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Breaking News 10 June 2025


1.) क्या है दिल्ली क्लासरूम घोटाले का पूरा मामला ? 

दिल्ली की शिक्षा क्रांति के मॉडल पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। आम आदमी पार्टी के कद्दावर नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 20 जून को एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) ने पूछताछ के लिए तलब किया है। यह समन 12,748 क्लासरूम निर्माण से जुड़े करीब 2000 करोड़ रुपये के कथित घोटाले के सिलसिले में भेजा गया है। इससे पहले 9 जून को भेजे गए समन को सिसोदिया ने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों का हवाला देकर टाल दिया था। ACB इस मामले में पहले ही दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन से पूछताछ कर चुकी है। जांच की रफ्तार तब तेज हुई जब मार्च 2025 में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने ACB को अभियोजन की अनुमति दी और 30 अप्रैल 2025 को FIR दर्ज की गई।

घोटाले की परतें: क्लासरूम या कमाई का कमरा?

FIR के अनुसार, दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 12,748 क्लासरूम के निर्माण में 2,892.65 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि वास्तविक लागत का अनुमान इससे कहीं कम था। जांच में सामने आया है कि जिन क्लासरूम्स को Semi-Permanent Structure (SPS) के रूप में बनाया गया, उनकी लागत RCC (पक्का भवन) जितनी थी, जो कि असामान्य और संदेहास्पद हैजहाँ एक SPS क्लासरूम की उम्र लगभग 30 साल होती है, वहीं RCC भवनों की उम्र 75 साल तक मानी जाती है। इसके बावजूद SPS की निर्माण लागत 2292 रुपये प्रति वर्ग फीट तक पहुंची, जो कि RCC भवनों की लागत 2044-2416 रुपये प्रति वर्ग फीट के लगभग बराबर है । एक चौंकाने वाला तथ्य यह भी सामने आया है कि 326.25 करोड़ रुपये की अतिरिक्त लागत बिना किसी नए टेंडर के स्वीकृत कर दी गई। इसमें से 205.45 करोड़ रुपये महज ‘रिचर स्पेसिफिकेशन’ के नाम पर खर्च किए गए। यह निर्णय किसने लिया, और किस प्रक्रिया के तहत लिया गया—ACB अब इसकी तह तक जा रही है। CVC (Central Vigilance Commission) की रिपोर्ट में भी इस पूरे प्रोजेक्ट में गड़बड़ियों की पुष्टि की गई थी, लेकिन यह रिपोर्ट तीन साल तक दबाकर रखी गई। यही नहीं, प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी जिन 34 ठेकेदारों को सौंपी गई थी, उनमें से कई के आप पार्टी से जुड़े होने के आरोप भी सामने आए हैं। इस मामले में ACB ने FIR संख्या 31/2025 दर्ज की है, जिसमें IPC की धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात), 120-B (आपराधिक साजिश) और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम (POC Act) की धारा 13(1) को शामिल किया गया है। ACB प्रमुख मधुर वर्मा के अनुसार, जांच अब उन अज्ञात सरकारी अधिकारियों और ठेकेदारों पर केंद्रित की जा रही है, जिनकी भूमिका संदेह के घेरे में है।

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर

भाजपा नेताओं हरीश खुराना, कपिल मिश्रा और नीलकंठ बक्शी ने इस घोटाले की शिकायत दर्ज कराई थी। उनका दावा है कि एक सामान्य क्लासरूम का निर्माण मात्र 5 लाख रुपये में संभव था, लेकिन इस योजना में एक क्लासरूम की औसत लागत 24.86 लाख रुपये तक पहुंच गई। विपक्षी दल इस मामले को आम आदमी पार्टी की कथित 'ईमानदारी की राजनीति' पर एक बड़ा धब्बा बता रहे हैं, वहीं आप पार्टी इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दे रही है । आने वाले हफ्तों में यह मामला दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर भूचाल ला सकता है क्योंकि सवाल सिर्फ मनीष सिसोदिया या सत्येंद्र जैन पर नहीं, सवाल उस भरोसे पर है जो लोगों ने "शिक्षा मॉडल" कहकर सत्ता में बैठी सरकार को दिया था।

 


2.)  सोनम रघुवंशी की गिरफ्तारी से हिल गया पूरा केस

राजा रघुवंशी हत्याकांड ने जब देश की नींद उड़ा दी थी, तब किसी ने नहीं सोचा था कि उसकी सबसे बड़ी गुत्थी एक महिला के चेहरे से जुड़ेगी—वही महिला, जो उसकी पत्नी थी, सोनम रघुवंशी! 17 दिन तक पुलिस और मीडिया को चकमा देकर फरार रहने वाली सोनम को अब आखिरकार दबोच लिया गया है। गाजीपुर से गिरफ्तार हुई सोनम को पुलिस कड़ी सुरक्षा में लेकर पटना पहुंची है, और यहां से उसे आगे गुवाहाटी होते हुए शिलांग ले जाया जाएगा। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती—बल्कि यहीं से असली राज़ खुलने की उम्मीद है! पटना के फुलवारीशरीफ थाने में जब सोनम रघुवंशी को लाया गया, तो उसके चेहरे पर सन्नाटा पसरा था। कैमरे सामने आते ही वो बार-बार चेहरा छुपाती रही, जैसे आँखों में छिपे कोई राज़ बाहर आने से डर रहे हों। वो डरी-सहमी, थकी हुई और सदमे में दिख रही थी। महिला पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में भी उसकी आंखें न जाने क्या बयां कर रही थीं। पूछताछ से पहले मेडिकल टेस्ट कराना ज़रूरी था। रिपोर्ट में ये तो साफ हो गया कि उसके शरीर पर कोई चोट या घाव नहीं है—but the real shocker? उसका प्रेगनेंसी टेस्ट क्लियर नहीं आया है! डॉक्टरों ने साफ कह दिया है कि एक हफ्ते बाद दोबारा अल्ट्रासाउंड कराना होगा। अब ये सवाल खड़ा हो गया है कि क्या हत्या की इस कहानी में कोई और चेहरा भी शामिल है? कोई और रिश्ता, कोई और सच? कोर्ट ने 72 घंटे की ट्रांजिट रिमांड दी है। यानी पुलिस के पास अब वक्त है उस हर जवाब को तलाशने का, जो राजा रघुवंशी की रहस्यमयी हत्या से जुड़ा है। राजा की मौत का सच क्या है? क्या ये सिर्फ एक घरेलू विवाद था या इसके पीछे कोई और गहरी साजिश है पटना से अब सोनम को विमान से गुवाहाटी ले जाया जाएगा और वहां से सड़क के रास्ते शिलांग। रास्ता लंबा है, लेकिन हर पड़ाव पर कुछ न कुछ ऐसा है जो इस हत्याकांड को और पेचीदा बना रहा है अब अगली बड़ी खबर का इंतज़ार है—क्या सोनम अपना जुर्म कबूल करेगी? या कोई और चौंकाने वाली परत खुलेगी? जो भी हो, राजा रघुवंशी की हत्या की ये कहानी अब महज़ एक केस नहीं, बल्कि एक ऐसा रहस्य बन चुकी है जिसमें हर मोड़ पर चौंकाने वाला सच छिपा है।