Latest News

Breaking News 12 July 2025

1 ) अगर आप भी यूट्यूब पर वीडियो बना रहे हैं तो ये खबर ज़रूर देख लें... वरना पछताएंगे

अब वो ज़माना पीछे छूटता जा रहा है, जब कोई भी इंटरनेट से उठाया गया क्लिप, AI से बनवाया गया स्क्रिप्ट और ऑटोमेटेड वॉयस जोड़कर YouTube पर धड़ाधड़ वीडियो अपलोड कर लाखों में कमाई कर सकता था। कंटेंट क्रिएशन की दुनिया में एक बड़ा बदलाव दस्तक दे चुका है। और इस बदलाव का नाम है – YouTube की नई मोनेटाइजेशन पॉलिसी, जो 15 जुलाई 2025 से लागू हो रही है।

YouTube यानी क्रिएटर इकोनॉमी की धड़कन। एक ऐसा प्लेटफॉर्म जहाँ हर सेकेंड लाखों लोग सिर्फ वीडियो नहीं देख रहे होते, बल्कि उसी समय दुनिया भर के क्रिएटर्स अपने वीडियो अपलोड कर रहे होते हैं — कोई ऑरिजिनल आइडिया लेकर, कोई बार-बार इस्तेमाल हो चुके टेम्पलेट्स के साथ, और अब तो बड़ी संख्या में लोग AI की मदद से बिना कैमरे, बिना आवाज़, बिना स्क्रिप्ट के कंटेंट जनरेट कर डालते हैं। ऐसे में YouTube का ये नया फैसला सिर्फ एक तकनीकी अपडेट नहीं, बल्कि पूरी डिजिटल क्रिएटिव इंडस्ट्री की रीढ़ को झकझोरने वाला कदम बन गया है।

अब तक YouTube की कमाई सीधे क्रिएटर्स के AdSense अकाउंट में जाती थी। लेकिन अब Google ने ऐलान किया है कि पेमेंट और रिपोर्टिंग के लिए यह प्रक्रिया अलग की जाएगी। यानी अब हर क्रिएटर को अपने YouTube चैनल को AdSense से दोबारा लिंक करना होगा ताकि कमाई और डाटा को साफ़-साफ़ ट्रैक किया जा सके। लेकिन असली कहानी यहाँ से शुरू होती है।

Google ने अपने ऑफिशियल YouTube सपोर्ट पेज पर बताया है कि अब कंपनी केवल उन्हीं क्रिएटर्स को मोनेटाइजेशन का अधिकार देगी जिनका कंटेंट ऑथेंटिक, ओरिजिनल और वैल्यू एडेड हो। साथ ही, YouTube ने यह भी कहा है कि वह बड़े पैमाने पर बनाए गए, बार-बार दोहराए जाने वाले और AI-जनरेटेड टेम्पलेट कंटेंट को पहचानने के लिए अपनी ऑटोमेटेड तकनीकों को और बेहतर कर रहा है। इसका मतलब है कि अब वो सारे चैनल्स जो बिना किसी इनपुट या यूनीक टच के सिर्फ कंटेंट रीपैक करते हैं, अब डिमोनेटाइजेशन के खतरे में आ गए हैं।

इस पॉलिसी का सबसे गहरा असर उन क्रिएटर्स पर पड़ेगा, जो AI वॉयस, स्क्रिप्ट जनरेटर, क्लिपबेस्ड एडिटिंग और वायरल ट्रेंड्स की कॉपी करके व्यूज़ बटोर रहे थे। YouTube ने साफ़ कहा है कि अगर आप किसी और के कंटेंट का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसमें आपका खुद का ओरिजिनल इनपुट होना ज़रूरी है। वहीं, ऐसे वीडियो जो एक ही टेम्पलेट या फॉर्मेट में बार-बार बनाकर अपलोड किए जा रहे हैं — सिर्फ इसलिए कि पिछले वाला चल गया था — अब डाउनग्रेड कर दिए जाएंगे।

सिर्फ इतना ही नहीं, Clickbait Thumbnails, Misleading Titles, और Sensationalized Editing पर भी अब YouTube की निगाहें सख्त होंगी। कंपनी भले ही अभी तक किसी भी तरह की स्ट्राइक, पेनल्टी या सस्पेंशन को लेकर कोई सार्वजनिक पॉलिसी जारी नहीं कर रही है, लेकिन उसकी यह अप्रोच संकेत दे रही है कि भविष्य में ऐसा कुछ ज़रूर देखने को मिलेगा।

जो क्रिएटर्स YouTube Partner Program (YPP) से जुड़ना चाहते हैं, उनके लिए पहले की ही तरह 1,000 सब्सक्राइबर और पिछले 12 महीनों में 4,000 घंटे की वैध वॉच टाइम या फिर 90 दिनों में 10 मिलियन शॉर्ट्स व्यूज़ ज़रूरी होंगे। यानी क्वालिफिकेशन टर्म्स में बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन अब उन शॉर्ट्स या वीडियो की क्वालिटी और कंटेंट सोर्सिंग पर पूरी निगरानी रखी जाएगी।

YouTube का ये कदम सिर्फ कमाई की दिशा नहीं बदल रहा, बल्कि वो एक स्पष्ट मैसेज दे रहा है: “Content बनाना है तो मेहनत करो, अपनी सोच लगाओ, और जो बना रहे हो – वो वाकई तुम्हारा हो।” अब वो दौर चला गया जब Copy-Paste कंटेंट से YouTube चैनल्स की सैकड़ों डॉलर की कमाई हो जाती थी। अब ऐसा नहीं चलेगा।

 

2 ) गुरुग्राम में स्टेट लेवल टेनिस प्लेयर की गोली मारकर हत्या 

गुरुग्राम में एक ऐसी चीख दफन हो गई, जिसकी आवाज़ टेनिस रैकेट से नहीं, रिवॉल्वर की ट्रिगर से निकली थी । 25 साल की स्टेट लेवल टेनिस प्लेयर राधिका यादव की हत्या कर दी गई है। और हत्या किसी बाहरी ने नहीं, बल्कि उसके अपने पिता ने की है। गोली मारने वाला वही इंसान था जिसने उसे पहली बार रैकेट पकड़ना सिखाया था। सुशांत लोक फेस-2 की पॉश सोसायटी के फ्लैट नंबर E-157 में गुरुवार की सुबह एक खौफनाक मंजर देखने को मिला। राधिका यादव, जो सुबह के वक्त किचन में खाना बना रही थी, वहीं उसके पिता दीपक यादव ने तीन गोलियां उसकी पीठ पर उतार दीं। गोलियों की आवाज सुनकर ऊपर फ्लोर पर रहने वाले चाचा कुलदीप यादव भागे-भागे आए। उन्होंने देखा कि राधिका फर्श पर खून से लथपथ पड़ी थी और रिवॉल्वर कुछ दूरी पर पड़ा था। आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अब तक इस वारदात को लेकर जितने सवाल थे, उनके जवाब और भी ज्यादा चौंकाने वाले हैं। पुलिस जांच में सामने आया कि इस हत्याकांड की शुरुआत एक म्यूजिक वीडियो से हुई थी। राधिका ने पिछले साल रैपर INAAM के गाने 'कारवां' में फीचर किया था, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। यही वीडियो उसके पिता को नागवार गुज़रा। पुलिस के मुताबिक, दीपक ने कई बार राधिका से वीडियो डिलीट करने को कहा था। लेकिन इंस्टाग्राम इंफ्लुएंसर बनने का सपना देख रही राधिका ने साफ इनकार कर दिया। और इसी इनकार ने बाप-बेटी के रिश्ते को एक नफरत की आग में झोंक दिया। राधिका कोई आम लड़की नहीं थी। वो स्टेट लेवल पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी थी। लेकिन एक चोट ने उसका करियर रोक दिया। उसने हार नहीं मानी। खेल को छोड़ा नहीं—बल्कि गुरुग्राम में एक टेनिस एकेडमी शुरू की, जहाँ वो बच्चों को ट्रेनिंग देती थी। लेकिन यही उसके पिता को खल गया। एक बार जब वे अपने गांव गए, तो किसी ने कह दिया"बेटी की कमाई खा रहे हो?"
और एक ताना, एक बाप की पुरुष अहंकार में ऐसा घुल गया कि उसने उसी बेटी को मौत की नींद सुला दिया, जिसके दम पर वो अब तक जी रहा था। एफआईआर राधिका के चाचा कुलदीप यादव ने दर्ज करवाई है। उन्होंने बताया कि जिस वक्त ये वारदात हुई, उस वक्त घर में केवल तीन लोग थे—राधिका, उसके पिता दीपक और मां मंजू यादव। माँ मंजू से जब पूछताछ की गई, तो उन्होंने पुलिस से कहा कि उन्हें बुखार था, और वो कमरे में बंद थीं। पुलिस को घर से बरामद रिवॉल्वर मिल चुका है और आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया गया है। अब देखते है कि इस केस के पीछे की जड़ें कहां तक खोदी जाएगी ।

 

3 )  51,000 युवाओं को मोदी सरकार ने दी नौकरी!  जानिए कैसे 

देश में अब एक नई सुबह है—जहाँ सरकारी नौकरी पाने के लिए न "पर्ची" चलती है, न "पैसा"। अब केवल एक ही चीज मायने रखती है, और वो है आपकी योग्यता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देशभर के युवाओं को यही भरोसा दिलाया, जब 47 शहरों में आयोजित रोजगार मेले के तहत 51,000 से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे गए। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए नव-नियुक्त युवाओं को संबोधित किया और उन्हें देश के भविष्य की रीढ़ बताया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि "हमारा मंत्र है — बिना पर्ची, बिना खर्ची। आज जो सरकारी नौकरियाँ युवाओं को मिल रही हैं, वो केवल और केवल उनकी मेहनत और योग्यता का परिणाम हैं।" केंद्र सरकार की यह पहल – "रोजगार मेला" – सिर्फ एक नौकरी बांटने का कार्यक्रम नहीं, बल्कि युवाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाने का अभियान है। पीएम मोदी ने बताया कि अब तक लाखों युवाओं को केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में रोज़गार मिल चुका है, और यह प्रक्रिया लगातार तेज़ी से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि यह रोजगार मेला युवाओं को यह भरोसा दिलाता है कि सरकारी नौकरी अब 'कनेक्शन' से नहीं, काबिलियत से मिलती है। यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी, निष्पक्ष और तेज़ है। यही नया भारत है। पीएम मोदी ने युवाओं से सीधा संवाद करते हुए उन्हें प्रेरित किया। उन्होंने कहा: "आप किसी भी विभाग में हों – रेलवे, डाक, बैंकिंग, रक्षा, शिक्षा या प्रशासन – आपका मिशन सिर्फ एक होना चाहिए, और वो है भारत माता की सेवा।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि आने वाले समय में ये नव-नियुक्त युवा न केवल देश की विकास गति को तेज करेंगे, बल्कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र को सच्चाई में बदलेंगे। कोई देश की सीमाओं की रक्षा करेगा, कोई डिजिटल इंडिया को मजबूत करेगा, कोई उद्योगों में नई ऊर्जा लाएगा, तो कोई गांव-गांव में सरकारी योजनाएं पहुंचाएगा। यानी हर युवा "न्यू इंडिया" के निर्माण में एक अहम भूमिका निभाएगा। प्रधानमंत्री ने इस मंच का इस्तेमाल युवाओं को प्रेरित करने और सरकारी नौकरी की गरिमा को दोबारा स्थापित करने के लिए किया। उन्होंने कहा कि "ये सिर्फ एक नियुक्ति पत्र नहीं है। ये उस विश्वास की मुहर है जो देश अपने युवाओं पर लगा रहा है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि राष्ट्र सेवा ही एक ऐसी पहचान है जो जीवन भर साथ रहती है। सरकारी नौकरी अब केवल एक साधन नहीं, बल्कि देश की सेवा का माध्यम बन चुकी है।