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Breaking News 18 March 2025

 

1.) नागपुर जल रहा है...... 

नागपुर की गलियां सोमवार रात रणभूमि में तब्दील हो गईं। पत्थरों की बौछार, जलते हुए वाहन, और घायल पुलिसकर्मियों के चीखते सायरन... ये महाराष्ट्र की दूसरी राजधानी का नज़ारा था! औरंगजेब की कब्र को लेकर भड़के विवाद ने शहर को दहला दिया। दंगाइयों की भीड़ इतनी बेलगाम थी कि नागपुर के डिप्टी कमिश्नर निकेतन कदम पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया गया! हाथ में गहरी चोट के साथ उनकी तस्वीरें अब वायरल हो रही हैं। क्या यह सिर्फ एक हिंसक भीड़ का गुस्सा था, या कोई बड़ा खेल? सूत्रों के मुताबिक, विवाद तब भड़क उठा जब हिंदूवादी संगठनों के विरोध प्रदर्शन के दौरान यह अफवाह फैली कि पवित्र पुस्तक को जला दिया गया। देखते ही देखते सड़कों पर सैकड़ों लोग उतर आए। 7:30 बजे नागपुर का महल इलाका पत्थरों की बरसात और आगजनी की लपटों में घिर गया। भीड़ ने पुलिस टीम पर हमला किया, वाहनों में तोड़फोड़ की, घर जलाए, और पूरा शहर जलने लगा!

हिंसा की आग कैसे फैली?

कोतवाली, गणेशपेठ, लकड़गंज, शांतिनगर, सक्करदरा हर तरफ दंगाइयों का तांडव! एक हज़ार से ज्यादा उपद्रवियों ने शहर को बंधक बना लिया। पुलिस ने हालात संभालने की कोशिश की, लेकिन भीड़ ने उनकी एक न सुनी। 12 से 14 पुलिसकर्मी घायल हुए, 8-10 अग्निशमन कर्मियों पर हमला हुआ। सवाल यह है कि प्रशासन सो रहा था या जानबूझकर हालात बेकाबू होने दिए गए? महाराष्ट्र सरकार अभी तक हिंसा के पीछे की ठोस वजह बताने में नाकाम रही है। गृह राज्य मंत्री योगेश कदम सिर्फ बयान देते रह गए, लेकिन असली सवाल यह है कि भीड़ इतनी संगठित कैसे थी? क्या यह अचानक हुई हिंसा थी, या किसी के इशारे पर नागपुर को जलाया गया? हालात काबू से बाहर होते देख प्रशासन ने शहर के 10 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया। बीएनएसएस की धारा 163 लागू कर दी गई। लेकिन दंगाइयों पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले भी कम पड़ गए। अब तक 47 लोगों को हिरासत में लिया गया। नागपुर में जो हुआ, वो सिर्फ एक सांप्रदायिक झड़प नहीं थी। यह एक सुनियोजित आग थी, जिसे किसी ने जलाया था। औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग कब शहर को दंगों में बदल देगी, यह शायद किसी ने सोचा भी नहीं था। लेकिन अब सवाल उठता है क्या नागपुर का यह गुस्सा अब पूरे महाराष्ट्र में नहीं फैलेगा? और सबसे बड़ा सवाल सरकार और प्रशासन कब तक इस हिंसा पर पर्दा डालते रहेंगे? नागपुर जल चुका है...अब बस यह देखना है कि इस आग को भड़काने वाले कब बेनकाब होंगे।

 

2.) Did Maha Kumbh Prove India's Collective Strength?

 

लोकसभा में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ के सफल आयोजन पर देशवासियों को नमन किया और इस ऐतिहासिक आयोजन के पीछे योगदान देने वाले सभी कर्मयोगियों का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सामूहिक चेतना का जागरण है, जिसने पूरे विश्व को हमारे सांस्कृतिक वैभव और एकता की झलक दिखाई। "महाकुंभ ने हमारे सामर्थ्य से जुड़ी सभी शंकाओं को मिटा दिया है," पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा। उन्होंने इसे देश के इतिहास का एक महत्वपूर्ण मोड़ करार देते हुए स्पष्ट किया कि इस महायज्ञ में देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु 'अहम्' को छोड़कर 'वयम्' की भावना से एकजुट हुए। प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे भगीरथ के अथक प्रयासों से गंगा धरती पर अवतरित हुई थी, वैसे ही प्रयागराज महाकुंभ में ‘सबका प्रयास’ की शक्ति साकार हुई। उन्होंने इसे भारतीय विरासत से जुड़ने की परंपरा का सबसे बड़ा उदाहरण बताया। "महाकुंभ ने न सिर्फ भारत की आध्यात्मिक चेतना को झकझोर कर जागृत किया, बल्कि हमें बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने का भरोसा भी दिलाया," उन्होंने कहा।
पीएम मोदी ने उन लोगों को भी जवाब दिया जो इस आयोजन पर सवाल उठा रहे थे। उन्होंने कहा, "महाकुंभ पर उठने वाले सवालों को जनता ने अपने आस्था और विश्वास से खारिज कर दिया है।" पीएम मोदी ने कहा कि इस महाकुंभ में भारत के युवाओं ने पूरे उत्साह और भावनात्मक जुड़ाव के साथ भाग लिया। "आज का युवा अपनी परंपराओं और आस्था को गर्व के साथ अपना रहा है। यह भारत की सबसे बड़ी पूंजी है," उन्होंने कहा। प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ की ऐतिहासिकता को रेखांकित करते हुए स्वामी विवेकानंद के शिकागो भाषण, गांधी जी के दांडी मार्च और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के 'दिल्ली चलो' नारे की तुलना इससे की। उन्होंने कहा, "जैसे वे घटनाएं भारत के पुनर्जागरण की आधारशिला बनीं, वैसे ही प्रयागराज महाकुंभ भी जागृत होते भारत का प्रतिबिंब है।" पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि महाकुंभ भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक शक्ति का वैश्विक प्रदर्शन था। उन्होंने कहा, "पूरे विश्व ने देखा कि कैसे भारत अपनी परंपराओं से शक्ति लेकर भविष्य की ओर अग्रसर हो रहा है।" पीएम मोदी के अनुसार, महाकुंभ ने देश की एकता, आस्था और विरासत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन भारत की ‘सबका प्रयास’ की शक्ति को दर्शाता है और आने वाले हजार वर्षों तक हमारी सांस्कृतिक चेतना को मजबूती देने वाला साबित होगा।

 

3.) CM Fadnavis Roars..... 

 

महाराष्ट्र के नागपुर में भड़की हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भड़क उठें है। उन्होंने इसे एक सुनियोजित हमला करार देते हुए कहा कि पुलिस पर हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। इस दौरान उन्होंने हिंसा में घायल डीसीपी निकेतन कदम से फोन पर बातचीत कर उनकी हालत जानी और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। सोमवार रात नागपुर के महाल इलाके में भड़की हिंसा के दौरान हुई पत्थरबाजी में तीन डीसीपी समेत 33 पुलिसकर्मी और 5 आम नागरिक घायल हुए। घायलों में डीसीपी निकेतन कदम भी शामिल हैं, जिनके हाथ पर गहरी चोट लगी है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने मंगलवार को फोन पर डीसीपी कदम से बात की और उनका हालचाल पूछा।  
CM: कहां चोट लगी, हाथ पर?
DCP: हां सर, अंदर तक चोट है।
CM: क्या प्लास्टिक सर्जरी हुई है?
DCP: नहीं सर, नर्व नहीं कटी है, ऑपरेशन हुआ है।
CM: आपने बहुत अच्छा काम किया, आप हमलावरों के सामने डटे रहे और उन्हें रोका। हम आपके साथ हैं।सोमवार को नागपुर के चिटनिस पार्क इलाके में हिंसा उस वक्त भड़क उठी जब अफवाह फैली कि एक समुदाय के धार्मिक ग्रंथ को जला दिया गया है। इस घटना के बाद दोनों पक्षों में झड़प शुरू हो गई, जो बाद में हिंसा में बदल गई। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि क्रेन और जेसीबी समेत 12 चार पहिया वाहन जला दिए गए। तलवार और धारदार हथियारों से कई लोगों पर हमला किया गया। मुख्यमंत्री फडणवीस ने विधानसभा में इस मुद्दे पर बयान देते हुए साफ कहा कि पुलिस पर हमले किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। उन्होंने कहा  "नागपुर हिंसा एक साजिश प्रतीत होती है। भीड़ ने चुनिंदा घरों और प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया। अफवाह फैलाकर लोगों को उकसाया गया। किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं है। सख्त कार्रवाई की जाएगी।" फिलहाल पुलिस ने 5 मामले दर्ज किए हैं और जांच जारी है। वहीं, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने इस मामले में विरोध प्रदर्शन किया है। पुलिस शहर में शांति बनाए रखने का प्रयास कर रही है ऐसे ही खबरों के लिए जुड़े रहे ग्रेट पोस्ट न्यूज़ से।