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Breaking News 17 October 2024

1.) पाकिस्तान की जमीन से डॉ. जयशंकर ने भरी हुँकार

SCO सम्मेलन में हिस्सा लेने पकिस्तान पहुंचे जयशंकर

पाकिस्तान 15 और 16 अक्टूबर को दो दिवसीय एससीओ काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (CHG) शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। प्रत्येक वर्ष होने वाली ये बैठक इस साल पाकिस्तान के इस्लामाबाद में कड़ी सुरक्षा के बीच की जा रही है। इस सम्मेलन को देखते हुए राजधानी इस्लामाबाद में लॉकडाउन जैसे हालात हैं, बैठक की सुरक्षा को लेकर पाकिस्तानी आर्मी ने पूरे शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। इस बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद पहुंचे, जहाँ पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों ने नूर खान एयरबेस पर डॉ. जयशंकर का स्वागत किया। ये किसी भारतीय मंत्री की लगभग नौ साल में पहली पाकिस्तान यात्रा है। पाकिस्तान जाने वाली आखिरी भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज थीं। वह अफगानिस्तान पर एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए दिसंबर 2015 में इस्लामाबाद गई थीं। बता दें कि कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान से होने वाले सीमा पार आतंकवाद को लेकर दोनों पड़ोसियों के बीच संबंध खराब बने हुए हैं और फिलहाल दोनों पक्षों के बीच तनावपूर्ण संबंधों में किसी तरह की नरमी आने का कोई संकेत नहीं मिला है।

जयशंकर ने चीन-पाकिस्तान को दिया कड़ा सन्देश

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान एस जयशंकर ने SCO की बैठक को संबोधित भी किया। एस जयशंकर ने अपने संबोधन के दौरान आतंकवाद को खत्म करने पर खास तौर पर जोर दिया। उन्होंने पाकिस्तान की धरती से आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान और चीन को खरी-खरी सुनाया है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद आज मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने चीन का नाम लिए बिना कहा कि सहयोग आपसी सम्मान और सम्प्रभुता पर आधारित होना चाहिए, जिससे किसी देश की क्षेत्रीय अखंडता का उलंघन न हो। एस जयशंकर ने कहा कि SCO को कोशिश करनी चाहिए कि वह वैश्विक संस्थाएं रिफॉर्म्स के साथ कदम से कदम मिलाकर चले। इसकी कोशिश भी होनी चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भागीदारी बढ़ाई जाए। आपको बता दें कि संबोधित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसका उद्देश्य यूरेशिया में राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना है। इसे साल 2001 में चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान के नेताओं ने मिलकर स्थापित किया था।

'आतंकवाद और व्यापार साथ-साथ नहीं चल सकते'

पाकिस्तान के इस्लामाबाद में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने संबोधन में एक बार फिर पाकिस्तान पर निशाना साधा। उन्होंने पाकिस्तान को उसकी ही जमीन से आतंकवाद पर घेरते हुए कहा कि भारत सरकार की निति आतंकवाद को लेकर साफ है, अगर आतंकी घटनाएं जारी रहेंगी तो फिर दोनों देशों के बीच किसी भी व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा नहीं दिया जाएगा। शंघाई सहयोग संगठन के मंच से दिए अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज हम ऐसे समय में मिल रहे हैं, जब दुनिया संकट के दौर से गुजर रही है, दो बड़े संघर्ष चल रहे हैं और इसका पूरे विश्व पर नकारात्मक असर हो रहा है। कोरोना महामारी ने कई विकासशील देशों को बुरी तरह प्रभावित किया। साथ ही जलवायु परिवर्तन, आपूर्ति श्रृंखला की अनिश्चितता और वित्तीय कमजोरी विकास को प्रभावित कर रही है। विदेश मंत्री ने SCO देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने, विश्वास, दोस्ती और अच्छे पड़ोसी बनने की अपील की। उन्होंने कहा कि SCO संगठन के सामने आतंकवाद, अलगावाद और कट्टरपंथ से लड़ने की साझा चुनौती है।

विकास और तरक्की के लिए शांति और स्थिरता जरूरी

भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि 'विकास और तरक्की के लिए शांति और स्थिरता जरूरी हैं। अगर सीमा पर आतंकवाद होगा, अलगाववाद और कट्टरपंथ होगा तो फिर व्यापार, ऊर्जा, कनेक्टिविटी और लोगों के लोगों से संबंधों को बढ़ावा देना मुश्किल होगा। पाकिस्तान को लताड़ लगाते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि अगर सदस्य देशों के बीच विश्वास की कमी होगी और पर्याप्त सहयोग नहीं मिलेगा तो आपसी रिश्तों में कमी आएगी और अगर किसी देश में अच्छे पड़ोसी की भावना गायब है तो निश्चित रूप से उसे आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, यह तभी संभव है जब हम पूरी ईमानदारी से संबंधों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करें, तभी हम आपसी सहयोग और प्रतिबद्धता के फायदों को पूरी तरह से महसूस कर सकते हैं। यह सिर्फ हमारे फायदे के लिए नहीं है। दुनिया आज मल्टी-पोलर की तरफ बढ़ रही है, वैश्वीकरण और पुनर्संतुलन ऐसी वास्तविकताएं हैं, जिन्हें नकारा नहीं जा सकता। इन्होंने निवेश, व्यापार, ऊर्जा  और अन्य क्षेत्रों में सहयोग के अवसर पैदा किए हैं। अगर आज हम इसे आगे बढ़ाते हैं तो इससे हमारे क्षेत्र को निश्चित ही बहुत लाभ मिलेगा।

भारत सरकार की पहल से SCO ले सकता है प्रेरणा

विदेश मंत्री ने भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए वैश्विक अभियानों जैसे इंटरनेशनल सोलर अलायंस, मिशन लाइफ, आपदा प्रबंधन और पर्यावरण के क्षेत्र में किए जा रहे कामों को भी SCO के माध्यम से आगे बढ़ाने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत द्वारा आरंभ किये गए अंतर्राष्ट्रीय योगा दिवस से दुनिया को लाभ मिल रहा है और मोटे अनाज को लेकर भारत सरकार की पहल से पर्यावरण को बेहतर करने में मदद मिलेगी। साथ ही ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस, इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस से जैव विविधता की सुरक्षा की जा सकती है। भारत में हमने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की अहमियत को प्रदर्शित किया है, साथ ही हमने महिला आधारित विकास के प्रभाव को भी कर के दिखाया है। उन्होंने आगे कहा कि सदस्य देशों के बीच औद्योगिक सहयोग से प्रतिस्पर्धा और श्रम बाजार का विस्तार हो सकता है, छोटे और मध्यम उद्योगों के बीच सहयोग से रोजगार के अवसर पैदा होंगे। वहीं बड़े नेटवर्क से औद्योगिक समुदाय को भी लाभ होगा। आपसी जुड़ाव विकास के नए रास्ते खोल सकता है। लॉजिस्टिक एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। साथ ही पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य क्षेत्र, खाद्य और ऊर्जा में सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। इसके अलावा संस्कृति, शिक्षा और खेल में भी काफी विकास हो सकता है और हम मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं।

 

2.) जम्मू-कश्मीर की नई सरकार से कांग्रेस नदारद

शपथ के साथ नई सरकार का हुआ गठन

बुधवार, 16 अक्टूबर को नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण कर लिया है। उमर अब्दुल्ला ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिया, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (SKICC) में अब्दुल्ला और उनके मंत्रियों को शपथ दिलाई। बता दें, उमर अब्दुल्ला दूसरी बार जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बने हैं, तो वहीं सुरिंदर चौधरी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है और इसके अलावा अब्दुल्ला सरकार में पांच मंत्री भी बनाए गए हैं। मेंढर से नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक जावेद अहमद राणा, रफियाबाद से जावेद अहमद डार, डीएच पोरा से सकीना इट्टू और नौशेरा से सुरिंदर कुमार चौधरी को भी उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई। छंब विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक सतीश शर्मा को उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में जगह दी गई। बता दें, साल 1932 में फारुख अब्दुल्ला के पिता शेख अब्दुल्ला ने ऑल जम्मू कश्मीर मुस्लिम कॉन्फ्रेंस की स्थापना की, बाद में इसका नाम जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस कर दिया गया। अब्दुल्ला परिवार की तीसरी पीढ़ी के सदस्य उमर अब्दुल्ला के नाम जम्मू-कश्मीर के अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री होने का रिकॉर्ड है।

कांग्रेस ने सरकार से बाहर रहने का किया फैसला

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद रहीं। वहीं, JKNC प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती, AAP नेता संजय सिंह, CPI नेता डी राजा सहित INDIA गठबंधन के अन्य नेता यहां मौजूद रहे। बता दें, प्रदेश की नई सरकार में कांग्रेस ने नहीं शामिल होने का फैसला लिया है। जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (JKPCC) के प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी फिलहाल जम्मू-कश्मीर सरकार में शामिल नहीं हो रही है। कांग्रेस ने केंद्र से जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की है, इसके अलावा प्रधानमंत्री ने भी कई बार सार्वजनिक बैठकों में इसका वादा किया है, लेकिन जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल नहीं किया गया, इसलिए फिलहाल हम मंत्रालय में शामिल नहीं हो रहे हैं, JKPCC प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस पार्टी राज्य का दर्जा बहाल करने की अपनी लड़ाई जारी रखेगी। कार्यक्रम में मौजूद पीडीपी प्रमुख और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा, जम्मू-कश्मीर को बहुत सालों के बाद अपनी सरकार मिली है, लोगों ने एक स्थिर सरकार को चुना है। जम्मू-कश्मीर के लिए बहुत मुश्किल दौर है, ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि जो सरकार बनी है वो लोगों के लिए काम करेगी। 

PM पर विवादित बयान देने वाले को अब्दुल्लाह ने बनाया मंत्री

मेंढर विधानसभा क्षेत्र से नेशनल कॉन्फ्रेंस की टिकट पर तीसरी बार विधायक बने जावेद अहमद राणा को उमर अब्दुल्ला ने मंत्री बनाया गया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सबसे पहले साल 2002 में जावेद अहमद राणा को चुनावी मैदान में उतारा और वह यह चुनाव जीत गए। इसके बाद साल 2008 में जावेद अहमद राणा को नेशनल कॉन्फ्रेंस ने फिर से अपना उम्मीदवार बनाया, लेकिन पीडीपी के उम्मीदवार सरदार रफीक अहमद खान ने इन्हें हरा दिया। पीडीपी उम्मीदवार से साल 2008 में शिकस्त मिलने के बावजूद पार्टी ने फिर से इनके ऊपर भरोसा किया और साल 2014 में फिर से इन्हें पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया और जावेद अहमद राणा ने चुनाव जीत लिया। इसके बाद पार्टी ने बीते 2024 विधानसभा चुनाव में फिर से नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इन्हें अपना उम्मीदवार घोषित किया और इन्होंने तीसरी बार मेंढर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत लिया।

बीजेपी ने नई सरकार को दी बधाई

जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा, उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले लिया है और मैं उनके साथ शपथ लेने वाले मंत्रिमंडल को बधाई देता हूं और उम्मीद करता हूं कि वे जम्मू-कश्मीर की बेहतरी और जम्मू-कश्मीर की शांति और समृद्धि के लिए काम करेंगे। मैं उम्मीद करता हूं कि पिछले 10 सालों में जम्मू-कश्मीर में जो शांति स्थापित हुई है, उसे और मजबूत किया जाएगा ताकि लोगों को लाभ मिल सके। मैं नई सरकार को एक बार फिर बधाई देता हूं।

 

3.) उपराष्ट्रपति का मेघालय आगमन

माननीय उपराष्ट्रपति, श्री जगदीप धनखड़ और पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ का बुधवार, 16 अक्टूबर को मेघालय के शिलांग पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। मेघालय के माननीय मुख्यमंत्री, श्री कॉनराड संगमा, मेघालय सरकार में मंत्री डॉ. माजेल अम्पारीन लिंगदोह और कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने उनका स्वागत किया। भव्य स्वागत ने उपराष्ट्रपति की यात्रा के लिए राज्य के उत्साह को दर्शाया, उपराष्ट्रपति के इस दौरे ने देश के शीर्ष नेतृत्व के साथ मेघालय की हालिया व्यस्तताओं में एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में चिह्नित किया, साथ ही यह मौजूदा सरकार के पूर्वोत्तर राज्यों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता और जुड़ाव को भी दर्शाता है।

शिलांग में उपराष्ट्रपति की व्यस्तताएँ

अपने मेघालय दौरे के दौरान, श्री धनखड़ ने शिलांग में राज्य कन्वेंशन सेंटर में एक प्रभावशाली प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और उसका दौरा भी किया। प्रदर्शनी में विभिन्न क्षेत्रों में नई प्रगति के साथ-साथ मेघालय की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया गया। श्री धनखड़ की यात्रा में शिलांग टेक्नोलॉजी पार्क का दौरा भी शामिल था, जहां उन्होंने स्थानीय उद्यमियों के साथ बातचीत की। अपनी बातचीत में उन्होंने इस क्षेत्र के बढ़ते तकनीकी उद्योग और देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था में योगदान करने की शिलांग टेक्नोलॉजी पार्क की क्षमता पर प्रकाश डाला।

शिलांग राजभवन में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

माननीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ द्वारा शिलांग राजभवन के ऐतिहासिक दरबार हॉल में एक जीवंत सांस्कृतिक प्रदर्शन में भाग लेने के साथ दिन का समापन हुआ। राजभवन में आयोजित कार्यक्रम पूर्वोत्तर राज्य की अनूठी पहचान का जश्न मनाते हुए मेघालय की विविध और गतिशील सांस्कृतिक परंपराओं के रंगीन प्रदर्शन से भरी हुई थी। उपराष्ट्रपति ने कलाकारों की प्रशंसा की और बताया कि कैसे मेघालय की सांस्कृतिक समृद्धि भारत के राष्ट्रीय ताने-बाने का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि यहाँ की कला- संगीत और नृत्य के माध्यम से समुदायों को एक साथ लाती है।