अडानी ग्रुप ने एक बार फिर वो कर दिखाया, जिससे पूरी सीमेंट इंडस्ट्री में हलचल मच गई है। अंबुजा सीमेंट्स, जो अडानी के सीमेंट साम्राज्य का मजबूत स्तंभ है वो अपनी सहायक कंपनियों सांघी इंडस्ट्रीज लिमिटेड (SIL) और पेन्ना सीमेंट इंडस्ट्रीज लिमिटेड (PCIL) को अपने साथ Merger करने की योजना का ऐलान कर दिया है। यह सिर्फ दो कंपनियों का जुड़ाव नहीं है, बल्कि अडानी ग्रुप के उस बड़े सपने की झलक है, जिसमें वह सीमेंट इंडस्ट्री का सबसे बड़ा खिलाड़ी बनना चाहता है। अब सवाल ये है आखिर क्यों किया ये Merger? इस merger के बाद अडानी ग्रुप की सीमेंट क्षमता 89 MTPA ( Million Tonnes Per Annum ) तक पहुंच जाएगी। जो इसे न सिर्फ भारत, बल्कि ग्लोबल लेवल पर भी मजबूत खिलाड़ी बना देगा। यानी सीमेंट इंडस्ट्री का यह नया चैप्टर आने वाले समय में बहुत कुछ बदलने वाला है। इसके अलावा अजय कपूर, जो अडानी के सीमेंट बिजनेस के Ceo है उनका कहना है कि हम ऐसा इसलिए कर रहे हैं ताकि कंपनी और भी तगड़ी, स्मार्ट और मुनाफे वाली बन सके। यानी इससे अडानी के Shareholders को काफी मुनाफा होगा।
अडानी ग्रुप में नकदी का खेल दुरुस्त होगा और पैसे का सही इस्तेमाल होगा। इसके अलावा अलग-अलग खर्चों पर लगाम लगेगी यानी अंबुजा, SIL और PCIL के रिसोर्सेज एक साथ यूज होंगे। वहीँ कंपनी की संचालन क्षमता और तेज होगी मतलब हर चीज समय पर और सही ढंग से होगी। सांघी इंडस्ट्रीज कि क्लिंकर उत्पादन क्षमता 6.6 MTPA है और सीमेंट उत्पादन क्षमता 6.1 MTPA है वहीँ चूना पत्थर का भंडार 1 बिलियन टन Produce होता है। सांघीपुरम प्लांट भारत का सबसे बड़ा सिंगल-लोकेशन सीमेंट और क्लिंकर प्लांट है। इनके पास खुद का कैप्टिव जेट्टी और पावर प्लांट भी है। अब आते हैं पेन्ना सीमेंट पर। ये साउथ इंडिया में दबदबा रखती है। इसके चार बड़े प्लांट हैं आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में इसके अलावा महाराष्ट्र में एक ग्राइंडिंग यूनिट भी है। जिसकी कुल क्षमता 10 MTPA है। इसके अलावा, इनके दो और प्लांट कृष्णापटनम और जोधपुर में बन रहे हैं। ये अगले 8-12 महीनों में तैयार हो जाएंगे। इनके पास तो बल्क टर्मिनल्स भी हैं जो कोलकाता, गोपालपुर, कराईकल, कोच्चि और कोलंबो (श्रीलंका) तक फैले है।
ये जो योजना है, इसमें SIL के हर 100 शेयरों के बदले अंबुजा सीमेंट्स के 12 शेयर मिलेंगे। मतलब, SIL के जो शेयरधारक हैं, वो अब सीधे अंबुजा सीमेंट्स के शेयरधारक बन जाएंगे। ये सब अचानक नहीं हो रहा। इसके पीछे अडानी ग्रुप का पुराना खेल है। दिसंबर 2023 में अंबुजा ने सांघी इंडस्ट्रीज को 5185 करोड़ रुपये में खरीदा था। फिर जून 2024 में पेन्ना सीमेंट को 10,422 करोड़ रुपये में खरीदने का सौदा किया। इस सबका मकसद है 89 MTPA की कुल उत्पादन क्षमता तक पहुंचना।
नई दिल्ली में मंगलवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और अर्मेनियाई नेशनल असेंबली के माननीय अध्यक्ष एलन सिमोनियन के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें द्विपक्षीय व्यापार को मजबूत करने, कनेक्टिविटी में सुधार करने और दोनों देशों के बीच साझेदारी को गहरा करने पर चर्चा की गई। दोनों नेताओं ने भारत-आर्मेनिया के संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने में संसदीय आदान-प्रदान की भूमिका पर भी जोर दिया। उपराष्ट्रपति ने अपने एक्स हैंडल पर साझा करते हुए लिखा, "आर्मेनिया गणराज्य के नेशनल असेंबली के अध्यक्ष महामहिम एलन सिमोनियन ने आज संसद भवन में उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। इस बैठक में दोनों लोकतंत्रों के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों पर चर्चा की गई, जो इतिहास में गहरे रूप से निहित हैं। साथ ही द्विपक्षीय व्यापार और कनेक्टिविटी को मजबूत करने के महत्व पर भी चर्चा की गई।" बैठक में यह भी चर्चा की गई कि भारत और आर्मेनिया के रिश्ते कैसे और मजबूत हो सकते हैं, खासकर संसदीय आदान-प्रदान के माध्यम से। उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह आदान-प्रदान दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग को बढ़ाता है, जिससे द्विपक्षीय संबंध और प्रगाढ़ होते हैं। इसके अलावा उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति, श्री जगदीप धनखड़ ने विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों से मुलाकात की। इस बैठक में भाग लेने वालों में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, जयराम रमेश, संत सीचेवाल, जावेद खान, कार्तिक शर्मा, मुरुगन (MoS), पीयूष गोयल, डॉ. वी. शिवदास, हरिवंश, शायर इमरान, डॉ. फौजिया खान, महुआ मजूमदार, बाबूराव गोल्ला और सुरेंद्र नगर जैसे प्रमुख सांसद शामिल थे।
यह एक महत्वपूर्ण संवाद था, जिसमें सांसदों ने भारत के संसद और उसकी कार्यप्रणाली के बारे में चर्चा की। इस मुलाकात ने यह भी दिखाया कि हमारे संसद में विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच सहयोग और संवाद की आवश्यकता है, ताकि देश के विकास में अधिक योगदान दिया जा सके। यह बैठक भारतीय लोकतंत्र की मजबूती को दर्शाती है, जिसमें विभिन्न विचारधाराओं से जुड़ी पार्टियों के सांसद आपस में बातचीत करते हुए, विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हैं, ताकि राष्ट्रीय हित में निर्णय लिए जा सकें।
इसके अलावा पिछले मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी अर्मेनियाई प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की, जिसमें उन्होंने द्विपक्षीय सहयोग को और गहरा करने में नियमित संसदीय संवाद के महत्व को रेखांकित किया। राष्ट्रपति भवन ने एक्स पर बताया कि राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि नियमित संसदीय संवाद एक-दूसरे के शासन प्रणालियों और कानूनों की समझ को बढ़ाता है, जिससे द्विपक्षीय साझेदारी में मजबूती आती है। वहीँ विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने नई दिल्ली में अर्मेनिया के राजदूत वाहगन अफयान से मुलाकात की थी, जहां उन्होंने भारत-आर्मेनिया सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा की। इसके अलावा, 12 दिसंबर को भारत, ईरान और अर्मेनिया के बीच त्रिपक्षीय वार्ता भी नई दिल्ली में हुई, जिसमें कनेक्टिविटी, बहुपक्षीय सहयोग और क्षेत्रीय विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस वार्ता में व्यापार, पर्यटन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर भी जोर दिया गया। यह पूरी बातचीत दोनों देशों के रिश्तों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो केवल व्यापार और कनेक्टिविटी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके जरिए सामाजिक और सांस्कृतिक संबंधों को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
भारत के दिग्गज स्पिन बॉलर और गूगली व कैरम बॉल के जादूगर कहे जाने वाले रविचंद्रन अश्विन ने आज इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। बता दें, अश्विन ने भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे पांच मैचों की सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच के खत्म होते ही अपने रिटायरमेंट का ऐलान किया। उनके रिटायरमेंट को लेकर BCCI ने भी ट्वीट किया है, अपने ट्वीट में BCCI ने लिखा, "धन्यवाद अश्विन, एक नाम जो निपुणता, जादूगरी, प्रतिभा और इनोवेशन का पर्याय है। शीर्ष स्पिनर और #TeamIndia के अमूल्य ऑलराउंडर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। शानदार करियर के लिए उनको बधाई, @ashwinravi99। आपको बता दें कि रविचंद्रन अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट मिलाकर 287 मैच खेले और 765 विकेट लिए। अश्विन भारत के दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। उनसे आगे सिर्फ अनिल कुंबले हैं, जिन्होंने 953 विकेट लिए हैं। अपने शानदार क्रिकेट करियर में आर अश्विन ने 106 टेस्ट मैचों में भारत के लिए 537 विकेट चटकाए, उनके नाम 37 फाइव विकेट हॉल हैं और 8 बार उन्होंने मैच में 10 विकेट लिए। इसके अलावा अश्विन ने 156 वन डे विकेट भी हासिल किए और टी-20 में अश्विन ने 72 विकेट हासिल किए। अश्विन ने बतौर बल्लेबाज टेस्ट क्रिकेट में 3503 रन बनाए और इस दौरान उन्होंने कुल 6 टेस्ट शतक लगाए और 14 हाफ सेंचुरियां भी लगाईं है। उनके बल्ले से ये शतक ऐसे समय पर आएं हैं जब टीम को इसकी जरुरत होती थी। उनके संयास पर भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेस में कहा, जब मैं पर्थ आया तो अश्विन ने मुझे रिटायरमेंट की बात बताई थी और मेरा मानना है की अगर कोई खिलाड़ी फैसला लेता है तो सबको उसका सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया की अश्विन कल भारत लौट जाएंगे।
अश्विन की करियर बेहद प्रेरणादायी है, खासतोर से युवा खिलाडियों के लिए। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अश्विन की कामयाबी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की उन्होंने अपने शानदार करियर में भारत के लिए बतौर स्पिन बॉलर खेलते हुए 3,000 से ज्यादा टेस्ट रन और 6 शतक भी लगाए हैं, ये ऐसा मुकाम है, जिसे कई बड़े-बड़े बल्लेबाज भी अपने पूरे करियर में हासिल नहीं कर पातें। आर अश्विन ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट मिलाकर 287 मैच खेले और 765 विकेट लिए। इसके अलावा अश्विन के नाम टेस्ट में 37 फाइव विकेट हॉल है, जो कि किसी भारतीय गेंदबाज द्वारा सबसे ज्यादा है। उनके बाद कुंबले का नंबर आता है। कुंबले ने टेस्ट में 35 बार पारी में पांच विकेट लिए थे। ओवरऑल सबसे ज्यादा पारी में पांच विकेट लेने का रिकॉर्ड श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन के नाम है। उन्होंने 67 बार ऐसा किया था। अश्विन शेन वॉर्न के साथ संयुक्त रूप से दूसरे नंबर पर हैं। अश्विन ने अपने करियर में इंग्लैंड के खिलाफ सबसे ज्यादा विकेट लिए हैं, इंग्लैंड के खिलाफ तीनों फॉर्मेट मिलाकर वो 53 मैचों में खेले और 150 विकेट लिए। वहीं, दूसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया है, जिसके खिलाफ अश्विन के 50 मैचों में 146 विकेट हैं। बता दें, विदेश में अश्विन के सबसे ज्यादा विकेट ऑस्ट्रेलिया में हैं। उन्होंने कंगारुओं के होम ग्राउंड पर तीनों फॉर्मेंट में कुल 38 मुकाबले खेले और 71 विकेट लिए। इसके अलावा श्रीलंका में 16 मैच में उनके 49 विकेट है। वहीं, भारत में अश्विन ने 131 मैचों में 475 विकेट हैं।
ब्रिसबेन के गाबा में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध खेला गया सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच ड्रॉ रहने के बाद अश्विन ने कहा कि भारतीय क्रिकेट टीम के साथ यह उनका अंतिम दिन था। मैच के बाद अश्विन कप्तान रोहित शर्मा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए और अपने रिटायरमेंट की घोषणा की। अश्विन ने कहा कि ये अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय टीम के हिस्से के रूप में मेरा आखिरी दिन है, आज मैं इंटरनेशनल क्रिकेट के सभी तरह के फॉर्मेट से संन्यास ले रहा हूँ। उन्होंने कहा, मैं मानता हूँ कि अभी मुझमें बतौर क्रिकेट कुछ बचा हुआ है, लेकिन अब मैं इसका प्रदर्शन शायद क्लब स्तर के क्रिकेट में करूंगा। अश्विन ने कहा, मैंने अपने करियर के दौरान खेल का खूब आनंद उठाया है और मेरी कई शानदार यादें जुड़ी हुई हैं, रोहित शर्मा और कई अन्य साथियों के साथ बिताए समय आज भी याद हैं। ड्रेसिंग रूम में कई खिलाडियों से जुड़ी यादें हैं, जो अब टीम में नहीं हैं। उन्होंने कहा, मैं BCCI का शुक्रिया अदा करना चाहूँगा और इसके अलावा कई नाम हैं, रोहित, विराट कोहली, अजिंक्य, पुजारा जिन्होंने मेरी गेंदों पर कई अच्छे कैच लिए। उन्होंने कहा कि आज ये मेरे लिए ये एक बहुत भावुक लम्हा है, माफ कीजिएगा इस मौके पर मैं आपका कोई सवाल नहीं ले पाऊँगा। आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया। अपने क्रिकेट के करियर में 38 साल के अश्विन ने 537 विकेट हासिल किए, उन्होंने 8 बार मैच में 10 विकेट भी हासिल किए। बल्ले से भी अश्विन का प्रदर्शन अच्छा रहा, उन्होंने छह शतक बनाए और 14 हाफ सेंचुरियां भी लगाईं।
पूरी दुनिया में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, लेकिन इस संकट के बीच रूस ने एक ऐसी महत्वपूर्ण घोषणा की है जो वैश्विक स्तर पर राहत का कारण बन सकती है। रूस ने दावा किया है कि उसने एक कैंसर वैक्सीन विकसित की है, जिसे 2025 की शुरुआत से सभी नागरिकों के लिए निःशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार, 16 दिसंबर को इस वैक्सीनेशन की जानकारी दी। रूस के रेडियोलॉजी मेडिकल रिसर्च सेंटर के जनरल डायरेक्टर, एंड्री काप्रिन ने रूसी रेडियो चैनल पर इस टीके के बारे में विस्तार से बताया। गामालेया नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के निदेशक, अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने पहले टीएएसएस समाचार एजेंसी से बातचीत में बताया था कि यह टीका ट्यूमर के विकास को रोकने और कैंसर के फैलाव को रोकने में मदद कर सकता है। यह वैक्सीन खासतौर पर कैंसर रोगियों के इलाज के लिए विकसित की गई है, और इसे सभी प्रकार के कैंसर रोगियों को दिया जा सकेगा। इस वैक्सीन के विकास की खबर से अन्य देशों में भी कैंसर से बचाव और इलाज के लिए वैक्सीनेशन की दिशा में शोध तेज हो गया है। रूस के राष्ट्रीय चिकित्सा अनुसंधान रेडियोलॉजिकल केंद्र और गामालेया सेंटर ने इस वैक्सीन के काम करने के तरीके की पुष्टि की है, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह टीका किस प्रकार के कैंसर के इलाज के लिए उपयुक्त होगा, या इसकी प्रभावशीलता कितनी होगी। इसके साथ ही, इस वैक्सीन का नाम भी अभी तक घोषित नहीं किया गया है।
दुनिया भर में कैंसर के इलाज के लिए विभिन्न टीकों पर काम चल रहा है। 2023 में, ब्रिटेन ने एक जर्मन जैव प्रौद्योगिकी कंपनी के साथ व्यक्तिगत कैंसर उपचार विकसित करने के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। वहीं, Moderna (MRNA.O) और Merck & Co (MRK.N) जैसी प्रमुख फार्मास्युटिकल कंपनियां वर्तमान में त्वचा कैंसर के लिए टीकों पर काम कर रही हैं। इसके अलावा, बाज़ार में पहले से ही ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के खिलाफ टीके उपलब्ध हैं, जो सर्वाइकल कैंसर को रोकने में मदद करते हैं।
सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने वाली एलन मस्क की स्टारलिंक के पास भारत में काम करने या सेवा देना का लाइसेंस नहीं है। अब ऐसे में हिंसाग्रष्त मणिपुर में स्टारलिंक जैसा डिवाइस मिलने से हड़कंप मच गया है। आपको बता दें, मणिपुर में सुरक्षा बलों ने इंफाल पूर्वी जिले से तलाशी अभियान के दौरान स्नाइपर राइफल, पिस्तौल, ग्रेनेड और अन्य हथियारों के साथ एक स्टारलिंक के लोगो वाली डिवाइस को बरामद किया है। यह बरामदगी बीते शुक्रवार, 13 दिसंबर को इंफाल ईस्ट से की गई है। भारतीय सेना और मणिपुर पुलिस ने एक संयुक्त अभियान में इंफाल पूर्वी जिले में कई स्थानों पर 21.5 किलोग्राम वजन के पांच IED भी बरामद किए है। मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच झड़प के चलते यहां सुरक्षाबलों की तरफ से हथियारों की बरामदगी आम बात है। हालांकि जिन चीजों की तस्वीरें सामने आई हैं, उनमें एक इक्विपमेंट पर ‘स्टारलिंक' का लोगो मौजूद था। हथियारों के इन जखीरों के साथ मिले स्टारलिंक जैसे इक्विपमेंट की बरामदगी ने देश की सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए हैं और यह जांच करने के लिए प्रेरित किया है कि यह उपकरण हिंसाग्रष्त राज्य तक कैसे पहुंचा। आपको बताते चलें कि स्टारलिंक दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क की कंपनी है। इस बरामदगी के बाद भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने इस तकनीक के भारत में इस्तेमाल को लेकर जांच शुरू कर दी है। स्टारलिंक के पास भारत में काम करने का लाइसेंस नहीं है। अधिकारियों ने कहा कि इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है कि यह बरामद इक्विपमेंट असली स्टारलिंक डिवाइस है भी या नहीं। मणिपुर में स्टारलिंक डिवाइस मिलने के बाद कई सवाल भी खड़े हो रहे है। हैरान करने वाली बात यह है कि भारत में स्टारलिंक के डिवाइस की बरामदगी एक महीने के अंदर ही दूसरी बार हुई है। इससे पहले अंडमान-निकोबार पुलिस ने नवंबर के अंत में एक म्यांमार की एक मछली पकड़ने के लिए इस्तेमाल होने वाली नाव से 36,000 करोड़ कीमत के 6000 किलो नशीले पदार्थ और स्टारलिंक का एक डिवाइस जब्त किया था। ये स्टारलिंक का एक माइक्रो इंटरनेट डिवाइस था।
हाल ही में इंफाल पूर्वी जिले के केइराओ खुनोउ में छापेमारी के दौरान हथियार और गोला-बारूद के साथ कुछ इंटरनेट डिवाइस जब्त किए थे। भारतीय सेना की ने जब्त की गई चीजों की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर साझा की थीं। इसमें से एक डिवाइस पर स्टारलिंक लोगो था। एलन मस्क की कंपनी SpaceX के ओनरशिप वाला स्टारलिंक दुनिया का पहला सैटेलाइट समूह है जो दुनिया में कहीं भी ब्रॉडबैंड इंटरनेट प्रदान करता है जहां इस सेवा को संचालित करने के लिए लाइसेंस प्राप्त है। बता दें, स्टारलिंक एक सेटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस है, जिसे SpaceX द्वारा बनाया गया है। स्टारलिंक, हजारों छोटे सेटेलाइट की मदद से हाई स्पीड इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड करता है। स्टारलिंक इंटरनेट सर्विस देने के लिए लो अर्थ आर्बिट सैटेलाइट का इस्तेमाल करती है। एलन मस्क पूरी दुनिया में स्टारलिंक की सेवा पहुंचाने के लिए धरती की इनर ऑर्बिट में ही करीब 42 हजार सैटेलाइट स्थापित करना चाहते हैं, ताकि इससे कनेक्टविटी और स्पीड बढ़ सके। धरती से तकरीबन 500 किलोमीटर की ऊंचाई पर मौजूद रहने वाला एक सेटेलाइट 90 मिनट में पूरी पृथ्वी का चक्कर लगा लेता है, ऐसे में 2200 सेटेलाइट इंटरनेट देने के लिए न सिर्फ हाई स्पीड बल्कि धरती के प्रत्येक कोने में इसकी सुविधा देने में सक्षम हैं। स्टारलिंक को साल 2019 में शुरू किया गया था और अब यह दुनियाभर के 56 से ज्यादा देशों में सैटेलाइट इंटरनेट एक्सेस कवरेज प्रदान करती है। स्टारलिंक की सबसे खास बात यह है कि इसके सैटेलाइट जमीन पर मौजूद न होकर सीधा आसमान से ही सिग्नल मुहैया कराते हैं। इसे ऐसे समझें कि जहां इंटरनेट मुहैया कराने वाली आम कंपनियां जहां मोबाइल-लैपटॉप और अन्य डिवाइस में सिग्नल मुहैया कराने के लिए केबल या टावर पर निर्भर होती हैं, वहीं स्टारलिंक की व्यवस्था को जमीन पर स्थायी स्टेशनों की उतनी जरूरत नहीं है। यानी स्टारलिंक सैटेलाइट उन जगहों पर भी सिग्नल भेजकर इंटरनेट मुहैया करा सकती हैं, जहां नेटवर्क नहीं आता या जहां जमीन से इंटरनेट सेवा पहुंचाने में बाधाएं आती हैं।
भारत में स्टारलिंक की सेवा अभी मौजूद नहीं है। कंपनी ने भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड लाइसेंस हासिल करने के लिए आवेदन डाला है। उसे अब नियामकों की मंजूरी मिलने का इंतजार है। बताया गया है कि स्टारलिंक की एप्लिकेशन फिलहाल गृह मंत्रालय के पास लंबित है, जो कि इसके सुरक्षा मानकों को परख रहा है। यानी आधिकारिक तौर पर फिलहाल स्टारलिंक की सेवाएं भारत में उपलब्ध नहीं हैं। इससे पहले केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए लाइसेंस स्टारलिंक समेत किसी को भी दिया जा सकता है, बशर्ते वे सभी सुरक्षा मापदंडों को पूरा करते हों। सिंधिया ने कहा था कि भारत में सेवाओं के लिए लाइसेंस हासिल करने के लिए सभी मानदंडों का पालन करना होगा। सैटेलाइट इंटरनेट सेवा प्रदाता सभी आवश्यकताओं को पूरा करने की प्रक्रिया में है। ट्राई की तरफ से इस बारे में चर्चा और प्रस्ताव दिए जाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें लाइसेंस मिल सकता है। हालांकि, मणिपुर में स्टारलिंक का डिवाइस मिलने के बाद खुद एलन मस्क ने इन खबरों पर प्रतिक्रिया दी है। बता दें, सोशल मीडिया पर एक 'एक्स' यूजर ने कहा कि स्टारलिंक का इस्तेमाल आतंकवादियों की ओर से किया जा रहा है। आशा है कि एलन मस्क इस पर गौर करेंगे और इस टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग को नियंत्रित करने में मदद करेंगे। इस पर मस्क ने जवाब देते हुए कहा है की यह गलत है। भारत के ऊपर स्टारलिंक सैटेलाइट बीम बंद कर दिए गए हैं।
दिल्ली में अगले साल चुनाव हैं और यहां हर दिन पॉलिटिक्स में नया ड्रामा हो रहा है। चुनावी खेल अभी से गरमा गया है। दिल्ली की राजनीति में आम आदमी पार्टी एक बार फिर बड़े-बड़े वादे लेकर मैदान में उतर चुकी है। आते हैं केजरीवाल के मास्टर प्लान पर। उन्होंने 'संजीवनी योजना' लॉन्च कर दी है। केजरीवाल ने कहा "60 साल से ऊपर के हर बुजुर्ग का इलाज फ्री!" सरकारी हो या प्राइवेट हॉस्पिटल, बिल दिल्ली सरकार देगी। कोई आय लिमिट नहीं। बस एक कार्ड मिलेगा, और बुजुर्ग आराम से इलाज करवा सकेंगे।" लेकिन सवाल यह उठता है कि जो वादे 5 साल पहले किए गए थे, उनका क्या हुआ? अरविंद केजरीवाल ने खुद स्वीकारा है कि कई वादे पूरे नहीं हो सके। उन्होंने इसके पीछे लॉकडाउन, जेल, और अन्य समस्याओं का हवाला दिया। अब, जब चुनाव नजदीक आ रहे हैं, तो नए वादों की झड़ी लगा दी गई है। इन वादों पर केजरीवाल ने रामायण का रेफरेंस देकर बोला, "जब लक्ष्मण मूर्छित हुए थे, तो हनुमान जी ने संजीवनी बूटी लाई थी। आज हम दिल्ली के बुजुर्गों के लिए संजीवनी योजना ला रहे हैं। Aam Aadmi Party ने एक और बड़ा दांव खेला है। 70 की 70 सीटों पर कैंडिडेट उतारकर सबको चौंका दिया। अरविंद केजरीवाल की टीम बोल रही है, हम तो तैयार हैं, बाकी देख लो क्या कर सकते हो! दूसरी तरफ बीजेपी अभी मंथन कर रही है कि 'किसे टिकट दें, किसे ना दें?' और कांग्रेस? वो तो हमेशा की तरह बैकग्राउंड में ही है। आम आदमी पार्टी दिन में 2000 मीटिंग्स कर रही हैं। AAP का टारगेट है चुनाव तक 65000 मीटिंग्स। हालांकि कई पुरानी योजनाएं आज भी अधूरी पड़ी हैं। तो क्या ये घोषणाएं और मीटिंग्स भी सिर्फ चुनावी जुमले बनकर रह जाएंगी? दिल्ली की महिलाओं के लिए भी गारंटी आ गई है। पिछले हफ्ते ही केजरीवाल ने ऐलान किया कि 18 साल से ऊपर की हर महिला को हर महीने 1000 रुपये मिलेंगे। चुनाव के बाद ये बढ़कर 2100 रुपये हो जाएंगे। हालांकि जनता का सवाल है कि क्या इससे महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण की समस्याओं का समाधान होगा, या ये केवल वोट जुटाने का एक तरीका है?
अब बीजेपी पर आते हैं। केजरीवाल ने सीधे-सीधे तंज कसा, बीजेपी के पास ना सीएम फेस है, ना कोई टीम। इनका एक ही नारा है केजरीवाल हटाओ। पांच साल कुछ किया नहीं, बस हमें गालियां दीं।" बीजेपी ने AAP पर निशाना साधते हुए कहा है कि "केजरीवाल सिर्फ वादे करना जानते हैं, काम करना नहीं।" बीजेपी का आरोप है कि केजरीवाल सरकार ने पांच साल में केवल बहाने बनाए और अब चुनाव से पहले नई घोषणाओं के सहारे जनता को लुभाने की कोशिश कर रही है। बीजेपी ने कहा, "जब हर बार दिल्ली के प्रदूषण की बात होती है, तो केजरीवाल जिम्मेदारी से भागते नजर आते हैं। जब बिजली, पानी, और परिवहन के सवाल उठते हैं, तो उनके पास कोई ठोस जवाब नहीं होता। ये केवल वादे करते हैं और सत्ता में आने के बाद बहाने बनाने लगते हैं।"
इस बार चुनावी दंगल मजेदार होने वाला है। अब देखना ये है कि दूसरे दल इस बाज़ी को कैसे पलटेंगे।