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Breaking News 18 August 2025

1.) गुरुग्राम में एल्विश यादव के घर फायरिंग ! 

सुबह-सुबह गुरुग्राम के सेक्टर-57 में गोलियों की गड़गड़ाहट गूंजी। जगह कोई और नहीं, बल्कि यूट्यूबर-सेलेब एल्विश यादव का घर था। सीसीटीवी कैमरे में दिखा—दो-तीन नकाबपोश बाइक पर आए, और घर की दीवारों पर लगभग 25 राउंड फायर ठोक दिए। कांच चटक गया, दीवारें छलनी हो गईं। खुशक़िस्मती कहिए या भगवान का हाथ, न एल्विश घर पर थे, न ही परिवार को खरोंच आई। लेकिन डर का माहौल पक्का बन गया। कुछ घंटों बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट तैरता है। दावा आया ‘भाऊ गैंग’ की तरफ़ से। इसमें नाम है हिमांशु भाऊ उर्फ़ भाऊ रितोलिया और नीरज फरीदपुरिया का। पोस्ट में तर्क यह कि एल्विश यादव ने बेटिंग और सट्टेबाज़ी ऐप्स को प्रमोट किया। "इनसे घर-घर बर्बाद हो रहा है।" इसलिए ये हमला "चेतावनी" है। साथ ही बाक़ी इन्फ्लुएंसर्स को भी धमकी: ऐसे ऐप्स का प्रचार किया, तो गोलियां मिलेंगी, गालियाँ नहीं। यानी गैंग ने खुद को "सामाजिक सुधारक" घोषित कर दिया, पर हथियार के दम पर। गुरुग्राम पुलिस ने मामला दर्ज किया है प्रयासपूर्वक हत्या, आर्म्स एक्ट, और गैंगस्टर एक्ट तक की धाराएँ लग सकती हैं। सीसीटीवी की कॉपियां चेक हो रही हैं, फॉरेंसिक एक्सपर्ट बुलेट्स गिन रहे हैं, और साइबर सेल सोशल मीडिया पोस्ट की लोकेशन ट्रैक करने में लगी है। पुलिस के लिए ये केस आसान नहीं होगा। क्योंकि NCR में गैंगवार का पुराना हिसाब-किताब है। याद कीजिए कुछ दिन पहले गायक फाज़िलपुरिया और उनके दोस्त रोहित शौकीन का नाम जुड़ा था एक शूटिंग केस से। अब एल्विश पर हमला, और उसके पीछे "भाऊ गैंग" का दावा। यानी कहानी सीधी नहीं, लंबी है। एल्विश यादव की पहली प्रतिक्रिया, फायरिंग के बाद एल्विश ने सोशल मीडिया पर लिखा, “मैं और मेरा परिवार सुरक्षित हैं। पुलिस जांच कर रही है। आप लोग परेशान मत हो।” यानि फैंस को तसल्ली, पर उनके मन का डर कहीं अंदर बैठ गया होगा। बड़ी तस्वीर है पर सवाल कई हैं अगर गैंग हीरो बनकर सामने आ रहा है, तो पुलिस की पकड़ कहां है? बेटिंग ऐप्स की आड़ में असल खेल क्या है सिर्फ ‘प्रमोशन’ या कहीं पैसा भी गैंग तक जा रहा था? NCR गैंगवार और सोशल मीडिया सेलेब्रिटी ये नया कॉम्बिनेशन किस दिशा में जा रहा है? गुरुग्राम की सुबह एक बात साफ कर गई सेलिब्रिटी होना अब सिर्फ फॉलोअर्स का खेल नहीं, बल्कि रिस्क का भी खेल है। एल्विश यादव का घर बच गया, परिवार सुरक्षित है, पर यह घटना बता रही है कि गैंग सोशल मीडिया पर खुलकर दावे कर रहे हैं। पुलिस अब सिर्फ चौराहों पर गश्त से काम नहीं चला सकती।