झाँसी के मेडिकल कॉलेज में आग से मासूमों की हुई दर्दनाक मौत
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात गहन चिकित्सा इकाई (NCU) में शुक्रवार की रात को एकदिल को दहलाने देने वाली अग्निकांड हुई है, जिसमें 10 नवजात शिशुओं की दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना आग लगने के कारण हुई, और शुरुआती जांच में लापरवाही और आग से बचाव के पर्याप्त उपायों की कमी का संकेत मिला है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी। आग के दौरान वार्ड में लगे स्मोक डिटेक्टर और अन्य सुरक्षा उपकरण काम नहीं कर रहे थे। घटना ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। इस घटना को लेकर यूपी सरकार पूरी तरह से सहायता के लिए जुटी है। उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री ब्रजेश पाठक झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज में उन्होंने नवजात शिशुओं के परिवारों से मुलाकात की। डिप्टी सीएम ने नवजात शिशुओं की मौत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। हालांकि इस घटना में लगभग 35 नवजात शिशुओं को बचा लिया गया है ।
जानकारी में सामने आया कि शार्ट सर्किट से ऑक्सीजन कंसनट्रेटर में आग लग गई। आग की चपेट में पूरा वार्ड आ गया, जिससे वार्ड में भगदड़ मच गई। मौजूद स्टाफ और परिजन नवजातों को लेकर बाहर की ओर भागे। इसके अलावा स्टाफ से लेकर मरीज और उनके परिजन ने खिड़की तोड़कर बच्चों के बाहर निकालने शुरू किया। बताया जा रहा है कि आग इतनी भीषण थी कि कोई भी शख्स वार्ड के अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा सका। फरवरी में मेडिकल कॉलेज की फायर सेफ्टी ऑडिट हुई थी और जून में सरकार के आदेश पर मॉक ड्रिल किया गया। इसके बावजूद आग लगने की घटना होना बेहद दुखद है। इससे पता चलता है की कितनी बड़ी लापरवाही हुई है |
प्रधानमंत्री मोदी G20 समिट के लिए हुए रवाना, करेंगे तीन देशो की यात्रा
आज यानि 16 नवंबर 2024 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राजील में होने वाले G20 शिखर सम्मेलन के लिए रवाना हुए | रवाना होने से पहले मोदी ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में भारत अपनी " एक पृथ्वी , एक परिवार, एक भविष्य की दृष्टि के अनुरूप काम करेगा। इस वर्ष ब्राजील ने भारत की पिछली G20 Chairmanship के दौरान शुरू किए गए "Global South" के प्राथमिकताओं पर काम को आगे बढ़ाया है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत G20 ट्रोइका (भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका) का हिस्सा होने के नाते वैश्विक मुद्दों पर रचनात्मक चर्चा करेगा। उन्होंने पिछले वर्ष भारत की अध्यक्षता के दौरान समावेशी विकास, डिजिटल नवाचार, और जलवायु वित्त पर किए गए काम का जिक्र भी किया। उन्होंने इसे एक "लोगों का G20" बनाने की दिशा में भारत की बड़ी उपलब्धि बताया।पीएम मोदी के इस दौरे में ब्राजील के साथ-साथ नाइजीरिया और गुयाना भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह यात्रा भारत के वैश्विक संबंधों को मजबूती प्रदान करेगी और दोनों देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने का अवसर होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में भारत की "One Earth, One Family, One Future" की अवधारणा को केंद्र में रखा। उन्होंने कहा इस शिखर सम्मेलन के दौरान विकासशील देशों की समस्याओं, डिजिटल नवाचार, जलवायु वित्त, और स्वास्थ्य सेवाओं की समान पहुंच पर विचार होगा। भारत ने अपनी अध्यक्षता के दौरान समावेशी विकास और विकासशील देशों की आवाज़ को प्राथमिकता दी थी, जिसे ब्राजील आगे बढ़ा रहा है। इस यात्रा के दौरान, पीएम मोदी कई देशों के नेताओं से मुलाकात करेंगे और द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा करेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि भारत वैश्विक विकास में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है। उनका जोर समावेशिता, प्रगति और साझा भविष्य पर है, जो वैश्विक नेताओं के बीच सहयोग बढ़ाने में मदद करेगा।
National Stock Exchange पर बड़ा अपडेट ! Mock Trading Sessions ?
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने एक मॉक ट्रेडिंग सत्र आयोजित किया है , जिसका उद्देश्य इमरजेंसी सिचुएशन में अपनी System Efficiency और संचालन की क्षमता का परीक्षण हुआ है । इस सत्र का खास मकसद यह सुनिश्चित करना था कि NSE, किसी भी Unforeseen Circumstance में भी अपनी बिज़नेस गतिविधियों को सुचारू रूप से चला सके। एनएसई के अधिकारियों के अनुसार, इस मॉक ट्रेडिंग सत्र में ब़डी कंपनियों के कुछ स्टॉक्स पर परीक्षण किया जाएगा, जैसे कि बैंक ऑफ बड़ौदा, बजाज ऑटो, टाटा कम्युनिकेशंस, और अन्य प्रमुख कंपनियां। इन स्टॉक्स का चयन इस आधार पर किया गया है कि ये बड़े और प्रभावशाली कंपनियां हैं, जिनके व्यापार से पूरे बाजार पर असर पड़ता है।यह मॉक ट्रेडिंग सत्र केवल एक टेस्ट नहीं था, बल्कि इसके जरिए NSE ने अपने आपातकालीन रिकवरी सिस्टम (Disaster Recovery Site) का भी टेस्ट किया।
इतना ही नहीं, इस मॉक ट्रेडिंग सत्र में एक और महत्वपूर्ण पहलू था - टी+0 Settlement का टेस्ट। यह एक नई पहल है, जिसमें चुनिंदा स्टॉक्स के लिए एक ही दिन में सेटलमेंट किया जाएगा। इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अगर ट्रेड की स्थिति में कोई गड़बड़ी हो, तो वह उसी दिन सही हो सके। इस टेस्ट में 25 प्रमुख कंपनियों को शामिल किया गया है, जिनमें से कुछ बड़े नाम हैं - अशोक लीलैंड, हिंडाल्को, और सिप्ला। NSE की इस पहल का उद्देश्य बाजार में विश्वास बढ़ाना और किसी भी प्रकार के संकट का पहले से समाधान तैयार रखना है। इससे निवेशकों को भी यह आश्वासन मिलता है कि अगर भविष्य में कोई "Unexpected situation" आती है, तो NSE अपनी सेवाएं बिना किसी रुकावट के जारी रख सकेगा।