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Breaking News 15 October 2025

1 )  Social Media Divided Over KBC Kid : Overconfidence or Innocence?

इन दिनों सोशल मीडिया पर एक बच्चा छाया हुआ है नाम है इशित भट्ट। उम्र सिर्फ 10 साल, लेकिन वायरलिटी में आधे देश को पीछे छोड़ चुका है। वजह है उसका रवैया, जो उसने कौन बनेगा करोड़पति सीजन 17 के मंच पर दिखाया। वो मंच जहां हर कोई अमिताभ बच्चन से बात करते हुए नाप-तौलकर शब्द बोलता है, वहाँ यह बच्चा अपने ही अंदाज़ में बात करता दिखा और यहीं से यह एपिसोड वायरल हो गया। इशित गुजरात का रहने वाला है और पाँचवीं कक्षा में पढ़ता है। केबीसी के बच्चों वाले स्पेशल एपिसोड में वह बतौर प्रतिभागी आया था। शुरुआत में सब सामान्य चला, लेकिन जैसे ही अमिताभ बच्चन ने नियम बताने शुरू किए, इशित ने बीच में रोक दिया और कहा “मुझे रूल्स पता हैं, आप मत बताइए।” इस एक लाइन ने न सिर्फ बिग बी को हैरान किया बल्कि दर्शकों को भी चौंका दिया। फिर जब अमिताभ बच्चन ने सवाल पढ़ना शुरू किया, इशित ने उनसे कहा  “Option डालो!” और जब अमिताभ ने बीच में कुछ कहने की कोशिश की, तो बच्चे ने सीधे कहा  “Don’t talk, ask next question।” यह लहजा, यह आत्मविश्वास और यह अंदाज़ लोगों को हैरान करने वाला था। ₹25,000 के सवाल तक खेल पहुंचा। सवाल था “वाल्मीकि रामायण के पहले खंड का नाम क्या है?” विकल्प दिए गए थे A. बाल कांड, B. अयोध्या कांड, C. किष्किंधा कांड, और D. युद्ध कांड। इशित ने आत्मविश्वास से कहा “Lock B, Ayodhya Kanda।” लेकिन सही जवाब था बाल कांड। यानी गलत जवाब, और खेल खत्म। इशित बिना कोई राशि जीते शो से बाहर हो गया। इसके बाद सोशल मीडिया पर वीडियो क्लिप वायरल हो गई। ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर लोग एक ही बात करने लगे “इस बच्चे ने अमिताभ बच्चन से ऐसे बात की?” कई लोगों ने इशित के व्यवहार को “रूखा”, “असभ्य” और “अहंकारी” बताया। कुछ ने तो कहा कि यह नई पीढ़ी की परवरिश की झलक है जहां बच्चे बोलना तो सीख जाते हैं, लेकिन सुनना नहीं। वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों ने बच्चे का बचाव भी किया। उनका कहना था कि यह उम्र मासूम होती है, बच्चे अपनी बात कहने में एक्साइटेड रहते हैं, और इसे बदतमीज़ी कहना गलत है। अब बात करते हैं अमिताभ बच्चन की। उन्होंने पूरे एपिसोड में संयम और शालीनता की मिसाल पेश की। न तो उन्होंने बीच में टोका, न कोई कटाक्ष किया। उन्होंने बस हल्के मुस्कान के साथ एपिसोड खत्म किया और बाद में कहा “कभी-कभी बच्चों में ओवरकॉन्फिडेंस आ जाता है, लेकिन यह उम्र का हिस्सा है।” उनकी इस बात और धैर्य की हर तरफ तारीफ हुई। लोग कहने लगे “अगर अमिताभ बच्चन जैसा पेशेंस दुनिया सीख ले, तो सोशल मीडिया पर बहसें खत्म हो जाएं।” अब सवाल ये उठता है कि यह मामला इतना वायरल क्यों हुआ? असल में, कौन बनेगा करोड़पति जैसा शो एक बेहद अनुशासित और सम्मानजनक फॉर्मेट के लिए जाना जाता है। जब कोई बच्चा उस माहौल में जाकर उस अनुशासन को तोड़ता है, तो वह चीज़ तुरंत दर्शकों की नज़र में “अलग” बन जाती है। और इंटरनेट की दुनिया में “अलग” मतलब “वायरल”। ऐसे ही लेटेस्ट खबरों को देखने के लिए सब्सक्राइब करें ग्रेट पोस्ट न्यूज़।

 

2 ) प्रेमानंद महाराज की तबीयत पर दुआ फिर विवाद ! क्या है मामला ?

मथुरा के संत प्रेमानंद महाराज बीमार हैं। और मदीना में एक मुसलमान खड़ा होकर उनके लिए दुआ कर देता है।
बस, इतना भर हुआ कि सोशल मीडिया पर लोगों ने इंसानियत का मेला भी लगा दिया और धर्म की अदालत भी खोल ली।
वो मुसलमान युवक सूफियान अल्लाहाबादी कैमरे में कहता है, “प्रेमानंद महाराज के लिए दुआ करता हूं, अल्लाह उन्हें सेहत दे।” वीडियो वायरल हुआ, और फिर क्या किसी ने इसे “भारत की खूबसूरती” बताया, तो किसी ने कहा “ये सब दिखावा है।”
अब यही तो असली हिपोक्रेसी है  जब तक बात आपकी पसंद की हो, वो “भाईचारा” है, और जब वही बात किसी और धर्म से आ जाए, तो “साज़िश” बन जाती है।

 मामला क्या है? 

14 अक्टूबर 2025 को सूफियान नाम के युवक ने मदीना से वीडियो पोस्ट किया। उसने कहा कि उसने प्रेमानंद महाराज के बारे में सुना है, उनकी तबीयत ठीक नहीं है, इसलिए वह अल्लाह से उनके स्वास्थ्य की दुआ कर रहा है। वीडियो सोशल मीडिया पर छा गया। लोगों ने इसे “इंटरफेथ हार्मनी” की मिसाल बताया।
लेकिन जैसे-जैसे व्यूज़ बढ़े, वैसे-वैसे हेट कमेंट्स भी आने लगे।
कुछ ने कहा “अरे ये धार्मिक नियमों के खिलाफ है।” तो कुछ बोले  “किसी मुस्लिम को मदीना में किसी और धर्म के लिए दुआ करने की इजाज़त कैसे?” बस, वही इंटरनेट वाली हिपोक्रेसी  जहाँ दुआ भी अब धर्म देखकर तौली जाती है। बवाल बढ़ा तो सूफियान ने अपना पहला वीडियो डिलीट कर दिया।फिर एक नया वीडियो पोस्ट किया मुस्कुराते हुए कहा, “डरने की कोई बात नहीं, मैंने किसी के लिए कुछ गलत नहीं किया।” यानी जो काम सबसे नेक था  दुआ करना  उसे बचाव में समझाना पड़ गया।
यह वही समाज है जो हर दूसरे दिन “एकता” के पोस्ट डालता है,
और जब कोई सचमुच एकता दिखा दे, तो उसे चुप करा देता है।
प्रेमानंद महाराज किडनी फ़ेल्योर से जूझ रहे हैं, रोज़ाना डायलिसिस पर हैं। आश्रम ने साफ़ कहा तबीयत स्थिर है, अफवाहों पर भरोसा न करें।” उनकी मुस्कान की एक तस्वीर वायरल हुई, लोग भावुक हो गए “महाराज फिर मुस्कुरा रहे हैं।”
लेकिन ये मुस्कान सिर्फ भक्ति की नहीं, जिद की है  बीमारी के आगे झुकने की नहीं।  और फिर आई वो लाइन जिसने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया एक प्रवचन के दौरान उन्होंने कहा “हर जन्म में मेरी किडनी खराब हो।” पहले तो लोगों को झटका लगा कोई ऐसा क्यों चाहेगा?लेकिन उनका मतलब साफ था 
अगर ये दर्द मुझे सेवा और भक्ति के करीब लाता है,
तो यह भी वरदान है। (यानी भक्ति की ताकत को बीमारी से बड़ा मानना। बात सीधी है जब किसी मंदिर में कोई मुसलमान फूल चढ़ा दे तो “देश का गौरव” कहकर पोस्ट उड़ती है। और जब वही मुसलमान मदीना में किसी हिंदू के लिए दुआ कर दे,
तो “अपमान” बोलकर ट्रोल शुरू हो जाते हैं। यही दोहरापन असली हिपोक्रेसी है जहाँ इंसानियत सिर्फ तब तक अच्छी लगती है, जब तक वो आपके एंगल से हो। यह वही समाज है जो कहता है  “हम सब एक हैं।” लेकिन जब कोई वाकई “एक” बनकर दिखा दे तो उसे नसीहतें देने लगता है। प्रेमानंद आश्रम ने एडवाइजरी जारी की  “किसी अफवाह पर ध्यान न दें लेकिन मीडिया के कुछ हिस्सों ने इसे और सनसनीखेज़ बना दिया “मदीना में दुआ, भारत में विवाद।” ऐसे ही लेटेस्ट खबरों को देखने के लिए सब्सक्राइब करें ग्रेट पोस्ट न्यूज़।