भारतीय सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्तियों में से एक राज कपूर की शताब्दी भव्य तरीके से मनाई जाएगी। बॉलीवुड के सबसे बड़े शोमैन राज कपूर साहब की 100वीं बर्थ एनिवर्सरी का प्लान रेडी है! 13 से 15 दिसंबर तक पूरे देश में एक दमदार फिल्म फेस्टिवल हो रहा है। मज़ेदार बात ये है इस पूरे फेस्टिवल को और खास बनाने के लिए कपूर फैमिली ने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। ये इवेंट एक साथ 40 शहरों और 135 सिनेमाघरों में चलने वाला है, और वो भी सिर्फ 100 रुपये की टिकट पर। इस फेस्टिवल में राज कपूर की 10 आइकॉनिक फिल्में दिखाई जाएंगी। राज कपूर की फिल्मों ने समाज के हर तबके को जोड़ने का काम किया। उनकी कहानियों में आम आदमी के संघर्ष, प्रेम, और उम्मीदों की झलक मिलती है। उनके किरदार, चाहे वह 'आवारा' का मासूम हीरो हो या 'श्री 420' का मजाकिया ठग | हर कोई दर्शकों से जुड़ाव महसूस करता था। उनकी फिल्मों के गाने, जैसे 'जीना यहां, मरना यहां,' 'प्यार हुआ, इकरार हुआ,' और 'मेरा जूता है जापानी,' आज भी हर पीढ़ी के दिल को छूते हैं। ये इवेंट सिर्फ फिल्मों का फेस्टिवल नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा का सेलिब्रेशन है। राज कपूर की फिल्मों को फिर से बड़े पर्दे पर देखना मतलब इतिहास का हिस्सा बन जाना।
मोदी जी ने बताया कि जब लालकृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी जनसंघ के दौर में दिल्ली में चुनाव हार गए थे, तो खुद को मोटिवेट करने के लिए उन्होंने राज कपूर की फिल्म 'फिर सुबह होगी' देखी थी। मोदी जी ने एक और किस्सा शेयर किया। जब वो चीन में थे, तो वहां ऋषि कपूर का गाना बज रहा था। उन्होंने उसे रिकॉर्ड कराके ऋषि जी को भेजा था। इसपर ऋषि जी बेहद खुश हुए थे। पीएम ने कहा, "राज कपूर ने भारतीय सिनेमा को ग्लोबल पहचान दिलाई। आज जो हम 'सॉफ्ट पावर' की बात करते हैं, वो राज कपूर ने 1947 से ही कर दिया था। उनकी फिल्मों का ग्लोबल इंपैक्ट जबरदस्त है।" इस मुलाक़ात में रणबीर कपूर, आलिया भट्ट, करीना कपूर, सैफ अली खान, नीतू कपूर, करिश्मा कपूर और पूरी फैमिली ने पीएम मोदी से मुलाकात की। इस इस मुलाक़ात पर पीएम मोदी ने इंस्टाग्राम पर लिखा,
"राज कपूर जी एक शानदार अभिनेता थे, जिनकी अदाकारी ने हर किसी को प्रभावित किया। उनके 100वीं बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर कपूर परिवार से मुलाकात हुई।" इसके बाद करीना कपूर ने भी अपनी पोस्ट में लिखा "हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं कि हमें राज कपूर जी की 100वीं बर्थ एनिवर्सरी से पहले उनके जीवन और धरोहर को याद करने का मौका मिला। धन्यवाद, मोदी जी।"
राज कपूर की 100वीं जयंती पर ये फेस्टिवल न सिर्फ उनकी फिल्मों को सेलिब्रेट करेगा, बल्कि उनके योगदान को भी सलाम करेगा। उनके फिल्मों की स्टोरी, म्यूजिक और इमोशन्स हर जनरेशन को इंस्पायर करते हैं। राज कपूर सिर्फ फिल्ममेकर नहीं थे, वो वो इंसान थे जिन्होंने सिनेमा को दिल और समाज के साथ जोड़ दिया। तो अगर आप सच्चे सिनेमा प्रेमी हैं, तो ये फेस्टिवल आपके लिए है। अगर आपने ये इवेंट मिस किया, तो समझ लो बड़ा मौका हाथ से निकल गया।
क्या धमकी भरे ईमेल और कॉल्स हमारे बच्चों के लिए डर का नया कारण बनते जा रहे हैं? ये सवाल हर माता-पिता और नागरिक के दिमाग में उठ रहा है। ताजा मामला दिल्ली और मुंबई का है, जहां स्कूलों और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। ये सिर्फ एक वार्निंग नहीं, बल्कि हमारी सुरक्षा और एजुकेशन सिस्टम पर एक बड़ा सवाल है। दिल्ली के16 स्कूलों को धमकी भरे ईमेल मिले। मेल में लिखा गया कि 13-14 दिसंबर को बम धमाके होंगे। इसमें स्पोर्ट्स डे और पेरेंट्स मीटिंग जैसे इवेंट्स पर हमले की बात कही गई। स्कूलों में भटनागर इंटरनेशनल स्कूल पश्चिम विहार, कैम्ब्रिज स्कूल श्री निवास पुरी, DPS अमर कॉलोनी, साउथ दिल्ली पब्लिक स्कूल डिफेंस कॉलोनी, वेंकटेश्वर ग्लोबल स्कूल रोहिणी जैसे नामचीन स्कूलों को बम से उड़ाने पर धमकी के ईमेल मिले है। इस धमकी के बाद पुलिस और फायर ब्रिगेड तुरंत एक्शन में आ गयी है। सभी स्कूलों की बारीकी से जांच की गई, लेकिन कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। इसके बावजूद, बच्चों की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए स्कूल प्रशासन ने पैरेंट्स को बच्चों को घर पर रखने का सुझाव दिया है।
मुंबई में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को भी एक धमकी भरा मेल मिला। मेल रूसी भाषा में था और इसमें बम ब्लास्ट की बात कही गई। इससे पहले 16 नवंबर को भी RBI के कस्टमर केयर नंबर पर एक कॉल आया था, जिसमें खुद को "लश्कर-ए-तैयबा का CEO" बताने वाले ने बम धमाके की धमकी दी थी। इसके अलावा 9 दिसंबर को भी 44 स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी भरा मेल मिला था। हमले न करने के बदले 30,000 अमेरिकी डॉलर की मांग की गई थी। वहीँ मई 2024 को देशभर के 150 से ज्यादा स्कूलों को धमकी भरे ईमेल मिले थे। इन सभी घटनाओं में पुलिस और जांच एजेंसियों ने त्वरित कार्रवाई की, लेकिन अब तक किसी की पहचान नहीं हो पाई है।
क्या हमारी पुलिस और जांच एजेंसियां इन घटनाओं के पीछे के असली अपराधियों को पकड़ पाएंगी? अगर ऐसी धमकियां झूठी भी हैं, तो इसका बच्चों और स्कूल प्रशासन पर क्या असर पड़ेगा? बार-बार स्कूलों को टारगेट करने का मकसद क्या है? क्या साइबर सिक्योरिटी को और मजबूत बनाने की जरूरत है?
ये घटनाएं सिर्फ चेतावनी नहीं हैं, बल्कि हमारी सुरक्षा प्रणाली पर एक गंभीर सवाल उठाती हैं। हर बार धमकी के बाद जांच टीम हरकत में आती है, लेकिन असली गुनहगार पकड़ से दूर हैं। सवाल ये है कि हम कब तक ऐसे खतरों के साए में जीते रहेंगे?
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया। उन्होंने कहा, "इसी हफ्ते दूसरी बार दिल्ली के स्कूलों को धमकी मिली है। अगर ये सिलसिला जारी रहा तो बच्चों की पढ़ाई और मानसिक स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ेगा?"
संध्या थिएटर, हैदराबाद। तारीख थी 4 दिसंबर। 'पुष्पा 2' का ट्रेलर नहीं, बल्कि स्क्रीनिंग चल रही थी। लोग थिएटर में घुसने के लिए ऐसे टूट पड़े, जैसे अंदर कोई सोने की खान बंटी जा रही हो। माहौल इतना गरम कि भगदड़ मच गई। नतीजा, एक महिला की मौत हो गई और उसका बेटा भी घायल हो गया। अब, पुलिस ने एक्टर अल्लू अर्जुन को इस मामले में अरेस्ट कर लिया है। अब आप सोचेंगे कि "अल्लू अर्जुन का इसमें क्या कसूर?" तो यही सवाल खुद अल्लू अर्जुन भी पूछ रहे हैं। पर पुलिस कहती है,ये सब आपके आने की वजह से हुआ।"
'पुष्पा 2' की स्क्रीनिंग चल रही थी। अल्लू अर्जुन का आना तय था। उन्होंने अपनी आदत के मुताबिक, फैंस को खुश करने के लिए थिएटर का दौरा किया। जैसे ही ये खबर बाहर आई, फैंस का हुजूम टूट पड़ा। अंदर लोग पहले ही ठसाठस भरे हुए थे, ऊपर से भीड़ ने धक्का-मुक्की शुरू कर दी। नतीजा? भगदड़। इस भगदड़ में एक महिला की मौत हो गई और उसका बेटा घायल हो गया। थिएटर के बाहर हर तरफ अफरातफरी मच गई। हादसे के बाद, पुलिस ने चिक्कडपल्ली पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कर ली। आरोप है कि थिएटर में अल्लू अर्जुन के पहुंचने की वजह से भीड़ अनियंत्रित हो गई, और ये घटना हुई।
लेकिन अल्लू अर्जुन इस बात से सहमत नहीं। उनका कहना है, "मैंने थिएटर मैनेजमेंट और पुलिस को पहले ही अपने आने की जानकारी दी थी। मैंने कोई लापरवाही नहीं की।" हालांकि, पुलिस का कहना है कि अल्लू अर्जुन को इस हादसे की जिम्मेदारी लेनी होगी, क्योंकि उनकी मौजूदगी के चलते ही ये सब हुआ।
अल्लू अर्जुन ने 11 दिसंबर को हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उनका कहना है कि "मेरे खिलाफ ये केस झूठा है। मैंने पहले भी थिएटर विजिट किए हैं, लेकिन ऐसी कोई घटना नहीं हुई। ये न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है।" उन्होंने FIR खारिज करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की। लेकिन कोर्ट ने फिलहाल इस पर कोई राहत नहीं दी।
क्या फैंस का जुनून और स्टारडम अब जानलेवा बनता जा रहा है? क्या किसी एक्टर के थिएटर आने पर हुई भगदड़ के लिए उसे ही जिम्मेदार ठहराना सही है? थिएटर मैनेजमेंट और पुलिस की क्या भूमिका थी? क्या भीड़ को कंट्रोल करना उनकी ड्यूटी नहीं थी? क्या इस तरह के इवेंट्स के लिए एक प्रोटोकॉल तय नहीं होना चाहिए? बात सीधी है। एक्टर, फैंस और थिएटर मैनेजमेंट तीनों की जिम्मेदारी बनती है। पर यहां जो सवाल सबसे बड़ा है, वो ये कि "किसकी गलती भारी पड़ी?" थिएटर वालों ने अपनी जेब भरी, पुलिस ने बस मूकदर्शक बनकर देखा। और फैंस अपनी दीवानगी में एक हद से आगे निकल गए। इन सबके बीच, एक महिला की जान चली गई। दुनिया के सबसे बड़े सुपरस्टार्स में से एक होने के बावजूद, अल्लू अर्जुन को ये समझना होगा कि स्टारडम के साथ जिम्मेदारी भी आती है।