Latest News

Breaking News 17November 2024

1.) अनिल अंबानी ! Fraud घोषित  

 RCom फ्रॉड ! अनिल अंबानी की कंपनी को यस बैंक ने फ्रॉड घोषित किया 

अनिल अम्बानी का खेल खत्म 

बैंकों की पॉलिटिक्स और कॉर्पोरेट जगत का खेल हमेशा उल्टा पुल्टा ही होता है | यस बैंक ने अनिल अंबानी की कंपनी RCom (Reliance Communications) और उसकी ग्रुप कंपनियों को फ्रॉड घोषित कर दिया है। ये मामला कुछ ऐसा है जो हर आम आदमी के लिए समझना ज़रूरी है, क्योंकि ये सीधे-सीधे करोड़ों रुपये की बैंक लोन डिफॉल्टिंग से जुड़ा है। चलिए, इसे समझते हैं।

क्या है पूरा मामला?

यस बैंक ने बताया कि RCom ने  यस बैंक से लोन लिया और फिर उस पैसे का सही इस्तेमाल नहीं किया।बात ये था कि अनिल अंबानी की कंपनियां यस बैंक से मिले लोन की रकम को दूसरी जगह डायवर्ट कर रही थीं। बैंक का कहना है कि उन्होंने जब ट्रांजैक्शन की जांच की, तो सामने आया कि फंड्स का इस्तेमाल बैंकों और फाइनेंशियल पॉलिसीज़ के नियमों के खिलाफ हुआ है। यस बैंक ने इसे सीधे-सीधे "फ्रॉड" कहा और इसका खुलासा RBI को कर दिया। मतलब, अनिल अंबानी पर आरोप है कि उन्होंने बैंक के पैसे को ग़लत तरीके से इस्तेमाल किया।

RCom (Reliance Communications) की कहानी क्या है ?

अनिल अंबानी की RCom, जो एक जमाने में टेलीकॉम सेक्टर की बड़ी कंपनी थी,वो अब दिवालिया हो चुकी है। साल 2019 में RCom ने खुद को इंसॉल्वेंसी घोषित कर दिया था। मतलब, कंपनी के पास अपने लोन चुकाने के लिए पैसे ही नहीं बचे। यस बैंक ने RCom को करीब 13,000 करोड़ रुपये का लोन दिया था। अब सवाल ये है कि जब कंपनी डूब रही थी, तो अनिल अंबानी इतने बड़े लोन क्यों ले रहे थे? और वो पैसा कहां जा रहा था? यस बैंक के मुताबिक, RCom ने फंड्स को ऐसी जगह ट्रांसफर किया, जो ट्रांजैक्शन के नियमों के खिलाफ है।

यस बैंक का दांव और आरोप 

यस बैंक ने RCom और उसकी ग्रुप कंपनियों को "फ्रॉड अकाउंट्स" घोषित किया है |  इसका मतलब है कि बैंक अब इनसे लोन की रिकवरी करेगा, लेकिन इसकी पूरी जिम्मेदारी अब इंसॉल्वेंसी रिज़ॉल्यूशन प्रोसेस पर है। यह तब होता है जब यदि कोई कॉर्पोरेट देनदार लेनदारों के बकाया के भुगतान में चूक करता है, तो वित्तीय लेनदार के पास दिवालियापन समाधान प्रक्रिया शुरू करने की शक्ति होती है |  अब यस बैंक की हालत ये हो गई कि वो अपना पैसा वसूलने के लिए RCom के पीछे पड़ा है। लेकिन खेल ये है कि दिवालिया कंपनी से पैसा वापस मिलना, मतलब चांद पर पानी लाने जैसा है।"

जनता से जुड़े सवाल 

यस बैंक जैसे बड़े संस्थान ऐसे बड़े लोन देने से पहले डीटेल में जांच क्यों नहीं करते?
अनिल अंबानी, जो एक समय देश के बड़े बिजनेसमैन थे, कैसे अपनी कंपनियों को इस हाल तक ले आए?
आम आदमी का बैंक डिपॉजिट ऐसे फ्रॉड्स में कितना सुरक्षित है?

इसके नतीजे क्या है 

ऐसे फ्रॉड मामलों से बैंकों की वफ़ादारी  पर असर पड़ता है। यस बैंक पहले ही एनपीए (Non-Performing Assets) के मामलों में फंसा है। अगर इस तरह के और मामले बढ़े, तो बैंकों को बेलआउट की नौबत आ सकती है। तो,ये सिर्फ बैंक और RCom का मामला नहीं है। ये हमारी इकोनॉमी और फाइनेंशियल सिस्टम का मुद्दा है। हमें ये देखना होगा कि ऐसे फ्रॉड्स को कैसे रोका जाए और बैंकों की कार्यप्रणाली को और मजबूत किया जाए।
बस अब देखना ये है कि यस बैंक अपना पैसा कैसे वसूलता है और RCom का अगला कदम क्या होता है।