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Breaking News 14 July 2025

1 ) भारत में एलन मस्क की एंट्री! टेस्ला भी आएगी, स्टारलिंक भी!

भारत के ऑटोमोबाइल और डिजिटल कम्युनिकेशन परिदृश्य में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। Tesla Inc., जो दुनिया की सबसे प्रभावशाली इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माता कंपनियों में शामिल है, 15 जुलाई को भारत में अपना पहला रिटेल शोरूम लॉन्च करने जा रही है। यह शोरूम मुंबई के प्रीमियम कारोबारी ज़ोन बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) में स्थापित किया गया है। सूत्रों के अनुसार, टेस्ला के सीईओ और टेक्नोविजनरी एलन मस्क इस बहुप्रतीक्षित उद्घाटन समारोह में स्वयं उपस्थित हो सकते हैं, जिससे भारत में टेस्ला की आधिकारिक शुरुआत को वैश्विक मंच पर नई ऊंचाई मिल सकती है। लॉन्च इवेंट के साथ ही टेस्ला भारत में अपनी पहली कार Model Y पेश करेगी। यह एक प्रीमियम ऑल-इलेक्ट्रिक SUV है, जो शुरुआत में जर्मनी के गीगा फैक्ट्री से आयात की जाएगी। वाहन की अनुमानित शुरुआती कीमत ₹70 लाख (एक्स-शोरूम) रहने की संभावना है। भारत के सड़क परिवहन मानकों के अनुसार, यह कार राइट-हैंड ड्राइव कॉन्फ़िगरेशन में पेश की जाएगी। टेस्ला की भारत में रणनीति सिर्फ आयात तक सीमित नहीं है। कंपनी स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग की संभावनाएं भी तलाश रही है, जो भारत सरकार की नई ईवी नीति के अनुरूप हो सकती है। इस प्रस्तावित नीति के तहत भारत में उत्पादन करने वाली कंपनियों को कस्टम ड्यूटी में रियायत, टैक्स बेनिफिट्स और अन्य इन्सेंटिव दिए जा सकते हैं। अगर यह सहयोगात्मक ढांचा आकार लेता है, तो टेस्ला भारत में एक स्थायी उत्पादन इकाई स्थापित कर सकती है, जिससे देश में ईवी इकोसिस्टम को मजबूती मिल सकती है। टेस्ला के साथ ही एलन मस्क की एक और महत्वाकांक्षी परियोजना Starlink भी भारत में प्रवेश के लिए तैयार है। इस उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवा को हाल ही में IN-SPACe (Indian National Space Promotion and Authorization Center) से सैटेलाइट कम्युनिकेशन की मंजूरी मिली है। Starlink का प्राथमिक उद्देश्य ग्रामीण और इंटरनेट-डार्क ज़ोन में हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड उपलब्ध कराना है। हालाँकि, इसकी पूर्ण शुरुआत से पूर्व कुछ अतिरिक्त विनियामक अनुमतियाँ अभी लंबित हैं। संभावना है कि एलन मस्क 15 जुलाई के इवेंट में इसकी भारत में आधिकारिक लॉन्च टाइमलाइन साझा करें। टेस्ला के भारत में प्रवेश को महज एक ऑटोमोबाइल इवेंट मानना इसकी सीमा को संकुचित करना होगा। यह कदम भारत में इनोवेशन, ग्रीन मोबिलिटी और डिजिटल समावेशन की दिशा में एक ट्रांसफॉर्मेटिव जंप है।

 

2.)  रुपया टूटा, बाजार लुढ़का! अब निवेशक क्या करें? आज का पूरा अपडेट

सप्ताह के पहले कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार दबाव में नजर आया। वैश्विक संकेतों में उतार-चढ़ाव, Foreign Institutional Investors (FII) द्वारा भारी बिकवाली और Information Technology (IT) सेक्टर में कमजोरी के चलते सोमवार को बाजार की शुरुआत कमजोर रही। BSE Sensex शुरुआती सत्र में 232.93 अंक टूटकर 82,267.54 पर आ गया, जबकि NSE Nifty 71.40 अंक गिरकर 25,078.45 पर कारोबार करता देखा गया ।बाजार में गिरावट का सबसे अधिक असर IT और Telecom सेक्टर पर देखने को मिला। Infosys, Tech Mahindra, HCL Tech जैसे आईटी दिग्गजों के साथ-साथ Bharti Airtel, Bajaj Finance और Asian Paints जैसे प्रमुख शेयरों में भी बिकवाली हावी रही।
वहीं दूसरी तरफ, कुछ शेयरों ने गिरते बाजार में सहारा देने की कोशिश की। Trent, Axis Bank, Mahindra & Mahindra और NTPC जैसे स्टॉक्स हरे निशान में नजर आए। शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, Foreign Institutional Investors (FII) ने भारतीय शेयर बाजारों से ₹5,104.22 करोड़ मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की। पिछले कुछ कारोबारी सत्रों से FII का रुख लगातार नकारात्मक बना हुआ है, जिसका सीधा असर बाजार की स्थिरता और निवेशकों की भावना पर देखा जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी संकेत पूरी तरह से सकारात्मक नहीं रहे। एशियाई बाजारों में South Korea का KOSPI, Shanghai Composite और Hong Kong का Hang Seng बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे, जबकि Japan का Nikkei 225 कमजोर नजर आया।
अमेरिकी बाजारों में भी शुक्रवार को कमजोरी रही, जिससे भारतीय निवेशकों में सतर्कता बढ़ गई। वैश्विक अस्थिरता के बीच निवेशकों की नजर अब इस हफ्ते आने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़ों और नीतिगत संकेतों पर टिकी है ऊर्जा बाजार की बात करें तो Brent Crude की कीमतों में हल्की बढ़त दर्ज की गई है। सोमवार को ब्रेंट क्रूड 0.17% की तेजी के साथ $70.48 प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा था। यह संकेत करता है कि फिलहाल अंतरराष्ट्रीय बाजार में सप्लाई और डिमांड की स्थिति संतुलित बनी हुई है, हालांकि मिडिल ईस्ट के तनाव या US-China डिमांड डेटा से निकट भविष्य में बदलाव हो सकता है। मुद्रा बाजार में भी भारत को दबाव का सामना करना पड़ा। Interbank Forex Market में भारतीय रुपया सोमवार को 17 पैसे टूटकर ₹85.97 प्रति डॉलर पर पहुँच गया। इससे पहले रुपया शुक्रवार को ₹85.80 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। डॉलर की मजबूती और विदेशी निवेशकों द्वारा निकासी के चलते घरेलू मुद्रा पर दबाव बना हुआ है।

शुक्रवार को भी बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ था

पिछले कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को भी बाजार में कमजोरी देखी गई थी। Sensex में 689.81 अंकों (0.83%) की गिरावट आई थी और यह 82,500.47 पर बंद हुआ। वहीं, Nifty 205.40 अंक (0.81%) गिरकर 25,149.85 पर बंद हुआ था। लगातार दूसरे सत्र में गिरावट ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है।

 

3 ) छांगुर बाबा कांड: धर्म के नाम पर साजिश की सबसे खौफनाक कहानी

उत्तर प्रदेश का बलरामपुर ज़िला—जो अब तक शांति, आस्था और सादगी का प्रतीक माना जाता था—वह अचानक राष्ट्रीय चर्चा में आ गया, और वजह थी एक ऐसा शख्स जिसे लोग ‘बाबा’ कहकर पूजते थे। नाम था जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा। देखने में धार्मिक वेशभूषा, लेकिन काम ऐसा कि देश के दुश्मनों को भी हैरानी हो जाए। 23 जून 2025 को छांगुर बाबा के नाम पर एक खुफिया सूचना सामने आई, जिसमें कहा गया कि उसने अब तक हज़ारों लोगों का धर्मांतरण कराया है। यह सुनकर केवल यूपी नहीं, बल्कि पूरे देश के सुरक्षा तंत्र की नींद उड़ गई। 24 जून को बलरामपुर के मधपुर गांव में स्थित उसकी आलीशान कोठी पर जब यूपी एटीएस की टीम पहुंची, तो वहां सिर्फ धार्मिक गतिविधियां नहीं, बल्कि धर्मांतरण और राष्ट्र-विरोधी साजिशों का अड्डा मिला।

ATS ने जब बाबा को कोठी में लेकर हर हिस्से की तलाशी ली, तो डेढ़ घंटे में ऐसे दस्तावेज मिले जो साफ तौर पर दर्शाते हैं कि ये कोई मामूली बाबा नहीं, बल्कि 500 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग से भारत को अस्थिर करने वाला एक एजेंट था। एक लैपटॉप मिला, जिसमें उसके बेटे महबूब, साथी नवीन रोहरा और नीतू रोहरा उर्फ नसरीन के जरिए विदेशी लेन-देन, खातों का विवरण और योजनाएं दर्ज थीं। बाबा खुद टेक्नोलॉजी नहीं जानता था, लेकिन उसका नेटवर्क हाईटेक था। जांच में सामने आया कि तुर्किए, पाकिस्तान, दुबई और सऊदी अरब जैसे देशों से छांगुर को करोड़ों रुपये भेजे गए। इनमें से 200 करोड़ की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 300 करोड़ रुपये नेपाल के रास्ते 'हुंडी सिस्टम' से भारत लाए गए। नेपाल के सीमावर्ती जिलों—काठमांडू, नवलपरासी, रुपनदेही और बांके—में 100 से ज्यादा बैंक खाते खोलकर इस साजिश को अंजाम दिया गया।

लेकिन सबसे शर्मनाक और दिल दहला देने वाला पहलू ये था कि बाबा केवल धर्म बदलवा नहीं रहा था, बल्कि महिलाओं के साथ बलात्कार और ब्लैकमेल करके उन्हें इस्लाम कबूल करवाने के लिए मजबूर करता था। एक पीड़िता ने बताया कि वह मदद मांगने आई थी, बाबा ने उसके साथ रेप किया और कहा—“अब तुम हिंदू नहीं रही, इस्लाम कबूल कर चुकी हो।” यही नहीं, बात न मानने पर उन महिलाओं को फर्जी केसों में फंसाकर, उनकी वीडियो बनाकर और उन्हें समाज में बदनाम करने की धमकी देकर मानसिक रूप से तोड़ दिया जाता था।

सबसे बड़ा सवाल यही है कि बाबा ये सब इतने वर्षों तक कैसे करता रहा? इसका जवाब था – बलरामपुर का स्थानीय प्रशासन। ATS को कई ऐसे सबूत मिले, जिनसे यह स्पष्ट हुआ कि जिले में तैनात कुछ पुलिस अफसर बाबा के लिए काम करते थे। वो सरकार से वेतन लेते थे, लेकिन अर्जी-फरियाद छांगुर की कोठी में सुनते थे। एफआईआर से लेकर गिरफ्तारी तक हर चीज़ बाबा के इशारे पर होती थी। यानी ये सिर्फ एक धार्मिक मामला नहीं, पूरी सरकारी मशीनरी के भ्रष्ट गठजोड़ का जीता-जागता प्रमाण था।

12 और 13 जुलाई को छांगुर गैंग के मुख्य किरदारों में शामिल आमिर और उसकी बहन नेहा को हरियाणा से गिरफ्तार किया गया। इस गिरफ्तारी के बाद भी जो बातें सामने आईं, वो और भी भयावह थीं—पीड़ितों को अब विदेशों से धमकियां मिल रही थीं। इससे साफ होता है कि छांगुर अकेला नहीं था, बल्कि किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक कट्टरपंथी नेटवर्क का मोहरा था, जिसका मकसद भारत में सांप्रदायिक विद्वेष फैलाकर उसे अस्थिर करना था।

इस पूरे मामले में कई गंभीर सवाल उठते हैं—क्या ये सिर्फ एक बाबा की लालच की कहानी है या भारत को मजहबी रूप से बांटने की साजिश का हिस्सा? क्या बलरामपुर में तैनात पुलिसकर्मियों पर सिर्फ विभागीय जांच काफी होगी या उनके खिलाफ देशद्रोह का केस चलेगा? जिन महिलाओं की ज़िंदगियां इस बाबा ने बर्बाद कीं, क्या उन्हें न्याय मिलेगा या सिर्फ मीडिया की कवरेज?

 

4.) What Made This Film A Global Phenomenon

हॉलीवुड के चर्चित फिल्ममेकर जेम्स गन की फिल्म "Superman" इन दिनों दुनियाभर में जबरदस्त चर्चा का विषय बनी हुई है। सिनेमाघरों में फिल्म की ओपनिंग से लेकर लगातार वीकेंड्स तक जिस तरह का क्रेज देखने को मिला है, उसने यह साबित कर दिया है कि सुपरहीरो फिल्मों का जलवा अब भी बरकरार है

आखिर क्यों कमा रही है फिल्म इतनी ज़बरदस्त?

‘गार्डियन्स ऑफ द गैलेक्सी’ और ‘द सुसाइड स्क्वॉड’ जैसी फिल्मों के बाद जेम्स गन ने DC यूनिवर्स को जिस नये विजन के साथ रीबूट किया है, उसने दर्शकों को उत्साहित कर दिया है। "Superman" न सिर्फ एक नए सुपरहीरो युग की शुरुआत है, बल्कि गन के स्टोरीटेलिंग स्किल्स का पावर-पैक प्रदर्शन भी है।डेविड कोरेन्स्वेट को नए सुपरमैन के रूप में देखना फैंस के लिए नया अनुभव है। उनकी मासूमियत, करिश्मा और इमोशनल डायलॉग डिलीवरी ने दर्शकों के दिल में जगह बनाई है। ये फिल्म पुराने ‘मैन ऑफ स्टील’ से काफी अलग है — इसमें मानवीय संघर्ष, पत्रकारिता और सुपरहीरो जिम्मेदारियों को एक साथ पिरोया गया है। इस बार की कहानी केवल मारधाड़ या स्पेशल इफेक्ट्स तक सीमित नहीं है। फिल्म में पत्रकारिता की सच्चाई, सिस्टम की दोहरी नीति, और आम आदमी की उम्मीदों को सुपरमैन के नजरिये से दिखाया गया है। यही वजह है कि फिल्म केवल बच्चों की नहीं, वयस्क दर्शकों के बीच भी गहरी पकड़ बना रही है। भारत में CBFC (Central Board of Film Certification) ने फिल्म के कुछ विजुअल्स पर कैंची चलाई थी, जिससे सोशल मीडिया पर हलचल मच गई। ‘अभिव्यक्ति की आज़ादी’ बनाम ‘संस्कृति की रक्षा’ की बहस छिड़ गई, और दर्शकों का ध्यान फिल्म की ओर और भी ज्यादा गया। IMDb पर फिल्म की रेटिंग 8 के आसपास है और Rotten Tomatoes पर भी ऑडियंस स्कोर मजबूत है। समीक्षकों ने इसे “Thought-provoking, visually thrilling and emotionally powerful” करार दिया है। फिल्म ने ओपनिंग वीकेंड में ही $150 मिलियन से अधिक की कमाई की है, और अब तक यह 500 मिलियन डॉलर क्लब की ओर तेज़ी से बढ़ रही है। भारत में भी सुपरहिरो फैंस के बीच इस फिल्म को अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है, खासकर मेट्रो शहरों में।