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Breaking News 16 October 2024

1.) आध्यात्मिक शिक्षाओं में वैदिक ज्ञान का महत्व?

माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ को नई दिल्ली में उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में प्रतिष्ठित पुस्तक वेदार्थ विज्ञानम् की पहली प्रति इसके लेखक श्री आचार्य अग्निव्रत जी ने भेंट की। वैदिक और आधुनिक भौतिकी अनुसंधान केंद्र के मुख्य संस्थापक श्री आचार्य अग्निव्रत जी, वैदिक ज्ञान के प्राचीन ज्ञान को आधुनिक भौतिकी में प्रगति के साथ जोड़ने के लिए समर्पित हैं। पुस्तक, वेदार्थ विज्ञानम, सदियों पुरानी आध्यात्मिक शिक्षाओं और समकालीन वैज्ञानिक खोजों के बीच गहन तालमेल की खोज करती है, जो दोनों क्षेत्रों के बीच गहरे संबंधों में नई अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। पुस्तक प्राप्त करते समय, श्री धनखड़ ने विज्ञान और आध्यात्मिकता के संलयन को बढ़ावा देने में उनके दूरदर्शी काम के लिए लेखक और अनुसंधान केंद्र के प्रयासों की सराहना की - जो भारत की ज्ञान और इनोवेशन की समृद्ध विरासत का एक प्रमाण है। श्री आचार्य अग्निव्रत जी के नेतृत्व में वैदिक और आधुनिक भौतिकी अनुसंधान केंद्र, वैदिक ग्रंथों के दर्शन को अत्याधुनिक वैज्ञानिक सिद्धांतों के साथ जोड़ने वाले अनुसंधान को बढ़ावा देने में सहायक रहा है। केंद्र का लक्ष्य अपने प्रगतिशील अनुसंधान से विद्वानों और छात्रों दोनों को प्रबुद्ध करना है जो आध्यात्मिक और वैज्ञानिक समझ की सीमाओं को आगे बढ़ाते हुए आध्यात्मिक और भौतिक क्षेत्रों के बीच समानताएं खींचता है।

ग्रामीण और शहरी निकाय भारत के महत्वपूर्ण स्तंभ

एक अन्य महत्वपूर्ण घटना में, केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव के ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के एक प्रतिनिधिमंडल को उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ से मुलाकात करने का सम्मान मिला। अपनी बातचीत के दौरान, उपराष्ट्रपति ने कुशल प्रशासन और अपने लोगों को आवश्यक सेवाओं की डिलीवरी सुनिश्चित करने में इन स्थानीय निकायों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने अपने क्षेत्र में ग्रामीण और शहरी दोनों नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने में प्रतिनिधियों की प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत की प्रसंशा की, जो संस्कृति और विकास के अद्वितीय मिश्रण के लिए जाना जाता है। बता दें, ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकाय भारत की विकेंद्रीकृत शासन संरचना में महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, जो जमीनी स्तर पर लोकतंत्र सुनिश्चित करते हैं। ये सरकार और नागरिकों के बीच पुल के रूप में कार्य करते हैं, जनता के समग्र कल्याण के लिए नीतियों और योजनाओं के कार्यान्वयन की सुविधा प्रदान करते हैं। उपराष्ट्रपति ने समावेशी विकास के प्रयास में प्रतिनिधिमंडल के प्रयासों की सराहना की और सहयोगात्मक शासन की आवश्यकता पर जोर दिया, जहां निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में ग्रामीण और शहरी दोनों आबादी की आवाज को समान रूप से प्रतिनिधित्व किया जाता है।

 

 

2.) 'हो गया एलान... कौन करेगा मुंबई पे राज'

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है। चुनाव आयोग के अनुसार राज्य में एक ही चरण में सभी 288 सीटों पर 20 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित कर दिए जायेंगे। चुनाव आयोग के अनुसार महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए 22 अक्तूबर को अधिसूचना जारी होगी, जबकि नामांकन की आखिरी तारीख 29 अक्तूबर होगी। वहीं, 30 अक्तूबर को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी और नाम वापसी के लिए 4 नवंबर आखिरी दिन होगा। बता दें, महाराष्ट्र में कुल मतदाताओं की संख्या करीब 9.63 करोड़ है, जिसमें 4.97 करोड़ पुरुष मतदाताओं की संख्या है, तो वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 4.66 करोड़ है। अगर युवा मतदाताओं की बात करें तो इनकी संख्या 1.85 करोड़ है, जबकि पहली बार अपना वोट डालने वाले मतदाताओं की संख्या 20.93 लाख है। महाराष्ट्र में कुल 52 हजार 789 जगहों पर एक लाख 186 पोलिंग स्टेशन होंगे, इसमें शहरी इलाकों में 42 हजार 604 और ग्रामीण इलाकों में 57 हजार 582 पोलिंग स्टेशन होंगे।

क्या कहता है महाराष्ट्र का चुनावी गणित?

महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है। महाराष्ट्र में विधानसभा सीट की कुल 288 सीटें हैं, जबकि बहुमत के लिए 145 सीटें जरूरी हैं। महाराष्ट्र में महायुति, जिसमें बीजेपी-शिवसेना (शिंदे)-एनसीपी (अजित) शामिल हैं और महाविकास अघाड़ी, जिसमें कांग्रेस-शिवसेना (उद्धव)- एनसीपी (शरद) गठबंधनों के बीच कांटे की टक्कर है। 2019 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी 152 सीटों पर लड़ी थी और तब बीजेपी ने अविभाजित शिवसेना के लिए 124 सीटें छोड़ी थी, वहीं एनडीए ने अपने अन्य सहयोगियों के लिए 12 सीटें छोड़ी थीं। इससे पहले बीजेपी ने साल 2014 के विधानसभा चुनाव में 122 और 2019 में 105 सीटों पर जीत हासिल की थी। महाराष्ट्र में इस साल के मध्य में हुए लोकसभा चुनाव में महायुति गठबंधन का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था, इस चुनाव में गठबंधन के तीनों दलों [बीजेपी-शिवसेना (शिंदे)-एनसीपी (अजित)] ने मिलकर मात्र 17 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, महाविकास अघाड़ी का प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर रहा था, इस चुनाव में विपक्षी गठबंधन [कांग्रेस-शिवसेना (उद्धव)- एनसीपी (शरद)] ने 48 में से 30 सीटें जीतीं 

 

3.) झारखंड में बजा चुनावी आयोग

चुनाव आयोग ने झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है। आपको बता दें कि राज्य की 81 विधानसभा सीटों पर दो चरण में चुनाव होंगे। प्रदेश में पहले चरण के चुनाव के लिए मतदान 13 नवंबर और दूसरे चरण के मतदान 20 नवंबर को किये जायेंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि झारखंड में पहले चरण की अधिसूचना 18 अक्तूबर को जारी होगी, जबकि नामांकन 25 अक्तूबर से शुरू होंगे। वहीं नामांकन पत्रों की जांच 28 अक्तूबर को होगी और नाम वापसी की तारीख 30 अक्तूबर होगी। वहीं दूसरे चरण के चुनाव की अधिसूचना 22 अक्तूबर को जारी होगी, नामांकन 29 अक्तूबर से होंगे और नामांकन पत्रों की जांच 30 अक्तूबर को होगी, जबकि नाम वापसी की तारीख 1 नवंबर होगी। 23 नवंबर को मतगणना के बाद चुनाव के नतीजे घोषित कर दिए जायेंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि झारखंड में कुल मतदाता 2.06 करोड़ हैं। इनमें से पुरुष मतदाता 1.31 करोड़ और महिला मतदाता 1.29 करोड़ हैं। इसके अलावा झारखंड में कुल युवा मतदाता 66.84 लाख हैं, जबकि फर्स्ट टाइम वोटर की संख्या 11.84 लाख और दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 3.67 लाख हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि झारखंड में कुल 29562 मतदान केंद्र होंगे। इसमें 20221 लोकेशन पर मतदान केंद्र हैं। इसमें 5042 मतदान केंद्र शहरी क्षेत्र और 24520 मतदान केंद्र ग्रामीण इलाकों में होंगे।

क्या है मौजूदा झारखंड विधानसभा की स्थिति?

झारखंड विधानसभा में 81 सीटें हैं, बहुमत का आंकड़ा 41 है। झारखंड में कुल 81 विधानसभा सीटों में से सामान्य सीटें 44, एसटी सीटें 28 और एससी की 9 सीटें हैं। झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को खत्म हो रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि पिछली बार झारखंड में पांच चरण में मतदान हुआ था। इस बार इसे दो चरण में कराया जाएगा। बता दें कि झारखंड में मौजूदा समय में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) गठबंधन की सरकार है। साल 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा को 30, भाजपा को 25 और कांग्रेस को 16 सीटें मिली थीं। इसके अलावा जेवीएम को तीन, एजेएसयूपी को दो और अन्य को पांच सीटें मिली थीं। मौजूदा समय में झारखंड में हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री हैं। आपको बता दें, चुनाव आयोग ने मतदान की तारीखों का एलान करते समय कहा कि इस साल में होने वाले विधानसभा चुनाव साल 2019 में हुए चुनाव की तुलना में एक माह पहले हो रहे हैं लेकिन हम पूरी तरह से तैयार हैं। हमें विश्वास है कि अधिक से अधिक संख्या में लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। लोगों में चुनाव को लेकर उत्साह है और हमें उम्मीद है की इस बार मतदान प्रतिशत में भी इजाफा होगा।

पहले और दूसरे चरण में इन सीटों पर होगा मतदान

झारखंड में पहले चरण में 13 नवंबर को 43  विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। इसमें कोडरमा, बरकठा, बरही, बरकागांव, हजारीबाग, सिमरिया (एससी), चतरा (एससी), बहरागोड़ा, घाटसिला (एसटी), पोटका (एसटी), जुगसलाई (एससी),जमशेदपुर पूर्व, जमशेदपुर पश्चिम, ईचागढ़, सरायकेला (एसटी), चाईबासा (एसटी), मझगांव (एसटी), जगन्नाथपुर (एसटी), मनोहरपुर (एसटी), चक्रधरपुर (एसटी), खरसावां (एसटी), तमाड़ (एसटी), तोपरा (एसटी), खुंती (एसटी), रांची, हटिया, कांके (एससी), मान्डर (एसटी), सिसई (एसटी), गुमला (एसटी), बिष्नुपुर (एसटी), सिमडेगा (एसटी), कोलिबेरा (एसटी), लोहरदगा (एसटी), मानिका (एसटी), लातेहर (एससी), पांकी, डाल्टनगंज, बिश्रामपुर, छत्तरपुर (एससी), हुसैनाबाद, गढ़वा, भगवंतपुर शामिल हैं। वहीं, दूसरे चरण में 20 नवंबर को 38 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। इसमें राजमहल, बोरिओ (एसटी), बरहैट (एसटी), लिटीपारा (एसटी), पाकुड़, महेशपुर (एसटी), सिकारीपारा (एसटी), नाला, जामतारा, दुमका (एसटी), जमा (एसटी), जरमुंडी, मधुपुर, सारथ, देओघर (एससी), पौड़ैयाहाट, गोड्डा, महागामा, रामगढ़, मांडू, धनवार, बगोडर, जमुआ (एससी), गाण्डे, गिरहीड, डुमरी, गोमिया, बेरमो, बोकारो, चंदनकियारी (एससी), सिंदरी, निरसा, धनबाद, झारिया, तुंडी, बाघमारा, सिल्ली, खिजरी (एसटी) शामिल हैं।

 

4.) देश में एक बार फिर होंगे लोकसभा चुनाव?

राहुल और अखिलेश की सीट हुई खाली

चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों के साथ ही देश भर में 14 राज्यों की 48 विधानसभा सीटों और दो राज्यों की दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का भी एलान कर दिया है। इनमें केरल की वायनाड लोकसभा सीट और यूपी की करहल विधानसभा सीट काफी चर्चित हैं। देश भर में जिन लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं उनमें सबसे चर्चित वायनाड सीट है। बता दें, वायनाड की सीट राहुल गांधी के इस्तीफे से रिक्त हुई है, राहुल ने 2024 के लोकसभा चुनाव में वायनाड के साथ-साथ रायबरेली सीट पर भी जीत दर्ज की थी। हालांकि, राहुल ने रायबरेली सीट को अपने पास रखा और वायनाड सीट से इस्तीफा दे दिया। वहीं, दूसरी सीट नांदेड़ की है, महाराष्ट्र की यह सीट कांग्रेस सांसद वसंतराव चव्हाण के निधन के बाद रिक्त हुई है। इसी तरह पश्चिम बंगाल की बशीरहाट सीट भी यहां के सांसद के निधन की वजह से रिक्त हुई है, लेकिन यहां अभी चुनावों का एलान नहीं हुआ है। यहां उपचुनाव की घोषणा बाद में होगी। इसके अलावा उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव का एलान नहीं किया गया है। इसी तरह केरल की देवीकुलम विधानसभा सीट भी रिक्त है, क्यूंकि यहां के विधायक ए राजा की अयोग्यता का मामला अभी कोर्ट में है इसलिए इस सीट से चुनाव का एलान नहीं किया गया है।

कब और किन राज्यों में होंगे उपचुनाव?

उत्तर प्रदेश की 9, राजस्थान की 7, पश्चिम बंगाल की 6, असम की 5, बिहार की 4, पंजाब की 4, कर्नाटक की 3, केरल की 2, मध्य प्रदेश की 2, सिक्किम की 2, गुजरात की 1, उत्तराखंड की 1 और छत्तीसगढ़ की 1 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। इसके साथ ही केरल की वायनाड सीट और महाराष्ट्र की नांदेड़ सीट पर भी उपचुनाव होने हैं। पहले उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना था, लेकिन अभी अयोध्या के मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव की डेट अनाउंस नहीं की गई है। 48 विधानसभा सीटों में से 12 सीटें BJP के पास हैं. कांग्रेस के पास 11 सीटें, सपा के पास 6 और TMC के पास 5 सीटें हैं. इसके अलावा अन्य के पास 14 सीटें हैं। 47 विधानसभा सीटों और केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर 13 नवंबर को उपचुनाव होंगे। उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा सीट और महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट पर 20 नवंबर को उपचुनाव होंगे। 47 विधानसभा सीटों और केरल की वायनाड लोकसभा सीट के लिए गजट नोटिफिकेश की तारीख 18 अक्टूबर है। 25 अक्टूबर से नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे, 30 अक्टूबर तक नामांकन वापस लिए जा सकते हैं। जबकि उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा सीट और महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट के लिए गजट नोटिफिकेश की तारीख 22 अक्टूबर रखी गई है। 29 अक्टूबर से नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे, 4 नवंबर तक नामांकन वापस लिए जा सकते हैं।

 

5.) हरियाणा के मुख्यमंत्री होंगे नायब सैनी

नायब सैनी का दूसरी बार मुख्यमंत्री बनना तय

हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे आठ अक्टूबर को घोषित किए गए. राज्य में भाजपा ने तीसरी बार जीत हासिल की है. राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 48 सीटें मिलीं और बीते दिन दो निर्दलीय के भाजपा में शामिल होने के बाद सीटों का आंकड़ा 50 हो गया है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने नायब सिंह सेनी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा था और इसके बाद विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री बनाए जाने की औपचारिकता को भी पूरा कर लिया गया है। इसी के साथ हरियाणा के दूसरी बार मुख्यमंत्री बनेंगे नायब सिंह सैनी। विधायक दल की बैठक में उन्हें एक बार फिर से मुख्यमंत्री चुना गया है और वह गुरुवार, 17 अक्टूबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। गृहमंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी इस बैठक में मौजूद थे। बैठक के बाद अमित शाह ने कहा, इस देश की सेना में हर 10वां जवान हरियाणा से है और हरियाणा ने इस देश के अन्न का जिम्मा उठाया है, इसलिए हमारी सरकार ने अपने घोषणा पत्र में प्राथमिकता में युवाओं को रोजगार देना और किसानों की खुशहाली को रखा है। उन्होंने आगे कहा, मुझे विश्वास है कि नायब सिंह की सरकार इसी तरह से काम करेगी और ये सरकार 36 बिरादरियों की होगी, इसका भी मुझे विश्वास है और यह सरकार हर गांव का विकास करेगी, इसका भी मुझे विश्वास है। गृहमंत्री ने कहा मोदी सरकार हरियाणा के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और इसलिए हमारी सरकार ने प्रदेश के विकास के लिए पिछले 10 सालों में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक दिया है।

पहले नौकरी की चिट्ठी, फिर लूंगा CM पद की शपथ

हरियाणा में शपथ ग्रहण की तैयारियां जोरों पर हैं, नायब सिंह सैनी प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के तौर पर गुरुवार को दूसरी बार शपथ लेंगे। इस शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भारतीय जनता पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। नायब सिंह सेनी ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बनने का गौरव भारतीय जनता पार्टी को प्राप्त हुआ है। इन सब के बीच हरियाणा की एक फिर कमान संभालने जा रहे नायब सिंह सैनी ने एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि हमनें चुनाव से पहले वादा किया था कि हम सत्ता में वापसी करने के बाद सबसे पहले 24 हजार युवाओं को नौकरी देंगे और मुझे प्रदेश के युवाओं को ये बताते हुए खुशी हो रही है कि जिन युवाओं का चयन हुआ है उनका रिजल्ट अब तैयार है। मैं कल पहले 24 हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र दूंगा और इसके बाद ही मैं राज्य के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लूंगा। उन्होंने आगे कहा कि मैं आपसे ये  कहना चाहूंगा कि बीजेपी जो वादा करती है उसे सत्ता में वापसी करते ही पूरा भी करती है, हम सिर्फ वादे करने में ही विश्वास नहीं करते, हम उन्हें पूरा करने में भी उतना ही भरोसा करते हैं। आपको बता दें कि नायब सिंह सैनी को बुधवार को सर्वसम्मति से हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल का नेता चुन लिया गया। भाजपा की हरियाणा इकाई के नवनिर्वाचित विधायकों ने एक बैठक में सैनी को अपना नेता चुना। विधायक कृष्ण कुमार बेदी और अनिल विज ने सैनी के नाम का प्रस्ताव दिया और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नए सीएम के तौर पर नायब सिंह सैनी के नाम की घोषणा की।