टीवी के ऑस्कर कहे जाने वाले Emmy 2025 में इस बार ड्रामा से ज़्यादा ड्रामा और कॉमेडी से ज़्यादा हंसी बंटी। जहां ‘The Studio’ ने हंसते-हंसते रिकॉर्ड तोड़ा, वहीं ‘The Pitt’ और ‘Adolescence’ ने नया इतिहास लिखा।” रेड कार्पेट पर चमकती ड्रेसें, कैमरों की फ्लैशिंग लाइट और दर्शकों का जोश सब मिलाकर माहौल था हॉलीवुड के सबसे बड़े टीवी अवार्ड्स का अगर इस साल का सबसे बड़ा नाम लेना हो तो बिना हिचक बोला जाएगा “The Studio”। ये शो महज़ कॉमेडी नहीं, बल्कि पूरी इंडस्ट्री के लिए झटका था। एक नए शो ने 13 अवॉर्ड्स जीतकर पुराने दिग्गजों की नाक में दम कर दिया। लीड कॉमेडी एक्टर बने सेथ रोगन, जिन्होंने The Studio में अपने कमाल के टाइमिंग से साबित किया कि हंसी भी इतिहास लिख सकती है। वहीं, लीड कॉमेडी एक्ट्रेस का ताज सरका जीन स्मार्ट के सिर पर, जिन्होंने Hacks में अपनी करारी अदाकारी से बता दिया कि उम्र सिर्फ नंबर है। सपोर्टिंग में हन्ना आइबिंडर (Hacks) और जेफ हिलर (Somebody Somewhere) ने जीत हासिल की। और डायरेक्शन? वो तो खुद The Studio की टीम ही ले गई। सेथ रोगन और इवान गोल्डबर्ग ने “The Oner” एपिसोड के लिए साबित कर दिया कि हंसी के पीछे भी गहरी मेहनत और सिनेमैटिक माइंड की ज़रूरत होती है। ड्रामा की जंग थी खून-पसीने वाली। यहां से बाहर निकलकर आया एक नया बादशाह “The Pitt”। “The Last of Us” और “Severance” जैसी हाईप्रोफाइल दावेदारियों को पछाड़ते हुए The Pitt ने बाज़ी मार ली। लीड एक्टर बने नोआ वाइल, जिन्होंने The Pitt में अपने किरदार से दर्शकों का दिल जीत लिया। वहीं, लीड एक्ट्रेस का ताज ब्रिट लोवर को मिला (Severance), जो पहले से ही इस शो का चेहरा बन चुकी हैं।
सपोर्टिंग कैटेगरी में कैथरीन लानेसा (The Pitt) और ट्रेमेल टिलमैन (Severance) ने अपनी-अपनी ट्रॉफी थामकर ड्रामा की लड़ाई और भी रोचक बना दी। गेस्ट कैटेगरी भी दमदार रही शॉन हैटोज़ी (The Pitt) और मेरिट वीवर (Severance) ने दर्शकों को दिखाया कि छोटा रोल भी बड़ा असर छोड़ सकता है। लिमिटेड या एंथोलॉजी सीरीज़ की दुनिया में इस बार “Adolescence” का डंका बजा। 6 अवॉर्ड्स जीतकर इस शो ने साबित कर दिया कि छोटी कहानियां भी बड़ा असर छोड़ सकती हैं। लीड एक्टर बने स्टीफन ग्राहम, जिनकी इमोशनल और रॉ एक्टिंग ने दर्शकों का दिल छू लिया। वहीं, सबसे बड़ा सरप्राइज़ रहा क्रिस्टिन मिलीओटी, जिन्होंने The Penguin में अपनी सशक्त परफॉर्मेंस से लीड एक्ट्रेस का अवॉर्ड जीता। और डायरेक्शन का मेडल गया फिलिप बारांटिनी को (Adolescence)। सिर्फ ड्रामा और कॉमेडी ही नहीं, बल्कि बाकी कैटेगरीज भी चमक से भरपूर रहीं। Reality Competition Program: The Traitors Variety Series: Last Week Tonight with John Oliver (जॉन ओलिवर फिर एक बार जनता के प्रिय बने) Variety Special: SNL50: The Anniversary Special और इंसानियत की मिसाल पेश करने वाले टेड डैनसन और मैरी स्टीनबर्गन को मिला Bob Hope Humanitarian Award। एमी अवॉर्ड्स 2025 एक बात साफ कर गए टीवी बदल रहा है। पुराने खिलाड़ी अपनी पकड़ बनाए हुए हैं । ऐसे ही देश दुनिया की खबरों के लिए जुड़े रहे ग्रेट पोस्ट न्यूज़ से।
दिल्ली की व्यस्त रिंग रोड, धौला कुआं फ्लाईओवर। रविवार दोपहर लगभग डेढ़ बजे, यहां एक ऐसी घटना घटी जिसने सड़क सुरक्षा और न्याय व्यवस्था दोनों पर सवाल खड़े कर दिए। वित्त मंत्रालय के उप सचिव नवजोत सिंह, उम्र लगभग 52 वर्ष, अपनी पत्नी संदीप कौर के साथ बाइक पर लौट रहे थे। दोनों ने सुबह गुरुद्वारे में मत्था टेका था और घर वापसी कर रहे थे। लेकिन कुछ ही मिनटों बाद उनकी ज़िंदगी हमेशा के लिए थम गई। पीछे से आ रही एक तेज़ रफ्तार BMW X5, जिसे गगनप्रीत कौर नाम की महिला चला रही थीं, ने उनकी बाइक को इतनी ज़ोरदार टक्कर मारी कि सबकुछ बिखर गया। बाइक उछलकर एक बस से जा टकराई, नवजोत और उनकी पत्नी सड़क पर दूर जा गिरे। हादसे की तीव्रता इतनी थी कि BMW खुद भी पलट गई। कुछ ही सेकेंड में सड़क पर खून, टूटे हुए वाहन और चीखें गूंज रही थीं। इस पूरे दृश्य के बीच ज़्यादातर लोग मोबाइल कैमरे निकालकर रिकॉर्डिंग करने लगे। मदद करने वालों में से एकमात्र नाम सामने आया मोहम्मद गुल्फाम, जिसने घायलों को अपनी गाड़ी से अस्पताल पहुँचाया। लेकिन यहां से कहानी और भी उलझती है।
हादसे के स्थान से कुछ ही किलोमीटर दूर AIIMS ट्रॉमा सेंटर, आर्मी अस्पताल और सफदरजंग अस्पताल जैसे बड़े अस्पताल मौजूद थे। इन अस्पतालों में आधुनिक सुविधाएँ, एक्सपर्ट डॉक्टर और ट्रॉमा यूनिट्स हैं, जहाँ गंभीर से गंभीर मरीज को तुरंत इमरजेंसी ट्रीटमेंट मिल सकता है। बावजूद इसके, घायलों को ले जाया गया लगभग 20 किलोमीटर दूर GTB नगर स्थित न्यू-लाइफ अस्पताल। आरोप है कि यह अस्पताल आरोपी परिवार से जुड़ा हुआ है। नवजोत सिंह की पत्नी ने अपनी FIR में कहा है कि वह बार-बार विनती करती रही कि उन्हें पास के किसी अस्पताल में ले जाया जाए, लेकिन उसकी बात नहीं मानी गई। आखिरकार, इलाज शुरू होने से पहले ही नवजोत सिंह की मौत हो गई। यहां सबसे बड़ा सवाल खड़ा होता है अगर उन्हें तुरंत नज़दीकी अस्पताल में ले जाया जाता तो क्या उनकी जान बचाई जा सकती थी? हादसे के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। आरोपी महिला गगनप्रीत कौर को हिरासत में लिया गया है और उस पर Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS) की कई धाराओं 281, 125B, 105 और 238 के तहत केस दर्ज हुआ है। घटना स्थल पर FSL टीम को बुलाया गया ताकि सबूतों की जांच की जा सके। पुलिस अब यह भी देख रही है कि कहीं साक्ष्यों से छेड़छाड़ तो नहीं हुई। इस पूरी घटना ने दिल्ली की सड़कों और सिस्टम की पोल खोल दी है। सड़कें आम आदमी के लिए असुरक्षित होती जा रही हैं। तेज़ रफ्तार गाड़ियां और VIP रवैया आए दिन किसी न किसी ज़िंदगी को निगल रहा है। सवाल सिर्फ एक हादसे का नहीं, बल्कि उस मानसिकता का है जिसमें इंसानियत से ज़्यादा ताकत और रसूख मायने रखता है। नवजोत सिंह, एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, जिनका पूरा करियर सेवा और ईमानदारी में गुज़रा उनकी मौत सिर्फ एक सड़क हादसा नहीं, बल्कि हमारे सिस्टम की लापरवाही और समाज की संवेदनहीनता का प्रतीक बन गई है।