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Breaking News 13 May 2025

1.): आतंकवाद पर मोदी की सर्जिकल डिप्लोमेसी

पहलगाम आतंकी हमले के 72 घंटे के भीतर भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए जो जवाब दिया, उसने न सिर्फ पाकिस्तान की साजिशों को नेस्तनाबूद किया, बल्कि वैश्विक मंच पर भी एक स्पष्ट संदेश भेजा—"टेरर और टॉक एक साथ नहीं हो सकते। टेरर और ट्रेड एक साथ नहीं चल सकते। पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकते। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश को संबोधित करते हुए यह संदेश सीधे पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को दिया। पीएम मोदी का यह बयान उस समय आया जब भारत ने पाकिस्तान की सैन्य और आतंकी ढांचों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। एलओसी पर भारतीय सेना ने जबर्दस्त जवाबी कार्रवाई की, वहीं पाकिस्तान की ड्रोन साजिशों को भी विफल कर दिया गया।

प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अब अगर पाकिस्तान से कोई बातचीत होगी तो वह सिर्फ आतंकवाद पर होगी—या फिर पीओके पर। ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई को लेकर जो जानकारी सामने आ रही है, उसके अनुसार भारत ने पाकिस्तान के कई एयरबेस और डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह से तबाह कर दिया। जवाबी हमले के बाद पाकिस्तान ने संघर्षविराम की गुहार लगाई, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। भारतीय सेना की कार्यवाही ने पाकिस्तान की रणनीति और सैन्य तैयारी की पोल खोल दी प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "हमने प्रधानमंत्री का वक्तव्य सुना, उससे कुछ पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का बयान भी आया, जिसने देश को व्यथित किया। हम बार-बार कह चुके हैं कि ऐसे संकट की घड़ी में प्रधानमंत्री को एक सामूहिक संकल्प के तहत विपक्ष को भी साथ लेकर चलना चाहिए।" खेड़ा ने यह भी जोड़ा कि "सिंदूर हमारे देश में कीमती माना जाता है, पर इसके साथ व्यापार की बात नहीं हो सकती। मोदी सरकार का यह रुख बताता है कि अब भारत सिर्फ शोक-संवेदना नहीं, बल्कि रणनीतिक और सैन्य स्तर पर जवाब देना जानता है। इस बार जवाब सिर्फ गोली से नहीं, बल्कि शब्दों से भी आयाजो दुनिया के कानों तक गया  अब सवाल यह है कि पाकिस्तान के पास बचे हुए विकल्प क्या हैं? और क्या यह ऑपरेशन सिर्फ जवाबी कार्रवाई थी या एक नए कूटनीतिक युग की शुरुआत?

 

2.)सीजफायर के साए में शेयर बाजार की सुस्त शुरुआत

भारत-पाकिस्तान सीमा पर सीजफायर की स्थिति और वैश्विक स्तर पर अमेरिका-चीन के बीच व्यापार युद्ध में नरमी के संकेतों के बावजूद, घरेलू शेयर बाजार मंगलवार को भारी गिरावट के साथ खुले। बीते कारोबारी सत्र में आई बंपर तेजी के बाद निवेशकों ने मुनाफावसूली का रुख अपनाया, जिससे बाजार की रफ्तार थमती नजर आई। कारोबार की शुरुआत में बीएसई सेंसेक्स 497.5 अंकों की गिरावट के साथ 81,932.40 के स्तर पर खुला, जबकि एनएसई निफ्टी 117.2 अंक गिरकर 24,807.50 पर पहुंच गया। दिन चढ़ते-चढ़ते गिरावट और गहराई, सेंसेक्स 788.62 अंक लुढ़ककर 81,641.28 पर और निफ्टी 209.90 अंक गिरकर 24,714.80 के स्तर तक आ गया। सोमवार को अमेरिकी और चीनी अधिकारियों के बीच व्यापार शुल्क पर टकराव को टालने का फैसला बाजार के लिए राहत लेकर आया था। दोनों देशों ने अगले 90 दिनों तक नए शुल्क नहीं लगाने पर सहमति जताई है। इसके तहत चीन अमेरिकी वस्तुओं पर 10% शुल्क लगाएगा, जबकि अमेरिका चीनी उत्पादों पर करीब 30% तक कर वसूलेगा। इस सकारात्मक संकेत ने सोमवार को बाजार को नई ऊंचाई पर पहुंचाया था, लेकिन मंगलवार को मुनाफावसूली ने निवेशकों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

किन शेयरों को लगा झटका, किसे मिला फायदा?

बीएसई के 30 शेयरों में से आईटी और बैंकिंग सेक्टर की बड़ी कंपनियां जैसे—इंफोसिस, पावर ग्रिड, कोटक महिंद्रा बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचसीएल टेक और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज—लाल निशान में नजर आईं। वहीं, सन फार्मा, इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस और टाटा स्टील जैसे शेयरों में मामूली बढ़त देखी गई। एक दिन की गिरावट के बाद विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने सोमवार को 1,246.48 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। यह संकेत देता है कि दीर्घकालिक निवेशकों का भरोसा भारतीय बाजार में बना हुआ है। भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम होने और वैश्विक व्यापार में स्थिरता की उम्मीदों के चलते मंगलवार को रुपये ने भी मजबूती दिखाई। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 74 पैसे चढ़कर 84.62 प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। सोमवार को बुद्ध पूर्णिमा के चलते बाजार बंद था, जबकि शुक्रवार को रुपये ने 22 पैसे की मजबूती के साथ 85.36 पर क्लोजिंग दी थी ।एशिया में दक्षिण कोरिया का कोस्पी, जापान का निक्केई और शंघाई कंपोजिट इंडेक्स हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि हांगकांग का हैंग सेंग लाल निशान पर रहा। उधर, अमेरिका के बाजार सोमवार को जबरदस्त तेजी के साथ बंद हुए। नैस्डैक 4.35%, एसएंडपी 500 में 3.26% और डॉव जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज में 2.81% की बढ़त देखी गई।

 

 

3.)  CBSE Result 2025 

 

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2025 के 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम जारी कर दिए हैं। इस साल भी रिजल्ट में दक्षिण भारत के रीजन ने बाजी मारी है। त्रिवेंद्रम और विजयवाड़ा ने 10वीं और 12वीं दोनों में टॉप किया है, जबकि प्रयागराज पिछड़ता नज़र आया। 10वीं का ओवरऑल पास प्रतिशत: 93.66% । इस साल सीबीएसई 10वीं परीक्षा में कुल 23 लाख 72 हजार छात्रों ने भाग लिया, जिनमें से 22 लाख 22 हजार परीक्षार्थियों ने सफलता हासिल की। ओवरऑल पास प्रतिशत 93.66% रहा, जो पिछले साल के मुकाबले 0.6% ज्यादा है। बीते साल यह आंकड़ा 93.60% था। रीजनवाइज टॉपर्स: त्रिवेंद्रम नंबर 1, विजयवाड़ा दूसरे पर 10वीं कक्षा में त्रिवेंद्रम रीजन ने एक बार फिर बाजी मारी, जहां 99.79% छात्र पास हुए। विजयवाड़ा 99.60% के साथ दूसरे पायदान पर रहा। वहीं सबसे कम प्रदर्शन गुवाहाटी रीजन का रहा, जहां सिर्फ 84.14% छात्र ही पास हो सके। 12वीं में भी विजयवाड़ा और त्रिवेंद्रम अव्व । सीबीएसई 12वीं के नतीजों में भी विजयवाड़ा और त्रिवेंद्रम शीर्ष पर रहे। ये क्षेत्र हर साल की तरह इस बार भी अपनी श्रेष्ठता को कायम रखने में सफल रहे। इसके मुकाबले प्रयागराज, पटना और गुवाहाटी जैसे क्षेत्रों का प्रदर्शन औसत से नीचे रहा। मेरिट लिस्ट पर फिर रोक, मिलेगी डिजिटल मेरिट सर्टिफिकेट । CBSE ने इस बार भी 10वीं और 12वीं दोनों में मेरिट लिस्ट जारी नहीं की है। बोर्ड का कहना है कि यह फैसला छात्रों पर अनावश्यक दबाव और अनहेल्दी प्रतिस्पर्धा को रोकने के लिए लिया गया है। हालांकि, 0.1% टॉप स्कोर करने वाले छात्रों को डिजीलॉकर के माध्यम से मेरिट प्रमाण पत्र मिलेगा। रिजल्ट से पहले अफवाहों का दौर । रिजल्ट को लेकर इस बार दो बार झूठी अफवाहें फैलीं। पहले 2 मई और फिर 6 मई को रिजल्ट आने की चर्चाएं थीं, लेकिन CBSE ने दोनों बार इन खबरों का खंडन करते हुए साफ किया कि सिर्फ बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर ही भरोसा करें।

कैसे चेक करें अपना रिजल्ट?

छात्र अपने रोल नंबर और स्कूल कोड की मदद से डिजीलॉकर, उमंग ऐप या सीबीएसई की ऑफिशियल वेबसाइट से रिजल्ट चेक कर सकते हैं। यहीं से आप अपनी प्रोविजनल मार्कशीट भी डाउनलोड कर सकते हैं। असली मार्कशीट स्कूल से बाद में वितरित की जाएगी । CBSE रिजल्ट 2025 ने एक बार फिर साफ कर दिया कि दक्षिण भारत के शैक्षणिक मॉडल का दबदबा बना हुआ है। जहां एक ओर त्रिवेंद्रम और विजयवाड़ा जैसे शहर बोर्ड परीक्षा में सर्वोच्च रहे, वहीं प्रयागराज, पटना जैसे क्षेत्रों के लिए यह एक चेतावनी है कि उन्हें अब गुणवत्ता और तैयारी दोनों पर अधिक ध्यान देना होगा।