दशहरा का नाम आते ही आंखों के सामने एक ही तस्वीर उभरती है आग की लपटों में जलता हुआ रावण का पुतला, आतिशबाज़ी से गूँजता मैदान और “बुराई पर अच्छाई की जीत” का सामूहिक उद्घोष। लेकिन इस बार इंदौर ने इस परंपरा को बिल्कुल नया मोड़ देने का मन बना लिया है। 2 अक्टूबर की शाम जब देशभर में रावण दहन हो रहा होगा, तब इंदौर के महालक्ष्मी नगर मेला ग्राउंड पर रावण की जगह “शूर्पणखा दहन” होगा।
ये आयोजन कर रही है संस्था ‘पौरुष’ जो खुद को उन पुरुषों की आवाज़ बताती है, जिन्हें परिवार या रिश्तों में महिलाओं द्वारा किए गए अपराध और झूठे आरोपों का शिकार होना पड़ता है। संस्था का कहना है कि बुराई का कोई जेंडर नहीं होता, और अगर दशहरा बुराई के नाश का प्रतीक है तो महिलाओं द्वारा किए गए संगीन अपराधों को भी उजागर किया जाना चाहिए।
आम तौर पर दशहरे में रावण के दस सिर दिखाए जाते हैं। लेकिन इंदौर में इस बार पुतले के 11 चेहरे होंगे, और ये चेहरे किसी काल्पनिक खलनायक के नहीं बल्कि उन 11 महिलाओं के हैं जिन पर गंभीर अपराधों के आरोप हैं। सोनम रघुवंशी (इंदौर) “राजा रघुवंशी हनीमून मर्डर केस” की आरोपी। मुस्कान (मेरठ) , पति की हत्या कर शव को ड्रम में छुपाने का मामला। निकिता सिंघानिया (जौनपुर) पति की हत्या का आरोप। सुष्मिता (दिल्ली) बच्चों की हत्या का आरोप।गुड़िया उर्फ़ चमन (मुंबई) साइबर ठगी और धोखाधड़ी के केस। हर्षा (राजस्थान) हत्या के मामले में आरोपित। सूचना सेठ (बेंगलुरु), रविता (मेरठ), शशि (फिरोज़ाबाद), हंसा (देवास) और प्रियंका (औरैया) ये नाम भी पुतले में शामिल किए गए हैं। पौरुष का दावा है कि इन मामलों ने साफ़ कर दिया है कि अपराध सिर्फ़ पुरुषों तक सीमित नहीं है। समय और स्थान होगा तारीख: 2 अक्टूबर 2025 (विजयदशमी), समय: शाम 6:30 बजे स्थान: महालक्ष्मी नगर मेला ग्राउंड, बॉम्बे हॉस्पिटल के पास, इंदौर । पुतलों की शोभायात्रा निकाली जाएगी और फिर विधिवत दहन किया जाएगा। संस्था का कहना है कि दशहरा समाज को यह याद दिलाने का समय है कि बुराई चाहे पुरुष करे या महिला, उसका अंत होना चाहिए। आयोजकों के मुताबिक, जब भी किसी महिला का नाम अपराध में आता है, समाज चुप्पी साध लेता है या उसे “इक्सेप्शन” कहकर छोड़ देता है। ‘शूर्पणखा दहन’ इसी चुप्पी को तोड़ने की कोशिश है। उनका तर्क है कि “अगर रावण का पुतला जलाना प्रतीकात्मक रूप से बुराई का अंत है, तो महिला अपराधियों के नाम पर पुतला जलाना भी समाज को बराबरी से सच दिखाने का तरीका है।” आज़ादी के आंदोलन के दौरान बंगाल और पंजाब के कई इलाक़ों में अंग्रेज़ अधिकारियों के पुतले जलाए जाते थे। हाल के वर्षों में दिल्ली और लखनऊ में “भ्रष्टाचार रावण” जलाया गया था, जिसमें नेताओं की तस्वीरें लगाई गईं। इंदौर और भोपाल में पहले भी “महँगाई रावण” खड़ा किया गया है, जिसमें प्याज-टमाटर से लेकर पेट्रोल-डीजल की कीमतें तक लिखी गईं।
अब इंदौर का यह “शूर्पणखा दहन” उसी परंपरा का नया रूप है। फर्क बस इतना है कि इस बार निशाने पर न महँगाई है, न राजनीति, बल्कि उन महिलाओं के नाम हैं जिन पर संगीन अपराधों के आरोप हैं। यानी दशहरे के मंच से पहली बार समाज को यह मैसेज देने की कोशिश हो रही है कि अपराध सिर्फ़ पुरुषों तक सीमित नहीं, और अपराधी का चेहरा चाहे जैसा हो, उसका पर्दाफाश होना चाहिए। ऐसे ही लेटेस्ट खबरों के लिए सब्सक्राइब करे ग्रेट पोस्ट न्यूज़।
उत्तर प्रदेश के गाँवों-कस्बों में इन दिनों आसमान सबसे बड़ा डर बन गया है। लोग रातभर छतों पर टकटकी लगाए बैठे रहते हैं। कहीं भनभनाहट सुनाई देती है, कहीं आसमान में टिमटिमाती रोशनी दिखती है। और बस फिर क्या गाँव भर में अफवाह उड़ जाती है कि “ड्रोन आया है, चोरी की रेकी हो रही है।” बुंदेलखंड से लेकर पश्चिमी यूपी तक, 14 जिलों में यही हाल है।
कौन-कौन से जिले दहशत में हैं?
ड्रोन की दहशत की फेहरिस्त लंबी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पश्चिमी यूपी में गाज़ियाबाद (कुम्हेरा), मेरठ, हापुड़, मुज़फ्फरनगर, शामली/कैरेना, अमरोहा, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल। मध्य और पूर्वी यूपी में बरेली, बस्ती, गोंडा, बलरामपुर।
बुंदेलखंड: कई गाँव जहाँ लोग चौकसी कर रहे हैं। यानी डर का नक्शा लगभग आधे यूपी पर फैल चुका है। कई रातों में आसमान में दिखी चमकती चीज़ों के वीडियो वायरल हुए। किसी ने लिखा “ड्रोन आया”, किसी ने बोला “विदेशी ताकतें रेकी कर रही हैं।” लोग लाठी-डंडों के साथ रातभर पहरा दे रहे हैं। कहीं संदिग्ध दिखे लोगों को गाँव वालों ने पकड़कर पीटा। कुछ घटनाओं में चोरी भी हुई, लेकिन पुलिस के मुताबिक उसका ड्रोन से सीधा कनेक्शन साबित नहीं हुआ।
पुलिस ने हर शिकायत को गंभीरता से लिया, लेकिन अब तक किसी संगठित ड्रोन-गिरोह का सबूत नहीं मिला। कई वायरल वीडियो की जांच में निकला कि वो खिलौना ड्रोन, पतंग या बस झूठी रोशनी थी। कई जगह पुलिस को मौके पर कुछ नहीं मिला।अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई शुरू हुई कुछ इन्फ्लुएंसर्स तक को नोटिस मिले। सरकार ने साफ चेतावनी दी अगर किसी ने माहौल बिगाड़ा, तो NSA और गैंगस्टर एक्ट तक लगाया जा सकता है। असलियत ये है कि अब तक जितने भी मामले सामने आए, उनमें ड्रोन से चोरी या रेकी का कोई ठोस सबूत नहीं मिला। लेकिन डर इतना हावी है कि गाँव वाले कहते हैं, “सबूत की हमें क्या ज़रूरत, हमने अपनी आँखों से देखा है।” यही अफवाहें माहौल को और खतरनाक बना रही हैं। तो मामला क्या है? 14 जिलों में हड़कंप, गाँवों में रातभर पहरा। सोशल मीडिया वीडियो वायरल, पर ज्यादातर गलत या भ्रामक निकले। ड्रोन आया था या नहीं? अगर आया, तो किसने भेजा? फिलहाल यूपी में हालात ऐसे हैं कि लोग आसमान में चमकते हर सितारे को भी शक की नज़र से देख रहे हैं। असली दुश्मन कौन है ड्रोन, या हमारी अपनी अफवाहें? यही सवाल सबसे बड़ा रहस्य है। ऐसे ही लेटेस्ट खबरों के लिए सब्सक्राइब करें ग्रेट पोस्ट न्यूज़।