगी, और गुरुवार को राज्यसभा में भी इतनी ही लंबी जंग की तैयारी है। कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी काले कपड़े पहनकर संसद पहुंचे, जैसे यह जताने कि यह विधेयक लोकतंत्र की मौत का ऐलान है। उधर, सत्ता पक्ष ने भी मोर्चा संभाल लिया है – TDP, JDU, शिवसेना और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) जैसी एनडीए की सहयोगी पार्टियों ने सरकार के समर्थन में व्हिप जारी कर दिया है। सरकार इसे "पारदर्शिता और प्रशासनिक सुधार" का कदम बता रही है, जबकि विपक्ष इसे "वक्फ संपत्तियों की लूट का लाइसेंस" करार दे रहा है। हकीकत क्या है? यही तो असली सवाल है! वहीँ मुस्लिम महिलाओं का एक गुट वक्फ संशोधन विधेयक के समर्थन में उतर आया। "थैंक यू मोदी जी!" के नारे गूंजने लगे। एक महिला ने कहा "मोदी जी ने जो किया, वो देश के लिए किया। हिंदू-मुसलमान सबके लिए किया। अब वक्फ की करोड़ों की ज़मीन उन बड़े पेट वालों के कब्जे से बाहर आएगी!" लेकिन वहीं, विपक्ष का कहना है कि "ये सरकार की फूट डालो और राज करो नीति का हिस्सा है।" संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने इस बिल में कई अहम बदलाव किए हैं, जिनकी एक्सक्लूसिव जानकारी कुछ मीडिया चैनलों के पास है। सूत्रों की मानें तो ये बदलाव बिल को और भी सख्त और विवादास्पद बना सकते हैं। सवाल बड़ा है क्या यह बिल सिर्फ एक प्रशासनिक सुधार है या फिर सत्ता के शतरंज की एक नई चाल? देश देख रहा है। संसद गरम है। हर किसी की नजर इसी पर टिकी है कौन बचेगा, कौन जलेगा।
संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान अखिलेश यादव ने जब भाजपा सरकार पर तंज कसा, तो माहौल गरमा गया। महाकुंभ से लेकर ईद तक, सपा प्रमुख ने सरकार की हर नीति पर सवाल उठाया। उनके तीखे तीरों ने सत्ता पक्ष को तिलमिला दिया, और गृह मंत्री अमित शाह ने भी करारा पलटवार किया। अखिलेश बोले बिना तैयारी बुलाए 100 करोड़, लापता हुए हजारों हिंदू सिरमौर! "महाकुंभ पहली बार नहीं हो रहा था, पर भाजपा ने ऐसा प्रचार किया मानो 144 साल बाद यह चमत्कार हुआ हो। लेकिन कोई बताए, उन 1000 लापता श्रद्धालुओं का क्या हुआ? सरकार इनका जवाब दे!" उन्होंने कहा, "भाजपा को कुंभ को आस्था का पर्व बनाए रखना था, इसे प्रचार का प्लेटफॉर्म क्यों बना दिया? श्रद्धालुओं की मौतों पर पर्दा डालना बंद करें और आंकड़े जनता के सामने रखें।" अखिलेश बोले मुसलमानों में फूट डालने की साजिश रचते, चुनाव में जनता के वोट को लूटते! "मिल्कीपुर में किसी को वोट डालने नहीं दिया गया। भाजपा के लोग समाज को तोड़ने में लगे हैं। ईद के मौके पर सभी धर्मों के लोग एक-दूसरे से मिलते हैं, लेकिन इस बार सरकार ने इसमें भी रोक लगा दी।" अखिलेश बोले दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी का हाल, अभी तक अध्यक्ष का नहीं हुआ कमाल! "भाजपा अपने ही अंदर लड़ रही है कि कौन बड़ा हिंदू है। इतनी बड़ी पार्टी होने का दावा, मगर अभी तक राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बना पाई!" अमित शाह ने पलटवार किया "हम 12-13 करोड़ सदस्यों में से लोकतांत्रिक प्रक्रिया से अध्यक्ष चुनते हैं, किसी परिवारवाद से नहीं! अखिलेश जी, आपको कोई टेंशन नहीं लेनी चाहिए, आप तो 25 साल तक अध्यक्ष बने रहेंगे!"
अखिलेश बोले रेलवे की जमीनें बिक रही, डिफेंस के प्लॉट नीलाम हो रहे, पर सरकार की आंखें मूंदे सो रहे! "जब भी भाजपा अपनी नाकामी छिपाना चाहती है, तब कोई नया बिल ले आती है। महाकुंभ में हुई मौतों से ध्यान हटाने के लिए भाजपा वक्फ विधेयक ले आई है।" गौरव गोगोई बोले अल्पसंख्यकों को चाहिए प्रमाणपत्र, यह कैसी सरकार का मंत्र? "क्या यह बिल अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने बनाया है, या किसी और ने? क्या अब सरकार अल्पसंख्यकों से उनके धर्म का प्रमाणपत्र मांगेगी? क्या यह लोकतंत्र की नई परिभाषा है?" अखिलेश बोले नया बिल, नया बहाना, नाकामी छिपाने का पुराना तराना! "भाजपा अपनी असफलताओं को छुपाने के लिए नए-नए बिल लाती है। महाकुंभ में श्रद्धालुओं की मौतों की बात दबाने के लिए ही यह विधेयक लाया गया है। लेकिन जनता अब सब समझ चुकी है।" संसद में वक्फ विधेयक पर तीखी बहस छिड़ गई। अखिलेश यादव ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया, तो अमित शाह ने भी जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। विपक्ष इसे अल्पसंख्यकों के खिलाफ साजिश बता रहा है, जबकि भाजपा इसे पारदर्शिता का नाम दे रही है।