लॉरेंस बिश्नोई के सबसे करीबी का एनकाउंटर आखिर कैसे हुआ ? झारखंड पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुके कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू का अंत हो गया। मंगलवार सुबह पलामू के चैनपुर इलाके में पुलिस और अमन साहू के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें साहू मारा गया। बताया जा रहा है कि पुलिस उसे रायपुर से रांची ले जा रही थी, इसी दौरान चैनपुर के अंधारी ढोडा इलाके में पुलिस वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसी का फायदा उठाकर साहू ने भागने की कोशिश की और पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली से उसकी मौत हो गई। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने हाल ही में अमन साहू को रिमांड पर लिया था। रायपुर से रांची लाने के दौरान रास्ते में पुलिस वाहन पलामू जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसी दौरान साहू ने मौके का फायदा उठाकर एक पुलिसकर्मी का हथियार छीन लिया और भागने की कोशिश की। जब पुलिस ने उसे रोकने का प्रयास किया, तो उसने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की, जिसमें साहू को कई गोलियां लगीं और घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। हालांकि, इस एनकाउंटर को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। आईये जानते है अमन साहू के बारे में...... झारखंड में अमन साहू का नाम आतंक का पर्याय बन चुका था। राज्य भर में उसके खिलाफ 100 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे। तीन दिन पहले ही उसके गिरोह के सदस्यों ने रांची के बरियातू रोड पर कोयला ट्रांसपोर्टर बिपिन मिश्रा पर फायरिंग की थी। साहू की पहचान सिर्फ एक गैंगस्टर के रूप में ही नहीं, बल्कि एक हाई-टेक अपराधी के रूप में भी थी। अमन साहू पुलिस को चकमा देने के लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करता था। उसके पास हमेशा एक जैमर रहता था, जिससे पुलिस उसका लोकेशन ट्रेस नहीं कर पाती थी। साल 2020 में जब तत्कालीन रांची एसएसपी सुरेंद्र झा ने उसे गिरफ्तार किया था, तब उसने खुलासा किया था कि वह हॉटस्पॉट डिवाइस और जैमर की मदद से खुद को ट्रेस होने से बचाता था। छोटे जैमर की 100 मीटर तक की रेंज होती है, जो मोबाइल टावर से आने वाले सिग्नल को ब्लॉक कर देता है, जिससे कॉल करना संभव नहीं होता था। अमन साहू का अपराध जगत में पहला कदम बर्नपुर सीमेंट फैक्ट्री में फायरिंग के मामले से जुड़ा था। इस घटना के बाद उसे 10 महीने जेल में बिताने पड़े। जेल से छूटने के बाद उसने अपना खुद का गिरोह बना लिया और फिर झारखंड के अपराध जगत में तेजी से अपनी पहचान बना ली। अमन साहू के एनकाउंटर को झारखंड पुलिस की एक बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है। उसकी मौत से झारखंड में संगठित अपराध पर लगाम लगाने में पुलिस को मदद मिलेगी। हालांकि, अब सवाल यह है कि उसके गिरोह के बाकी सदस्य कहां हैं और क्या वे पुलिस के शिकंजे में आएंगे या फिर झारखंड में अपराध का कोई नया अध्याय शुरू होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मॉरीशस दौरे के दूसरे दिन भारत और मॉरीशस के संबंधों को केवल रणनीतिक साझेदारी तक सीमित न रखते हुए इसे "हमदर्दी का रिश्ता" करार दिया। उन्होंने कहा कि दोनों देश सिर्फ हिंद महासागर से जुड़े नहीं हैं, बल्कि साझा सांस्कृतिक परंपराओं और मूल्यों के मजबूत धागों से बंधे हैं। पीएम मोदी और उनके मॉरीशसी समकक्ष नवीन चंद्र रामगुलाम के बीच हुई संयुक्त प्रेस वार्ता में रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और अंतरिक्ष समेत विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को लेकर महत्वपूर्ण घोषणाएं हुईं। पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि मॉरीशस की विकास योजनाओं में भारत की भूमिका अहम होगी और दोनों देशों की रणनीतिक प्राथमिकताओं में समुद्री सुरक्षा (Maritime Security) एक महत्वपूर्ण स्तंभ रहेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि भारत और मॉरीशस के बीच संबंधों को Enhanced Strategic Partnership का दर्जा दिया जाएगा। इस फैसले के तहत भारत मॉरीशस में संसद की नई इमारत बनाने में सहयोग करेगा, जिसे उन्होंने "मदर ऑफ डेमोक्रेसी" की भेंट करार दिया। इसके साथ ही, दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए लोकल करेंसी में आपसी व्यापार के सेटलमेंट पर सहमति बनी है। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी ऐलान किया कि अगले पांच वर्षों में मॉरीशस के 500 सिविल सर्वेंट्स को भारत में ट्रेनिंग दी जाएगी।
पीएम मोदी ने याद दिलाया कि विजन SAGAR (Security and Growth for All in the Region) की नींव 10 साल पहले मॉरीशस में ही रखी गई थी। उन्होंने कहा कि हिंद महासागर और अफ्रीका में स्थिरता एवं समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए भारत मॉरीशस के साथ मिलकर काम कर रहा है। "फ्री, ओपन, सेक्योर और सेफ इंडियन ओशन हमारी साझी प्राथमिकता है," पीएम मोदी ने कहा। उन्होंने मॉरीशस के Exclusive Economic Zone की सुरक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता को भी दोहराया। संयुक्त प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और मॉरीशस हर चुनौती में एक-दूसरे के साथ खड़े रहे हैं। उन्होंने कहा, "प्राकृतिक आपदाएं हों या कोविड महामारी की विपदा, हमने हमेशा एक-दूसरे का साथ दिया है।" भारत और मॉरीशस के बीच बढ़ते सामरिक और आर्थिक सहयोग को एक नया आयाम देते हुए, दोनों देशों ने आपसी विश्वास और सहयोग को और गहरा करने का संकल्प लिया है। पीएम मोदी के इस दौरे को दोनों देशों के संबंधों को एक नई ऊंचाई पर ले जाने वाला कदम माना जा रहा है।