अपराधियों ने बात का विरोध करने पर मरी गोली
पटना में अपराधियों ने मंगलवार की देर रात भाजपा नगर मंडल के पूर्व महामंत्री व दूध कारोबारी को गोली मार दी। आननफानन में इलाज के लिए पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही पटना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की छानबीन शुरू कर दी है। मृतक की पहचान भाजपा नगर मंडल के पूर्व महामंत्री अजय शाह (45) के रूप में हुई है।
मोटरसाइकिल सवार दो अपराधियों पर हत्या का आरोप
घटना की जानकारी देते हुए पटना सिटी पुलिस के सर्किल ऑफिसर ने बताया कि अमूल दूध के पार्लर चलाने वाले अजय शाह अपने दुकान पर बैठे थे, इसी बीच मोटरसाइकिल से दो अपराधी आए और किसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हुई। इसी क्रम में अपराधियों ने अजय शाह पर गोलियां चला दी। अजय शाह गोली लगते ही घायल होकर गिर पड़े। आसपास के लोगों ने इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि घटना के बाद पुलिस ने घटनास्थल पर एफएसएल टीम और डॉग स्क्वॉयड को बुलाया है। एफएसएल टीम और डॉग स्क्वायड के माध्यम से मामले की छानबीन शुरू कर दी गई है।
हत्या के पीछे जमीन विवाद का शक
सुरुवाती जाँच के बाद पुलिस ने बताया कि मामला जमीन विवाद का भी हो सकता है, पुलिस पूरे मामले की गहराई से छानबीन कर रही है। उन्होंने बताया कि घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी को भी खंगाला जा रहा है। आसपास के लोगों ने बताया कि अजय शाह बजरंग पुरी में अपनी अमूल पार्लर का दुकान चलाते हैं। मंगलवार की देर रात वह दुकान बंद करने की तैयारी में थे, तभी मोटरसाइकिल से दो अपराधी दुकान के नजदीक पहुंचे और किसी बात को लेकर अजय शाह और अपराधियों के बीच विवाद शुरू हो गया। इसी क्रम में अपराधियों ने अजय शाह पर ताबड़तोड़ तीन गोलियां चला दी। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
खटाखट करने वाले गायब, सीजन आते ही फिर लौटेंगे
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) के अभ्यर्थियों को आज नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में संबोधित किया और सपा-कांग्रेस पर निशाना साधा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने पूरी निष्पक्षता से चयन किया है। अब बिना किसी सिफारिश के नियुक्ति पत्र मिल रहा है। यह वही प्रदेश है जहां पहले दंगे होते थे। यहां पहले न बेटी सुरक्षित थी और न व्यापारी।
मस्जिद में प्रार्थना से अरब समेत पश्चिम देशों में हड़कंप
इस्राइल के एक दक्षिणपंथी नेता द्वारा पूर्वी यरुशलम स्थित अल-अक्सा मस्जिद परिसर में प्रार्थना करने के बाद पूरी दुनिया में इसकी आलोचना कर रही है। दरअसल अल-अक्सा मस्जिद परिसर को लेकर अरब और यहूदियों के बीच विवाद है और अल-अक्सा मस्जिद परिसर में यहूदियों के प्रार्थना पर प्रतिबंध भी है। यही वजह है कि जब इस्राइल-हमास के बीच संघर्ष चल रहा है, तो इस्राइली मंत्री के अल-अक्सा मस्जिद परिसर में प्रार्थना करने पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद खड़ा हो गया है।
प्रार्थना में हजारों यहूदी रहे मौजूद
इस्राइल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन ग्वीर ने मंगलवार को हजारों यहूदियों के साथ अल-अक्सा मस्जिद परिसर में प्रार्थना की। प्रार्थना में बेन ग्वीर ने हमास को हराने की कसम भी खाई। बता दें, इस्राइल सरकार ने ही अल-अक्सा मस्जिद परिसर में यहूदियों के प्रार्थना करने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। बेन ग्वीर ने इस्राइली सरकार के इस प्रतिबंध को नजरअंदाज किया। अल अक्सा मस्जिद इस्लाम धर्म में तीसरा सबसे पवित्र स्थल माना जाता है, साथ ही यहूदी धर्म का भी सबसे पवित्र स्थान है, जिसे 70 ई.वीं में रोमनों ने नष्ट कर दिया गया था।
इस्राइली नेता के मस्जिद में प्रार्थना से बढ़ सकता है तनाव
यहूदी और अन्य गैर मुस्लिम दिन में कुछ घंटे तक पूर्वी यरुशलम स्थित अल अक्सा मस्जिद परिसर में आ सकते हैं, लेकिन उन्हें वहां प्रार्थना करने या धार्मिक कर्मकांड करने की इजाजत नहीं है। बेन ग्वीर द्वारा अल अक्सा मस्जिद परिसर में की गई इस हरकत से तनाव बढ़ सकता है क्योंकि पहले ही इस्राइल हमास युद्ध और गाजा में भारी तबाही से तनाव चरम पर है। वहीं बीते दिनों हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हानिया की तेहरान में हत्या के बाद से इस्राइल और ईरान में भी तनाव जंग के मुहाने पर पहुंच गया है।
इस्राइली नेता के दौरे पर अरब देशों ने भी जताई नाराजगी
बेन ग्वीर के अल अक्सा मस्जिद परिसर में प्रार्थना करने पर दुनियाभर के देशों ने आपत्ति जताई है, इनमें अरब देशों के साथ ही अमेरिका समेत पश्चिमी देश भी शामिल हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि बेन ग्वीर ने अल अक्सा में यथास्थिति का उल्लंघन किया है और ब्लिंकन ने इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से अपील की है कि वह ऐसी घटनाओं को होने से रोकें। ब्लिंकन ने कहा कि ऐसी घटनाएं सिर्फ तनाव को बढ़ाएंगी।
पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले में सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है। कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद जांच एजेंसी ने पुरे मामले में नई FIR दर्ज की है। बता दें, इसके लिए सीबीआई की दिल्ली से एक टीम मामले कोलकाता पहुंची। सीबीआई ने दिल्ली से एक विशेष चिकित्सा और फोरेंसिक टीम को भी जाँच के लिए भेजा है। कोलकाता पहुंचने के बाद टीम सबसे पहले न्यू टाउन राजारहाट में BSF-दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के अधिकारियों से मिलने पहुंची। आपको बता दें, कलकत्ता हाई कोर्ट ने बीते दिन मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था।
HC ने बलात्कार-हत्या मामले में दिए CBI जांच के आदेश
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आर जी कर मेडिकल कॉलेज में एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले की जांच को कोलकाता पुलिस से स्थानांतरित कर CBI को दे दिया। मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने कहा कि वह जांच की निगरानी करेगी और CBI को तीन सप्ताह में अदालत को एक रिपोर्ट सौंपना होगा। पीठ ने कोलकाता पुलिस को केस डायरी और अन्य दस्तावेज बुधवार सुबह 10 बजे तक CBI को सौंपने का निर्देश भी दिया। बता दें, पुरे मामले में उच्च न्यायालय में छह याचिकाएँ दायर की गईं, जिनमें पीड़िता के परिवार के सदस्यों की अपील भी शामिल है, जिसका शव 9 अगस्त को मिला था।
HC ने सरकार-पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया
हाई कोर्ट ने मामले को CBI को स्थानांतरित करते हुए कहा, इस न्यायालय के लिए अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करना अनिवार्य हो गया है और ऐसा न करने पर जनता के मन में विश्वास टूट जाएगा। इससे सबूतों को नष्ट करने को लेकर याचिकाकर्ताओं का डर भी दूर हो जाएगा। पीठ ने आगे कहा कि घटना के पांच दिन बाद भी जांच में कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं हुई है, ये सरकार और पुलिस दोनों की मंसा को संदेह के घेरे में खड़ा करता है। जिस तरह से मामले को शुरू से ही संभाला गया, उस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पीठ ने अपने आदेश में कहा, एक और पहलू, जो काफी परेशान करने वाला है, वह यह है कि ताला पुलिस थाने में अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया है। जब मृतक पीड़ित अस्पताल में काम करने वाला एक डॉक्टर था, तो यह आश्चर्यजनक है कि प्रिंसिपल/अस्पताल ने औपचारिक शिकायत क्यों दर्ज नहीं की। हमारे विचार में यह एक गंभीर चूक थी, जिसने संदेह को जगह दी है। कोर्ट ने आर जी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल पद से इस्तीफा देने वाले संदीप घोष को कुछ ही घंटों के भीतर एक नए पद पर स्थानांतरित करने के राज्य सरकार के फैसले की आलोचना की। बता दें, प्रिंसिपल को राज्य सरकार द्वारा नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का प्रिंसिपल नियुक्त किया गया। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार द्वारा ऐसा करने में क्या तात्कालिकता थी।
आरोपी और संबंधित दस्तावेज लेकर CBI ऑफिस पहुंची पुलिस
इस बीच पुलिस कोलकाता के सीजीओ कॉम्प्लेक्स में सीबीआई कार्यालय पहुंची। पुलिस अधिकारी मामले से संबंधित साक्ष्य और दस्तावेजों के साथ यहां पहुंचे हैं। एजेंसी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के कुछ ही घंटों के अंदर सभी औपचारिकताएं पूरी कर लीं थीं। कोर्ट ने राज्य पुलिस को मामले के दस्तावेज केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंपने का निर्देश दिया गया था। CBI सूत्रों के मुताबिक, चिकित्सा अधिकारियों और फोरेंसिक टीम की एक विशेष टीम वारदात की जगह पर भी पहुंची है। पुलिस आरोपी संजय रॉय को भी अपने साथ लेकर आई। बता दें, कोलकाता पुलिस ने मामले में 33 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। वह 2019 में एक नागरिक स्वयंसेवक के रूप में कोलकाता पुलिस में शामिल हुआ था। आरोपी एक प्रशिक्षित मुक्केबाज है और वह पिछले कुछ वर्षों में कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के करीब आ गया था। इसके बाद उसे कोलकाता पुलिस कल्याण बोर्ड में स्थानांतरित कर दिया गया और आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पुलिस चौकी में तैनात कर दिया गया।
छात्रों ने पीड़िता से सामूहिक दुष्कर्म का दावा किया
कोलकाता के आरजीकर मेडिकल अस्पताल में महिला डॉक्टर की हत्या के बाद मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और छात्र सड़क पर उतरकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस पूरे मामले की मजिस्ट्रेट जांच की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर्स, प्रशिक्षु और स्नातकोत्तर प्रशिक्षु हड़ताल पर हैं। इसी बीच छात्रों ने दावा किया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि पीड़िता के साथ कई लोगों ने दुष्कर्म किया था। मीडिया रिपोर्ट्स में डॉक्टर सुबर्ण गोस्वामी के हवाले से लिखा गया है कि यह साफ है कि यह किसी एक व्यक्ति का काम नहीं है। पीड़िता का गैंगरेप किया गया था। बता दें, डॉक्टर सुबर्ण ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर यह दावा किया है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या?
प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि मृतका का यौन उत्पीड़न किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। पीड़िता की आंखों, मुंह और निजी अंगों से खून बह रहा था। उसके बाएं पैर, गर्दन, दाहिने हाथ, और होठों पर भी चोटें लगीं थीं।
पीड़िता का नाम सोशल मीडिया से हटाया जाए
याचिकाकर्ताओं में से एक के वकील ने अदालत के समक्ष आरोप लगाया कि घटना को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने खंडपीठ के समक्ष कहा कि महिला डॉक्टर की मौत की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी गई है। उन्होंने आगे कहा कि पीड़िता का नाम सार्वजनिक नहीं किया जा सकता, लेकिन इस मामले में ऐसा हुआ है। उन्होंने अदालत से यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया कि पीड़िता का नाम सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से तत्काल हटा दिया जाए।
भाजपा ने मामले में जाँच को लेकर ममता सरकार को घेरा
कोलकाता पुलिस ने डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले में एक आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया है। फिलहाल घटना की जांच CBI को सौंपी गई है और बुधवार से CBI ने जांच शुरू भी कर दी है। भाजपा नेता अमित मालवीय ने इस पुरे मामले पर ममता बनर्जी सरकार को घेरा और आरोप लगाया कि राज्य सरकार और कोलकाता पुलिस मामले को दबाने में जुटे हैं। अमित मालवीय ने कहा कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज प्राधिकरण ने हत्या और दुष्कर्म वाली जगह पर मरम्मत कार्य शुरू कराया है और ये अहम सबूतों को तबाह करने की कोशिश हो सकती है, जो इस मामले में अहम सबूत बन सकते हैं।
छात्रों ने सरकार पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ का लगाया आरोप
सीपीआईएम से संबंद्ध डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया और स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया ने, जिस सेमिनार हॉल में डॉक्टर का शव मिला था, उसके नजदीक ही पुनर्निर्माण कार्य शुरू होने पर छात्रों ने सवाल उठाए। छात्रों का कहना है कि प्राधिकरण असली गुनाहगारों को बचाने के लिए सबूतों से छेड़छाड़ कर रहा है और उन्हें तबाह करने की कोशिश कर रहा है। प्रदर्शनकारी छात्रों ने आपातकालीन बिल्डिंग के गेट पर इकट्ठा होकर मेडिकल कॉलेज में पुनर्निर्माण कार्यों के शुरू होने पर नाराजगी जाहिर की।
सेना ने चार आतंकियों को मार गिराया
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के समूल नाश के लिए सुरक्षाकर्मियों का पहाड़ों-घाटियों और कईं अलग-अलग स्थानों पर सर्च अभियान जारी हैं। अपने अभियान के तहत आज सुबह डोडा के अस्सार इलाके में भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फिर सर्च अभियान चलाया। इस बीच एक बार फिर सुरक्षाकर्मियों का सामना आतंकियों से हुआ। बता दें, सुरक्षाबल सुबह से ही आतंकियों की तलाश में जुटे हुए हैं, इसी क्रम में सेना ने मुठभेड़ में एक आतंकी को घायल भी कर दिया था। अभी तलाशी जारी ही थी की अभियान के दौरान फायरिंग में सेना के एक कैप्टन रैंक के अधिकारी घायल हो गए, जिन्होंने बाद में दम तोड़ दिया। वहीं, इस मुठभेड़ में चार आतंकियों के मारे जाने की सूचना है।
टीम का नेतृत्व कर रहे थे कैप्टन दीपक
सेना के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कैप्टन दीपक ने आगे बढ़कर ऑपरेशन का नेतृत्व किया और आतंकवादियों को मार गिराने के लिए साथियों को निर्देशित करना जारी रखा। हालांकि, उन्होंने कहा कि आतंकियों की गोलीबारी में उन्हें गोली लग गई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया है। गंभीर चोटों के कारण कैप्टन ने अस्पताल में दम तोड़ दिया और देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।
क्या है सेना का 'ऑपरेशन अस्सार'?
जम्मू के कठुआ, उधमपुर और डोडा में इन दिनों सीमा पार से घुसपैठ कर आए आतंकियों को मार गिराने के लिए बड़े स्तर पर सेना का अभियान जारी है। सेना की वाइट नाइट कॉर्प्स ने अकार के जंगलों में 'ऑपरेशन अस्सार' के नाम से संयुक्त अभियान चलाए जाने की जानकारी साझा की। बता दें, बीते मंगलवार जवानों को इनपुट मिला कि डोडा के अस्सार गांव में अकाल के जंगलों में आतंकियों को देखा गया। यह इलाका पटनीटॉप की पहाड़ियों से जुड़ा है, जिसके बाद शाम में सेना ने सर्च अभियान चलाया। सर्च अभियान के दौरान सेना ने बुधवार सुबह डोडा के जंगलो में मुठभेड़ के दौरान एक आतंकी को घायल कर दिया। घटनास्थल से सेना ने एम-4 राइफल भी बरामद किया है।
वारंट जारी होने के साथ बढ़ने वाली है सपना की मुश्किलें
हरियाणवी कलाकार सपना चौधरी की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ने वाली हैं। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रश्मि गुप्ता ने सपना के खिलाफ दर्ज हाईप्रोफाइल धोखाधड़ी मामले में गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में उनके खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप लगाकर एक संयुक्त शिकायत दर्ज कराई गई थी। वहीं, इस मामले की जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। बता दें, इस मामले में कई पीड़ित शामिल हैं।
सपना पर पहले भी धोखाधड़ी में केस दर्ज हो चुका है
डांस का कार्यक्रम रद्द करने व टिकट का पैसा भी वापस नहीं करने के एक मामले में पहले भी मशहूर डांसर सपना चौधरी अदालत में हाजिर हुई थीं। साथ ही अपने खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट निरस्त करने की गुहार लगाई थी। इस मामले में एसीजेएम शांतनु त्यागी ने उनकी अर्जी मंजूर करते हुए 20 हजार का निजी मुचलका दाखिल करने का आदेश दिया था। एक रोज इस मामले में सपना समेत अन्य अभियुक्तों पर आरोप तय करने के मसले पर सुनवाई थी। लेकिन सपना चौधरी उपस्थित नही हुईं। उनकी तरफ से हाजिरी माफी की अर्जी भी नहीं दी गई, अदालत ने गैरहाजिर रहने पर सपना चौधरी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दे दिया। बता दें, इससे पहले इस मामले में सपना चौधरी की नियमित जमानत अर्जी सर्शत मंजूर हुई थी।
क्या है पूरा मामला?
13 अक्टूबर, 2018 को स्मृति उपवन में दोपहर तीन बजे से रात्रि 10 बजे तक सपना समेत अन्य कलाकारों का कार्यक्रम था। जिसके लिए प्रति व्यक्ति तीन सौ रुपये में ऑनलाइन व ऑफलाइन टिकट बेचा गया था। इस कार्यक्रम को देखने के लिए हजारों टिकट धारक मौजूद थे। लेकिन रात्रि 10 बजे तक सपना चौधरी नहीं आईं, तो वहां आए लोगों ने हगांमा खड़ा कर दिया। कार्यक्रम के आयोजकों ने टिकट धारकों का पैसा भी वापस नहीं किया, जिसके बाद 14 अक्टूबर, 2018 को इस मामले की नामजद एफआइआर थाना आशियाना में दर्ज कराई गई थी।