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Breaking News 14 December 2024

1.) Kolkata Rape Case: CBI की लापरवाही से आरोपियों को मिली जमानत

 

क्या आपको याद भी है कोलकाता के RG Kar अस्पताल वाला रेप और मर्डर केस? यह बस एक क्राइम स्टोरी नहीं थी, बल्कि इसने सिस्टम की खामियों को पूरी तरह उजागर कर दिया। जहां एक तरफ ये एक जघन्य अपराध था, वहीं दूसरी तरफ ये दिखाता है कि कैसे सिस्टम, पुलिस और अस्पताल प्रशासन ने मिलकर इसे दबाने की पूरी कोशिश की। इसने साफ-साफ दिखा दिया कि जब तक हमारे सिस्टम में सही बदलाव नहीं आते, तब तक इन जैसे मामलों की सच्चाई दबाना आसान होता है। बंगाल का ये केस सिर्फ एक क्राइम स्टोरी नहीं है बल्कि सिस्टम की खामियों की असली तस्वीर है। CBI की लापरवाही, पुलिस की देरी, और अस्पताल की मिलीभगत ने न्याय में बड़ी रुकावट डाली। पीड़िता का परिवार और डॉक्टर्स इंसाफ की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन अभी तक हालात जस के तस हैं।"इस मामले में कोलकाता पुलिस और अस्पताल के कुछ लोग शक के घेरे में थे। इस मामले में शुक्रवार को सियालदह की स्पेशल कोर्ट ने अस्पताल के एक्स-प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के इंचार्ज अभिजीत मंडल को ज़मानत दे दी। वजह? CBI चार्जशीट फाइल करने में फेल हो गई। चार्जशीट फाइल करने के लिए CBI को 90 दिन मिलते हैं, लेकिन वह टाइम पर फाइल नहीं कर पाई।

Kolkata Rape Case Updates :

संदीप घोष और अभिजीत मंडल पर आरोप हैं कि उन्होंने इस केस में सबूत मिटाने की कोशिश की। CBI ने इन्हें 14 सितंबर को गिरफ्तार किया था। पीड़िता का परिवार और साथी डॉक्टर आरोप लगा रहे हैं कि अस्पताल और पुलिस ने मिलकर मामले को दबाने की कोशिश की। जब एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में मामला पहुंचा, तो CBI के वकील ने कहा कि उन्हें चार्जशीट तैयार करने के लिए और वक्त चाहिए। जज ने कहा, "ठीक है, लेकिन जब तक तुम चार्जशीट नहीं लाते, इन दोनों को ज़मानत मिल जाती है।" इसके अलावा अभिजीत मंडल जो ताला पुलिस स्टेशन का इंचार्ज था उसे भी जमानत मिल गयी है। 
मंडल पर आरोप थे की उसने एफआईआर दर्ज करने में देरी की और जांच को कमजोर करने का काम किया। 

संदिग्ध क्यों बने ये दोनों?

जब पीड़िता का शव मिला, तो एफआईआर दर्ज होने से पहले ही पोस्टमॉर्टम करवा दिया गया। इस पर साथी डॉक्टरों ने खूब बवाल मचाया और बड़े लेवल पर प्रदर्शन किए। प्रदर्शन के बाद मामला CBI के पास गया, लेकिन अब तक सिर्फ एक आरोपी संजय रॉय पर मुकदमा चल रहा है। संदीप घोष को ज़मानत तो मिली, लेकिन वह CBI हिरासत में ही रहेंगे। वजह? उन पर मेडिकल कॉलेज में फाइनेंशियल गड़बड़ियों का एक और मामला चल रहा है। इस मामले में पीड़िता का परिवार अभी भी आक्रोश में है। उनका कहना है कि CBI ने मामले में कोई और गिरफ्तारी नहीं की। वहीं, तत्कालीन कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल ने आरोपों को खारिज किया था।

कोर्ट की गूंज

यह मामला इतना बड़ा था कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच में भी इस पर चर्चा हुई। अब देखना ये है कि CBI आखिर कब तक चार्जशीट फाइल करती है और पीड़िता को इंसाफ मिल पाता है या नहीं। हालांकि घटना के मुख्य आरोपी संजय रॉय को कोलकाता पुलिस ने 10 अगस्त को गिरफ्तार किया था. उस पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 (बलात्कार), धारा 66 (मौत का कारण बनने) और 103 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

 

2.) Ministry of External Affairs ने भारतीय छात्रों की हत्या पर कनाडा को घेरा 

ये जो कनाडा में हो रहा है, वो वाकई आक्रोश में लाने वाली बात है। तीन भारतीय छात्रों की हत्या हो गई। भारत ने इसे "भयानक त्रासदी" कहा है। भारत सरकार ने सख्त रुख अपनाया है और सीधे जस्टिन ट्रूडो की सरकार से बोला है, अब और नहीं चलेगा। इस मामले की पूरी जांच करो और हमें नतीजे चाहिए।"
पिछले हफ्ते कनाडा में ये दुखद घटना घटीभारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसे बेहद दुखद और चिंताजनक कहा। उन्होंने बताया कि टोरंटो और वैंकूवर में भारतीय हाई कमीशन और कांसुलेट्स लगातार कनाडाई अधिकारियों के संपर्क में हैं। छात्रों के परिवारों से भी बातचीत हो रही है, ताकि उन्हें हर अपडेट दिया जा सके। इन भारतीय छात्रों की हत्या गोली मारकर और चाकू मारकर हत्या हुई थी। इसमें इसमें से एक 22 वर्षीय हर्षदीप सिंह था। इस पूरी घटना से एक बात साफ हो गई है कि कनाडा में भारतीय छात्रों और नागरिकों की सुरक्षा अब खतरे में है।

कनाडा में नस्लीय नफरत का कहर? 

ये पहली बार नहीं है जब भारत-कनाडा के बीच ऐसा तनाव दिखा हो। खालिस्तान मुद्दा तो पहले से ही इन रिश्तों में आग लगाए बैठा है। सितंबर में जब कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट्स का नाम लिया, तभी से माहौल गर्मा गया। भारत ने अपने हाई कमीशनर को ओटावा से वापस बुला लिया और बोला, "अब और नहीं बर्दाश्त करेंगे।" उसके बाद दोनों देशों ने कई डिप्लोमैट्स को निकाल फेंका। भारत ने साफ-साफ कहा कि कनाडा में खालिस्तानी तत्वों को पनाह मिल रही है और ये लोग भारतीय राजनयिकों और हितों को टारगेट कर रहे हैं।

MEA ने कनाडा को वीजा ना देने पर क्या कहा? 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कनाडा की मीडिया को भी आड़े हाथों लिया। कनाडा की एक रिपोर्ट आई थी कि भारत ने खालिस्तान समर्थकों को वीजा देने से मना किया है। इस पर रणधीर जायसवाल बोले, ये हमारा अधिकार है। अगर कोई हमारी अखंडता को खतरे में डालेगा, तो हम वीजा क्यों देंगे?"
उन्होंने ये भी कहा कि कनाडा की मीडिया जानबूझकर भारत को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। अब भारत ने ट्रूडो सरकार को भी साफ बोल दिया है कि "जितना हो सके, इन खालिस्तानी तत्वों को कंट्रोल करो, वरना रिश्ते और बिगड़ जाएंगे।" Official Spokesperson of the Ministry of External Affairs of India रणधीर जायसवाल ने कहा "ये एक दर्दनाक त्रासदी है। हम मारे गए छात्रों के परिवारों के साथ खड़े हैं।"
भारत ने कनाडा से पूरी जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। इसके साथ ही भारतीय मिशन ने कनाडा में भारतीय छात्रों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।

 

3.) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जी का IP&TAFS में सम्बोधन 

 

भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने नई दिल्ली में आयोजित भारतीय डाक एवं दूरसंचार लेखा और वित्त सेवा (IP&TAFS) के 50वें स्थापना दिवस में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। अपनी गरिमामयी उपस्थिति और प्रेरणादायक विचारों से उन्होंने इस ऐतिहासिक अवसर को यादगार बना दिया उन्होंने इस मौके पर लोकतंत्र, संवाद और सिविल सेवा की बदलती भूमिका पर गहन विचार साझा किए।डिजिटल युग के प्रभाव पर बात करते हुए उपराष्ट्रपति ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ब्लॉकचेन, और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों को भविष्य की चुनौतियों और अवसरों का आधार बताया। इसके अलावा उन्होंने विभागों के बीच समन्वय को आज के समय की अनिवार्यता बताया। "संसाधनों का पृथक्करण तभी सफल होता है, जब न्यायपालिका, कार्यपालिका, और विधायिका सामंजस्यपूर्ण तरीके से काम करें।"उन्होंने संस्थाओं की चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संवाद और अभिव्यक्ति की कमी से कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं। ग्रामीण भारत में तकनीक को बढ़ावा देने की अपील करते हुए उन्होंने नवाचारी वित्तीय मॉडल और कौशल विकास को प्राथमिकता देने पर जोर दिया। "भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी है। यह 'जनसांख्यिकीय लाभांश' हमारे लिए अपार संभावनाओं का दरवाजा खोलता है। डिजिटल प्रयासों को इस युवा प्रतिभा के साथ जोड़ना चाहिए,उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए अनमोल रत्न बताते हुए कहा कि "अभिव्यक्ति और संवाद में संतुलन लोकतांत्रिक सफलता की कुंजी है। सिविल सेवकों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि आधुनिक सिविल सेवक को तकनीकी रूप से सक्षम और नवाचार के संवर्धक होना चाहिए। "सेवा का स्तर केवल प्रशासनिक या वित्तीय सलाहकार के दायरे तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे अत्याधुनिक समाधानों में बदलना चाहिए। इस कार्यक्रम में संचार एवं उत्तर-पूर्व क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया, डिजिटल संचार आयोग के सदस्य (वित्त) मनीष सिन्हा सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

लोकतंत्र में मूल्यों का महत्व

लोकतंत्र की स्थिरता के लिए मूल्यों पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, "लोकतंत्र केवल व्यवस्थाओं पर नहीं, बल्कि मूल्यों और समाज के व्यापक लाभ पर निर्भर करता है। लोकतांत्रिक स्वास्थ्य और आर्थिक उत्पादकता राष्ट्रीय विकास के अभिन्न भागीदार हैं।" उन्होंने आत्म-समीक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि "कोई भी व्यक्ति या संस्था, जो आत्म-समीक्षा या आलोचना से परे हो जाती है, उसका पतन निश्चित है।" अपने संबोधन के अंत में उपराष्ट्रपति ने कहा, "समस्याएं और असफलताएं हमें बेहतर बनाती हैं। यह सफलता की ओर एक कदम है।" उन्होंने विश्वास जताया कि तकनीकी और संस्थागत बदलावों को अपनाकर सिविल सेवा देश के हर नागरिक की आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम बनेगी।

अहंकार पर नियंत्रण का संदेश

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा, "अहंकार हर व्यक्ति के लिए हानिकारक है। यह सबसे ज्यादा उसी को नुकसान पहुंचाता है, जो इसे अपने भीतर रखता है। इसे नियंत्रित करना हमारी व्यक्तिगत जिम्मेदारी है।"