दिल्ली का सीएम हुआ फाइनल
दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के नाम से पर्दा उठ गया है। आम आदमी पार्टी विधायक दल की बैठक में अरविंद केजरीवाल ने आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखाा, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया किया। बता दें, अरविंद केजरीवाल आज मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं। केजरीवाल ने दो दिन पहले घोषणा की थी कि वह मुख्यमंत्री पद छोड़ देंगे और किसी अन्य को सीएम की कुर्सी पर बिठाया जाएगा। जेल से रिहा होने के बाद रविवार को अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली स्थित पार्टी कार्यालय में पहुंचकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था। उन्होंने कहा, मेरा केस लंबा चलने वाला है और मैं दो दिनों के बाद इस्तीफा दे दूंगा, अब जनता ही तय करेगी कि मुझे कुर्सी पर बैठना चाहिए या नहीं। हालांकि, केजरीवाल के इस्तीफे पर भाजपा का कहना है कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली का इतना नुकसान कर चुके हैं, कि अब उनके इस्तीफा देने से इसकी भरपाई नहीं हो सकती है।
विधायक दल की बैठक में क्या हुआ?
आम आदमी पार्टी के विधायक दल की बैठक 11 बजे शुरू हुई और इसके साथ ही इस राज से भी पर्दा उठ गया कि केजरीवाल के इस्तीफे के बाद दिल्ली की कमान संभालेगा कौन? बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बार इस पर से पर्दा उठा गया और अरविंद केजरीवाल ने खुद यह सस्पेंस खत्म किया। उन्होंने मंत्री आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसके बाद आम आदमी पार्टी के सभी विधायकों ने उनके नाम पर अपनी सहमति जताई। बता दें, तिहाड़ से जमानत पर रिहा होने के बाद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफे की घोषणा की थी और इसके बाद से ही इस बात पर अटकले लगाई जा रही थी कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा। मुख्यमंत्री की नाम में आतिशी का नाम सबसे आगे चल रहा था, जिस पर बैठक के दौरान केजरीवाल ने अंतिम मोहर लगा दिया।
विपक्ष कर रहा था केजरीवाल के इस्तीफे की मांग
शराब नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल के लगभग 5 महीने जेल में बिताए जाने के बाद अब केजरीवाल जमानत पर बाहर हैं, लेकिन कोर्ट ने उन पर कई पाबंदियां लगा दी हैं। बता दें, केजरीवाल जब जेल में थे, तब भाजपा का लगातार कहना था कि उन्हें नैतिक आधान पर इस्तीफा दे देना चाहिए और जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने अपने इस्तीफे की घोषणा भी कर दी। दिल्ली के लिए नए सीएम पद के नाम की घोषणा भी आम आदमी पार्टी ने कर दी है। अरविंद केजरीवाल ने लगातार आतिशी पर भरोसा जताया है, दिल्ली शराब नीति मामले में जेल जाने से पहले भी केजरीवाल ने एक तरह से सरकार की कमान आतिशी को ही सौंपी थी। केजरीवाल और सिसोदिया के जेल जाने के बाद आतिशी को केजरीवाल की तरफ से 14 विभागों की जिम्मेदारी दी गई थी।
पश्चिम बंगाल की सरकार और सीएम ममता बनर्जी को डॉक्टर्स की मांगों के आगे आखिरकार झुकना ही पड़ा। कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर की रेप और हत्या के बाद से डॉक्टर्स में काफी उबाल देखा जा रहा है। डॉक्टर्स अपनी मांगों को लेकर लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। सोमवार को सीएम ममता बनर्जी ने जूनियर डॉक्टर्स की 5 में से तीन मागें मान ली हैं, जिसके बाद बाद माना जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों का गुस्सा थम सकता है। आपको बता दें, सोमवार देर रात 6 घंटे से ज्यादा समय तक चली बैठक के बाद सीएम ममता बनर्जी ने अपने बयान में कहा कि मुझे लगता है कि बैठक सकारात्मक रही और मुझे यकीन है कि वो भी ऐसा ही सोचते हैं। ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने डॉक्टरों की 99 प्रतिशत मांगों को मान लिया है।
ममता ने डॉक्टर्स की कौन सी मांगें मानी?
डॉक्टर्स के साथ बैठक के बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि कुछ बिंदुओं पर सहमति बनी है और कुछ पर असहमति है। 42 आंदोलनकारी डॉक्टर्स और मुख्य सचिव मनोज पंत ने बैठक के विवरण पर हस्ताक्षर किए हैं। आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टर्स की अन्य मांगों पर मुख्य सचिव के नेतृत्व वाली समिति विचार करेगी। सरकार द्वारा जिन प्रमुख मांगों को मान लिया गया है उनमें कोलकता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को हटाया जाएगा, कोलकाता (नॉर्थ) डिप्टी कमिश्नर समेत चार अफसरों को भी हटाया जाएगा और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े दो अफसरों को भी हटाया जाएगा। बता दें, कोलकाता पुलिस के नए कमिश्नर की नियुक्ति मंगलवार को हो सकती है। सीएम ममा बनर्जी ने पहले कहा था कि कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को कम से कम दुर्गा पूजा तक पद पर बनाए रखा जाएगा, लेकिन 9 अगस्त को रेप-हत्याकांड के बाद सबूतों से छेड़छाड़ में पुलिस की भूमिका के आरोपों को देखते हुए विनीत गोयल को हटाने की मांग की गई थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट और कलकत्ता हाई कोर्ट ने कई बार टिप्पणी की थी।
5 लोगों की मौत, 10 से ज्यादा मकान ढहे
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद के के नौशहरा गांव में एक पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट से पूरे इलाके में सनसनी फैला गई है। इस दर्दनाक घटना में 5 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और 10 लोग घायल हो गए। विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि आसपास के लगभग एक दर्जन मकान धराशायी हो गए और इस भयावह हादसे ने पुरे गांव में अफरातफरी मचा दी और लोग विस्फोट की आवाज सुनकर अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए, घटना के बाद से ही इलाके के लोगों में देहशत फैल गई है। घटना के दौरान वहाँ मौजूद लोगों के अनुसार, सोमवार की रात लगभग 10 बजे अचानक पटाखों के एक गोदाम में आग लगने के बाद जबरदस्त विस्फोट हुआ और आग लगते ही पूरे क्षेत्र में धुएं का गुबार छा गया। लोगों का कहना है की धमाका इतना तेज था की गोदाम के आसपास के मकानों की छतें उड़ गईं और दीवारें भी गिर गईं। स्थानीय लोगों का कहना है कि नौशहरा गांव में वर्षों से पटाखों का कारोबार चल रहा है और इससे पहले भी छोटे-मोटे हादसे होते रहे हैं, लेकिन यह विस्फोट अब तक का सबसे भयंकर बताया जा रहा है।
घटना के तुरंत बाद किया गया रेस्क्यू ऑपरेशन
नौशहरा गांव में पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट की सूचना मिलते ही जिले के आलाधिकारी मौके पर पहुंचे। आईजी जोन आगरा भी स्थिति का जायजा लेने पहुंचे और तुरंत मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। राहत कार्य के लिए NDRF और SDRF की टीमों को बुलाया गया, जो मलबे में दबे लोगों को निकालने में जुटी गई। हादसे में शिकार घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। मामले की जानकारी देते हुए आगरा रेंज के IG ने बताया, हादसे की सूचना प्राप्त होते ही हमारी टीम ने तेजी से बचाव अभियान चलाया। यहां से 10 लोगों को निकाला भी गया है, जिनमें से 6 लोगों का इलाज चल रहा है। रिहायशी इलाकों में इस तरह के फैक्ट्री का लाइसेंस नहीं दिया जाता है। इसके नाम पर स्टोरेज का लाइसेंस गांव से काफी दूर एक जगह पर दिया गया था। इस तय जगह पर कोई लाइसेंस नहीं दिया गया था और निश्चित तौर पर मामले में कार्रवाई की जाएगी। अभी हमारी प्राथमिकता लोगों की जान को बचाना है।
हादसे के बाद गांव में पसरा मातम
हादसे के बाद नौशहरा गाँव में मातम का माहौल है। बता दें, जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनका रो-रो कर बुरा हाल है। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से यहाँ पटाखों का अवैध कारोबार चल रहा है, लेकिन अब इस हादसे ने उनकी आंखें खोल दी हैं और अब वो प्रशासन से इस अवैध धंधे पर पूर्ण रूप से रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। यह हादसा एक चेतावनी है कि अवैध पटाखा कारोबार न केवल कारोबारियों के लिए, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए भी जानलेवा साबित हो सकता है। ऐसे हादसों से जान-माल का भारी नुकसान होता है और अब प्रशासन पर यह जिम्मेदारी है कि वह इन अवैध गतिविधियों पर नकेल कसे और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के ठोस कदम उठाए।
मिस्त्र में शांति समझौते पर होगी चर्चा
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन मंगलवार को अपनी मिस्र की यात्रा पर होंगे। इजरायल हमास युद्ध के बीच गाजा में बंधकों की रिहाई और संघर्ष विराम को लेकर वो मिस्र के अधिकारियों से चर्चा करेंगे। अमेरिका, कतर और मिस्र कई महीनों से इजरायल और फिलिस्तीनी समूह से युद्ध रोकने तथा इजरायली बंधकों और फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करने के लिए समझौता कराने का प्रयास कर रहे हैं। बता दें कि गाजा में हमास लड़ाकों द्वारा बंधकों की हत्या से इजरायल में लोग आक्रोशित हो चुके हैं। कुछ दिनों पहले बंधकों की सुरक्षित रिहाई में इजरायल सरकार की विफलता के विरोध में कई श्रम संगठनों ने सोमवार को हड़ताल का आह्वान किया था। सूत्रों के अनुसार, देशभर में लगभग सात लाख लोग प्रदर्शन ने शामिल हुए थे। तेल अवीव की रैली में करीब साढ़े पांच लाख लोगों ने भाग लिया था। हमास के कब्जे में अभी भी लगभग सौ इजरायली बंधक हैं। पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला कर दिया था और इस हमले में 1200 लोगों की जान चली गई थी। वहीं, हमास ने 250 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया।
मुझे पता है कांग्रेस को किस चीज से दिक्कत है?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी.वाई चंद्रचूड़ के घर गए थे। पीएम ने वहां गणपति पूजा में हिस्सा लिया था, जिसके बाद कांग्रेस ने उन पर निशाना साधा था और अब पीएम मोदी ने पहली बार इस पर प्रतिक्रिया दी है। पीएम ने कहा कि आज भी सत्ता के भूखे लोग समाज को बांटने का काम कर रहे हैं और उनको ही मेरे गणेश पूजा में जाने से दिक्कत हो रही है। उन्होंने कहा कि मेरे गणेश पूजा में जाते ही कांग्रेस और उसके पूरे ईकोसिस्टम को परेशानी होने लगी। बता दें, CJI के साथ पीएम को आरती करते देख कांग्रेस ने काफी बवाल काटा था, कांग्रेस ने कहा था कि कोई भी पीएम ऐसे CJI के घर नहीं जा सकते हैं।
पीएम ने कांग्रेस के पाप को किया उजागर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा की कांग्रेस इसलिए भड़की हुई है, क्योंकि ये गणेश उत्सव था और इसमें मैं चला गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कर्नाटक में इससे भी बड़ा अपराध किया है, जो पाप ही है। इन लोगों ने तो भगवान गणेश की प्रतिमा को ही सलाखों के पीछे डाल दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसी ही नफरती सोच से हमारे देश में जहर घोलने का काम किया जा रहा है। पीएम ने कहा कि हमें इन लोगों से बचकर रहना होगा। उन्होंने कहा कि ऐसी सोच पर हमें अंकुश लगाना होगा, क्यूंकि ऐसी ताकतें हमें और इस देश को आगे नहीं बढ़ने देगी।
कनाडा के सांसद ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक खासकर हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा का मुद्दा उठाया है। कनाडाई सांसद चंद्र आर्या ने कहा कि मैं बांग्लादेश में जारी हिंसा से बहुत चिंतित हूं। कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले चंद्रा आर्या ने एलान किया है कि 23 सितंबर को पर्लियामेंट हिल पर एक रैली का आयोजन करेंगे। इसमें वह बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति को उजागर करेंगे। आर्या के मुताबिक रैली में हिंदुओं के अलावा बौद्ध और ईसाई भी शामिल होंगे। चंद्रा आर्या ने कनाडा की संसद में कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं, बौद्धों और ईसाइयों समेत अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर की जा रही हिंसा से मैं बेहद चिंतित हूं। बांग्लादेश में जब भी अस्थिरता होती है तो धार्मिक अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।
बांग्लादेश में हिंदुओं की घटती आबादी का कौन जिम्मेदार?
चंद्रा आर्या ने कहा, बांग्लादेश की आबादी में धार्मिक अल्पसंख्यकों की हिस्सेदारी 1971 में देश की आजादी के बाद से काफी गिरी है। उस वक्त 23.1 फीसदी अल्पसंख्यकों की आबादी में लगभग 20 फीसदी हिंदू थे। मगर अब यह अल्पसंख्यकों की संख्या लगभग 9.6% रह गई है। वहीं, हिंदुओं की आबादी लगभग 8.5% है। चंद्रा आर्या ने कहा कि बांग्लादेश में रहने वाले कनाडाई हिंदू अपने परिवारों, मंदिरों और संपत्तियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। हिंदू वहां की मौजूदा स्थिति को उजागर करने के लिए 23 सितंबर को पार्लियामेंट हिल पर एक रैली आयोजित करेंगे। उनके साथ कनाडा के बौद्ध और ईसाई भी शामिल होंगे।
ईरान के सुप्रीम लीडर को भारत ने दिखाया आईना
भारत के मुसलमानों पर ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई की टिप्पणी पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि अल्पसंख्यकों पर बयानबाजी करने वाले देशों को दूसरे के बारे में राय जाहिर करने से पहले अपना रिकॉर्ड देखना चाहिए। बता दें, भारत ने भारतीय मुसलमानों को लेकर खामेनेई की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए इसे 'अस्वीकार्य' बताया है। ईद-उल-मिलादुन्नबी के अवसर पर अपनी एक 'एक्स' पोस्ट में खामनेई ने 16 सितंबर को गाजा और म्यांमार के साथ ही भारत को भी उस फेहरिस्त में शामिल किया था, जहाँ मुसलमान खराब परिस्थितियों से जूझ रहे हैं। ये पहला मौका नहीं है जब ईरान के सुप्रीम लीडर ने भारत के लिए कुछ इस तरह की बयानबाजी की है और अब उनके 'अल्पसंख्यकों वाले' बयान को लेकर भारत ने सख्त प्रतिक्रिया दी है और उन्हें अपने गिरेबां में झांकने के लिए कहा है। उन्होंने कहा, हम ईरान के सर्वोच्च नेता के भारत में अल्पसंख्यकों के संबंध में की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हैं, ये गलत सूचना पर आधारित और अस्वीकार्य हैं।
कैसे हैं भारत और ईरान के रिश्ते?
भारत और ईरान के संबंध दोस्ती भरे रहे हैं। इसी साल 14-15 जनवरी को विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने ईरान का दौरा किया था। इतना ही नहीं जब इब्राहिम रईसी की मौत के बाद मसूद पेजेश्कियान ने 30 जुलाई को ईरान के नए राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली, तो भारत की ओर से केंद्रीय सड़क परिवहन और राज्यमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ईरान पहुंचे थे। परमाणु कार्यक्रमों की वजह से ईरान पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध हैं लेकिन भारत फिर भी ईरान के शीर्ष पाँच कारोबारी देशों की फेहरिस्त में शामिल है। इन सबसे ऊपर, इसी साल मई में भारत और ईरान के बीच एक अहम समझौता हुआ, जिसके तहत भारत चाबहार स्थित शाहिद बेहेस्ती बंदरगाह का 10 साल तक संचालन करेगा। बता दें, शाहिद बेहेस्ती ईरान का दूसरा सबसे अहम बंदरगाह है। ईरान के तटीय शहर चाबहार में बंदरगाह के विकास के लिए भारत और ईरान के बीच साल 2003 में सहमति बनी थी। साल 2016 में पीएम नरेंद्र मोदी ने ईरान का दौरा किया था, 15 साल में किसी भारतीय पीएम का ये पहला ईरानी दौरा था और यही वो साल था जब इस समझौते को मंजूरी मिली। साल 2019 में पहली बार इस पोर्ट का इस्तेमाल करते हुए अफगानिस्तान ने पहली बार पाकिस्तान को दरकिनार करते हुए भारत को माल भेजा था। इससे पहले अफगानिस्तान में खाद्यान्न पहुँचाने के लिए भारत को पाकिस्तान के सड़क मार्ग का इस्तेमाल करना पड़ता था।
भारत-इजरायल रिश्ते तो नहीं कारण?
खामेनेई की टिप्पणियां ईरान और इजरायल के बीच बढ़ती दुश्मनी के बीच आई हैं। भारत के दोनों ही देशों के साथ अच्छे रिश्ते हैं। भारत और इजरायल दोनों ही देश आतंकवाद से पीड़ित हैं और यही कारण है कि भारत ने इजरायल पर हमास द्वारा 7 अक्टूबर के आतंकवादी हमलों के पहले कुछ घंटों में इजरायल का समर्थन किया था। वहीं भारत और ईरान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आतंक को लेकर चिंता साझा करते हैं और चाबहार बंदरगाह को लेकर दोनों ही देशों को काफी उम्मीदें हैं। इसके साथ ही खामेनेई की टिप्पणी ऐसे वक्त में सामने आई है जब ईरान को सुन्नी मुसलमानों के दमन के लिए लगातार आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
आज माननीय उपराष्ट्रपति, श्री जगदीप धनखड़ ने प्रधानमंत्री @नरेंद्रमोदीजी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' का सहारा लिया, जिसमें उन्होंने लिखा, दो दशकों से अधिक समय तक शासन में और एक दशक से अधिक समय तक लगातार ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल में प्रधान मंत्री के रूप में, उन्होंने भारत की आत्मा को जागृत किया है, इसके सांस्कृतिक मूल्यों को प्रेरित किया है, इसके सभ्यतागत लोकाचार का पोषण किया है और इसे 2047 तक #विकितभारत की दिशा में अभूतपूर्व विकास पथ पर मजबूती से स्थापित किया है। नई अंतर्दृष्टि और दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ, आप आने वाले कई वर्षों तक भारत का नेतृत्व करते रहें, सर्वशक्तिमान भगवान से प्रार्थना है कि वह आपको शक्ति प्रदान करें और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद दें। (Tweet Link- https://x.com/vpindia/status/1835886618168930675?s=48&t=SpU1AK_H4cJVMqATqqHJPA)