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Breaking News 12 January 2025

 

1 ) हश मनी केस में बिना शर्त बरी किये गए ट्रम्प?   

 

अमेरिकी के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति पद की शपथ से पहले बड़ी राहत मिली है। बता दें, डोनाल्ड ट्रंप को हश मनी केस में दोषी पाया गया है, लेकिन उन्हें इस मामले में न ही जेल जाना पड़ेगा और न ही कोई जुर्माना भरना होगा क्योंकि वह अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए हैं। डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के नए राष्ट्रपति पद की शपथ लेने जा रहे हैं। व्हाइट हाउस जाने से पहले ही वो हश मनी केस में अपराधी करार दिए जा चुके हैं। दरअसल, एक अमेरिकी अदालत ने हश मनी केस में उनको दोषी ठहराया है। हालांकि राहत की बात ये है कि उनको सजा नहीं दी गई, कोर्ट ने उनको बिना शर्त बरी कर दिया। पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को चुप रहने के लिए गुप्त रूप से 1,30,000 डॉलर देने के मामले में ट्रंप दोषी पाए गए हैं और ये पहली बार है कि अमेरिका के किसी राष्ट्रपति को अपराधी ठहराया गया है। हालांकि ट्रंप इस पूरे मामले को उनके विरुद्ध विरोधियों की चाल बताते रहे हैं। बता दें, डोनाल्ड ट्रंप को मई 2024 में बिजनेस रिकॉर्ड में हेराफेरी करने के 34 मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद जेल हो सकती थी, लेकिन जज ने पहले ही साफ कर दिया था कि उनको कठोर सजा नहीं दी जाएगी। देखने वाली बात ये है अगर ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति नहीं चुने गए होते तो इस मामले में उन्हें चार साल की सजा मिलती, लेकिन अब राष्ट्रपति चुने जाने के बाद वो व्हाइट हाउस में चार साल का समय गुजारेंगे।

दोषी पाए जाने के बाद भी काम नहीं हुई लोकप्रियता

डोनाल्ड ट्रंप को भले ही कोर्ट से बरी दिए गए हो, उन्हें कोई सजा नहीं दी गई है, लेकिन कई मामलों में दोषी ठहराया जाना उनके रिकॉर्ड को जरूर खराब करेगा, पहले तो विपक्ष और विरोधियों द्वारा उनके राष्ट्रपति बनने पर ही सवाल उठाए जा रहे थे। ट्रंप अपने कैंपेन में लगातार दावा करते रहे थे कि ये सब उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया, ताकि वह चुनाव हार जाएं, लेकिन अदालत में पेश किए गए मामले और निजी जीवन से जुड़े आरोपों के बावजूद, यह उनकी राजनीतिक लोकप्रियता को नुकसान नहीं पहुंचा पाया और उन्होंने दोबारा चुनाव जीत लिया। ट्रंप ने कहा कि हाल के दिन के अनुभव उनके लिए बहुत ही भयानक रहे। डोनाल्ड ट्रंप ने उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रोकने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन तब उन्हें बड़ा झटका लगा जब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि उनकी सजा आगे बढ़ सकती है, लेकिन राष्ट्रपति चुने जाने के बाद उनको सभी मामलों में बिना शर्त रिहाई दे दी गई। बता दें कि जज के पास अमेरिका के नए राष्ट्रपति को "बिना शर्त रिहाई" देने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं था। डोनाल्ड ट्रंप अदालत की कार्रवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हुए, उन्होंने वर्चुअल रूप से मौजूद रहने का विकल्प चुना, जबकि वो ये बात अच्छी तरह से जानते थे कि उनको जेल नहीं भेजा जाएगा।

राष्ट्रपति बनने के बाद खदु को क्षमादान देंगे ट्रम्प?

कानूनी तौर पर राष्ट्रपति के पास किसी को भी माफी का अधिकार होता है। अमेरिकी राष्ट्रपति को क्षमादान देने का अधिकार देश के संविधान ने दिया है। संविधान के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति के पास महाभियोग के मामलों को छोड़कर, संयुक्त राज्य अमेरिका के विरुद्ध अपराधों के लिए क्षमादान और राहत देने की शक्ति है। व्यवहारिक तौर पर राष्ट्रपति क्षमादान देने या सजा काम करने की पेशकश कर सकता है। संविधान में मिले अधिकारों के अनुसार राष्ट्रपति पूर्ण क्षमादान भी दे सकता है, इसके लिए उस पर आरोप लगाया जाना या आरोपों के सिद्ध होने की भी जरूरत नहीं है। बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने व्हाइट हाउस छोड़ने से पहले अपने बेटे हंटर बाइडन को क्षमादान देने का फैसला किया है। हंटर बाइडन को हाल ही में गन से जुड़े क्राइम और टैक्स से जुड़े मामले में दोषी करार दिया गया था। बाइडन ने एक बयान में कहा, आज मैंने अपने बेटे हंटर के लिए क्षमादान पर हस्ताक्षर किया और यह पूर्ण और बिना किसी शर्त के है। इस क्षमादान को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से रद्द नहीं किया जा सकता है। हालांकि, बाइडन यह फैसला लेकर अपने उस वादे से मुकर गए, जिसमें उन्होंने बार-बार कहा था कि वह अपने बेटे को माफ या उसकी सजा कम करने के लिए अपने राष्ट्रपति अधिकार का इस्तेमाल नहीं करेंगे। बाइडन के इस फैसले के बाद अब ट्रंप के लिए राष्ट्रपति रहते खुद को क्षमादान देने का रास्ता लगभग साफ हो गया है।

 

 2 ) रतन टाटा के बाद टाटा ग्रुप का बड़ा फैसला !

 

टाटा का कद इतना बड़ा है कि उसके बाद कोई भी उस ऊंचाई तक नहीं पहुंच सकता, बस नए मेंबर  ग्रुप की सूरत और अंदाज बदलते रहते हैं, लेकिन तजुर्बा वही पुराना रहता है। टाटा मोटर्स ने घरेलू बाजार में तीन  फेसलिफ्ट मॉडल लॉन्च किए हैं टियागो, टिगोर और टियागो ईवी। ये सभी कारें कुछ माइल्ड अपडेट्स के साथ आई हैं और सबसे बड़ी बात ये है कि इनकी कीमतों में कोई भी बढ़ोतरी नहीं की गई है। यानि, आपको नए फीचर्स भी मिल रहे हैं, और जेब पर असर भी नहीं पड़ेगा! इनकी शुरुआती कीमत रखी गई है 4.99 लाख रुपये। अब, ये तीनों मॉडल्स बुकिंग के लिए ओपन हो चुके हैं। बुकिंग आप टाटा की वेबसाइट या फिर किसी ऑफिशल डीलरशिप से कर सकते हो। ये कारें पेट्रोल, सीएनजी और इलेक्ट्रिक वर्जन में भी उपलब्ध हैं। और हां, टियागो और टिगोर को मैनुअल और ऑटोमैटिक दोनों ट्रांसमिशन ऑप्शन के साथ पेश किया गया है। 2025 के लिए ये अपडेट किए गए मॉडल्स अब 17 जनवरी को दिल्ली में होने वाले भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025 में नजर आएंगे। टियागो और टिगोर, जो 2016 से अब तक मार्केट में हैं, ये दोनों अब मारुति स्विफ्ट और डिजायर जैसी टॉप कारों से मुकाबला करेंगे। हालांकि रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने कई बड़ी इंटरनेशनल डील्स की, जैसे कि ब्रिटिश कंपनी क्यूबिक, अमेरिका में Jaguar Land Rover का अधिग्रहण, और टाटा टी का टीसीएस के रूप में विस्तार। इसके साथ ही, टाटा की सफलता का श्रेय उनकी ईमानदारी, दूरदृष्टि और सोशल वेलफेयर के प्रति प्रतिबद्धता को भी दिया जाता है। टाटा ग्रुप का एक और महत्वपूर्ण पहलू है इसका फाउंडेशन और समाज सेवा के लिए किए गए कार्य। टाटा ट्रस्ट्स, जो 1880 में स्थापित हुआ था, ने भारत के कई सामाजिक, स्वास्थ्य, और शिक्षा क्षेत्रों में योगदान दिया है। टाटा की प्रतिष्ठा का कारण उसकी पारदर्शिता, विश्वास और उच्च नैतिक मानक हैं।

टाटा ग्रुप की शेयर बाजार की अपडेट 

जनवरी 2025 में ग्लोबल मार्केट के नकारात्मक संकेतों के चलते घरेलू शेयर बाजार में थोड़ी गिरावट देखने को मिली है। खासकर, आईटी कंपनियों के शेयरों में तेजी के बावजूद गिरावट का ट्रेंड रहा। बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी दोनों में गिरावट आई है। लेकिन टाटा टेक्नोलॉजीज के शेयरों के बारे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसमें भविष्य में अच्छा रिटर्न देखने को मिल सकता है। टाटा टेक्नोलॉजीज का शेयर 3.94 प्रतिशत गिरकर 839.85 रुपये पर ट्रेड हो रहा था, जबकि इसका 52-सप्ताह का हाई 1,202 रुपये था। एक्सपर्ट्स ने इसे खरीदने की सलाह दी है, खासकर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बिक्री के बढ़ने की उम्मीदों के बीच। वहीं, टाटा एलेक्सी के शेयरों ने थोड़ी परेशानी भी दी। 10 जनवरी 2025 को इनके शेयरों में 7 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई और ये 5,924 रुपये पर पहुंच गए। कंपनी के कमजोर तिमाही नतीजों के कारण ये गिरावट देखी गई। पिछले एक साल में इस शेयर में 30 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है। अब, ब्रोकरेज हाउसेस ने इस शेयर का प्राइस टारगेट घटाकर 5,400 रुपये कर दिया है। यानी, टाटा ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भी आपको सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के रुझान दिख रहे हैं। इस टाइम में निवेशक के लिए ये दोनों चैलेंज और ऑपर्च्युनिटी का टाइम है ।

 

3 ) माननीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का बेंगलुरु दौरा

 

आज बेंगलुरु, कर्नाटक में आयोजित इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) के इलेक्ट्रॉनिक्स डिवीजन का दौरा किया और एक सभा को संबोधित किया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य भारत के औद्योगिक विकास, हरित ऊर्जा समाधानों और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बीएचईएल की प्रगति पर चर्चा करना था।

श्री जगदीप धनखड़ की इस इवेंट में प्रमुख बातें

उन्होंने कहा बीएचईएल ने अपनी नवीनतम प्रौद्योगिकियों और परियोजनाओं का प्रदर्शन किया, जिनमें उन्नत इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम, अक्षय ऊर्जा समाधान, और डिजिटल प्रौद्योगिकी शामिल थी। उपराष्ट्रपति ने बीएचईएल के अनुसंधान और विकास (R&D) प्रयासों की प्रशंसा करते हुए इसे "मेक इन इंडिया" पहल का आदर्श उदाहरण बताया। श्री धनखड़ ने बीएचईएल के योगदान को रेखांकित किया, खासकर ऊर्जा उत्पादन और वितरण के क्षेत्र में। उन्होंने कहा कि बीएचईएल का काम भारत को हरित ऊर्जा ट्रांजिशन की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उपराष्ट्रपति ने बीएचईएल के कर्मचारियों और इंजीनियरों से बातचीत की और उनकी मेहनत और समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत की वैश्विक पहचान मजबूत करने में बीएचईएल जैसे सार्वजनिक उपक्रमों का योगदान अनमोल है। अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने युवाओं से आवाहन किया कि वे तकनीकी विकास, हरित ऊर्जा, और आत्मनिर्भरता की दिशा में अपने कौशल और विचारों को लगाएं। उन्होंने कहा कि भारत का भविष्य इनोवेशन और नवाचार पर निर्भर करता है। इस कार्यक्रम के दौरान बीएचईएल ने स्थानीय उद्योगों और अन्य तकनीकी संस्थानों के साथ सहयोग बढ़ाने की बात कही, जिससे मैन्युफैक्चरिंग और तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। श्री धनखड़ ने कहा, "बीएचईएल का योगदान भारत के औद्योगिक इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में बीएचईएल एक मजबूत स्तंभ है।" उन्होंने यह भी कहा कि तकनीकी उन्नति और पर्यावरण संरक्षण का संतुलन बनाना आज के समय की मांग है।

बीएचईएल की भूमिका

बीएचईएल, भारत का प्रमुख सार्वजनिक उपक्रम, ऊर्जा, ट्रांसपोर्ट, और रक्षा क्षेत्रों में अपनी प्रौद्योगिकीय क्षमताओं के लिए जाना जाता है। इलेक्ट्रॉनिक्स डिवीजन में वर्तमान में हरित ऊर्जा और उन्नत डिजिटल समाधानों पर काम किया जा रहा है, जो भारत के ऊर्जा संक्रमण में अहम भूमिका निभाएगा। इस इवेंट ने देश के उद्योग और तकनीकी क्षेत्रों के लिए प्रेरणा और दिशा प्रदान की। बीएचईएल और स्थानीय उद्योगों के बीच सहयोग की घोषणा ने इस कार्यक्रम को और महत्वपूर्ण बना दिया।