टाटा समूह के चेयरमैन और दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार देर रात मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया, उनका निधन 86 वर्ष की आयु में हुआ। पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा का दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में रात साढ़े 11 बजे निधन हो गया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। टाटा के परिवार ने एक बयान में कहा कि हम उनके भाई, बहन और परिवार, उन सभी लोगों से मिले प्यार और सम्मान से सांत्वना और सुकून पाते हैं, जो उनका सम्मान करते थे। उन्होंने कहा कि अब रतन टाटा व्यक्तिगत रूप से हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी विनम्रता, उदारता और उद्देश्य की विरासत आने वाले दिनों में देश और दुनिया की भावी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। बीते 7 अक्टूबर को कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि रतन टाटा ब्लड प्रेशर कम होने के कारण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल की ICU में भर्ती हैं। हालांकि बाद में रतन टाटा की सोशल मीडिया हैंडल से पोस्ट किया गया था कि मैं ठीक हूं और ज्यादा उम्र होने के कारण रुटीन चेकअप के लिए अस्पताल गया था, चिंता की कोई बात नहीं है।
दुनिया हमेशा करेगी याद
रतन टाटा दुनिया के सबसे प्रभावशाली उद्योगपतियों में से एक थे, फिर भी वह कभी अरबपतियों की किसी सूची में नजर नहीं आए। उनके पास 30 से ज्यादा कंपनियां थीं, जो छह महाद्वीपों के 100 से अधिक देशों में फैली थीं, इसके बावजूद उनका रेहन-सेहन और जीवन सादगीपूर्ण था। रतन नवल टाटा का बुधवार रात को 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। सरल व्यक्तितत्व के धनी टाटा एक कॉरपोरेट दिग्गज थे, जिन्होंने अपनी शालीनता और ईमानदारी के बूते देश-दुनिया में एक अलग तरह की छवि बनाई थी। रतन टाटा 1962 में कॉर्नेल विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क से वास्तुकला में BS की डिग्री प्राप्त करने के बाद पारिवारिक कंपनी में शामिल हो गए। उन्होंने शुरुआत में एक कंपनी में काम किया और टाटा समूह के कई व्यवसायों में अनुभव प्राप्त किया, जिसके बाद 1971 में उन्हें समूह की एक फर्म ‘नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी' का प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया।
प्रधानमंत्री ने निधन पर जताया दुख
रतन टाटा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख जताया है। पीएम मोदी ने रतन टाटा को याद करते हुए कई ट्वीट किए हैं, इनमें से एक ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि रतन टाटा जी एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर, एक दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान थे। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित उद्योग घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। साथ ही उनका योगदान बोर्डरूम से कहीं आगे तक गया। पीएम मोदी ने उन्हें याद करते हुए आगे लिखा कि मेरा मन श्री रतन टाटा जी के साथ अनगिनत संवादों से भरा हुआ है। जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तो मैं उनसे अक्सर मिलता था और हम विभिन्न मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया करते थे। उनका दृष्टिकोण बहुत समृद्ध था, जब मैं दिल्ली आया तो हमारी बातचीत जारी रही। आज उनके निधन से बेहद दुख हुआ। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के साथ हैं, ॐ शांति। वहीं, रतन टाटा के निधन पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शोक जाहिर करते हुए लिखा," रतन टाटा का निधन एक युग का अंत है। वे भारतीय उद्योग के आधुनिकीकरण से बहुत गहराई से जुड़े थे। और उससे भी ज़्यादा इसके वैश्वीकरण से। मुझे कई मौकों पर उनसे बातचीत करने का सौभाग्य मिला। और उनकी दूरदर्शिता और अंतर्दृष्टि से लाभ हुआ। उनके निधन पर शोक व्यक्त करने वाले पूरे देश के साथ जुड़ें। ओम शांति।
दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित थे टाटा
पद्मविभूषण रतन टाटा का स्वर्गवास से देश को एक बड़ी क्षति पहुंची है। इस खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। उन्होंने बुधवार देर रात मुंबई के ब्रींच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह एक महान उद्योगपति और समाज सेवक थे जिन्होंने टाटा ग्रुप को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और समाज के लिए कई महत्वपूर्ण योगदान दिए। मुंबई में जन्मे पद्मविभूषण रतन टाटा ने शुरुआती शिक्षा मुंबई से ही पूरी की। इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए शिमला के बिशप कॉटन स्कूल चले गए। बता दें, देश के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा को दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मभूषण और पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया।
अंतिम दर्शन के लिए जुटे लोग
दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के स्वर्गवास के बाद देशभर में शोक की लहर है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत शीर्ष हस्तियों ने रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उद्योगपति रतन टाटा का पार्थिव शरीर कोलाबा स्थित उनके आवास पर ले जाया गया। रतन टाटा को राजकीय सम्मान के साथ दी जाएगी विदाई। दक्षिण मुंबई पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त अभिनव देशमुख ने कहा कि सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 3:30 बजे तक उनका पार्थिव शरीर दर्शन के लिए NCPA में रखा जाएगा। जो भी लोग दर्शन के लिए आएंगे उनसे अपील है कि वहां पार्किंग की सुविधा नहीं है तो उन्हें पुलिस के निर्देशों का पालन करना होगा और अपनी पार्किंग की व्यवस्था देख कर आएं, पुलिस अंतिम दर्शन के लिए पूरी तरह से तैनात रहेगी। NCPA ग्राउंड में अंतिम दर्शन के लिए जुटे लोग, शरद पवार, शक्तिकांत दास ने दी श्रद्धांजलि।
क्या शीश महल खोलेगा केजरीवाल के कई राज
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल इस बार अपने ही बनाए जाल में फंसते दिख रहें हैं। बता दें, केजरीवाल के पुराने आवास को लेकर एक बार फिर नया विवाद खड़ा हो गया है, अब इसे देखकर लगता है कि इस बार केजरीवाल ने गलत पासा फेंक दिया है, जो चुनाव से पूर्व उन्हें बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है। दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर और अपने आलीशान आवास को छोड़कर अरविंद केजरीवाल जनता के सामने अपनी नैतिकता का संदेश देना चाहते थे, उन्हें लग रहा था कि उन्हें इसका राजनीतिक लाभ मिल सकता है और इसे देखते हुए केजरीवाल ने आतिशी मार्लेना को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय किया। आतिशी के मुख्यमंत्री पद पर बैठने से मुख्यमंत्री का पुराना आवास फिर भी केजरीवाल के ही कब्जे में बना रहता और उसके विवाद सामने न आते। लेकिन फिलहाल लग रहा है कि अब तक अपनी चालों से भाजपा को चित करते आए केजरीवाल चूक गए। उन्होंने मुख्यमंत्री आवास छोड़कर एक बड़े विवाद को पैदा होने का अवसर दे दिया जो आने वाले समय में आम आदमी पार्टी के लिए नई मुश्किलें पैदा कर सकती है।
क्या भाजपा के बिछाए जाल में फंस गए केजरीवाल?
भारतीय जनता पार्टी लगातार इस अवसर की तलाश में थी कि किसी तरह वह दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री के सीएम आवास (6, फ्लैग स्टाफ रोड, सिविल लाइन) का विवाद जनता के सामने लाए। केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद और आवास छोड़ते ही भाजपा को अब यह अवसर मिल गया। उसने इस भवन के निर्माण में हुई कथित अनियमितता की जांच को लेकर मांग कर दी। इसके बाद PWD विभाग ने जांच के नाम पर सीएम आवास को सील कर दिया है। अब इस भवन से रोज एक नई खबर निकलेगी और आम आदमी पार्टी इसका जवाब देने में असहज दिखेगी। यह दांव केजरीवाल के खिलाफ जाता दिखाई दे रहा है। बता दें, शराब घोटाले में पहले ही बुरी तरह घिर चुकी आम आदमी पार्टी यह हमला बर्दाश्त नहीं कर सकती थी। यदि अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर आने के बाद इस्तीफा न देते तो भाजपा लगातार उन पर यह कहकर हमला करती कि अदालत के द्वारा कामकाज से रोके जाने के बाद भी वे अपने पद से इस्तीफा नहीं दे रहे हैं। इससे दिल्ली का कामकाज प्रभावित हो रहा है। इस आरोप को भांपते हुए अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा देने की योजना बना ली और इस्तीफा देकर उन्होंने एक बड़ा मापदंड स्थापित करने की योजना बनाई, लेकिन इसके बाद केजरीवाल के सामने फिर एक दुुविधा सामने आई। यदि वे इस्तीफा देकर भी मुख्यमंत्री आवास में बने रहते तो भाजपा उन पर मुख्यमंत्री आवास का मोह न छोड़ पाने का आरोप लगाती।
शीश महल पर क्या है भाजपा का कहना?
दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बुधवार को कहा कि 6, फ्लैग स्टाफ रोड के आवास के निर्माण में कौन सी अनियमितता की गई है, इसकी जांच कर इसका सच जनता के सामने लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस 'शीशमहल' बंगले के बारे में सब जानते हैं कि अरविंद केजरीवाल ने यह अवैध रूप से बनवाया था। ना इसका कोई नक्शा स्वीकृत है, ना इसका कोई कम्पलीशन सर्टिफिकेट है। ऐसे में लोक निर्माण विभाग (PWD) को यह तय करने का अधिकार है कि यह बंगला आगे आवंटित किया जाए या नहीं। दिल्ली बीजेपी मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि यह अजीब विडम्बना है कि जिस पार्टी की सारी राजनीति ही "ना बंगला, ना गाड़ी" पर आधारित थी, वह आज बंगले के लिए अखाड़ा जमाए बैठी है। आज आतिशी मार्लेना बंगले के लिए इतना बौखला रही हैं, पर सच यह है कि उन्हे मंत्री के रूप में 17 ए.बी. मथुरा रोड का बंगला पहले से आवंटित है। उन्होंने कहा कि इसी बंगले से तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने 1998 से 2004 तक सरकार चलाई थी।
नवरात्रि और दुर्गा पूजा महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार हैं, जो दुनिया भर में, खासकर भारत में करोड़ों भक्तों द्वारा हर वर्ष बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है। नवरात्रि, जिसका अर्थ है "नौ रातें", देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित एक त्योहार है, जो बुराई पर अच्छाई की विजय को दर्शाता है। नवरात्रि में भक्त नौ दिन माता की प्रार्थना, उपवास और भक्ति में अर्पित करते हैं, जिसमे प्रत्येक दिन देवी दुर्गा के एक अलग रूप को समर्पित होता है। नवरात्रि में प्रथम दिवस माँ शैलपुत्री, दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा, चौथे दिन माँ कुष्मांडा, पांचवे दिन माँ स्कंदमाता, छठे दिन माँ कात्यायनी, सातवें दिन माँ कालरात्रि, अष्टवि यानि आंठवे दिन माँ महागौरी और नवमीं यानि नौंवे दिन माँ सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है। त्योहार का समापन दुर्गा पूजा के साथ होता है, जहां देवी की उनके भव्य रूप में पूजा की जाती है, जो राक्षस महिषासुर पर उनकी जीत का प्रतीक है। दुर्गा पूजा का अत्यधिक सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है, खासकर भारत के पूर्वी हिस्सों, जैसे पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा में। यह त्योहार भव्यता और विस्तृत सजावट के साथ मनाया जाता है, जहां देवी की खूबसूरती से तैयार की गई मूर्तियां पंडालों में स्थापित की जाती हैं। यह त्योहार न केवल बुराई पर दैवीय शक्ति की जीत का प्रतीक है बल्कि सामुदायिक भागीदारी, कलात्मक अभिव्यक्ति और समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं के संरक्षण को भी बढ़ावा देता है। दुर्गा पूजा पारिवारिक समारोहों और जीवन के उत्सव का भी समय है, जो इसे दुनिया भर के करोड़ों हिंदुओं के लिए एक पसंदीदा त्योहार बनाता है।
उपराष्ट्रपति माता के दर्शन के लिए दुर्गा पूजा पंडाल पहुंचे
माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़, अपनी पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ के साथ नई दिल्ली के शाहजहाँ रोड स्थित भव्य दुर्गा पूजा पंडाल में माता के दर्शन के लिए पहुंचे। दोनों ने मां दुर्गा से हार्दिक प्रार्थना की और उनसे शांति, समृद्धि और प्रत्येक नागरिक की भलाई के लिए माता का आशीर्वाद मांगा। उपराष्ट्रपति की यात्रा ने उत्सव में एक विशेष महत्व जोड़ा, उपस्थित भक्तों ने उस अनुग्रह की सराहना की जिसके साथ उन्होंने अनुष्ठानों में भाग लिया, इस पवित्र अवसर के दौरान भक्ति और विश्वास का सार प्रस्तुत किया गया। अपनी यात्रा के दौरान, श्री धनखड़ और डॉ. सुदेश धनखड़ ने उपस्थित भक्तों को पारंपरिक प्रसाद प्रसाद वितरण भी किया, जो शक्ति और ताकत की अवतार मां दुर्गा के प्रति उनकी श्रद्धा का प्रतीक है। जैसे ही उन्होंने देश की सामूहिक खुशी और कल्याण के लिए प्रार्थना की, उन्होंने उस सांस्कृतिक समृद्धि और एकता को भी स्वीकार किया जो दुर्गा पूजा देश में लाती है। पंडाल में उनकी उपस्थिति ने भारत की आध्यात्मिक विरासत के साथ संबंध बनाए रखने में इन पारंपरिक उत्सवों के महत्व पर और जोर दिया। अंततः शाहजहाँ रोड पर दुर्गा पूजा पंडाल में उपराष्ट्रपति की यात्रा भारत में त्योहार के गहरे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को दर्शाती है। उनकी प्रार्थनाओं और उपस्थिति ने दैवीय शक्ति के प्रति एकता, भक्ति और श्रद्धा के साझा मूल्यों को रेखांकित किया, जिसका प्रतीक दुर्गा पूजा है। चूँकि नवरात्रि और दुर्गा पूजा आस्था को प्रेरित करती है और लोगों को उत्सव में एक साथ लाती है, वे जिन मूल्यों का प्रतीक हैं वे भारत के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ताने-बाने में गहराई से निहित हैं।
उपचुनाव में क्या है पार्टियों की रणनीति?
उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर उम्मीदवार तय करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के घर पर सोमवार को उत्तर प्रदेश भाजपा कोर कमेटी की बैठक हुई। बैठक में दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक भी शामिल रहें, उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह भी इस मीटिंग में शामिल हुए। बैठक करीब घंटे भर चली, कोर कमेटी के सभी 5 सदस्यों ने आपस में 2-2 सीटों की जिम्मेदारी ली है। बता दें, जिन 10 सीटों पर चुनाव होने हैं, उनमें से 3 सीटों पर पिछली बार बीजेपी जीती थी। बीजेपी के सहयोगी दल निषाद पार्टी के पास एक सीट थी, जबकि बीजेपी की दूसरी सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोक दाल के पास भी एक सीट थी। वहीं, 10 में से 5 सीटों पर पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार चुनाव जीते थे, पार्टी के सभी विधायकों के सांसद बनने के बाद अब उप-चुनाव होने है।
CM योगी के घर 'सुपर 30' की मीटिंग
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा उप-चुनाव की तैयारी के लिए मंत्रियों की एक कमेटी बनाई है, इसका नाम 'सुपर 30' रखा गया है। इन सभी 30 मंत्रियों को विधानसभा क्षेत्र जाकर वहां के कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेने के लिए कहा गया था। चुनाव जीतने के लिए क्या करना चाहिए, वहां के लोगों को बीजेपी और राज्य सरकार से क्या अपेक्षा है? इसे लेकर मंत्रियों की टीम कई बार गई और फिर रिपोर्ट मुख्यमंत्री को दी गई। बता दें, विधानसभा की 9 सीटों पर बीजेपी ने टिकट तय करने के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट बना ली है, हर एक सीट के लिए तीन उम्मीदवारों का पैनल तय किया गया है। वहीं, मुज़फ्फरनगर की मीरापुर सीट पर RLD को उम्मीदवार तय करना है। बीजेपी की जिला कमेटी ने 10 नामों की लिस्ट भेजी थी। सीएम योगी आदित्यनाथ के घर पर हुई बैठक में इनमें से एक एक सीट के लिए तीन नाम तय किए गए हैं। जिन 10 सीटों में उपचुनाव होने हैं, उनमें कानपुर की सीसामऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा होने के चलते खाली हुई, बाकी 9 पर विधायक के सांसद बन जाने की वजह से खली हुईं हैं। इनमें से 5 सीटें करहल, सीसामऊ, मिल्कीपुर, कटेहरी और कुंदरकी सपा के पास थीं। तो अलीगढ़ की खैर, गाजियाबाद और फूलपुर सीट भाजपा, मझवां निषाद पार्टी और मीरापुर RLD ने जीती थी।
उपचुनाव के लिए क्या है अखिलेश यादव का दांव
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर जो रणनीति बन रही है, उसमें कांग्रेस के लिए कुछ संभावनाएं और चुनौतीपूर्ण पहलू छिपे हुए हैं। दरअसल, समाजवादी पार्टी आरएलडी की 2 सीटें कांग्रेस को देने के मूड में है, RLD सपा के साथ गठबंधन में खैर और मीरापुर की सीटों पर लड़ी थी। मिल रही खबरों के अनुसार, सपा कांग्रेस के लिए गाजियाबाद सदर और मीरापुर की सीट छोड़ना चाहती है। वहीं कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि वह बाकी बची हुई चार सीटों में बात करके सपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगी।
हरियाणा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। इस चुनाव में भाजपा ने अपने दम पर बहुमत का जादुई आंकड़ा पार कर लिया है और इसी के साथ बीजेपी हरियाणा में जीत की हैट्रिक बनाने में कामयाब हो गई है। कांग्रेस के लिये यह बड़ा झटका इसलिये भी है, क्योंकि नतीजों से पहले तमाम एक्सपर्ट हरियाणा में कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी करते रहे, लेकिन आखिर में बड़े-बड़े दावों के बीच कांग्रेस को हार का मुँह देखना पड़ा है। हरियाणा में कांग्रेस एक परिवार के साथ आगे बढ़ी, ऐसा लग रहा था कि सब कुछ पिता भूपेंद्र और बेटे दीपेंद्र हुड्डा की जोड़ी ही कर रही है। सीट बंटवारे की बात करें तो हुड्डा परिवार 90 में से करीब 72 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने में कामयाब रहा, कुमारी सैलजा के हिस्से में सिर्फ 9 और रणदीप सुरजेवाला के हिस्से में दो सीटें ही आईं, जो कि पार्टी का एकतरफा फैसला था। पार्टी के इस एकतरफा फैसले के कारण संदेश गया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो राज्य में हुड्डा राज की वापसी होगी। कांग्रेस के इस फैसले का फायदा बीजेपी ने उठाया, बीजेपी ने भी पिता और बेटे की जोड़ी और कांग्रेस के परिवारवाद को निशाना बनाया। वहीं, पार्टी के अंदर बहुत से लोगों का मानना है कि एक परिवार को जरूरत से ज्यादा बढ़ावा देना कांग्रेस के लिए नुकसानदेह साबित हुआ है।
दलित विरोध और गुटबाजी ने कांग्रेस को डुबाया
हरियाणा कांग्रेस की स्टेट यूनिट पुरे चुनाव गुटबाजी से ग्रस्त दिखी। हुड्डा खेमे बनाम रणदीप और सैलजा के बीच खुलेआम लड़ाई से विभाजन और बढ़ गया, कांग्रेस के नेताओं को कभी भी एक मंच पर एकजुट होकर एकता का संदेश देते नहीं देखा गया। चुनाव में कांग्रेस की इस हार के पीछे पार्टी की वरिष्ठ और दलित नेता कुमारी सैलजा के खिलाफ दलित विरोधी टिप्पणी को भी माना जा रहा है, जिसने कांग्रेस के खिलाफ जातिगत गोलबंदी को हवा दी। सैलजा को बुरा-भला कहने वाले एक कांग्रेस समर्थक का वीडियो वायरल हो गया और बीजेपी ने पार्टी में एक दलित नेता के अपमान को उजागर करने में कोई कसर नहीं छोड़ा। यह तब हुआ, जब कांग्रेस को उम्मीद थी कि लोकसभा में दलितों वोटों के पार्टी में वापस आने से विधानसभा में उसकी जीत की संभावनाएं बढ़ेंगी, लेकिन कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं ने उनके आलोचकों से कुछ कहना तो दूर सैलजा से संपर्क तक नहीं किया, जिसकी वजह से कुमारी सैलजा ने करीब 12 दिनों तक घर पर बैठना पसंद किया और इससे दलित समुदाय में यह चिंता और बढ़ गई कि कांग्रेस अपने नेताओं के आगे झुक गई है, जिनके समर्थक दलितों का अपमान कर रहे हैं।
बांग्लादेश को हराकर सीरीज पर जमाया कब्जा
भारतीय क्रिकेट टीम ने दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेले गए दूसरे टी20 में बांग्लादेश को 86 रन से हराया। यह टी20 इंटरनेशनल में बांग्लादेश के खिलाफ भारत की रनों के अंतर से सबसे बड़ी जीत है। टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत कुछ खास नहीं रही। टीम ने 41 के स्कोर पर 3 विकेट खो दिए थे। संजू सैमसन ने 7 गेंदों पर 10 रन, अभिषेक शर्मा ने 11 गेंदों पर 15 रन और कप्तान सूर्यकुमार यादव ने 10 गेंदों पर 8 रन बनाए। इसके बाद नीतिश रेड्डी और रिंकू सिंह ने चौथे विकेट के लिए 108 रन जोड़े। टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम ने 20 ओवर में 9 विकेट खोकर 221 रन बनाए। नीतिश रेड्डी और रिंकू सिंह ने अर्धशतक लगाया। 222 रनों के टारगेट को चेज करने उतरी बांग्लादेश टीम दबाव में लड़खड़ा गई, बांग्लादेश की टीम 9 विकेट के नुकसान पर 135 रन ही बना सकी। बांग्लादेश की ओर से महमुदुल्लाह ने सबसे ज्यादा 41 रन बनाए, इसके अलावा परवेज हुसैन ने 16, मेहदी हसन मिराज ने 16, लिटन दास ने 14, कप्तान नजमुल हुसैन शान्तो ने 11 और रिशाद हुसैन ने 9 रन बनाए। इस मैच में भारत की ओर से 7 गेंदबाजों ने विकेट लिया। वरुण चक्रवर्ती और नीतिश रेड्डी ने 2-2 विकेट लिए, इसके अलावा अर्शदीप सिंह, वॉशिंगटन सुंदर, अभिषेक शर्मा, मयंक यादव और रियान पराग की झोली में 1-1 विकेट गया।
हार्दिक पांड्या के कैच ने उड़ा दिए सबके होश
भारत और बांग्लादेश के बीच बुधवार को खेले गए दूसरे टी20 मैच में हार्दिक पांड्या ने एक ऐसा कारनामा किया जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया। उन्होंने डाइव मारकर जिस तरह से कैच लपका उसने सभी को सुन्न कर दिया। बता दें कि, दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले में भारतीय टीम ने जीत के साथ 2-0 से सीरीज में बढ़त बना ली है। बता दें, वरुण चक्रवर्ती के ओवर की तीसरी गेंद पर रिशाद हुसैन ने हवाई स्वीप किया, वह सीधा मिड विकेट की तरफ गई। इस कैच को लपकने के लिए हार्दिक ने बाईं तरफ दौड़ लगाई। उन्होंने लगभग 27 मीटर की दौड़ लगाई और डाइव लगाकर कैच पकड़ लिया। इस कैच को लेते हुए भारतीय हार्दिक पांड्या जमीन पर गिरे, मगर उन्होंने कैच नहीं छोड़ा। हार्दिक के इस कारनामे का वीडियो अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने सोशल मीडिया पर साझा किया है और अब इस पर फैंस भी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। भारत ने बल्लेबाजों के बाद गेंदबाजों के दमदार प्रदर्शन के दम पर बांग्लादेश को दिल्ली में खेले गए मुकाबले में 86 रनों से हराया। भारत की रनों के अंतर से बांग्लादेश के खिलाफ टी20 में यह सबसे बड़ी जीत है। इससे पहले टीम इंडिया ने बांग्लादेश को इस साल टी20 विश्व कप में 50 रनों से हराया था जो इस टीम के खिलाफ उसकी सबसे बड़ी जीत थी।
भारत की जीत के हीरो ऑलराउंडर नीतिश रेड्डी रहे
भारतीय टीम ने दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेले गए दूसरे टी-20 इंटरनेशनल में बांग्लादेश को 86 रन से मात दी। इसके साथ ही भारतीय टीम ने 3 मैचों की सीरीज पर 2-0 से अपना कब्जा जमा लिया है। भारत की जीत के हीरो नीतिश रेड्डी रहे, अपने करियर का दूसरा टी-20 इंटरनेशनल मैच खेल रहे नीतिश रेड्डी ने 34 गेंदों पर 74 रन की पारी खेली। इसके अलावा उन्होंने 2 विकेट भी झटके। नीतिश और रिंकू के बीच चौथे विकेट के लिए 108 रनों की साझेदारी हुई। मुकाबला जीतने के बाद कप्तान सूर्यकुमार यादव ने नीतिश रेड्डी और रिंकू सिंह की जमकर तारीफ की। सूर्यकुमार यादव ने कहा, मैं चाहता था कि मैच में ऐसी स्थिति आए जिससे 5,6,7 नंबर के बल्लेबाजों को बैटिंग मिले। रिंकू सिंह और नीतिश रेड्डी की बल्लेबाजी से मैं काफी खुश हूं। उन्होंने बिल्कुल वैसी ही बल्लेबाजी की जैसी मैं चाहता था। मैच में सूर्यकुमार यादव ने 7 गेंदबाजों का इस्तेमाल किया, जिस पर उन्होंने कहा कि मैं देखना चाहता था कि अलग-अलग गेंदबाज अलग-अलग परिस्थितियों में क्या कर सकते हैं, क्या वे मुझे कठिन समय और दवाब में ओवर कर सकते हैं।