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Breaking News 1November 2024

1.) दिवाली गूंज उठी धुए से, राजधानी में AQI 400 पार 

देशभर ने मनाई धूमधाम से दिवाली, हवा हुई जहरीली 

देशभर में हर्षोल्लास के साथ दिवाली मनाई गई। कही सिर्फ धुआं दिखा तो कही सिर्फ आतिशबाजी, किसी ने दीपक जलाए तो किसी ने रॉकेट। कल रात  दिल्ली की AQI 400 पार हो गई थी, हालाकि आज सुबह राजधानी की AQI (Air quality index) 391 दर्ज़ की गयी | चौकाने वाली बात तो ये है की 31 अक्टूबर की शाम को AQI 186 रिकॉर्ड किया गया , यानि पिछले 15 घंटो में Air Quality काफी बत्तर हो गयी, आम दिन के मुकाबले हवा काफी धुआंदार ही रही , पटाखे बैन होने के बावजूद राजधानी में जमकर आतिशबाजी हुई। Delhi Pollution Control Committee (DPCC) ने पटाखों पर सख्ती दिखाकर 1 जनवरी तक आतिशबाज़ी पर बैन लगाया था, एवं पटाखों को बेचना भी निषेध था इसके बाद भी रात भर राजधानी पटाखों के गूंज से भरी रही | हालांकि पंजाब सरकार ने 15 दिन पहले ही ग्रीन पटाखें ही जलने का आदेश दिया है क्यूंकि ग्रीन पटाखें में से एल्यूमीनियम, बेरियम, पोटेशियम नाइट्रेट और कार्बन जैसे प्रदुषण वाले चीज़ो को क्रैकर्स में से निकाल दिया जाता है जिससे ये प्रदुषण नहीं फैलातें है |  

क्या अब ग्रैप 3 लागू होगा 

22 अक्टूबर को राजधानी में  ग्रैप 2 का नियम लागू हुआ था | चुकी अब हालात बत्तर हो चुके है तो क्या दिल्ली सरकार ग्रेप का अगला नियम लागु करेगी , हालांकि इसपर अभी ऑफिसियल स्टेटमेंट नहीं आया है पर GRAP का नियम आमतौर पर अक्टूबर के महीने से लागू होता है और फरवरी तक चलता है। दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में सर्दियों के दौरान हवा ठंडी होने के कारण प्रदूषक कण हवा में अधिक समय तक बने रहते हैं, जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। इस अवधि में GRAP के नियमों को लागू  किया जाता है ताकि प्रदूषण पर नियंत्रण किया जा सके और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित हो। चुकी जब AQI 391 है तो  तब निर्माण कार्यों में कुछ प्रतिबंध लगाए गए है , कूड़ा जलाने पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है ,इसके अलावा डीजल जेनेरेटर पर रोक लगाई गयी है |हालांकि दिवाली ही एक ऐसा त्योहार है जिसमें आपसी मतभेद को भूलकर हम सब एक साथ इस त्योहार को मनाते है। फिलहाल हवा की शुद्धता होने में टाइम लगेगा |

 

2.) प्रधानमंत्री मोदी के आर्थिक सलाहकार का निधन 

जाने माने Economist बिबेक देबरॉय की 69 साल की उम्र में निधन

दिग्गज अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री की Economic Advisory Council  के चेयरमैन बिबेक देबरॉय का आज सुबह यानि 1 नवंबर को निधन हो गया।  सितंबर 2017 में देबरॉय को पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC) का चेयरमैन नियुक्त किया गया था | इसके अलावा 2018 से  2022 के अंतराल में  बिबेक देबरॉय ने Indian Statistical Institute के प्रेसिडेंट के रूप में भी काम किया था | वे 69 वर्ष के थे और हाल ही में उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। देबरॉय का भारतीय आर्थिक नीति में महत्वपूर्ण योगदान रहा है, और उन्हें 2015 में पद्म श्री, जिसे भारत का सबसे सम्मानित पुरस्कार कहा जाता है उससे नवाज़ा गया था इसके अलावा, वे भारतीय रेलवे के सुधार और कानूनी सुधारों पर भी कार्यरत रहे थे।देबरॉय काफी तार्किक थे,इन्होने प्राचीन भारतीय ग्रंथों के अध्ययन में भी गहरी रुचि दिखाकर महाभारत का अंग्रेजी अनुवाद किया था इसके अलावा इन्होने  संस्कृत के कई ग्रंथों पर भी काम किया था | प्रधानमंत्री मोदी ने इसपर अपनी दुःख जताई है और ट्वीट करके कहा की वे एक महान विद्वान थे और Acadmic Discourse  के प्रति उनकी रूचि काफी जूनून से भरी थी |   

कौन थे बिबेक देबरॉय

डॉ. बीबेक देबरॉय भारत के सबसे लोकप्रिय Economist  में से एक थे, जिनका Economic Policy Making और विद्वता के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान रहा है। उनका जन्म 25 जनवरी 1955 को हुआ था, और उन्होंने अपनी शिक्षा रामकृष्ण मिशन स्कूल, नरेंद्रपुर से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने कोलकाता के प्रेसिडेंसी कॉलेज और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से उच्च शिक्षा पूरी की। उन्हें ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज(England) से भी स्कॉलरशिप प्राप्त हुई, जहाँ उन्होंने अर्थशास्त्र में गहरे शोध किए। बीबेक देबरॉय ने अपने करियर की शुरुआत Teaching से की और इसके बाद वे विभिन्न शैक्षिक और अनुसंधान संस्थानों जैसे कि  Presidency University (kolkata) और Gokhale Institute of Politics and Economics, Pune में Teacher  के रूप में काम किये । उन्होंने कई अन्य सरकारी पदों पर भी कार्य किया, जिनमें भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (IIFT), दिल्ली और NITI Aayog में सदस्यता शामिल है। वे 2015 से 2019 तक नीति आयोग के सदस्य रहे और 2017 में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बनाए गए।

 

3.) अजय देवगन से आगे निकलें कार्तिक आर्यन 

भूल भुलैया 3 और सिंघम अगेन हुई बैन, भारत में दोनों में कौन आगे  

आज A List एक्टर्स की दो सबसे बड़ी मूवी रिलीज़ हुई है , और दोनों ही मल्टीस्टारर फिल्में  है | दोनों ही फिल्मो के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन रात तक आएंगे | रिलीज़ के पहले एडवांस बुकिंग से भूल भुलैया 3 ने सिंघम अगेन को पछाड़ तो दिया था पर स्पॉट बुकिंग में सिंघम अगेन अब आगे है | सिंघम अगेन मूवी को देश भर में  3500 स्क्रीन्स पर रिलीज़ किया गया है  वही भूल भुलैया 3 को 3000 स्क्रीन्स पर | Sacnilk के मुताबिक भूल भुलैया 3 ने 17 करोड़ रूपए की बम्पर एडवांस बुकिंग की है इस फिल्म ने करीब 5 लाख 50 हजार की टिकटों की प्री सेल्स की टिकट बेचीं है, वही सिंघम अगेन ने 15 करोड़ की एडवांस बुकिंग की है |  भूल भुलैया 3 का रन टाइम 2 घंटे 38 मिनट है वही सिंघम अगेन का रन टाइम 2 घंटे 24 मिनट है | सूत्रों के मुताबिक इस वीकेंड दोनों फिल्में मिलकर 200 करोड़ का बिज़नेस कर सकती है | 

बाहरी देशो में दोनों फिल्में हुई बैन 

"सिंघम अगेन" रोहित शेट्टी की निर्देशित एक  एक्शन फिल्म है, जिसमें अजय देवगन मुख्य भूमिका में हैं। इस फिल्म को कई देशों में बैन किया गया है वही सिंगापूर में ये मूवी एक हफ्ते पोस्टपोन होकर 7 नवंबर को रिलीज़ होगी |  इसका कारण फिल्म के स्टोरी में शामिल कुछ ऐसे मुद्दे हैं जो देशों के बीच , रणनीति-संबंधी और धार्मिक संबंधों को प्रभावित कर सकते हैं। रोहित शेट्टी की पिछली फिल्मों में भी पाकिस्तानी आतंकवाद से संबंधित प्लॉट रहे हैं, जिससे कुछ देशों में उनकी फिल्मों को रिलीज नहीं किया गया था। "सिंघम अगेन" में भारतीय सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी मुद्दों पर आधारित है, इसी वजह से कई देश इस फिल्म को रिलीज़ नहीं होने दे रहे है | 

भूल भुलैया 3, जो कि लोकप्रिय हॉरर-कॉमेडी फ्रैंचाइजी है, जिसे अक्षय कुमार के बाद इस मूवी की बागडोर कार्तिक आर्यन को दी गयी है | ये मूवी अपने विवादास्पद मुद्दों के कारण बैन होने वाला है, इस फिल्म की कहानी में तंत्र-मंत्र और भूत-प्रेत जैसी अवधारणाओं को शामिल किया गया है, जो कई देशों, विशेष रूप से मिडिल ईस्ट और खाड़ी देशों में नापसंद की जाती है, इन देशों में धार्मिक कारणों से ऐसी कहानियों को सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों के खिलाफ माना जाता है।
इसके अलावा, फिल्म की रिलीज में किसी प्रकार का विवाद सामने आने की संभावना है, क्योंकि कई बार ऐसे मुद्दों पर सेंसरशिप का कठोर कानून होता है।

 

4.) दिवाली में खुलेगा बाजार, पर सिर्फ एक घंटे 

दिवाली पर आज ओपन होगा शेयर बाजार, एक घंटे के लिए होगी "मुहूर्त ट्रेडिंग" 

दिवाली पर हर साल भारतीय शेयर बाजार में विशेष "मुहूर्त ट्रेडिंग" का आयोजन होता है, जिसे शुभ माना जाता है। ये ट्रेडिंग सत्र दीवाली के दिन लक्ष्मी पूजन के समय आयोजित किया जाता है, आज यानि 1 नवंबर को 6 -7 बजे तक शेयर बाजार में निवेश और ट्रेड लेने की प्रक्रिया चालू रहेगी | लोगआज प्रमुख स्टॉक्स में निवेश करेंगे। ब्लू-चिप स्टॉक्स, जिनकी मार्केट में स्थिरता और सुरक्षा अधिक होती है, आम तौर पर निवेशकों के बीच लोकप्रिय रहती है | मुहूर्त ट्रेडिंग को कई निवेशक नए इन्वेस्टमेंट की शुरुआत के रूप में मानते हैं। इस समय नए ट्रेडिंग पोर्टफोलियो शुरू करना शुभ माना जाता है, जिससे लोग अपनी नई निवेश रणनीतियाँ तैयार करेंगे।कुछ ब्रोकरेज फर्म्स जैसे GROWW,Angleone ,Zerodha  अपने ग्राहकों को इस दिन विशेष योजनाएं और ऑफर्स देती हैं ताकि वे अधिक इन्वेस्टमेंट करे | 

 "मुहूर्त ट्रेडिंग" के जोखिम और नुकसान 


मुहूर्त ट्रेडिंग के कुछ नुकसान और जोखिम भी हैं, जिन्हें निवेशकों को ध्यान में रखना चाहिए:
1. Emotional एवं जल्दीबाज़ी के फैसले : मुहूर्त ट्रेडिंग को शुभ मानने की परंपरा के कारण कई निवेशक बिना पूरी रिसर्च किए भावनात्मक रूप से निवेश कर सकते हैं। यह लाभ के बजाय Longterm  नुकसान की ओर ले जा सकता है।
2. short-term fluctuations: मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान बाजार में असामान्य रूप से हलचल हो सकती है। इस दिन ट्रेडिंग का समय सीमित होता है, जिससे स्टॉक्स में अस्थिरता (Volatility) बढ़ सकती है और छोटे समय के निवेशकों को जोखिम हो सकता है।
3. कम ट्रेडिंग वॉल्यूम: मुहूर्त ट्रेडिंग का सत्र केवल एक घंटे का होता है और यह छुट्टी के दिन आयोजित होता है। इसलिए ट्रेडिंग वॉल्यूम अन्य सामान्य दिनों की अपेक्षा कम होता है, जिससे कीमतों में अस्थिरता बढ़ सकती है और शेयर का उचित मूल्य निर्धारित करने में कठिनाई हो सकती है।
4. अतिउत्साह और Over buying : निवेशकों का एक बड़ा हिस्सा इस दौरान नए स्टॉक्स में निवेश करने के लिए उत्सुक रहता है, जिससे स्टॉक्स की कीमतें बढ़ जाती हैं। यह अतिउत्साह स्थिरता के लिए जोखिम भरा हो सकता है, क्योंकि इसके बाद कीमतें गिर भी सकती हैं।
5. Lack of Long Term Strategy: मुहूर्त ट्रेडिंग में कई बार निवेशक केवल शुभ अवसर के कारण बिना योजना के निवेश कर देते हैं। यह निवेश निर्णय में स्थिरता और सोच की कमी का कारण बन सकता है।मुहूर्त ट्रेडिंग में लाभ प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि निवेशक भावनाओं से परे, अच्छी तरह से रिसर्च और रणनीति बनाकर निवेश करें।