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Breaking News 11 June 2025

1.) श्री जगन्नाथ स्नान यात्रा: जल, ज्वर और एकांतवास की दिव्य परंपरा 

पुरी की पावन भूमि एक बार फिर भक्तिभाव से झूम उठी है। चारों ओर शंखनाद हो रहा है, ढोल-नगाड़ों की गूंज में समूचा वातावरण आध्यात्मिक उर्जा से भर गया है। श्री जगन्नाथ रथ यात्रा की तैयारियां अपने चरम पर हैं। यह सिर्फ एक परंपरा नहीं, ईश्वर की लीला है जब भगवान स्वयं अपने भक्तों के बीच आते हैं, रथ पर आरूढ़ होकर, नगर भ्रमण करते हैं, और जन-जन के हृदय में विराजते हैं। आज जेष्ठ माह की पूर्णिमा है। वही दिन जब प्रभु श्री जगन्नाथ, उनके भ्राता बलभद्र और बहन सुभद्रा गर्भगृह से बाहर निकलकर मंडप में आते हैं। उन्हें 108 कलशों से स्नान कराया जाता है। यह देव स्नान पूर्णिमा कहलाती है। परंपरा अनुसार, भगवान जगन्नाथ को 35, देवी सुभद्रा को 22, भगवान बलभद्र को 33 और भगवान सुदर्शन को 18 कलशों के पवित्र जल से स्नान कराया जाता है। यह जल केवल जल नहीं, औषधियों, चंदन, कस्तूरी, गुलाब व केसर से पवित्र किया गया अमृततुल्य जल होता है। इस स्नान के बाद भगवान को ज्वर हो जाता है। हां, भक्त इसे ‘अनुभव’ मानते हैं — जब प्रभु भी मनुष्यवत पीड़ा को अपनाते हैं। और फिर आरंभ होता है एकांतवास का वह पंद्रह दिवसीय चरण, जब न कोई दर्शन करता है, न कोई पूजा। भगवान स्वयं अपने आराधकों से ओझल रहते हैं, मानो आत्म-चिंतन में लीन हों। इस अवधि में उन्हें दवाएं दी जाती हैं, फलाहार कराया जाता है, और 26 जून को नेत्रोत्सव के साथ पुनः वे भक्तों के समक्ष आते हैं — नए वस्त्र, नव जीवन और नव ऊर्जा के साथ। 27 जून 2025, शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा प्रारंभ होगी। लाखों श्रद्धालु एक ही पल के लिए पुरी में उमड़ पड़ते हैं उस अलौकिक दृश्य को देखने के लिए, जब भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा विशाल रथों पर आरूढ़ होते हैं। नंदीघोष, तालध्वज और दर्पदलन — ये रथ न केवल वास्तु के चमत्कार हैं, बल्कि भक्ति और कारीगरी के संयोग से जन्मे दिव्य वाहन हैं। बिना किसी कील या लोहे के — केवल नीम की पवित्र लकड़ी से बने — यह रथ श्रीजगन्नाथ के भव्य स्वरूप की तरह अद्वितीय होते हैं। पद्म पुराण कहता है कि एक दिन सुभद्रा जी ने नगर दर्शन की इच्छा जताई थी, और भाई बलभद्र व भगवान जगन्नाथ उन्हें रथ पर बिठाकर नगर भ्रमण के लिए निकले थे। इसी स्मृति में आज भी यह यात्रा निकाली जाती है जहां भगवान अपने भक्तों से मिलने स्वयं आते हैं। यह सिर्फ परंपरा नहीं, आत्मा का महोत्सव है। 5 जुलाई को जब भगवान पुनः श्रीमंदिर लौटेंगे, तब तक हर पड़ाव पर, हर मोड़ पर भक्ति की चिंगारी जलेगी। गीत गूंजेंगे, आरतियाँ होंगी, और लोगों के हृदयों में वही पवित्र वाक्य प्रतिध्वनित होगा

 

2.)  मोदी सरकार ने 11 सालों में क्या क्या किया......

भारत, जो कभी धीमी गति के लिए आलोचना झेलता रहा आज दुनिया के सबसे तेज़ी से बदलते परिवहन इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ खड़ा है। एक ऐसा देश, जहाँ दिल्ली से दूर दराज़ के गांव तक की यात्रा अब ‘गणना’ नहीं ‘गंतव्य’ बन चुकी है। आइए जानते है मोदी सरकार ने क्या क्या किया । 2014 में भारत में कुल नेशनल हाईवे नेटवर्क था 91,287 किलोमीटर। दस वर्षों में यह बढ़कर 1,46,204 किलोमीटर हो गया यानी 60% की बेजोड़ बढ़त। सिर्फ दूरी नहीं बढ़ी, बल्कि निर्माण की गति भी इतिहास रच गई। जहां 2014 में रोज़ाना सिर्फ 11.6 किलोमीटर सड़क बनती थी, अब यह बढ़कर 34 किलोमीटर प्रतिदिन हो गई है। यह बदलाव सिर्फ संख्याओं का नहीं, बल्कि समय, ट्रांसपोर्ट और ट्रांसफॉर्मेशन का है। भारतमाला परियोजना इस यात्रा की धड़कन रही है। इसके तहत अब तक 26,425 किलोमीटर सड़क परियोजनाएं मंजूर हो चुकी हैं, जिनमें से मार्च 2025 तक 20,378 किलोमीटर बन चुकी है। यह योजना सिर्फ कनेक्टिविटी नहीं जोड़ रही, बल्कि लॉजिस्टिक कॉरिडोर्स, आर्थिक गलियारों और सीमावर्ती इलाकों में रक्षा सुविधा को भी मजबूती दे रही है।
भारतीय रेलवे न सिर्फ देश की जीवनरेखा है, बल्कि अब वो ‘इनोवेशन की पटरियों’ पर दौड़ रही है। साल 2014 से अब तक 45,000 रूट किलोमीटर का विद्युतीकरण किया जा चुका है, जो रेलवे के कार्बन फुटप्रिंट को घटाने की दिशा में बड़ा कदम है। वंदे भारत ट्रेनों ने रेलवे की छवि ही बदल दी है। अब तक 68 वंदे भारत ट्रेनें 333 जिलों में सेवा दे रही हैं, जो तेज़, सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का प्रतीक बन चुकी हैं। ट्रेनों की सुरक्षा के लिए 'कवच' जैसी स्वदेशी टेक्नोलॉजी को अहम रूट्स पर लागू किया गया है। यात्रियों के लिए भी रेलवे अब ‘प्लेटफॉर्म’ से आगे सोच रहा है 1,790 लिफ्ट और 1,602 एस्केलेटर देशभर के स्टेशनों पर लगाए जा चुके हैं, ताकि हर उम्र, हर जरूरत का यात्री सहज यात्रा कर सके। भारत का एविएशन सेक्टर कभी केवल मेट्रो शहरों तक सीमित था। लेकिन उड़ान योजना ने इसे छोटे शहरों और दूरदराज़ के क्षेत्रों तक पहुंचाया। अब तक 88 नए एयरपोर्ट चालू हो चुके हैं, और 1.51 करोड़ से अधिक यात्री उड़ान योजना का लाभ उठा चुके हैं। डिजी यात्रा प्रणाली ने 24 एयरपोर्ट्स को स्मार्ट और संपर्करहित बना दिया है, जिसके 5.22 करोड़ से अधिक यूज़र्स हैं। एयरपोर्ट अब सिर्फ इमारतें नहीं, टेक्नोलॉजी के किले बन चुके हैं। 

ड्रोन नीति और MRO (Maintenance, Repair & Overhaul) सुधारों के चलते घरेलू एविएशन इकोसिस्टम को बढ़ावा मिला है। आने वाला समय भारत को एशिया का बड़ा एविएशन हब बना सकता है। सागरमाला और सागरमाला 2.0 परियोजनाओं के तहत 277 योजनाएं पूरी की गई हैं, जिससे भारत के समुद्री संपर्क में जबरदस्त सुधार हुआ है। भारत के बंदरगाहों की क्षमता अब 2,762 MMTPA तक पहुंच चुकी है, और टर्नअराउंड टाइम 93 घंटे से घटकर 49 घंटे हो गया है। देश के अंतर्देशीय जलमार्गों से माल ढुलाई में 710% की वृद्धि हुई है 18 MMT से बढ़कर 146 MMT तक। यानी भारत अब सड़कों और रेल के अलावा जलमार्गों को भी बराबरी की प्राथमिकता दे रहा है। तीन बड़े बंदरगाहों पर ग्रीन हाइड्रोजन हब बनाए जा रहे हैं जो देश को स्वच्छ ऊर्जा और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का नया केंद्र बना सकते हैं। पीएम गतिशक्ति योजना वो डिजिटल रीढ़ है, जिसने 44 मंत्रालयों और 36 राज्यों/UTs को एक GIS-बेस्ड प्लेटफॉर्म पर जोड़ दिया है। अब परियोजनाएं सिर्फ कागज़ों पर नहीं बनतीं, बल्कि पूरे भारत के नक्शे पर ‘इंटेलिजेंट प्लानिंग’ के साथ आगे बढ़ती हैं। यह नीति भारत के लॉजिस्टिक खर्च को घटाकर वैश्विक प्रतिस्पर्धा में देश को आगे लाने का प्रयास कर रही है। अब केंद्र सरकार का फोकस 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने पर है। इसके लिए ग्रामीण कनेक्टिविटी, पहाड़ी इलाकों में रोपवे, स्मार्ट रेलवे स्टेशन, एक्सप्रेसवे, मल्टीमोडल ट्रांसपोर्ट हब, और ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट सब एक साथ एक दिशा में बढ़ रहे हैं। यह सिर्फ सरकार का एजेंडा नहीं, पूरे देश की आकांक्षा है।

 

3.)  Today's Financial News 

एशियाई मार्केट्स से मिले पॉजिटिव संकेतों, मजबूत विदेशी निवेश और रुपये में आई मजबूती के चलते बुधवार को भारतीय शेयर बाजार ने तेजी के साथ शुरुआत की। सेंसेक्स 118 अंकों की उछाल के साथ 82,509.83 पर खुला, वहीं निफ्टी ने भी 33 अंकों की बढ़त के साथ 25,137.35 का स्तर छू लिया। मंगलवार की सुस्त क्लोजिंग के बाद बुधवार को बाजार ने एनर्जी के साथ वापसी की। इस रैली में सबसे ज़्यादा सपोर्ट रिलायंस इंडस्ट्रीज़, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स, एनटीपीसी, टाटा स्टील और इटरनल जैसे शेयरों ने किया, जो टॉप गेनर्स रहे। इसके उलट कोटक महिंद्रा बैंक, एचडीएफसी बैंक, पावर ग्रिड, एलएंडटी, इंडसइंड बैंक और एक्सिस बैंक जैसे दिग्गज शेयरों में गिरावट दर्ज की गई।

ग्लोबल सेंटिमेंट की बात करें तो जापान का निक्केई, साउथ कोरिया का कोस्पी, शंघाई और हांगकांग के बाजारों में भी तेजी देखने को मिली। अमेरिका में भी मंगलवार को बाजार हरे निशान पर बंद हुए, जिससे एशियाई ट्रेडर्स का भरोसा मजबूत हुआ। करेंसी मार्केट की बात करें तो अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 6 पैसे मजबूत होकर 85.51 पर आ गया, जो विदेशी निवेश के लिए एक पॉजिटिव सिग्नल माना जा रहा है। उधर ग्लोबल ऑयल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.16% गिरकर 66.76 डॉलर प्रति बैरल हो गई है, जो भारत जैसे तेल आयातक देश के लिए राहत की खबर है।

मंगलवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने भारतीय शेयर बाजार में ₹2,301.87 करोड़ की जबरदस्त खरीदारी की, जिससे बाजार को मजबूत सपोर्ट मिला। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड रिलेशन में सॉफ्ट स्टैंड की उम्मीद ने ग्लोबल सेंटिमेंट को सपोर्ट किया है। Geojit के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार के अनुसार निफ्टी को 25,100 से ऊपर टिके रहने के लिए लगातार खरीदारी जरूरी होगी। बाजार अभी भले ही सीमित दायरे में ट्रेड कर रहा है, लेकिन धीरे-धीरे इसमें ऊपर की ओर मूवमेंट देखने को मिल सकती है।

कुल मिलाकर देखें तो ग्लोबल पॉजिटिविटी, एफआईआई इनफ्लो, रुपये की मजबूती और कच्चे तेल की गिरती कीमतें मिलकर बाजार को फिलहाल सपोर्ट दे रही हैं। अब निवेशकों की नजर निफ्टी के 25,200 और सेंसेक्स के 82,800 ब्रेकआउट लेवल्स पर टिकी हुई है।