गुजरात के वडोदरा में हुए हिट एंड रन केस में नया मोड़ आया है। आरोपी रक्षित चौरसिया का बैकग्राउंड सामने आ चुका है, और अब तस्वीर पहले से ज्यादा खतरनाक दिख रही है। वाराणसी का रहने वाला ये युवक सिर्फ एक हादसे का जिम्मेदार नहीं, बल्कि उसके पीछे सालों का रसूख और ढिलाई भरा सिस्टम है, जिसने उसे 'बिगड़ैल किलर' बना दिया। होली की रात जब उसने अपनी कार से तीन स्कूटी सवारों को कुचला, तो उसकी नशे में धुत्त दहशतगर्दी सिर्फ यहीं खत्म नहीं हुई। चश्मदीदों के मुताबिक, जब वो गाड़ी से उतरा तो "एनॉदर राउंड... निकिता मेरी..." बोलता दिखा। इतना ही नहीं, उसके दोस्त मीत चौहान ने भी खुद को अलग करते हुए साफ कह दिया "ये पागल है, मैं इससे कोई लेना-देना नहीं रखता!" अब बड़ा सवाल ये है कि वडोदरा पुलिस आखिर इतनी नरमी क्यों दिखा रही है? आरोपी रक्षित चौरसिया को एक दिन की रिमांड मिली, लेकिन इससे पहले पुलिस की मौजूदगी में उसका इंटरव्यू किसने कराया? क्या रसूखदार परिवार का दबाव पुलिस पर हावी हो गया? सिर्फ यही नहीं, एफआईआर में उसका वाराणसी वाला स्थायी पता तक दर्ज नहीं किया गया। क्या इसे जानबूझकर छिपाया गया? और ये सब तब हो रहा है, जब गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी खुद 'जीरो टॉलरेंस' की बात कर चुके हैं। मीडिया इंटरव्यू में रक्षित चौरसिया ने सारा दोष वोक्सवैगन कंपनी की कार पर डाल दिया। उसका कहना है कि कार की ऑटोमैटिक तकनीक ने गाड़ी को बेकाबू कर दिया। उसने सफाई दी कि वो 50-60 किमी/घंटे की स्पीड पर गाड़ी चला रहा था, और एक स्कूटी से टच होते ही एयरबैग खुल गए, जिससे आगे कुछ दिखा नहीं। लेकिन सवाल ये है कि क्या 50-60 की स्पीड में एयरबैग खुल जाते हैं? और सबसे बड़ा सवाल क्या गुजरात पुलिस आरोपी के नशे में होने की जांच को गंभीरता से ले रही है? रक्षित ने खुद कबूला है कि उसने भांग पी थी। हिट एंड रन के बाद अब रक्षित चौरसिया का 19 फरवरी का एक और कांड सामने आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस दिन भी उसने वडोदरा में हंगामा किया था और मामला पुलिस तक पहुंचा था। लेकिन 'ताकतवर' परिवार का बेटा होने के कारण केस रफा-दफा कर दिया गया। वडोदरा पुलिस आज रक्षित चौरसिया और मीत चौहान को फिर से कोर्ट में पेश करेगी। तो क्या सच अब में न्याय होगा
अंतरिक्ष में 9 महीने बिताने के बाद आखिरकार घर लौट रहे हैं भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर! नासा ने पुष्टि कर दी है कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में फंसे इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की धरती पर सुरक्षित वापसी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। स्पेसएक्स का क्रू ड्रैगन कैप्सूल इन्हें वापस लाने के लिए ISS पर पहुंच चुका है और नासा के मुताबिक, यह यान मंगलवार शाम 5:57 बजे (भारत में बुधवार तड़के 3:27 बजे) फ्लोरिडा के समुद्री तट पर लैंड करेगा। उनके साथ नासा के अंतरिक्ष यात्री निक हेग और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गोर्बुनोव भी लौटेंगे। नासा इस ऐतिहासिक वापसी का लाइव प्रसारण करेगा, जिसकी शुरुआत सोमवार रात 10:45 बजे (भारत में मंगलवार सुबह 8:30 बजे) से होगी। इस दौरान, ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट का हैच बंद होने से लेकर पृथ्वी पर सुरक्षित लैंडिंग तक की हर गतिविधि लाइव स्ट्रीम होगी। बोइंग स्टारलाइनर की खराबी बनी 9 महीने के इंतजार की वजह। सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को पिछले साल 5 जून को ISS भेजा गया था। योजना के मुताबिक, एक हफ्ते में उन्हें लौट आना था, लेकिन उनके लौटने वाला यान बोइंग स्टारलाइनर तकनीकी खराबियों का शिकार हो गया। इस समस्या ने उनकी वापसी को बार-बार टाल दिया और वे नौ महीने से ज्यादा समय तक स्पेस स्टेशन में फंसे रहे। फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए स्पेसएक्स क्रू-10 मिशन के अंतरिक्ष यात्री हाल ही में ISS पहुंचे, जहां उन्होंने सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर से मुलाकात की। यह ऐतिहासिक लम्हा कैमरों में कैद हो गया और इन तस्वीरों ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दी। भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को दुनिया की सबसे अनुभवी अंतरिक्ष यात्रियों में गिना जाता है। अपनी इस लंबी अंतरिक्ष यात्रा के दौरान उन्होंने महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोगों और रिसर्च में हिस्सा लिया। उन्होंने न केवल नए रिकॉर्ड बनाए, बल्कि यह भी साबित किया कि अंतरिक्ष में लंबा समय बिताना अब असंभव नहीं है। अब जब उनकी वापसी तय हो चुकी है, तो यह नासा, स्पेसएक्स और पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा ऐतिहासिक क्षण होगा। ये सिर्फ दो अंतरिक्ष यात्रियों की घर वापसी नहीं, बल्कि मानवता के अंतरिक्ष में कदम बढ़ाने की दिशा में एक और बड़ी जीत है। लाखों लोग इस ऐतिहासिक लैंडिंग का लाइव गवाह बनने के लिए उत्साहित हैं। विज्ञान और रोमांच से भरी इस गगनगाथा का अंत अब एक भव्य वापसी के साथ होने जा रहा है तब तक के लिए देखते रहे ग्रेट पोस्ट न्यूज़।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिकन एआई रिसर्चर लेक्स फ्रिडमैन के साथ 3 घंटे का पॉडकास्ट रविवार को रिलीज हुआ। इस इंटरव्यू में पीएम मोदी ने पाकिस्तान, चीन, डोनाल्ड ट्रम्प, अंतरराष्ट्रीय राजनीति, खेल और आरएसएस समेत निजी जीवन के कई अहम पहलुओं पर खुलकर बात की। गुजरात दंगों पर पूछे गए सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा, "24 फरवरी 2002 को मैं पहली बार निर्वाचित प्रतिनिधि बना और 27 फरवरी को गोधरा कांड हुआ। 2002 के दंगे दुखद थे, लेकिन उसके बाद गुजरात में स्थायी शांति बनी।" उन्होंने यह भी कहा कि 1969 के दंगे छह महीने तक चले थे और 2002 से पहले भी राज्य में 250 से अधिक दंगे हो चुके थे। "सरकार के खिलाफ कई आरोप लगाए गए, लेकिन न्यायपालिका ने दो बार जांच के बाद मुझे निर्दोष करार दिया," उन्होंने कहा। पाकिस्तान को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा शांति का प्रयास किया, लेकिन हर बार धोखा ही मिला। उन्होंने याद दिलाया कि 2014 में अपने शपथ ग्रहण समारोह में तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आमंत्रित किया था, लेकिन पाकिस्तान ने हर शांति पहल का जवाब दुश्मनी से दिया। "पाकिस्तान के लोग शांति चाहते हैं, लेकिन वहां की सरकार और नीतियां अलग दिशा में चलती हैं। हम आशा करते हैं कि एक दिन पाकिस्तान को सद्बुद्धि आएगी और वह शांति का रास्ता अपनाएगा," पीएम मोदी ने कहा। भारत-चीन संबंधों पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों को टकराव से बचते हुए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए। उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपनी बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि सीमा पर स्थिति सामान्य करने के लिए काम किया जा रहा है और 2020 से पहले के हालात बहाल करने की कोशिश हो रही है। "विश्वास बहाल होने में समय लगेगा, लेकिन भारत बातचीत के लिए प्रतिबद्ध है। 21वीं सदी एशिया की सदी है और भारत-चीन को इसे प्रतिस्पर्धा के रूप में लेना चाहिए, न कि टकराव के रूप में," उन्होंने कहा। अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने यह दिखा दिया कि वैश्विक संस्थान, खासकर संयुक्त राष्ट्र, अपनी भूमिका निभाने में विफल रहे हैं। "स्थिरता बनाए रखने के लिए जो संस्थाएं बनाई गई थीं, वे अपनी प्रासंगिकता खो रही हैं। जो देश अंतरराष्ट्रीय नियमों की अनदेखी करते हैं, उन्हें कोई परिणाम नहीं भुगतना पड़ता। यह दुनिया के लिए खतरनाक संकेत है," पीएम मोदी ने कहा। आरएसएस पर पूछे गए सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा कि संघ ने उन्हें "राष्ट्र के लिए जीना" सिखाया। "जो भी करो, उद्देश्यपूर्ण तरीके से करो। पढ़ाई करो, तो इस सोच के साथ कि इससे देश को योगदान मिलेगा। व्यायाम करो, तो शरीर को इतना मजबूत बनाओ कि राष्ट्र की सेवा कर सको," उन्होंने कहा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि वे साहसी नेता हैं और अपने फैसले खुद लेते हैं। "ह्यूस्टन में 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम में ट्रम्प स्टेडियम में बैठे थे। मैंने उनसे कहा कि क्यों न हम स्टेडियम का एक चक्कर लगाएं और लोगों को धन्यवाद दें। अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए यह असामान्य है, लेकिन ट्रम्प बिना एक पल गंवाए मेरे साथ चल दिए। यह उनके साहस को दिखाता है," पीएम मोदी ने कहा। अपने निजी जीवन पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वे स्वभाव से आशावादी हैं और निराशावाद को अपने सिस्टम में जगह नहीं देते। "बचपन में हमारे पास खिड़की तक नहीं थी, लेकिन हमने कभी गरीबी का बोझ महसूस नहीं किया। जूते नहीं थे, तो स्कूल की चॉक से उन्हें चमका लेता था। प्रेस नहीं थी, तो तांबे के लोटे से कपड़ों में प्रेस कर लेता था," उन्होंने अपने संघर्षों को याद करते हुए कहा। पीएम मोदी ने कहा कि वे कभी अकेलापन महसूस नहीं करते क्योंकि वे "1+1" के सिद्धांत को मानते हैं। "पहला 1 मोदी है और दूसरा 1 ईश्वर। मैं कभी अकेला नहीं होता, क्योंकि ईश्वर हमेशा मेरे साथ होता है। यही भावना मुझे प्रेरित करती है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ सोमवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर जोरदार प्रदर्शन किया। बोर्ड का कहना है कि यह बिल मुस्लिम समुदाय पर सीधा हमला है और वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने का रास्ता खोलेगा। प्रदर्शन में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हुए और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। ओवैसी ने विरोध प्रदर्शन के दौरान कहा, "हमारा काम विरोध करना है क्योंकि वक्फ संशोधन बिल असंवैधानिक है। यह बिल वक्फ संपत्ति को बचाने के लिए नहीं, बल्कि कब्रिस्तान और दरगाह मुसलमानों से छीनने के लिए लाया जा रहा है। सरकार के इरादे खराब हैं, वे देश में दूरियां बढ़ाना चाहते हैं।" ओवैसी ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी इस बिल का समर्थन न करने की अपील की। उन्होंने कहा, "अगर ये नेता इसका समर्थन करते हैं, तो जनता उन्हें जीवन भर याद रखेगी।"
AIMPLB के महासचिव फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने कहा कि बोर्ड ने सरकार को कई बार अपनी चिंताओं से अवगत कराया, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। उन्होंने कहा, "हमने हर लोकतांत्रिक माध्यम से सरकार को समझाने की कोशिश की, मगर हमारी बात को नजरअंदाज कर दिया गया।" AIMPLB के इस विरोध प्रदर्शन को कई राजनीतिक दलों का समर्थन मिला। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता फखरुल हसन चांद ने कहा, "सपा पहले से ही वक्फ संशोधन बिल का विरोध कर रही है और आगे भी करती रहेगी।" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने संयुक्त संसदीय समिति (JPC) द्वारा सुझाए गए बदलावों को शामिल करने के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों को मंजूरी दे दी है। अब यह बिल बजट सत्र के दूसरे भाग में संसद में पेश किया जाएगा। AIMPLB का कहना है कि वे इस बिल के खिलाफ कानूनी और लोकतांत्रिक लड़ाई जारी रखेंगे। अब देखना होगा कि सरकार इस विरोध के बीच क्या रुख अपनाती है।