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Breaking News 14 May 2025

1.)  भारत-पाकिस्तान टकराव: क्या किराना हिल्स पर परमाणु हमला हुआ? 

 

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ती तनातनी के बीच, एक नई रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया है। क्या भारत ने पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया? क्या किराना हिल्स पर बमबारी से रेडियोएक्टिव रिसाव हुआ? यह सवाल सोशल मीडिया पर हॉट टॉपिक बन चुका है, लेकिन इसके बाद अमेरिका का क्या कहना है? आइए, जानें पूरी कहानी, जो न सिर्फ हैरान कर देती है, बल्कि एक नए संघर्ष की आहट भी देती है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान में कई एयरबेसों पर भारत द्वारा किए गए हवाई हमलों की खबरें आई थीं। इन हमलों में सरगोधा और नूर खान एयरबेस भी शामिल थे, जो पाकिस्तान के संवेदनशील परमाणु बुनियादी ढांचे के बेहद करीब हैं। लेकिन जिस मुद्दे ने सबसे ज्यादा ध्यान खींचा, वह था किराना हिल्स पर हमला। सोशल मीडिया पर कई एक्सपर्ट्स ने दावा किया कि भारत ने इस इलाक़े को निशाना बनाया, जहां पाकिस्तान ने अपने परमाणु वारहेड्स रखे थे। इसके बाद से अफवाहें फैलने लगीं कि बमबारी के बाद रेडियोएक्टिव रिसाव शुरू हो गया और इस संदर्भ में अमेरिका ने अपना विमान भेजा था, जो रेडिएशन की जांच कर रहा था। भारत ने इन रिपोर्ट्स को सख्ती से खारिज कर दिया। एयर ऑपरेशन के महानिदेशक एयर मार्शल ए.के. भारती ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान खुलकर कहा, "हमने किराना हिल्स पर हमला नहीं किया है।" हल्के-फुल्के अंदाज में उन्होंने यह भी कहा, "हमें यह बताने के लिए धन्यवाद कि किराना हिल्स में परमाणु प्रतिष्ठान हैं। हमें इसकी जानकारी नहीं थी।" इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया, और यह साबित हो गया कि भारत के इस बयान ने पूरी दुनिया को एक नई दिशा में सोचने पर मजबूर कर दिया। अमेरिकी विदेश विभाग ने इस पूरे मामले पर पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है। जब पूछा गया कि क्या अमेरिका ने पाकिस्तान में रेडियोधर्मी रिसाव के बारे में कोई जांच की है, तो उनका जवाब था, "इस समय मेरे पास इस पर पूर्वावलोकन करने के लिए कुछ भी नहीं है।" इसका साफ मतलब था कि अमेरिका ने रेडिएशन की जांच की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया। अब सवाल उठता है कि अगर अमेरिका को इस बारे में जानकारी नहीं है, तो इन अफवाहों का क्या आधार है?

क्या था एयरक्राफ्ट और कौन था जिम्मेदार?

इस अफवाहों की आग में घी तब डाला गया, जब फ्लाइट ट्रैकर्स ने पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में एक अमेरिकी विमान बी350 एरियल मेजरिंग सिस्टम (AMS) को देखा। यह विमान रेडियोधर्मी रिसाव का पता लगाने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया था, और इसकी मौजूदगी ने इस सवाल को जन्म दिया कि क्या यह विमान पाकिस्तान में रेडियोधर्मिता की जांच के लिए भेजा गया था? हालांकि, पाकिस्तान के पास भी एक ऐसा विमान है, जिसे अमेरिका ने उसे दिया है। अब सवाल यह है कि क्या यह अमेरिकी विमान था, या पाकिस्तान का अपना विमान? हालांकि पूर्व CIA अधिकारी और रैंड कॉर्पोरेशन के एक्सपर्ट डेरेक ग्रॉसमैन ने दावा किया कि नूर खान एयरबेस पर भारत के हमले से पाकिस्तान की परमाणु कमान को खतरा हो सकता था और "रेडियोधर्मिता का रिसाव" हो सकता था। हालांकि, भारत और अमेरिका ने इस बयान को आधिकारिक तौर पर खारिज किया है, लेकिन इस बयानी में क्या कुछ सच्चाई है? यह एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर अभी और बातें होंगी, और जो आने वाले दिनों में वैश्विक सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े कर सकता है।

 

2.) पाकिस्तान की पोल खुली, भारत ने तिरंगे से दिया करारा जवाब


पाकिस्तान परस्त आतंक के खिलाफ भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की गूंज केवल सीमाओं तक सीमित नहीं रही—बल्कि पूरे देश में शौर्य और सम्मान की एक नई लहर दौड़ गई। बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास से ‘भारत शौर्य तिरंगा यात्रा’ का नेतृत्व कर इस ऐतिहासिक अभियान को एक जनांदोलन का रूप दिया। हाथ में तिरंगा लिए सीएम योगी जब आगे बढ़े, तो वो केवल एक राजनीतिक नेता नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की भावना के प्रतिनिधि के रूप में दिखाई दिए।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय सेना के जवानों, पूर्व सैनिकों और देश के युवाओं को प्रदेशवासियों की ओर से शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “आज पूरा देश सेना के शौर्य को सलाम कर रहा है। हर भारतीय अपने बहादुर जवानों का अभिनंदन करने को आतुर है।” सीएम योगी ने कड़े शब्दों में पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा कि यह देश न केवल आतंकवाद को पाल रहा है, बल्कि उसके नेता और सेना भी आतंकियों के जनाजे में शामिल होकर अपनी पोल खोल रहे हैं। “70 सालों में पाकिस्तान ने केवल आतंक के बीज बोए हैं। आज वह खुद उसी जहर में डूब रहा है,” उन्होंने कहा।

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए वीभत्स आतंकी हमले को याद करते हुए सीएम योगी ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से लगातार बढ़ती आतंकी हिमाकतों के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया गया। पहले ही दिन 100 से ज्यादा आतंकियों और उनके सहयोगियों को सजा मिली। “यह केवल एक सैन्य ऑपरेशन नहीं, बल्कि भारत की चेतावनी थी—हम छेड़ते नहीं, लेकिन कोई छेड़ेगा तो छोड़ेंगे नहीं।”

तिरंगा बना राष्ट्रगौरव का प्रतीक

सीएम योगी ने कहा कि तिरंगा यात्रा केवल एक प्रतीकात्मक आयोजन नहीं है, यह राष्ट्रगौरव, अनुशासन और देशभक्ति की जीवंत मिसाल है। “ये तिरंगा भारत के शौर्य, सम्मान और स्वाभिमान का प्रतीक है। इस यात्रा के माध्यम से हम अपने सैनिकों को सम्मान दे रहे हैं और पीएम मोदी के नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त कर रहे हैं।”भीषण गर्मी और सुबह-सुबह की घड़ी के बावजूद भारी संख्या में लोगों की उपस्थिति को देखकर मुख्यमंत्री ने कहा, “यही समर्पण और एकजुटता भारत को अपराजेय बनाते हैं।”
सीएम योगी ने प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शी सोच की तारीफ करते हुए कहा कि जब तक हर नागरिक के मन में ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना नहीं होगी, तब तक विकसित भारत की परिकल्पना अधूरी रहेगी। उन्होंने कहा, “पीएम मोदी ने ना सिर्फ देश को एकजुट रखा, बल्कि आदमपुर जाकर जवानों के हौसले को भी सलाम किया।इस ऐतिहासिक मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह, संगठन महामंत्री धर्मपाल, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह समेत तमाम मंत्री, सांसद, विधायक और संगठन पदाधिकारी मौजूद रहे। संचालन विधान परिषद सदस्य गोविंद नारायण शुक्ल ने किया।

 

3.) IPL और इंटरनेशनल क्रिकेट की टकराहट: किसे चुनेगा खिलाड़ी देश या डगआउट?

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का असर IPL 2025 पर साफ़ दिखा। 9 मई को लीग को एक हफ्ते के लिए रोकना पड़ा, और अब बीसीसीआई ने बचे हुए 17 मैचों का नया शेड्यूल जारी कर दिया है। पहले जहां फाइनल 25 मई को होना था, अब यह मुकाबला 3 जून को खेला जाएगा। हालांकि यह बदलाव सिर्फ तारीखों तक सीमित नहीं है—इसने दुनियाभर के क्रिकेट बोर्ड्स और खिलाड़ियों के शेड्यूल में हलचल मचा दी है।

क्रिकेट जगत में आईपीएल को लेकर इतना क्रेज़ है कि अधिकतर देश इस दौरान इंटरनेशनल मैच नहीं रखते। लेकिन जैसे ही आईपीएल खत्म होता है, इंटरनेशनल मुकाबलों की लाइन लग जाती है। अब शेड्यूल में बदलाव की वजह से आईपीएल का क्लैश कई बड़े इंटरनेशनल मैचों से हो रहा है। सबसे अहम टकराव है वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल से, जो 11 जून से इंग्लैंड में खेला जाएगा। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के खिलाड़ियों को IPL खत्म होते ही इंग्लैंड जाना होगा, लेकिन उन्हें प्रैक्टिस और रेड बॉल क्रिकेट में ढलने का वक्त नहीं मिलेगा। दूसरी ओर, वेस्टइंडीज की टीम को 21 मई से आयरलैंड और 29 मई से इंग्लैंड दौरे पर निकलना है, जिससे उनके खिलाड़ियों की भी IPL से विदाई तय मानी जा रही है।

इस पूरी स्थिति का सबसे बड़ा नुकसान रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को झेलना पड़ सकता है। टीम के ओपनर फिल साल्ट, युवा जैकब बेथेल, ऑलराउंडर लियाम लिविंगस्टोन और रोमारियो शेफर्ड को उनकी राष्ट्रीय टीम समय से पहले बुला सकती है। इसके अलावा, चोटिल जोश हेज़लवुड की वापसी पहले से ही संदिग्ध है, और साउथ अफ्रीका के लुंगी एनगिडी को भी WTC फाइनल के लिए बुलावा मिल सकता है।

अगर प्लेऑफ की रेस में शामिल टीमों की बात करें, तो कोलकाता नाइट राइडर्स शायद अकेली टीम है जो इस इंटरनेशनल शेड्यूल की गड़बड़ी से पूरी तरह सुरक्षित है। टीम के तीनों वेस्टइंडीज खिलाड़ी वनडे टीम में नहीं हैं, जबकि इंग्लैंड के मोइन अली और साउथ अफ्रीका के क्विंटन डिकॉक ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। इसके अलावा, अफगानिस्तान के रहमानुल्लाह गुरबाज भी पूरे सीजन के लिए उपलब्ध रहेंगे क्योंकि उनकी टीम का इस दौरान कोई इंटरनेशनल शेड्यूल नहीं है।