भारतीय शेयर बाजार में लगातार तीसरे सत्र में आई तेजी ने सबके भरोसे को पुख्ता कर दिया है। बुधवार को निफ्टी50 इंडेक्स 108.65 अंक यानी 0.47% की बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि मंगलवार को इसमें 2.4% की ऐतिहासिक उछाल देखी गई थी। यह बढ़त केवल आंकड़ों का खेल नहीं है बल्कि यह इस बात की घोषणा है कि भारत अब केवल उभरता बाजार नहीं, बल्कि वैश्विक निवेश रणनीति का केंद्र बिंदु बनता जा रहा है।ब्लूमबर्ग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए नए टैरिफ के बाद जहां एशियाई बाजारों में 3% से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली, वहीं भारत ने न केवल उस दबाव को झेला, बल्कि तेजी से रिकवरी भी की। यह संकेत है कि भारत वैश्विक निवेशकों के लिए केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि एक भरोसेमंद विकल्प बन चुका है। मजबूत अर्थव्यवस्था, ठोस नीति निर्धारण और स्थिर राजनीतिक माहौल ने मिलकर भारत को वैश्विक संकट के बीच भी चमकने वाला सितारा बना दिया है। हालांकि यह ध्यान रखना जरूरी है कि पिछले दो तिमाहियों में निफ्टी50 करीब 10% तक गिर चुका था। इसके पीछे कई वजहें थीं—आर्थिक विकास में सुस्ती, ऊंचे वैल्यूएशन और विदेशी निवेशकों की बेरुखी। 2022 में FII (Foreign Institutional Investors) ने 17 अरब डॉलर और 2023 में 16 अरब डॉलर भारतीय बाजार से निकाले। यह एक चिंता का विषय था। लेकिन अब चीजें बदलती नज़र आ रही हैं।
RBI की संभावित ब्याज दर कटौती ने बाजार को एक सकारात्मक बूस्ट दिया है। और सबसे अहम, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने भारत को राहत दी है, जो दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है।
द ग्लोबल सीआईओ ऑफिस के CEO गैरी डुगन ने साफ कह “हम अपने पोर्टफोलियो में भारत को अधिक महत्व दे रहे हैं।” उन्होंने बताया कि भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि, स्थिर नीति और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में चीन के स्थान की जगह लेने की क्षमता, इसे एक मध्यम अवधि का सुरक्षित निवेश गंतव्य बना रही है। यह बात इसलिए भी अहम है क्योंकि अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते व्यापार तनाव ने कंपनियों को नए मैन्युफैक्चरिंग हब की तलाश में मजबूर कर दिया है—और भारत उस खाली स्थान को भरने के लिए पूरी तरह तैयार है। ब्लूमबर्ग के आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका के कुल आयात में चीन की हिस्सेदारी – 14% मेक्सिको – 15% और भारत – केवल 2.7% है इसका मतलब यह है कि व्यापार युद्ध में भारत सबसे कम प्रत्यक्ष प्रभाव झेलने वाला देश है, और यही इसकी बड़ी ताकत है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, निफ्टी50 फिलहाल 18.5 गुना पर ट्रेड कर रहा है, जबकि इसका पांच साल का औसत 19.5 है। यानी वैल्यूएशन अभी भी निवेश के लिए अनुकूल है। बीते सितंबर में यह 21 गुना तक पहुंच गया था, लेकिन अब कीमतें औसत के करीब हैं—जिसका अर्थ है कि अभी भी एंट्री के लिए यह एक सही मौका हो सकता है।
दिल्ली में मेहनतकशों को अब उनकी मेहनत का थोड़ा और बेहतर मेहनताना मिलेगा। रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी दरों में इजाफा करने का फैसला किया है। ये नई दरें 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगी और इसका सीधा असर उन हजारों मजदूरों पर पड़ेगा, जो दिन-रात राजधानी की रफ्तार को बनाए रखने में जुटे हैं। सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, अब अकुशल श्रमिकों को 18,456 रुपये मिलेंगे, जो पहले 18,066 रुपये हुआ करते थे। यानी उनकी जेब में हर महीने 390 रुपये ज्यादा आएंगे। वहीं अर्धकुशल श्रमिकों की मजदूरी 19,929 से बढ़कर 20,371 रुपये कर दी गई है। कुशल श्रमिकों को अब 22,411 रुपये मिलेंगे, जो पहले 21,917 रुपये हुआ करते थे।शैक्षणिक योग्यता के आधार पर भी मजदूरी में बढ़ोतरी की गई है। गैर-मैट्रिक श्रमिकों की मजदूरी 20,371 रुपये होगी, जबकि मैट्रिक पास मगर ग्रेजुएशन से कम पढ़े श्रमिकों को 22,411 रुपये मिलेंगे। ग्रेजुएट या उससे ज्यादा योग्यता रखने वाले श्रमिकों को अब 24,356 रुपये प्रति माह मिलेंगे—जो पहले 23,836 रुपये हुआ करते थे।
सरकार का कहना है कि यह बढ़ोतरी महंगाई के असर को कम करने और श्रमिकों को आर्थिक राहत देने के उद्देश्य से की गई है। हालांकि बढ़ोतरी की रकम बहुत बड़ी नहीं है, लेकिन इससे उन मजदूरों को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी, जिनके लिए हर सौ रुपये मायने रखते हैं। सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि कोई भी नियोक्ता अगर तय न्यूनतम मजदूरी से कम वेतन देता है, तो मजदूर इसकी शिकायत संबंधित जिले के संयुक्त श्रम आयुक्त या उप श्रम आयुक्त से कर सकते हैं। ये अधिकारी न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के तहत प्राधिकृत हैं और शिकायत मिलने पर कार्रवाई के हकदार हैं।
मॉडर्न ज़िंदगी की धड़कन बन चुका WhatsApp अब हैकर्स का नया हथियार बन गया है। इस बार स्कैम का तरीका बेहद इमोशनल और शातिर है—जिसे नाम दिया गया है ‘गुमशुदा स्कैम’। सुनने में मासूम लगे ये मैसेज असल में साइबर जालसाजों का नया ट्रैप हैं, जो आपकी एक गलती पर आपका पूरा बैंक बैलेंस मिटा सकते हैं। WhatsApp पर हाल ही में एक नया फ्रॉड सामने आया है जिसमें अनजान नंबर से लोगों को ‘गुमशुदा’ या ‘Missing’ लिखा हुआ एक फोटो भेजा जा रहा है। इस फोटो पर क्लिक करते ही यूज़र के मोबाइल में एक मैलिशियस लिंक के ज़रिए हिडन ऐप इंस्टॉल हो जाती है। यूज़र को भनक तक नहीं लगती और फोन का पूरा कंट्रोल साइबर अपराधियों के हाथ में चला जाता है। नतीजा? चंद मिनटों में बैंक अकाउंट खाली! मध्यप्रदेश में एक हालिया मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति को इसी तरह की फोटो भेजी गई। जैसे ही उसने फोटो पर क्लिक किया, उसका फोन हैक हो गया और कुछ ही मिनटों में अकाउंट से ₹2 लाख उड़ गए। इस फ्रॉड में हैकर्स गुमशुदगी की इमोशनल अपील के बहाने मैलिशियस लिंक भेजते हैं। लिंक में छुपा एक ऐप साइलेंट मोड में फोन में इंस्टॉल हो जाता है, जो सामान्य ऐप्स की लिस्ट में नजर नहीं आता। इसके बाद हैकर रिमोटली आपके फोन और बैंक ऐप्स को एक्सेस कर लेते हैं। यानी एक क्लिक, और आपकी सारी डिजिटल सिक्योरिटी ध्वस्त।
अनजान नंबर से आने वाले फोटो या लिंक को न खोलें WhatsApp की ऑटो-डाउनलोड सेटिंग को ऑफ रखें।अनजान मैसेज को तुरंत रिपोर्ट कर ब्लॉक करें। UPI में 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन चालू रखें।QR कोड सिर्फ भरोसेमंद स्रोत से ही स्कैन करें। जब दुनिया वर्चुअल हो रही है, तब ज़रूरत है विज़ुअल अलर्टनेस की। सोशल मीडिया पर भावनाओं का बाज़ार तो हमेशा गर्म रहेगा, लेकिन उसमें घुला ज़हर कब आपकी जेब का सफाया कर दे, इसका अंदाज़ा भी नहीं लगेगा। याद रखें, हर ‘Missing’ मैसेज मदद नहीं मांगता—कुछ आपकी डिजिटल दुनिया मिटा देने आए हैं।