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Breaking News 12 November 2024

1.) ऐतिहासिक युद्ध के विंग कमांडर एम.बी.ओझा का निधन 

 भारत-पाकिस्तान युद्ध के हीरो विंग कमांडर एम.बी ओझा जी का निधन

 
विंग कमांडर एम.बी.ओझा का निधन

भारतीय वायुसेना के वीर योद्धा एवं सम्मानित अधिकारी महाबीर ओझा जिन्हे लोग विंग कमांडर एम.बी ओझा भी कहते है ,इनका निधन 89 साल की उम्र में 
छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुआ,इनका अंतिम संस्कार सोमवार को महादेव शमसान घाट पर सुबह 11.30 बजे हो गया | एम.बी ओझा के सामने ही 1971 में पाकिस्तानी सेना के 90 हजार सैनिकों ने अपने आप को इंडियन आर्मी के आगे सरेंडर किया जिससे बंगलादेश को स्वतंत्रता मिली | ओझा रायपुर के मौलश्री विहार के रहने वाले थे |  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ओझा जी के निधन पर शोक जताया और उन्हें श्रद्धांजलि दी | विंग कमांडर एम. बी. ओझा भारतीय वायुसेना के वीर योद्धा रहे, जिन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण युद्धों में हिस्सा लिया।

भारत- पाकिस्तान युद्ध(1971 ) 

1971 में पाकिस्तान के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों के बीच भारी राजनीतिक और सैन्य तनाव था। पाकिस्तान के पूर्वी हिस्से में बांगलादेशी स्वतंत्रता संग्राम चल रहा था, और पाकिस्तान की सेना ने वहां अपनी दबाव वाली नीतियां अपनाई थीं। भारत ने बांगलादेश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू की, जिसे भारत-पाकिस्तान युद्ध 1971 कहा जाता है। इस युद्ध में भारतीय सेना और वायु सेना ने महत्वपूर्ण योगदान दिया, और विंग कमांडर एम बी ओझा जैसे पायलटों की वीरता और रणनीतिक स्किल्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।ओझा ने पाकिस्तान के अंदर स्थित सैन्य ठिकानों पर बमबारी की। उनका लक्ष्य पाकिस्तान की युद्ध मशीनरी को कमजोर करना था, ताकि भारतीय सेना के लिए जमीनी युद्ध आसान हो सके। ओझा के द्वारा की गई सटीक बमबारी ने भारतीय सेनाओं के लिए युद्ध में जितना आसान कर दिया था | 


कारगिल युद्ध (1999) 

एम बी ओझा ने कारगिल युद्ध के दौरान दुश्मन की ताकतों को कमजोर करने के लिए हवाई हमलों में हिस्सा लिया। उनके नेतृत्व में कई मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिए गए। उन्होंने दुश्मन के ठिकानों पर सटीक निशाने लगाए और भारतीय सेना की जमीनी ताकतों को मजबूती दी।

 
ऑपरेशन मेघदूत (1984)


इस ऑपरेशन में भी विंग कमांडर ओझा का महत्वपूर्ण योगदान रहा। सियाचिन ग्लेशियर पर कब्जा बनाए रखने के लिए वायु सेना ने रणनीतिक कार्यवाही की, और ओझा ने अपने साहसिक उड़ान कौशल से इस ऑपरेशन में सहायता की।


ऑपरेशन पराक्रम (2001)

एम बी ओझा इस ऑपरेशन का भी हिस्सा थे, जो भारतीय आर्म्ड फाॅर्स के द्वारा किया गया था। इसमें उन्होंने दुश्मन के खिलाफ रणनीतिक योजनाओं में भाग लिया, और उनकी साहसिक कार्रवाई ने ऑपरेशन की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

 

2.) अमेरिकी आतंकवादी का बयान राम मंदिर को बम से उड़ा देंगे 

 गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा 16-17 नवंबर को राम मंदिर उड़ा देंगे 

 
आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की धमकी
 
गुरपतवंत सिंह पन्नू, जो अमेरिका में रहने वाला एक आतंकवादी है,ये  सिख संगठन, सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का प्रमुख है, उसने बहुत विवादित बयान दिया है  जिसमें उसने अयोध्या के राम मंदिर को उड़ाने की धमकी दी और कहा की 16-17 नवंबर को राम मंदिर पे हिंसा होगी | पन्नू बहुत कट्टरपंथी विचारधारा का इंसान है , जो भारत सरकार के खिलाफ खुले तौर पर बोलता है। लोगो ने इसको गीदड़ भभकी का नाम कहा है जिसका अर्थ झूठ मुठ का डराना होता है, इस धमकी के बाद भारत सरकार ने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है और अयोध्या की सुरक्षा को सख्त कर दिया है |  पन्नू का यह बयान एक वीडियो के माध्यम से सामने आया है , जिसमें उसने दावा किया कि अगर खालिस्तान का गठन नहीं होता है, तो भारत में मुसलमानों और सिखों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उसने इस बयान में राम मंदिर को उड़ाने की धमकी दी है | भारत सरकार ने पन्नू को UAPA (अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट) के तहत 2019 में आतंकी घोषित किया था | 

 
कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू

गुरपतवंत सिंह पन्नू का जन्म 1978 में हुआ था, और वह एक सिख परिवार से आता हैं। पन्नू का बचपन पंजाब में ही बीता था, लेकिन बाद में वो परिवार के साथ कनाडा में बस गया, उसकी पढाई कनाडा में ही हुई है | गुरपतवंत सिंह पन्नू की पहचान 'सिख फॉर जस्टिस' (SFJ) नामक संगठन के संस्थापक और प्रमुख के रूप में बनी।  भारत में अलगाववादी आंदोलन को बढ़ावा देता है। पन्नू आतंकवाद  के मुद्दे को दुनिया भर में उठाते रहा हैं जिसमे ये भारत सरकार की नीतियों का विरोध करता है  पन्नू ने 2019 में "Referendum 2020" के तहत एक स्वतंत्र खालिस्तान की मांग को लेकर अभियान शुरू किया था।

 

3.) योगी का वस्त्र लेकिन भाषा साधु की नहीं ...आतंकी की!

चुनावी मौसम में नेताओं के बिगड़े बोल

झारखंड में इसी महीने विधानसभा की 81 सीटों पर चुनाव होने हैं और ये चुनाव दो चरणों में होंगे। आपको बता दें, प्रदेश में दो चरणों में होने वाले चुनाव में पहले चरण के चुनाव के लिए प्रचार सोमवार, 11 नवंबर को थम गया है। विधानसभा चुनाव के पहले चरण में राज्य की 43 सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होगा। प्रदेश में होने वाले पहले चरण के चुनाव के लिए भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश के नियुक्त प्रभारी असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान मैदान में हैं तो वहीं विपक्षी गठबंधन ‘इंडि गठबंधन' की ओर से कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, राष्ट्रीय जनता दाल (राजद) के अध्यक्ष लालू यादव और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की ओर से खुद सीएम हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी और विधायक कल्पना सोरेन ने स्टार प्रचारक के तौर पर चुनाव प्रचार के दौरान अपने-अपने पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया। झारखंड में पहले चरण के प्रचार के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ पर आपत्तिजनक बयान दिया, पलामू में अपनी जनसभा के दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि पीएम मोदी कह रहे हैं एक हैं तो सेफ हैं, तो वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ कह रहे हैं बाटेंगे तो काटेंगे। खरगे ने योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि वो साधु का ड्रेस पहनते हैं, पर लोगों के बीच आकर ‘बंटेंगे तो कटेंगे' जैसी बात बोलते हैं, ये साधु का काम नहीं है, ऐसा कोई टेररिस्ट बोल सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष यहीं नहीं रुके, उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या उन्होंने गेरुआ वस्त्र प्रधानमंत्री की तरह झूठ बोलने के लिए पहना है।

खड़गे ने पीएम को कहा झूठा

झारखंड में पहले चरण का चुनाव प्रचार बीते दिन सोमवार को थम गया है। चुनाव प्रचार के दौरान सभी दल के नेता आक्रामक तरीके से चुनाव प्रचार करते नजर आये और जमकर एक-दूसरे पर हमला करने से भी नहीं चुके। बता दें, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा का नाम लेकर उन पर बड़ा हमला किया। झारखंड की छतरपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री खुद को पिछड़ा कहते हैं, लेकिन वो सपोर्ट अगड़ों का करते हैं। वो पिछड़ों को कुचलने वालों को सपोर्ट करते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी और शाह लोगों को डराते हैं, शाह को डराने का पावर मोदी जी ने दिया है। खड़गे ने मुख्यमंत्री योगी पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या उन्होंने गेरुआ वस्त्र प्रधानमंत्री की तरह झूठ बोलने के लिए पहना है? साधु तो करुणामय होते हैं, लेकिन उन्होंने बहुतों के घरों को बुलडोजर से तोड़ दिया। साथ ही उन्होंने कहा असम के सीएम ने झारखंड में हमारे कार्यकर्ताओं को धमकी दी, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं। आपको बता दें, पहले चरण में जिन 43 सीट पर मतदान होना है उनमें से 20 सीट अनुसूचित जनजाति और छह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। प्रदेश के कुल 2.60 करोड़ मतदाताओं में से 1.37 करोड़ मतदाता 13 नवंबर को पहले चरण में मतदान के योग्य हैं, जिनके लिए कुल 15,344 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें से 12,716 बूथ ग्रामीण इलाकों में और 2,628 बूथ शहरी इलाकों में स्थित हैं।

 

4.) प्रयागराज में हुए प्रोटेस्ट में झलका स्टूडेंट्स का दर्द 

प्रयागराज  में हो रहे UPPSC स्टूडेंट्स के प्रोटेस्ट में सरकार क्या कदम उठा रही है 
 
ये जो प्रयागराज का यूपीपीएससी प्रोटेस्ट है ना, वो यूँ ही हवा में नहीं उड़ रहा। हज़ारों स्टूडेंट्स की सालों की फ्रस्ट्रेशन का नतीजा है। दिन-रात मेहनत की, अपने परिवार को सपने दिखाए, और जब सिस्टम ही खेल खेले, तो बस अब सब्र का बांध टूट गया,  प्रयागराज में प्रोटेस्ट कर रहे स्टूडेंट्स का ये बोलबाला है | 

क्या है यूपीपीएससी प्रोटेस्ट?

प्रयागराज में सब यूपीपीएससी (उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन) की भर्ती में हो रही धांधली और देरी के खिलाफ स्टूडेंट्स  खड़े हो गए हैं। इनसे कहा गया था कि मेहनत करो, सरकारी नौकरी पाओगे। पर असल में हर कदम पर स्टूडेंट्स को ही क्यों  सिस्टम की लापरवाही का सामना करना पड़ रहा है |  पहले तो परीक्षा में देरी, फिर रिजल्ट में देरी, और अगर किसी तरह से रिजल्ट आ भी जाए, तो उसमें भी लापरवाही का अभाव। स्टूडेंट्स का बयान है की  सपनों और करियर के साथ ऐसे खिलवाड़ हो रहा है, जैसे हम किसी गेम के मोहरे हों।


सरकार इसपर क्या कदम उठा रही है 

सरकार का कहना है की वो पूरी तरह से इस प्रोटेस्ट को समझती है और इस पर पहले से ही ठोस कदम उठा रही है ।  सरकार युवाओं के भविष्य के प्रति संवेदनशील है, और हालाकि  पिछले कुछ समय से यूपीपीएससी में सुधार के लिए कई कदम उठाए गए हैं जैसे यूपीपीएससी में प्रक्रिया की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं। भर्ती और रिजल्ट्स के हर चरण को पारदर्शी बनाने के लिए निगरानी बढ़ाई गई है, ताकि किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो।
 युवाओं की शिकायत थी कि रिजल्ट आने में देरी होती है। इसे ध्यान में रखते हुए यूपीपीएससी को निर्देश दिया गया है कि हर भर्ती का रिजल्ट एक तय समय सीमा में घोषित किया जाए। इसके अलावा, हर भर्ती प्रक्रिया का एक टाइमलाइन तय किया गया है ताकि कैंडिडेट्स को लंबे इंतजार का सामना न करना पड़े।
 प्रक्रिया का डिजिटलीकरण – यूपीपीएससी की प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल करने की दिशा में भी कदम उठा रहे हैं। इससे भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और कैंडिडेट्स को अपनी स्थिति का पता समय-समय पर मिलता रहेगा।


सीटों की संख्या में वृद्धि 

सरकार ने समय-समय पर विभिन्न विभागों  को भरने के निर्देश दिए हैं। यूपीपीएससी के तहत आने वाली सीटों की संख्या में भी बढ़ोतरी की जा रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को अवसर मिल सके।  कैंडिडेट्स की शिकायतें सुनी जाएँ, इसके लिए एक स्वतंत्र शिकायत निवारण प्रणाली बनाई गई है, जहां उम्मीदवार अपनी समस्याएं सीधे दर्ज करा सकते हैं और उनका समाधान तेजी से किया जाएगा।

 

5.) शेयर बाजार में हुआ धमाका 

कैसा रहा आज का बाजार,बैंकिंग सेक्टर में हुआ बूम 


शेयर बाजार में आज काफी हलचल हुई, सेंसेक्स 150 पॉइंट के अपट्रेंड के साथ खुला हालांकि इसके लो एफर्ट ग्रोथ से दिन भर मुनाफा कमाने वाले इन्वेस्टर्स का मूड खराब ही देखा गया। लेकिन, दोपहर तक कुछ सेलिंग का दबाव बढ़ने लगा, जिससे सेंसेक्स हल्का-सा नीचे आ गया। निफ्टी 50 भी तेजी के साथ खुला लेकिन 19,600 के रेट पर रेसिस्टेन्स देखा गया। दिन के अंत में निफ्टी 250 अंक के नुकसान पर बंद हुआ | हालांकि बैंक निफ़्टी 718 अंक के घाटे के साथ बंद हुआ | रिलायंस में आज हल्की गिरावट देखी गयी , हालांकि आने वाले IPO को लेकर निवेशको में इंतज़ार है | इसके अलावा अदानी ग्रुप के स्टॉक्स में मामूली ग्रोथ देखी गयी | 

सेक्टर-वाइज परफॉर्मेंस

बैंकिंग सेक्टर

आज बैंकिंग सेक्टर ने अच्छी पकड़ दिखाई। खासकर, SBI, ICICI और HDFC बैंक में अच्छा ग्रोथ देखा गया | सेंट्रल बैंक के आने वाली पालिसी मीटिंग की संभावनाओं ने भी पॉजिटिव असर डाला। Yes Bank का प्रदर्शन आज कुछ कमजोर रहा, और इसका शेयर 2% से अधिक गिरा। Union Bank of India और Punjab National Bank (PNB) ने कुछ हद तक सुधार दर्ज किया, लेकिन बड़े बैंकों की तुलना में इसका प्रदर्शन अधिक स्टेबल रहा।

IT सेक्टर

TCS, Infosys, और Wipro में हल्की गिरावट देखी गई, क्योंकि ग्लोबल टेक कंपनियों में सेलिंग का रुझान था। डॉलर इंडेक्स में सुधार होने से IT कंपनियों पर दबाव देखा गया। L&T Infotech और Persistent Systems में भी मामूली गिरावट आई, क्योंकि इन कंपनियों की आउटसोर्सिंग की मांग पर दबाव देखा जा रहा है।

ऑटोमोबाइल सेक्टर 

महिंद्रा, टाटा मोटर्स जैसी कंपनियों ने बढ़त दर्ज की। खासकर, महिंद्रा की नए मॉडल की लॉन्चिंग ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया।टाटा मोटर्स में  आज 1.5% तक की ग्रोथ हुई | होंडा कार्स इंडिया के शेयर में आज हल्की गिरावट देखी गई, क्योंकि कंपनी ने अपनी बिक्री रिपोर्ट में कुछ निराश आंकड़े जारी किए।महिंद्रा इलेक्ट्रिक, जो महिंद्रा एंड महिंद्रा का एक हिस्सा है, में 3% की ग्रोथ देखी गयी | 

सोने चांदी और रुपया का हाल
 
आज डॉलर के मुकाबले रुपया मामूली सुधार के साथ बंद हुआ। इस सुधार का कारण विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय बाजार में निवेश जारी रखना है।
FII (Foreign Institutional Investors) आज विदेशी निवेशकों ने विशेष रूप से बैंकिंग और FMCG सेक्टर्स में अच्छा इन्वेस्ट किया।
इसके अलावा सोने में हल्की तेजी रही, क्योंकि निवेशक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जियोपॉलिटिकल तनाव के कारण सोने में निवेश कर रहे हैं। चांदी में भी हल्की ग्रोथ देखी गई |