दिल्ली में हाल ही में हुए कार-ब्लास्ट ने सुरक्षा एजेंसियों को जिस तरह सतर्क किया, वह सिर्फ विस्फोट की घटना तक सीमित नहीं था। इस धमाके ने संकेत दिया कि राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देने वाली एक संगठित संरचना सक्रिय हो चुकी है। इसी संदर्भ में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जिस युवक को गिरफ्तार कर 10 दिन की कस्टडी पर लिया है जसीर बिलाल वानी, उसकी भूमिका इस केस को एक साधारण क्राइम की जगह एक व्यापक और योजनाबद्ध नेटवर्क की तरफ मोड़ देती है।
जसीर वानी, कश्मीर के अनंतनाग ज़िले के काज़ीगुंड का लगभग 20 वर्षीय युवक है। सामने से देखने पर वह एक सामान्य कॉलेज छात्र प्रतीत होता है, लेकिन NIA के अनुसार उसके भीतर धीरे-धीरे एक तकनीकी उग्रवाद खड़ा हो रहा था। जांच एजेंसी का दावा है कि जसीर कथित तौर पर ड्रोन को हथियार में बदलने, छोटे रेंज के रॉकेट तैयार करने और विस्फोटक तंत्र को आधुनिक तरीकों से उपयोग करने की दिशा में काम कर रहा था। ये गतिविधियाँ उसे सिर्फ एक सहयोगी नहीं, बल्कि एक उभरते हुए “टेक्निकल ऑपरेटर” की श्रेणी में रखती हैं जो सीधे हथियार नहीं चलाता, लेकिन हमले की पूरी तकनीकी संरचना तैयार करता है।
इस केस में मृत पाया गया युवक उमर उन नबी कथित तौर पर घटनास्थल पर सक्रिय भूमिका में था, जिसे शुरुआती जांच में आत्मघाती तत्व के रूप में पहचाना गया। लेकिन जसीर की गिरफ्तारी उसके पीछे छिपे उस ‘कमांड एंड कंट्रोल’ तंत्र की ओर इशारा करती है, जो मैदान में मौजूद युवकों को तकनीकी निर्देश, डिजिटल मार्गदर्शन और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराता था। जांच एजेंसी के अनुसार जसीर और उमर एक ही मॉड्यूल का हिस्सा थे, जहाँ जसीर कथित रूप से तकनीकी समन्वय और संरचना तैयार करने में शामिल था।
NIA की शुरुआती रिपोर्टों में इस मॉड्यूल को “हमास-स्टाइल ड्रोन और रॉकेट आधारित हमलों” से प्रेरित बताया गया है, जो अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर दूरस्थ रूप से हमले को अंजाम देने की क्षमता रखता है। यह पैटर्न परंपरागत आतंकवादी रणनीतियों से एक कदम आगे है जहाँ मानव उपस्थिति की बजाय मशीनें हमला करती हैं और हमलावर सुरक्षित दूरी पर रहते हैं। यह मॉडल सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चुनौती है, क्योंकि इसका मुकाबला करने के लिए तकनीकी स्तर पर समान क्षमता और निगरानी की आवश्यकता पड़ती है।
महत्वपूर्ण है कि सोशल मीडिया पर फैल रही अफ़वाहों के विपरीत, NIA ने इस विशेष केस में ISIS से जुड़ी किसी स्पष्ट विचारधारा को आधिकारिक रूप से सार्वजनिक नहीं किया है। उपलब्ध दस्तावेज़ों में “Jaish-linked influence” और बाहरी तत्वों की संभावित संलिप्तता का संकेत मिलता है, लेकिन जांच एजेंसी अब तक ISIS के नाम को औपचारिक रूप से इस मॉड्यूल से नहीं जोड़ रही। यह सावधानी इस बात की ओर इशारा करती है कि एजेंसी अभी व्यापक नेटवर्क की पुष्टि में लगी है और किसी जल्दबाज़ी में निष्कर्ष नहीं दे रही।
जसीर को मिली 10 दिनों की कस्टडी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उसके पास इस मॉड्यूल की पूरी संरचना, संसाधन-श्रृंखला, डिजिटल संपर्क और संभावित विदेशी लिंक की जानकारी हो सकती है। NIA को संदेह है कि यह नेटवर्क बहु-स्तरीय है जहाँ स्थानीय स्तर पर भर्ती और तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराया जाता है, जबकि निर्देश संभवतः सीमापार से मिलते हैं। यह मॉडल भारत में आतंकवाद के बदलते स्वरूप को दर्शाता है जहाँ अब बंदूक से ज्यादा खतरनाक लैपटॉप, सॉफ्टवेयर और ड्रोन बन चुके हैं। अभी यह केस शुरुआती चरण में है, लेकिन जसीर की गिरफ्तारी ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि दिल्ली ब्लास्ट कोई अलग-थलग घटना नहीं थी, बल्कि एक ऐसी साजिश का हिस्सा थी जिसकी जड़ें कश्मीर, दिल्ली और सीमापार तक फैल सकती हैं। आने वाले दिनों में NIA की पूछताछ और इलेक्ट्रॉनिक डेटा की रिकवरी इस नेटवर्क के असली रूप को उजागर करेगी। वर्तमान परिस्थिति में सबसे बड़ी चिंता यही है कि भारत में उभरता हुआ “टेक्नोलॉजी-इनेबल्ड टेररिज़्म” अब वास्तविकता बन चुका है और इससे निपटने के लिए केवल पुलिसिंग नहीं, बल्कि हाई-टेक सुरक्षा रणनीति की भी आवश्यकता है।
हैदराबाद की वो शाम किसी साधारण फिल्म इवेंट जैसी नहीं थी। मंच जगमगा रहा था। RRR की सफलता के बाद एस.एस. राजामौली भारत के सबसे बड़े ब्रांड बन चुके हैं लोग उन्हें सिर्फ डायरेक्टर नहीं, विज़नरी मानते हैं। और ऐसे वक्त में उनकी नई फिल्म ‘Varanasi’ का लॉन्च इवेंट होना… पहले से ही बड़ी बात थी। स्टेज पर किनारे महेश बाबू खड़े, बीच में राजामौली, सामने कैमरों का समंदर और हर रिपोर्टर की उंगलियाँ रिकॉर्ड बटन पर। फिल्म का टीज़र चलना था… पर टेक्निकल टीम लड़खड़ा गई। स्क्रीन अटक गई, आवाज़ गायब हुई और मंच पर सन्नाटा सा छा गया। यहीं से वो तूफ़ान शुरू होता है, जिसने इवेंट को हिट नहीं, बल्कि देशव्यापी विवाद बना दिया। राजामौली मुस्कुराए, माइक उठाया और बड़े सहज स्वर में बोले “I don’t believe in gods. मुझे देवी-देवताओं पर भरोसा नहीं है।” यह सुनना भर था कि भीड़ में हल्की खुसफुसाहट शुरू। लेकिन उन्होंने यहीं रुककर बात हल्की नहीं की… बल्कि आगे कहा “मेरे पिता हमेशा कहते हैं कि हनुमानजी मेरे पीछे खड़े हैं, मेरे लिए काम करते हैं। लेकिन आज ये गड़बड़ी हुई तो मैंने उनसे पूछा क्या हनुमानजी ऐसे काम करते हैं यह लाइन सोशल मीडिया की भाषा में “क्लिपबेट” बन गई। इसमें दो चीजें थीं ,भगवान पर अविश्वास की घोषणा, हनुमानजी का नाम लेकर तंज बाहर आते-आते यह ‘धार्मिक भावनाएँ आहत’ वाला बड़ा मुद्दा बन गई। राजामौली सिर्फ फिल्म नहीं बना रहे वह “भारतीय सभ्यता और आध्यात्मिक भूगोल” पर एक बड़े सिनेमैटिक ब्रह्मांड की शुरुआत कर रहे हैं। Varanasi के बारे में पक्के तथ्य फिल्म का जॉनर Mythology + Adventure + Politics + Humanity यह एक आधुनिक कहानी है जिसमें काशी का आध्यात्मिक पावर, सभ्यता और आस्था को वैश्विक मंच पर दिखाया जाएगा।. मुख्य किरदार महेश बाबू एक ग्लोब-ट्रैवलर, रिसर्चर और आध्यात्मिक खोजी के किरदार में हैं। इसी वजह से फिल्म को “GlobeTrotter” नाम के लॉन्च इवेंट में पेश किया गया। टीम ने असल लोकेशन्स पर हाई-टेक कैमरे और मैपिंग तकनीक से बारीकी से शूट की तैयारी की है। यह भारत की सबसे महंगी फिल्मों में से एक बनने वाली है। VFX टीम वही जो RRR और Baahubali पर काम कर चुकी है फिल्म में VFX और Real Location का ऐसा मिश्रण होगा जैसा भारत में पहले नहीं देखा गया। राजामौली का मानना है कि भारत की आध्यात्मिक विरासत को आधुनिक दुनिया के कॉन्टेक्स्ट में समझना जरूरी है। विवाद क्या सिर्फ बयान का था? नहीं… आस्था के शहर पर फिल्म बनाते समय ऐसी लाइन का वजन दोगुना हो जाता हैbये वही राजामौली हैं जिन्होंने Baahubali की शिवलिंग उठाने वाली सीक्वेंस से देशभर में ‘ट्रेंड’ बना दिया था। लेकिन Varanasi जैसी आध्यात्मिक राजधानी पर फिल्म बनाते वक्त यदि डायरेक्टर मंच से कह दे कि “मुझे भगवान पर भरोसा नहीं है” तो लोग इसे सिर्फ निजी राय नहीं मानते बल्कि नियत पर सवाल मान लेते हैं।
इसलिए सोशल मीडिया पर तुरंत प्रतिक्रियाएँ आईं वाराणसी में Rashtriya Vanara Sena ने राजामौली के खिलाफ शिकायत दर्ज की। आरोप “उन्होंने हनुमानजी का अपमान किया और हिंदू धार्मिक भावनाएँ आहत कीं।” पुलिस ने शिकायत ली है, और बयान के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू है। देखते हैं आगे इस मामले से जुड़ा क्या-क्या देखने को मिलता है ।