आईएनए दिल्ली हाट में विशेष खादी प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि, केंद्रीय एमएसएमई मंत्री श्री जीतन राम मांझी और केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने किया। यह प्रदर्शनी 31 अक्टूबर तक चलेगी, यह प्रदर्शनी त्योहारी सीजन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'वोकल फॉर लोकल' और 'आत्मनिर्भर भारत' पहल को बढ़ावा देने के लिए आयोजित की गई है। इस प्रदर्शनी में दिल्ली, राजस्थान, बिहार, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, मध्य प्रदेश, बंगाल, हरियाणा और जम्मू सहित विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाली 55 खादी संस्थाओं और 102 ग्रामोद्योग इकाइयों के 157 स्टॉल शामिल हैं। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य खादी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और देशभर के कारीगरों द्वारा बनाई गई खादी वस्त्रों को प्रदर्शित करना है। इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार की खादी उत्पादों जैसे कपड़े, एक्सेसरीज और हस्तशिल्प की प्रदर्शनी लगाई गई है।
इस विशेष प्रदर्शनी में विभिन्न प्रकार की खादी वस्त्रों का प्रदर्शन किया गया, जिसमें कपड़े, शॉल, दुपट्टे, और कई प्रकार की हैंडीक्राफ्ट शामिल हैं। प्रदर्शनी में 30 से अधिक कारीगरों ने भाग लिया, जिन्होंने अपनी कलाओं को प्रदर्शित किया। खादी के कपड़ों की रंगीनता, विविधता और डिज़ाइन ने दर्शकों को आकर्षित किया। इस प्रदर्शनी में खादी के पारंपरिक और आधुनिक डिज़ाइनों का संयोजन देखने को मिला। इसके साथ ही, प्रदर्शनी में खादी के उत्पादों के लाभों के बारे में जानकारी देने के लिए विभिन्न स्टॉल्स भी लगाए गए थे। बता दें, दर्शकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए प्रदर्शनी में भारत की समृद्ध पारम्परिक कला एवं कारीगरी को दर्शाने वाले सजीव प्रदर्शन और मनमोहक सांस्कृतिक प्रोग्राम भी पेश किए जाएंगे। यह सिर्फ एक प्रदर्शनी नहीं बल्कि ऐसा मंच है जो ग्रामीण कलाकारों को अपनी कारीगरी को प्रदर्शित करने के साथ ही उनके आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देकर भारत की स्वदेशी कारीगरी को संरक्षित बनाए रखने में योगदान देता है।
उद्घाटन समारोह में मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि केंद्रीय एमएसएमई मंत्री श्री जीतन राम मांझी ने सभी नागरिकों से खादी और स्थानीय उत्पादों की अधिक से अधिक खरीददारी करने की अपील की। मीडिया से बात करते हुए KVIC यानि खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा, महात्मा गांधी के दूरदर्शी दृष्टिकोण का अनुसरण करते हुए और "नए भारत के लिए नई खादी" के समर्थक प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्र ने पिछले वित्तीय वर्ष में 1.55 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार किया, जिसका सीधा लाभ देशभर के खादी कारीगरों को मिला और हाल ही में गांधी जयंती, 2 अक्टूबर को चरखा चलाने वालों के वेतन में 25% और करघे पर काम करने वाले बुनकरों के वेतन में 7% की वृद्धि की गई, जो इसका प्रमाण है। मनोज कुमार ने आगे कहा कि बीते दिनों प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने लोकप्रिय कार्यक्रम ‘मन की बात’ के माध्यम से देशवासियों से ‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों की खरीदारी करने का आह्वान किया था, उनकी इस अपील के तुरंत बाद गाँधी जयन्ती के अवसर पर नई दिल्ली स्थित 'खादी ग्रामोद्योग भवन' में एक दिन में 2 करोड़ 1 लाख 37 हजार रूपये के खादी उत्पादों की खरीदारी कर दिल्लीवासियों ने नया रिकॉर्ड बनाया है। यह उपलब्धि ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘मेक इन इंडिया’ के प्रति लोगों की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (HMIL) ने अपनी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) को लॉन्च कर दिया है। यह देश का सबसे बड़ा IPO है, जिसने LIC की 21,000 करोड़ रुपये की आरंभिक शेयर बिक्री को पीछे छोड़ दिया है। NSE यानि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, 27,870 करोड़ रुपये की आरंभिक शेयर बिक्री में 9,97,69,810 शेयरों की पेशकश के मुकाबले 23,63,26,937 शेयरों के लिए बोलियां हासिल हुई। HMIL ने सोमवार को एंकर निवेशकों से 8,315 करोड़ रुपये जुटाए, तो वहीं गुरुवार को आखिरी दिन कंपनी को 2.37 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। आपको बता दें, हुंडई मोटर इंडिया की IPO सदस्यता इस सप्ताह मंगलवार, 15 अक्टूबर से गुरुवार, 17 अक्टूबर तक बोली लगाने के लिए खुला रहा। जापानी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी की 2003 में लिस्टिंग के बाद, दो दशकों से अधिक समय में किसी ऑटोमेकर द्वारा यह पहली आरंभिक शेयर बिक्री है।
हुंडई मोटर कंपनी का मूल कंपनी दक्षिण कोरिया है, हालाकि IPO का मुख्य फोकस भारतीय बाजार पर है, यदि भारतीय ऑपरेशन सफल होते हैं, तो यह दक्षिण कोरिया की मूल कंपनी के लिए मुनाफा और स्थिरता का स्रोत बन सकता है, जिस वजह से दक्षिण कोरिया के निवेशक ज्यादा मालामाल होंगे। हालाकि, दावा तो ये किया जा रहा है की IPO से जुटाई गई राशि का मुख्य उपयोग भारत में इनोवेशन और टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने में किया जाएगा, जैसे कि उत्पादन क्षमता बढ़ाना, नए उत्पादों का विकास (विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए) और वितरण नेटवर्क को मजबूत करना होगा।
आरंभिक सार्वजनिक पेशकश IPO का प्राइस बैंड 1,865-1,960 रुपये प्रति शेयर है, IPO पूरी तरह से प्रमोटर हुंडई मोटर कंपनी (HMC) द्वारा 14,21,94,700 इक्विटी शेयरों की बिक्री के लिए पेशकश (OFS) है, जिसमें कोई नया निर्गम घटक नहीं है, चूंकि सार्वजनिक निर्गम पूरी तरह से OFS है, इसलिए मारुति सुजुकी के बाद भारत में दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (HMIL) को IPO से कोई आय प्राप्त नहीं होगी। बता दें, पिछले तीन सालों में हुंडई की आर्थिक संपति में बढ़ोतरी ही हुई है और बात करे इस कंपनी की रेवेन्यू की तो पिछले साल इस कंपनी का रेवेन्यू दर 60,307 करोड़ था। विशेषज्ञों का मानना है कि हुंडई का IPO भारतीय निवेशकों के लिए एक सुनहरा अवसर है। कंपनी की मजबूत वित्तीय स्थिति और बाजार में उसकी प्रतिष्ठा इसे एक आकर्षक निवेश विकल्प बनाती है। इसके अलावा, भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग के चलते, हुंडई का भविष्य उज्ज्वल दिख रहा है।
इस्राइली सेना ने हमास चीफ याह्या सिनवार को किया ढेर
इस्राइली सेना ने हमास प्रमुख याह्या सिनवार को ढेर कर दिया है। इस्राइली सेना डीएनए जांच के जरिए याह्या सिनवार की मौत की पुष्टि कर रही है। हमास के खिलाफ लड़ाई में यह इस्राइल की बड़ी जीत मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि इस्राइल ने याह्या सिनवार को मार गिराने के लिए एक स्पेशल ऑपरेशन चलाया था। गाजा में इजरायल के चलाए गए इस स्पेशल ऑपरेशन के दौरान सिनवार के कई और सहयोगी भी ढेर किए गए हैं। सिनवार से पहले इस्राइल ने इसी साल जुलाई महीने में हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हानियेह को भी ढेर कर दिया था। बता दें, इस्राइल-हमास संघर्ष शुरु होने के बाद से अब तक इस्राइली सेना हमास के पूरे नेतृत्व का लगभग सफाया कर चुकी है, जिससे ईरान समर्थित यह आतंकी संगठन बेहद कमजोर हो चुका है। इस्राइल ने हमास चीफ याह्या सिनवार को ढेर करने के बाद एक बयान भी जारी किया है, अपने बयान में इस्राइल ने कहा कि हमने अपना बदला ले लिया है, लेकिन हमास के खिलाफ हमारी ये लड़ाई आगे भी जारी रहेगी। याह्या सिनवार के मारे जाने के बाद इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी एक वीडियो संदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि याह्या सिनवार मारा गया, लेकिन जंग अभी जारी है।
इस्राइली सेना ने याह्या सिनवार के आखिरी पलों का वीडियो सोशल मीडिया के माध्यम से साझा किया है। वीडियो में दिख रहा है कि सिनवार एक क्षतिग्रस्त अपार्टमेंट में एक सोफे पर बैठा हुआ था। सिनवार ने अपनी पहचान छिपाने के लिए मुंह पर कपड़ा लपेटा हुआ था। सिनवार घायल अवस्था में था और जैसे ही ड्रोन ने उसके पास जाने की कोशिश की तो उसने एक लड़की से ड्रोन पर हमले की कोशिश की, लेकिन समय रहते ड्रोन पीछे चला गया और इसके बाद इस्राइली सेना की कार्रवाई में याह्या सिनवार मारा गया। इस्राइली सेना की तरफ से DNA जांच के बाद याह्या सिनवार की मौत की पुष्टि की जा रही है। हालांकि शव के चेहरे, दांत और घटना से बरामद घड़ी से दावा किया जा रहा है कि मारा गया शख्स याह्या सिनवार ही था। मिल रही जानकारी के अनुसार, जब सिनवार की मौत के बाद उसकी पहचान की गई तो पता चला कि यह कोई आम लड़ाका नहीं बल्कि हमास का प्रमुख याह्या सिनवार है। इस्राइली सेना ने बताया कि उनके सैनिकों को गाजा के रफाह में तीन संदिग्ध आतंकी एक इमारत से दूसरी इमारत में जाते दिखाई दिए, जिसके बाद इस्राइली सैनिकों ने उन पर गोलीबार की और इसी बीच सिनवार वहां से बचकर एक क्षतिग्रस्त अपार्टमेंट में घुस गया। इस्राइली सेना ने अपार्टमेंट में ड्रोन के जरिये सिनवार को ट्रैक किया और इसके बाद इस्राइली सैनिकों ने अपार्टमेंट पर हमला किया, जिसमें याह्या सिनवार मारा गया।
हमास चीफ याह्या सिनवार अपने आखिरी पलों में बेहद लाचार और बेबस दिखाई दिया। खून से लथपथ शरीर, सिर से लेकर पैर तक धूल ही धूल और बचकर भागने की नाकाम कोशिश करता सक्श कोई और नहीं बल्कि हमास का प्रमुख था। जारी वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे सिनवार एक क्षतिग्रस्त अपार्टमेंट में एक सोफे पर लाचार अपनी मौत के इंतजार में बैठा हुआ था, आखिरी पलों में अपनी जान बचाने के लिए मुंह पर कपड़ा लपेटा अपनी पहचान छिपाता दिखा हमास का चीफ। जारी वीडियो में सिनवार एक फ्लैट के अंदर खून से सना हुआ एक कमरे में बैठा दिखा। वीडियो में दिख रहा है कि इस्राइल के हमले में सिनवार के धड़ से उसका एक हाथ भी अलग हो गया था, इसके बावजूद भी वो अपने आखिर पल में किसी तरह से बचकर भागना चाह रहा था। बता दें, इस्राइली सेना का कहना है कि जिस समय सिनवार को ढेर किया गया, उससे कुछ समय पहले ही वो गाजा के सुरंगों से निकलकर एक अपार्टमेंट में रहा था और जैसे ही इसकी जानकारी IDF को मिली, इसके तुरंत बाद इस्राइली सेना ने पूरे इलाके की घेराबंदी की। इसके बाद इस्राइल ने उस अपार्टमेंट को टारगेट किया जिसमें वो छुपा था और उसे पूरी तरह तबाह कर दिया। इस हमले में सिनवार बुरी तरह से घायल हो गया और बाद में उसकी मौत हो गई।
'नेतन्याहू ने कहा युद्ध समाप्त हो सकता है अगर...'
गाजा में इस्राइल के सबसे बड़े दुश्मन याह्या सिनवार की मौत के बाद इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि याह्या सिनवार मर चुका है, उसे राफा में इस्राइली सेना के बहादुर सैनिकों ने मार गिराया। मगर यह गाजा में युद्ध का अंत नहीं है, बल्कि अंत की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि ईरान ने जो इस पूरे क्षेत्र में आतंक का शासन कायम किया है, हम उसे खत्म कर देंगे। उन्होंने आगे कहा कि गाजा-इस्राइल युद्ध समाप्त हो सकता है, अगर हमास अपने हथियार डाल दे और हमारे बंधकों को लौटा दे। बता दें, हमास ने गाजा में 23 देशों के 101 लोगों को बंधक बनाया हुआ है। इस्राइली प्रधानमंत्री ने कहा इस्राइल सभी को घर वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है, इस्राइल सभी बंधकों की सुरक्षा की गारंटी देता है, लेकिन जो हमारे बंधकों को नुकसान पहुंचाएगा, उनके लिए मेरे पास संदेश है कि इस्राइल उन्हें खोजेगा और मार गिराएगा। (Video Link- https://x.com/netanyahu/status/1847026551629795532) (Credit में- Benjamin Netanyahu - @netanyahu)
लेबनान के उग्रवादी समूह हिजबुल्ला ने कहा है कि वह इस्राइल पर हमले तेज करेगा। हिजबुल्ला का यह बयान हमास प्रमुख याह्या सिनवार की मौत के बाद सामने आया है। हिजबुल्ला ने कहा है कि वह इस्राइली सेना के खिलाफ ज्यादा सटीक मिसाइलों का इस्तेमाल करेगा। वहीं ईरान ने भी इस्राइल को धमकी दी है और कहा है कि याह्या सिनवार की मौत के बाद प्रतिरोध की भावना और मजबूत होगी, अब ऐसे में पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ता नजर आ रहा है। बता दें, इस्राइल ने हमास और हिजबुल्ला दोनों के खिलाफ युद्ध का मोर्चा खोला हुआ है और दोनों संगठनों के पूरे शीर्ष नेतृत्व का सफाया कर दिया है। हमास और हिजबुल्ला को ईरान का समर्थन हासिल है। वहीं, याह्या सिनवार की मौत पर इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि 'इतिहास में होलोकास्ट के बाद यहूदियों पर किए गए सबसे भयावह नरसंहार को अंजाम देने वाले शख्स को मार गिराया गया है। सिनवार को मारकर हिसाब चुकता कर दिया गया है, लेकिन हमारी जंग अभी खत्म नहीं हुई है।
बीते शनिवार सलमान खान के सबसे करीबी और महाराष्ट्र के पूर्व एमएलए एवं राजनीतिक हस्ती बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद बॉलीवुड सुपरस्टार को जान से मारने की धमकी मिली है, हालाकि गुरमेल सिंह, धर्मराज कश्यप और शिव कुमार ने रविवार को बाबा सिद्दीकी पर फायरिंग की थी. इनमें से धर्मराज और गुरमेल को गिरफ्तार कर लिया है जबकि जीशान, शुभम लोनकर और शिव कुमार फरार हैं। प्रवीण को बाद में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, प्रवीण और शुभम भाई है।
कथित तौर पर मुंबई ट्रैफिक पुलिस के व्हाट्सएप नंबर पर संदेश भेजा गया है, जिसमें उनकी सुरक्षा के बदले 5 करोड़ रुपये की मांग की गई है। एएनआई के ट्वीट के मुताबिक मैसेज भेजने वाले ने दावा किया है कि इसे हल्के में न लें। इस मैसेज के मुताबिक लॉरेंस बिश्नोई से दुश्मनी खत्म करने और जिंदा रहने के लिए 5 करोड़ रूपये देने होंगे। पैसे नहीं दिए तो सलमान का बाबा सिद्दीकी से भी बुरा हाल होगा।
21 साल के जीशान को जालंधर पुलिस ने 2022 में मर्डर और डकैती के जुर्म में गिरफ्तार किया था। सूत्रों का कहना है कि वह पटियाला जेल में बंद था, जहां उसकी मुलाकात लॉरेंस बिश्नोई गैंग के कुछ गुंडों से हुई, जिन्होंने उसे बाबा सिद्दीकी को मारने की सुपारी दी।
1998 में हम साथ साथ है शूटिंग के दौरान सलमान खान ने जोधपुर में 2 काले हिरण का शिकार किया था जो बिश्नोई समाज का सबसे पवित्र माना जाता है बिश्नोई समाज इनकी पूजा करता है और इनका रिश्ता 550 साल पुराना है, उस समय लॉरेंस बिश्नोई 6 साल का था, उसी समय लॉरेंस ने कसम खाई सलमान खान को मारने की, इसी वजह से सलमान खान को बीते सालों में बिश्नोई गैंग से कई बार धमकी मिल चुकी है।
2018 में बाबा सिद्दीकी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में भी फंसे थे और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनकी 462 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली थी। मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत 2018 में प्रवर्तन निदेशालय (ED )की ओर से उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई थी। ईडी ने बाबा सिद्दीकी और उनके खास करीबी बिल्डर रफीक मोहम्मद कुरैशी के खिलाफ छापेमारी की थी। यह छापेमारी मुंबई और कई अन्य ठिकानों पर की गई थी। इसके अलावा बाबा सिद्दीकी और अंडरवर्ल्ड के लोगों के बीच विवाद एक जमीन के टुकड़े को लेकर हुआ था। जमीन के टुकड़े को लेकर बाबा सिद्दीकी और अहमद लंगड़ा के बीच लड़ाई थी। आखिर सरकार की कानून व्यवस्था के बड़े बड़े दावों के बावजूद लॉरेंस बिश्नोई जैसा गैंगस्टर जेल के अंदर बैठे बैठे कैसे अपना क्राइम सिनडिकेट चला रहा है । हालाकि यूनियन मिनिस्टर के अनुसार सेक्शन 268 के क्रिमिनल प्रोसीजर के हिसाब से हाई प्रोफाइल प्रिजनर्स को गुजरात से मुंबई कस्टडी के लिए नही लाया जा सकता। तो सवाल ये उठता है कि क्या लॉरेंस बिशनोई जैसे गैंगस्टर मुंबई अंडरवर्ल्ड की जगह लेने की कोशिश कर रहे है क्योंकि करीब तीन दशकों के बाद मुंबई के बीचों बीच ऐसे हाई प्रोफाइल किलिंग देखने को मिली है, हालाकि सरकार इस मामले में शांति बनाए रखने को कही है और यही सलमान खान की y security भी मजबूत कर दी गई है।
बिहार में जहरीली शराब पीने की वजह से 28 लोगों की मौत की खबर आ रही है। मिल रही जानकारी के अनुसार ये मौतें बिहार के दो जिले सिवान और छपरा में हुई हैं। पुलिस के अनुसार सिवान में अब तक जहरीली शराब से 20 लोगों की जबकि छपरा में 8 लोगों की मौत हिुई है। वहीं, जहरीली शराब पीने की वजह से कई लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है। हादसे के शिकार लोगों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। कहा जा रहा है कि जहरीली शराब की वजह से मौत का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। डॉक्टरों के अनुसार जहरीली शराब पीने की वजह से जिन लोगों को अस्पताल में इलाज चल रहा है उनकी हालत बेहद खराब है। बता दें, छपरा और सिवान से कई गंभीर मरीजों को पटना के मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया था। पटना मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर का कहना है कि हमारे पास जितने लोगों को रेफर किया गया था, उनमें से पांच लोगों की मौत हो चुकी है और डॉक्टरों की माने तो पांच में से भी चार की मौत तो अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो गई थी।
तेजस्वी ने सरकार की नियत पर उठाया सवाल
जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर बिहार सरकार किस कदर संवेदनशील है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इस घटना के बाद ना तो कोई आला अधिकारी मौके पर पहुंचा है और न ही बिहार सरकार के किसी मंत्री ने इन हादसे की जगह का दौरा किया है। अब इस पुरे मामले पर राज्य के विपक्ष के नेता का बयान आया है। उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सत्ता संरक्षण में जहरीली शराब के कारण 27 लोगों की हत्या कर दी गई है, दर्जनों की आंखों की रोशनी चली गई। बिहार में कथित शराबबंदी है, लेकिन सत्ताधारी नेताओं-पुलिस और माफिया के गठजोड़ के कारण हर चौक-चौराहों पर शराब उपलब्ध है, इतने लोग मारे गए लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक-संवेदना तक व्यक्त नहीं की। जहरीली शराब से प्रतिदिन सैकड़ों लोग मारे जाते हैं, लेकिन अनैतिक और सिद्धांतहीन राजनीति के पुरोधा मुख्यमंत्री और उनकी किचन कैबिनेट के लिए यह सामान्य सी बात है। कितने भी लोग मारे जाएं लेकिन मजाल है किसी वरिष्ठ अधिकारी पर कोई कारवाई हो, इसके विपरीत उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा, अगर शराबबंदी के बावजूद हर चौक-चौराहे व नुक्कड़ पर शराब उपलब्ध है तो क्या यह गृह विभाग और मुख्यमंत्री की विफलता नहीं है?
जहरीली शराब कांड पर सीएम एक्शन में
बिहार में हुए जहरीली शराब कांड को सीएम नीतीश कुमार ने गंभीरता से लिया है। सीएम ने पटना में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव को निर्देश दिया कि वह घटनास्थल पर जाकर पूरी स्थिति की जानकारी लेकर सभी बिन्दुओं पर सघन जांच करें। मुख्यमंत्री ने एडीजी की पूरी टीम को घटनास्थल पर जाकर उसकी जांच कर इस कांड में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया कि पूरे घटनाक्रम की अपने स्तर से लगातार मॉनिटरिंग करते रहें और इस घटना के लिये जो भी दोषी हों उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों से अपील करते हुये कहा कि शराब पीना बुरी बात है, यह लोगों को समझना चाहिये। शराब पीने से न सिर्फ स्वास्थ्य खराब होता है बल्कि परिवार और समाज में अशांति का माहौल भी उत्पन्न होता है। राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू है। इसका सभी लोग पालन कर रहे हैं। कुछ असमाजिक तत्व समाज में अशांति पैदा करना चाहते हैं, उनसे लोग सतर्क रहें।
91 साल के टेस्ट इतिहास में पहली बार घर में शर्मसार
भारतीय टीम ने तीन मैचों की सीरीज के अपने पहले ही टेस्ट मैच में मेहमान टीम न्यूजीलैंड के सामने घुटने टेक दिए। टीम का प्रदर्शन बेहद शर्मनाक और निराशाजनक रहा। बेंगलुरू के चेन्नास्वामी स्टेडियम में खेले जा रहे पहले टेस्ट में पूरी टीम 31.2 ओवर में मात्र 46 रन पर ढेर हो गई। टीम के दस खिलाड़ी मिलकर भी 50 रन नहीं बना सकें। टीम के इस निराशाजनक प्रदर्शन को देख कर कह सकते हैं कि भारतीय टीम ने पहले टेस्ट की पहली पारी में अपने शर्मनाक प्रदर्शन से कमाई हुए इज्जत को मिट्टी में मिला दिया। आपको बता दें, इससे पहले टीम इंडिया का टेस्ट क्रिकेट में सबसे छोटा स्कोर 75 रनों का था, जो 1987 में टीम ने वेस्टइंडीज के खिलाफ दिल्ली में बनाए थे। हालांकि, इस बार भारतीय शेरों ने 75 रनों के आंकड़े को भी तोड़ दिया। इस बार पूरी टीम महज 46 रनों पर ढेर हो गई।
5 खिलाड़ी खाता भी नहीं खोल सके
बेंगलुरु में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम के सभी खिलाड़ी इस तरह फेल रहे, टीम के फ्लॉप प्रदर्शन का अंदाजा आप इस बात से लगा लें कि मैच के दौरान 5 बल्लेबाज बिना खाता खोले ही पवेलियन लौट गएँ, जो बल्लेबाज खाता भी नहीं खोल पाए उसमें विराट कोहली के साथ-साथ के एल राहुल, रवींद्र जडेज, रविचंद्रन अश्विन और सरफराज खान का नाम शामिल है। दो खिलाड़ी केवल 2 रन बना सके, विकेट कीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत सबसे ने सर्वाधिक 20 रन बनाए। जबकि यशस्वी जायसवाल दूसरे सबसे बड़े स्कोरर रहे, यशस्वी ने 13 रन बनाए। मैच के दौरान 4 बल्लेबाज केवल सिंगल डिजिट को छूने में कामयाब रहे, सिंगल डिजिट छूने वाले बल्लेबाजों में टीम के कप्तान रोहित शर्मा (02), कुलदीप यादव (02), जसप्रीत बुमराह (01) और मोहम्मद सिराज (04) नाबाद शामिल है। न्यूजीलैंड की तरफ से सबसे सफल गेंदबाज मैट हेनरी रहे, जिन्होंने अपनी 13.2 ओवरों की गेंदबाजी में सर्वाधिक 5 सफलता प्राप्त की, उनके अलावा विल ओरौर्के ने 4 और टिम साउथी ने 1 विकेट चटकाए।
इससे पहले टीम ने कब-कब बनाया कम स्कोर
टीम इंडिया ने विदेशी धरती पर सबसे काम स्कोर साल 2020 में अपने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बनाया था। टीम इंडिया एडीलेड टेस्ट की पहली पारी में 244 रन बनाने में कामयाब हुई थी, लेकिन दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाज ताश के पत्ते की तरह ढेर हो गए। पूरी टीम दूसरी पारी में महज 36 रनों पर ढेर हो गई, टेस्ट क्रिकेट में भारत का यह सबसे छोटा स्कोर है। साल 1974 में टीम इंडिया ने इंग्लैंड के विरुद्ध अपना दूसरा सबसे कम स्कोर किया था। इस मैच में टीम इंडिया अपनी पहली पारी में इंग्लैंड के 629 रन के जवाब में 302 रन बनाने में कामयाब रही थी, जिसके बाद इंग्लैंड ने भारत को फॉलोऑन खेलने के लिए निमंत्रण दिया और फॉलोऑन खेलने उतरी टीम महज 42 रनों के शर्मनाक स्कोर पर सिमट गई। टीम इंडिया ने टेस्ट क्रिकेट में तीसरा न्यूनतम स्कोर आस्ट्रेलिया में ही बनाया था, टीम का तीसरा न्यूनतम स्कोर 58 रन है। बता दें, साल 1947 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेलने गई टीम इंडिया महज 58 रनों पर सिमट गई, वहीं दूसरी पारी में टीम इंडिया 98 रन पर आउट हो गई।
माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ और पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ का स्वागत पंजाब के माननीय राज्यपाल- श्री गुलाब चंद कटारिया जी, हरियाणा के माननीय राज्यपाल- श्री बंडारू दत्तात्रेय जी, हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री- श्री नायब सिंह सैनी जी, पंजाब सरकार के श्री मंत्री हरपाल सिंह चीमा जी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने आज चंडीगढ़ आगमन पर किया। मोहाली में इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस लीडरशिप समिट 2024 को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया में भारत के उदय का मतलब वैश्विक शांति, वैश्विक स्थिरता और वैश्विक सद्भाव होगा। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि भारत की सदी आधिपत्य या वर्चस्व की नहीं बल्कि वैश्विक सार्वजनिक भलाई की इच्छुक है। भारत की सदी में नेतृत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि भारत को अगली पीढ़ी के नेताओं की जरूरत है जो नवाचार और बदलाव ला सकें। उन्होंने ऐसे नेता तैयार करने पर भी जोर दिया जो भारतीय और वैश्विक समस्याओं का भारतीय समाधान ढूंढ सकें और रोजमर्रा की भारतीयों की चुनौतियों का समाधान करने के लिए साझेदारी बना सकें।
उपराष्ट्रपति ने शिक्षा के छेत्र में बढ़ रहे ब्रेनवॉश किए जाने वाले खतरों पर प्रकाश डाला, उन्होंने इसकी तुलना "मधुमेह के रोगी को चीनी देने" से की। उन्होंने कहा, यह केवल उनके जीवन को किफायती बनाकर, बाहर से राष्ट्र के दुश्मन पैदा कर रहा है। उन्होंने युवाओं को फेलोशिप, विजिटिंग प्रोग्राम और विश्वविद्यालय संबद्धता के माध्यम से हेरफेर और तैयार करने की बढ़ती प्रवृत्ति के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि इन तरीकों से युवाओं का ब्रेनवॉश किया जाता है, उन्हें राष्ट्र के प्रति भड़काया जाता है। श्री धनखड़ ने नेतृत्व प्रशिक्षण में राष्ट्रवाद की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और संस्थानों से इसे नेतृत्व कार्यक्रमों के मुख्य घटक के रूप में शामिल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद नेतृत्व पाठ्यक्रम का हिस्सा होना चाहिए क्योंकि राष्ट्रवाद के प्रति प्रतिबद्ध व्यक्ति इन चालों को विफल करने में सक्षम होगा।