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Breaking News 19 May 2025

1.)  IMD Alert: कब और कहां गिरेगी मूसलधार बारिश

 

उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी की मार झेल रही जनता को अब राहत की उम्मीद नजर आ रही है। मई की तपती दोपहरी में मौसम ने अचानक करवट ली है और आने वाले दिनों में राज्य के कई हिस्सों में बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 19 मई से लेकर 24 मई तक पूरे प्रदेश में गरज-चमक, बौछारें और तेज हवाओं की गतिविधियाँ तेज हो सकती है सोमवार यानी आज से ही पश्चिमी और पूर्वी यूपी में मौसम करवट ले चुका है। कहीं-कहीं पर बादल गरजेंगे, बिजली चमकेगी और झमाझम बारिश की उम्मीद है। मौसम विभाग ने 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज झोंकों वाली हवाओं का अलर्ट जारी किया है। खासकर गोरखपुर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच और लखीमपुर खीरी जैसे जिलों में बिजली चमकने और गरजने की संभावना जताई गई है। पश्चिमी यूपी के मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, मथुरा, अलीगढ़, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, हापुड़, बुलंदशहर और अन्य जिलों में भी मौसम का मिजाज बदला रहेगा। यहाँ भी बिजली चमकने और बादल गरजने के साथ-साथ तेज हवाएं चल सकती हैं। 20, 21 और 22 मई को भी प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश, गरज-चमक और बौछारें पड़ने की संभावना है। इस दौरान बिजली चमकने और तेज हवाएं चलने की संभावना बनी रहेगी। मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक, पूर्वी हवाओं के असर से प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों को छोड़ बाकी इलाकों में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। उत्तर और पूर्वी उत्तर प्रदेश में छिटपुट बारिश और तड़ितझंझावात की भी संभावना है।

अरब सागर की नमी से बारिश होगी और तेज

21-22 मई के आसपास अरब सागर में बन रहे कम दबाव के क्षेत्र की वजह से नमी भरी दक्षिण-पश्चिमी हवाएं उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेंगी। ये हवाएं पहले से सक्रिय दक्षिण-पूर्वी हवाओं से मिलेंगी, जिससे राज्य में बारिश की तीव्रता और विस्तार दोनों में वृद्धि हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 5 दिनों तक अधिकतम और न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। दक्षिणी उत्तर प्रदेश को छोड़कर शेष इलाकों में तापमान सामान्य के आसपास रहने की संभावना है।

 


2.) From Vlogs to Espionage: The Jyoti Malhotra Conspiracy

भारत की सुरक्षा व्यवस्था उस वक्त हिल गई जब हरियाणा के हिसार से एक जानी-मानी यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से संबंध और भारत की संवेदनशील जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। आज हम जानेंगे की ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी की कार्रवाई कब, कैसे और क्यों हुई।  यह गिरफ्तारी केवल एक सामान्य पुलिसिया कार्रवाई नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के स्तर पर एक बड़ा खुलासा है, जिसने डिजिटल युग में जासूसी के नए तरीकों को उजागर कर दिया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ज्योति मल्होत्रा की गतिविधियों पर संदेह तब हुआ जब 2024 में उसने पाकिस्तान और फिर तुरंत चीन की यात्रा की। वह पाकिस्तान में 12 दिन रही और लौटने के एक महीने के भीतर चीन चली गई। इस दौरान उसने लग्जरी गाड़ियों में सफर किया, महंगी शॉपिंग की और सोशल मीडिया पर चकाचौंध भरे वीडियो अपलोड किए। एक यूट्यूबर के तौर पर उसके पास इतना खर्च कहां से आ रहा था यही सवाल सुरक्षा एजेंसियों को उसके पीछे खींच लाया।

यूट्यूब से जासूसी तक का सफर

ज्योति का यूट्यूब चैनल ‘Travel With Jo’ नाम से चल रहा था। शुरुआत में वह अपने चैनल पर यात्रा व्लॉग्स बनाती थी, लेकिन धीरे-धीरे उसके कंटेंट में पाकिस्तान की तारीफ और भारतीय व्यवस्था की आलोचना बढ़ने लगी। पाकिस्तान के पक्ष में माहौल बनाने की उसकी कोशिशें भी अब संदिग्ध मंशा से जुड़ी मानी जा रही हैं। वह 2023 में पाकिस्तान हाई कमीशन गई थी, जहां उसकी मुलाकात ‘दानिश’ नाम के शख्स से हुई। यही मुलाकात उसकी जिंदगी का सबसे खतरनाक मोड़ बन गई। दानिश दरअसल ISI का संपर्क सूत्र था, जिसने ज्योति को पाकिस्तान आमंत्रित किया और फिर वहां उसकी मुलाकात पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों से करवाई गई। कहा जा रहा है कि ISI के अधिकारी शाकिर से उसका करीबी रिश्ता बन गया, जिसका नाम उसने अपने फोन में ‘जट्ट रंधावा’ के नाम से सेव किया था, ताकि कोई शक न हो। ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी इस पूरे जासूसी नेटवर्क की बस शुरुआत है। अब तक इस नेटवर्क से जुड़े कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें गजाला, जो पंजाब के मलेरकोटला की रहने वाली है, पाकिस्तानी नागरिकों को वीज़ा प्रक्रिया में मदद करती थी। यामीन मोहम्मद हवाला ट्रांजैक्शन में सक्रिय भूमिका निभाता था। कैथल का देविंदर सिंह ढिल्लो पाकिस्तान यात्रा के बाद भारतीय सैन्य क्षेत्रों के वीडियो पाक एजेंट्स को भेजता था। हरियाणा के नूंह से अरमान, भारतीय सिम कार्ड्स की व्यवस्था करता था और डिफेंस एक्सपो जैसी संवेदनशील साइटों पर जासूसी करता था। वहीं, दानिश और अली एहसान आईएसआई के लिए फ्रंटलाइन एजेंट्स की भूमिका निभा रहे थे, जो पाकिस्तान यात्रा, वहां ठहरने और पाक एजेंट्स से संपर्क की व्यवस्था संभालते थे।

गंभीर धाराएं और संभावित सजा

ज्योति मल्होत्रा पर भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 152 और Official Secrets Act, 1923 की धारा 3, 4 और 5 के तहत मामला दर्ज हुआ है। BNS की धारा 152 के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति जो भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाली गतिविधियों को बढ़ावा देता है, उसे आजन्म कारावास या कम से कम सात वर्ष की सजा हो सकती है। Official Secrets Act की धारा 3, 4 और 5 विदेशी एजेंट को गोपनीय जानकारी देने, संवेदनशील स्थलों की तस्वीरें या डाटा साझा करने जैसी गतिविधियों को कवर करती हैं। इस कानून के तहत दोष सिद्ध होने पर 3 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा संभव है। पुलिस ने ज्योति का मोबाइल और लैपटॉप जब्त कर लिए हैं। फोरेंसिक जांच में कई चौंकाने वाले सुराग मिले हैं। बताया जा रहा है कि डिवाइसेज से कई गोपनीय फोटोज़, दस्तावेज़, और संदिग्ध विदेशी नंबरों से की गई बातचीत के प्रमाण मिले हैं। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया कि वह इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर के जरिए संवेदनशील डाटा पाकिस्तान भेज रही थी।

क्या पहलगाम हमले से है कनेक्शन?

यह सवाल अब सबसे ज़्यादा पूछे जा रहे हैं कि क्या ज्योति का कनेक्शन पहलगाम में हुए आतंकी हमले से है? बता दें कि ज्योति जनवरी में पहलगाम गई थी, मार्च में पाकिस्तान और अप्रैल में हमला हुआ। हालांकि जांच एजेंसियों ने अभी तक इस एंगल की पुष्टि नहीं की है, परंतु संदेह गहराता जा रहा है। अब तक जासूसी को एक क्लासिक अंडरकवर ऑपरेशन माना जाता था, पर इस घटना ने दिखाया कि कैसे डिजिटल मीडिया और ट्रैवल ब्लॉगर के नाम पर विदेशी एजेंसियां भारत की सुरक्षा में सेंध लगा सकती हैं। देश की सुरक्षा एजेंसियों ने सही समय पर कार्रवाई की, लेकिन इस केस ने यह चेतावनी दे दी है कि दुश्मन अब बंदूक लेकर नहीं, कैमरा और कंटेंट लेकर आ रहा है। जो चेहरे स्क्रीन पर मुस्कान लिए घूमते हैं, वे भी दुश्मन के मिशन का हिस्सा हो सकते हैं। यह घटना हर देशवासी के लिए एक चेतावनी है कि राष्ट्रभक्ति केवल नारे नहीं, बल्कि सतर्कता और जागरूकता में भी दिखती है।

 

3.) : IPO में इन्वेस्टमेंट बना रिस्क गेम

 

शेयर बाजार में भले ही हाल के दिनों में जबरदस्त सुधार देखने को मिला हो, लेकिन IPO (Initial Public Offering) में निवेश करने वाले आम निवेशकों के लिए यह दौर कुछ खास नहीं रहा। इकोनॉमिक टाइम्स की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि जनवरी 2024 से अब तक लिस्ट हुई 101 मेनबोर्ड कंपनियों में से दो-तिहाई कंपनियों के शेयर इस समय अपने लिस्टिंग प्राइस से नीचे ट्रेड कर रहे हैंIPO में निवेश का सबसे बड़ा मकसद होता है लिस्टिंग के दिन तगड़ा मुनाफा कमाना। लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ 16% कंपनियों को ही 50% या उससे अधिक का लिस्टिंग गेन मिला है। यानी 100 में सिर्फ 16 कंपनियां ही उम्मीदों पर खरी उतरीं। वहीं 20 कंपनियों ने निवेशकों को लिस्टिंग पर कोई फायदा नहीं दिया, जबकि 17 कंपनियों में गेन महज़ 10% तक सीमित रहा।

नंबर कहते हैं, मुनाफा नहीं मायूसी मिली

रिपोर्ट में ये भी साफ किया गया है कि भले ही 57% कंपनियों के शेयर IPO प्राइस से ऊपर ट्रेड कर रहे हैं, लेकिन इन कंपनियों में से आधे से भी कम ने 10% से अधिक रिटर्न दिया है। इसका साफ मतलब है कि ज्यादातर रिटेल निवेशक या तो मामूली मुनाफा कमा पाए या फिर नुकसान झेल रहे हैं। इस साल अब तक सिर्फ 5 कंपनियां ऐसी रही हैं जिन्होंने अपने निवेशकों को 100% से भी अधिक रिटर्न दिया है Jyoti CNC Automation, KRN Heat Exchanger and Refrigeration, Bharti Hexacom, Premier Energies और Interarch Building Solutions। इन कंपनियों ने IPO में निवेश करने वालों को वाकई मालामाल कर दिया, लेकिन ये अपवाद हैं नियम नहीं।

आंकड़ों के पीछे की सच्चाई

हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सभी IPO को लिस्ट हुए समान समय नहीं बीता है, इसलिए हाल ही में लिस्ट हुई कंपनियों का प्रदर्शन आगे चलकर बेहतर भी हो सकता है। मगर फिलहाल जो तस्वीर सामने है, वो ये बताती है कि IPO बाजार में निवेश करने से पहले सिर्फ उम्मीदों पर नहीं, बल्कि तथ्यों पर भरोसा करना ज़रूरी है।