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Breaking News 11 August 2025

1.) Bengaluru Short Film Fest : जहां जीत मतलब सीधा ऑस्कर एंट्री

बेंगलुरु, जो आमतौर पर अपने आईटी हब, स्टार्टअप्स और कैफे कल्चर के लिए पहचाना जाता है, इन दिनों पूरी तरह सिनेमा के रंग में रंगा हुआ है। यहां पर चल रहा है Bengaluru International Short Film Festival 2025 यानि शॉर्ट में BISFF । एक ऐसा मंच, जहां सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर के फिल्मकार अपनी कहानियां लेकर आते हैं। इस बार फेस्टिवल का 15वां संस्करण हो रहा है और इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह भारत का इकलौता Oscar-Qualifying Fiction Short Film Festival है। मतलब यहां जीतने वाली फिल्म को सीधे The Academy Awards में शॉर्ट फिल्म कैटेगरी के लिए क्वालिफिकेशन मिल सकता है। इस साल एनिमेशन फिल्मों के लिए भी यह मान्यता मिल गई है, जो फिल्मकारों के लिए एक ऐतिहासिक कदम है।

इस बार का आयोजन हाइब्रिड फॉर्मेट में हो रहा है, ताकि दर्शक चाहे कहीं भी हों, इस फिल्मी सफर का हिस्सा बन सकें। ऑनलाइन स्क्रीनिंग्स 7 अगस्त से 17 अगस्त 2025 तक चलेंगी, जबकि ऑफलाइन स्क्रीनिंग्स 15 से 17 अगस्त तक बेंगलुरु के प्रतिष्ठित स्थानों Suchitra Academy, Alliance Française, Goethe-Institut, RV University और Curiouscity Science Centre में आयोजित की जाएंगी। इसका फायदा यह है कि स्थानीय दर्शकों को थिएटर में बड़े पर्दे पर फिल्मों का मज़ा मिलेगा, जबकि बाहर के दर्शक डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़कर घर बैठे वही अनुभव ले पाएंगे।

फेस्टिवल में इस बार भारत, अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका और एशिया के फिल्मकार शामिल हैं। विषयों की विविधता इतनी है कि हर दर्शक को अपनी पसंद की कहानी जरूर मिल जाएगी। कहीं पर समाज में बदलाव की गहरी कहानियां हैं, तो कहीं जलवायु संकट पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। कुछ फिल्में इंसान और टेक्नोलॉजी के रिश्ते की पड़ताल करती हैं, तो कुछ प्रेम, संघर्ष और उम्मीद के छोटे लेकिन असरदार किस्सों को सामने लाती हैं। सभी फिल्मों के साथ सबटाइटल्स दिए गए हैं, ताकि भाषा कभी भी कहानी के बीच दीवार न बन सके।

BISFF सिर्फ फिल्मों का प्रदर्शन भर नहीं है। यहां वर्कशॉप्स, मास्टरक्लास और पैनल डिस्कशन्स भी होते हैं, जिनमें नामचीन निर्देशक, पटकथा लेखक और निर्माता अपने अनुभव और तकनीकी ज्ञान साझा करते हैं। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां युवा फिल्मकार न सिर्फ अपने काम को दुनिया के सामने ला सकते हैं, बल्कि इंडस्ट्री के दिग्गजों से जुड़कर भविष्य के प्रोजेक्ट्स और फंडिंग के अवसर भी पा सकते हैं। पिछले कई सालों में यहां से कई फिल्मकारों को अंतरराष्ट्रीय पहचान और काम के बड़े मौके मिले हैं।

प्रतियोगिता का स्तर बेहद ऊंचा है। फिक्शन और एनिमेशन कैटेगरी के विजेताओं को सीधे ऑस्कर क्वालिफिकेशन मिलता है। फेस्टिवल की ज्यूरी में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के फिल्म विशेषज्ञ शामिल होते हैं, जो फिल्मों का मूल्यांकन सिर्फ कहानी से नहीं, बल्कि निर्देशन, सिनेमैटोग्राफी, एडिटिंग और म्यूजिक स्कोर जैसे हर पहलू पर करते हैं। यहां जीतना मतलब दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित मंच तक अपनी पहुंच बना लेना।

इन दिनों बेंगलुरु का माहौल पूरी तरह फिल्मी हो गया है। शहर की सड़कों से लेकर थिएटर हॉल तक, हर जगह फिल्म पोस्टर्स और इंटरनेशनल डेलीगेट्स नजर आते हैं। दिन में स्क्रीनिंग्स और वर्कशॉप्स, तो रात में चर्चाओं और नेटवर्किंग सेशन का सिलसिला चलता है। दर्शकों, फिल्मकारों और क्रिटिक्स का यह मेल-जोल शहर को एक बड़े ओपन फिल्म कैम्पस में बदल देता है। BISFF 2025 सिर्फ एक फिल्म फेस्टिवल नहीं, बल्कि कहानियों का वैश्विक संगम है। 7 से 17 अगस्त तक चलने वाले इस आयोजन में 15-17 अगस्त की लाइव स्क्रीनिंग्स खास आकर्षण होंगी। यहां आकर दर्शक न सिर्फ नई कहानियां देखते हैं, बल्कि यह भी महसूस करते हैं कि कैसे एक छोटी-सी फिल्म भी दुनिया में बड़ा बदलाव ला सकती है। इस फेस्टिवल की टैगलाइन "Short Films, Long Impact" अपने आप में साबित करती है कि सिनेमा की असली ताकत उसके आकार में नहीं, बल्कि उसके असर में होती है।

 

2.)  फंड दमदार, बाजार शानदार

सुबह का सूरज जैसे ही निकला, दलाल स्ट्रीट पर उम्मीदों की किरणें फैल गईं। ट्रेडिंग की घंटी बजते ही सेंसेक्स ने अपनी चाल तेज की और देखते-देखते 746 अंकों की छलांग लगाकर 80,604 पर जा पहुंचा। निफ्टी भी पीछे नहीं रहा, 222 अंकों की मजबूती के साथ 24,585 के स्तर पर दिन का अंत किया। यह नज़ारा वैसा था, जैसे बरसात के बाद खेतों में हरियाली लौट आती है निवेशकों के पोर्टफोलियो में भी वैसी ही रौनक लौट आई। बैंकिंग, ऑटो और रियल्टी सेक्टर आज के असली हीरो रहे। खासतौर पर SBI, जिसने अपने तिमाही नतीजों से बाजार में नई जान डाल दी। ट्रेडिंग फ्लोर पर PSU बैंकों की खरीदारी इतनी हुई कि मानो लंबे समय से सूखे पड़े कुएं में पानी भर गया हो।

इस बीच, IPO बाज़ार का नया सितारा NSDL लगातार चमक रहा है। लिस्टिंग के बाद से ही यह शेयर ऊपर की ओर उड़ान भर रहा है और अब तक करीब 80% की बढ़त दर्ज कर चुका है। निवेशकों के बीच चर्चा छिड़ी है कि यह उछाल नए दौर के मल्टीबैगर की दस्तक है या महज़ शुरुआती जोश। लेकिन असली कहानी म्यूचुअल फंड के मोर्चे पर लिखी गई। जुलाई 2025 में इक्विटी म्यूचुअल फंड में ₹42,700 करोड़ का रिकॉर्ड निवेश हुआ। सिर्फ SIP से ही ₹28,464 करोड़ आए, और अब देशभर में 91.1 मिलियन लोग सक्रिय निवेश कर रहे हैं। विदेशी निवेशकों के मिज़ाज चाहे जैसे हों, घरेलू पूंजी की ताकत ने बाजार को संभाले रखा है। रिपोर्टें यह भी कहती हैं कि छोटे राज्यों से आने वाली महिला निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यह बदलाव केवल आंकड़ों की बात नहीं, बल्कि वित्तीय आत्मनिर्भरता और जागरूकता की एक नई लहर का संकेत है। हां, युवा निवेशकों की हिस्सेदारी में थोड़ी गिरावट आई है, लेकिन बाज़ार के मैदान में उनकी वापसी देर-सवेर तय है। वैश्विक स्तर पर अमेरिका के टैरिफ और विदेशी संस्थागत निवेशकों की सतर्क चाल का असर जरूर दिखा, लेकिन भारतीय बाजार ने आज साबित किया कि घरेलू भरोसा सबसे मजबूत कवच है। क्योंकि सोमवार का यह सत्र सिर्फ आंकड़ों की जीत थी।