सुबह चीन का तियानजिन। होटल के लॉबी में भीड़ है, कैमरे तैयार हैं और सुरक्षा इतनी कड़ी कि हर कदम पर धातु की चमक महसूस होती है। बाहर झंडे लहरा रहे हैं भारत, रूस, चीन और बाकी देशों के। और इसी माहौल में मंच तैयार है उस समिट के लिए, जिसे इतिहास में आने वाले सालों तक याद किया जाएगा 25वां शंघाई सहयोग संगठन यानि SCO समिट। घड़ी ने जैसे ही साढ़े दस बजाए, मंच पर एक-एक कर नेता आए। सबसे पहले शी जिनपिंग, चेहरे पर हल्की मुस्कान और चाल में ठहराव। फिर पुतिन आत्मविश्वास से भरे, जैसे उन्हें इस मंच की ज़रूरत भी है और अहमियत भी। और फिर नरेंद्र मोदी। कैमरों की फ्लैशें तेज़ हुईं, और तीनों नेताओं की हाथ मिलाते हुए तस्वीरें दुनिया भर में फैल गईं। उस पल में सब कुछ सहज और दोस्ताना लग रहा था। लेकिन मंच की इन मुस्कानों के पीछे असली खेल शुरू होने वाला था। जब प्रधानमंत्री मोदी माइक पर आए, तो हॉल एकदम खामोश हो गया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा “SCO का मतलब है Security, Connectivity और Opportunity।” लेकिन फिर उनकी आवाज़ में एक गहराई आई। उन्होंने आतंकवाद पर चोट की। पहलगाम हमले का जिक्र किया, जहां 26 लोगों की जान गई थी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ सामने बैठे थे, और मोदी की बात जैसे सीधे उन तक जा रही थी। उनके शब्दों ने माहौल को गंभीर कर दिया जैसे यह याद दिलाने के लिए कि सुरक्षा और विकास की कोई भी बात आतंकवाद की छाया के बिना अधूरी है। इसके बाद बारी थी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की। उन्होंने कहा कि अब वक्त है कि SCO सिर्फ़ सुरक्षा मंच न रहे, बल्कि आर्थिक सहयोग का बड़ा केंद्र बने। उन्होंने 1.4 अरब डॉलर का कर्ज़ पैकेज और SCO विकास बैंक की घोषणा की। तालियाँ बजीं, लेकिन साथ ही मन में सवाल भी उठे। क्या यह देशों को विकास की ओर ले जाएगा या फिर उन्हें चीन की आर्थिक पकड़ में और बांध देगा? हॉल में बैठे प्रतिनिधियों के चेहरों पर यह सवाल साफ पढ़ा जा सकता था। रूस के राष्ट्रपति पुतिन जब बोले तो उनकी आवाज़ में मजबूती थी। उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर शांति वार्ता संभव है, लेकिन NATO और पश्चिमी देशों की नीतियां समस्या की जड़ हैं। उनका भाषण रूस के अलगाव से बाहर निकलने का प्रयास भी था। उनके लिए यह समिट एक संदेश था कि रूस अकेला नहीं है, और SCO जैसे मंच उसके साथ हैं। दिन के अंत तक एक साझा स्वर बार-बार सुनाई दिया दुनिया अब सिर्फ़ एक ध्रुव पर नहीं टिकेगी। चाहे चीन हो, भारत हो या रूस, सब यही कह रहे थे कि एक नया Multipolar World Order बन रहा है। यह सिर्फ़ भाषण नहीं था, बल्कि आने वाले दशकों की राजनीति की दिशा थी। मोदी और शी जिनपिंग की द्विपक्षीय मुलाकात में सीमा विवाद पर शांति बनाए रखने और BRICS समिट के न्यौते पर बात हुई। वहीं, पुतिन और मोदी की बातचीत ऊर्जा, रक्षा और व्यापार पर केंद्रित रही। भारत की स्थिति स्पष्ट थी उसे आतंकवाद पर कड़ा रहना है, लेकिन साथ ही पश्चिम और पूर्व दोनों के साथ संतुलन भी साधना है। यह संतुलन ही भारत की सबसे बड़ी ताकत और चुनौती है। अपडेट के लिए जुड़े रहे और सब्सक्राइब करे ग्रेट पोस्ट न्यूज़ ।
मार्वल यूनिवर्स के फैंस एक बात अच्छे से जानते हैं यहाँ स्टोरीज सिर्फ़ पर्दे पर नहीं बनतीं, बल्कि इंटरनेट पर भी रोज़ नई “लीक” लिखी जाती हैं। इस बार शिकार बना Avengers: Doomsday। D23 एक्सपो के बाद से सोशल मीडिया पर ऐसे-ऐसे वीडियो और पोस्टर घूम रहे हैं जैसे मार्वल ने आधी फिल्म सीक्रेटली रिलीज़ कर दी हो। लेकिन सच्चाई कुछ और है ज्यादा साधारण, लेकिन ज़्यादा दिलचस्प। 31 अगस्त 2025 को Disney के D23 एक्सपो में हज़ारों लोग उमड़े। सबकी उम्मीद थी कि “डूम्सडे” का पहला धमाकेदार ट्रेलर गिरेगा। लेकिन मार्वल ने चाल वही चली जो वह सबसे अच्छा खेलता है हाइप बनाओ, कंटेंट छुपाओ। अंदर दिखाया गया बस एक छोटा-सा सिज़ल/बीटीएस फुटेज कास्ट की चेयर झलक, सेट के कुछ शॉट्स, Russo Brothers का वीडियो मैसेज और Paul Rudd का हल्का-फुल्का “हम आ रहे हैं” अंदाज़। स्क्रीन पर लोगो उभरा और आवाज़ गूँजी: “It all leads to Doom.”
यानी जो उम्मीद थी ब्लास्टिंग ट्रेलर की, वो निकला टीज़र-से भी छोटा रिवील। लेकिन जैसे ही D23 खत्म हुआ, बाहर इंटरनेट पर हाहाकार मच गया। यूट्यूब और इंस्टा पर “लीक्ड टीज़र” के नाम से फैन-एडिट वीडियो वायरल हो गए। फोटोशॉप से बनाए गए पोस्टरों को लोग मार्वल की ऑफिशियल रिलीज़ मानकर शेयर करने लगे। टिकटॉक पर तो क्लिप्स ऐसे पैक किए गए जैसे कैमरे से हॉल के अंदर शूट कर लिए गए हों जबकि असल में ज़्यादातर पुराने MCU फुटेज के कट-पेस्ट थे। मीडिया हाउसेज़ को बीच में आकर डिबंक करना पड़ा कि अभी तक मार्वल ने कोई ऑफिशियल पब्लिक टीज़र रिलीज़ ही नहीं किया। एक और कन्फ्यूज़न है रिलीज़ डेट को लेकर। कई पुराने आर्टिकल्स में मई 2026 लिखा है, कुछ जगह जुलाई। लेकिन मार्वल की ऑफिशियल वेबसाइट साफ़ कहती है “Avengers: Doomsday” 18 दिसंबर 2026 को सिनेमाघरों में आएगी।
यानी अगर आपकी रिपोर्टिंग में अभी भी मई लिखा है, तो समझ लीजिए कि आप भी अफ़वाह फैला रहे हैं। अब आती है कास्टिंग की बारी। Reddit से लेकर Twitter तक चर्चा है कि X-Men और Fantastic Four फिल्म में धमाका करेंगे, Steve Rogers और Loki की सीक्रेट वापसी होगी, और Doctor Doom का प्रवेश MCU की सबसे बड़ी लड़ाई को जन्म देगा।
लेकिन स्टूडियो ने अभी तक कोई ऑफिशियल कास्ट लिस्ट जारी नहीं की है। D23 पर सिर्फ़ इतना साफ़ किया गया कि यह फिल्म Secret Wars की बिल्ड-अप होगी और MCU का सबसे बड़ा एन्सेम्बल मेला बनेगी। असली कंटेंट सिर्फ़ D23 के क्लोज़्ड-डोर सिज़ल तक सीमित है। इंटरनेट पर घूम रहे “लीक्ड टीज़र” और “फुल ट्रेलर” ज्यादातर फैन-एडिट या फेक हैं। रिलीज़ डेट है 18 दिसंबर 2026। कास्टिंग अफ़वाहों की दुनिया में है, ऑफिशियल लिस्ट अभी बाहर नहीं आई। निष्कर्ष? मार्वल अपने फैंस को फिर वही पुरानी ट्रिक से ट्रीट कर रहा है हाइप से भर दो, लेकिन रहस्य बचाए रखो। और फैंस? वे भी वही कर रहे हैं जो उनकी आदत है हर अफ़वाह को सच मानकर उसे वायरल बना रहे हैं। ऐसे फिल्मी पॉलिटिक्स जैसी बड़ी खबरों के लिए सब्सक्राइब करे GPN