बॉलीवुड अभिनेता गोविंदा के पैर में गोली लग गई है। गोविंदा मंगलवार की सुबह को अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से गलती से गोली चलने के कारण घायल हो गए, खबरों के अनुसार घटना सुबह करीब 5 बजे के आस-पास की बताई जा रही है। कहा जा रहा है कि गोविंद पिस्तौल को केस में रख रहे थे और तभी गोली गलती से चल गई और उनके बाएं पैर में घुटने के पास जाकर लग गई। गोली की आवाज सुनकर घर में मौजूद लोग उनके पास पहुंचे और तुरंत उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां पर उनके पैर से गोली निकाली गई है और अब वो खतरे से बाहर हैं। हालांकि, अभिनेता अभी होश में नहीं आए हैं, उन्हें ICU में रखा गया है। मुंबई के क्रिटी केयर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अभिनेता की तरफ से इस मामले में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराया गया है।
अभिनेता के प्रबंधक ने कहा, हमें कोलकाता के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए सुबह छह बजे उड़ान भरनी थी और मैं हवाई अड्डा पहुंच गया था। गोविंदा अपने घर से हवाई अड्डे के लिए निकलने वाले ही थे कि तभी यह दुर्घटना हो गयी। उन्होंने बताया की रिवॉल्वर अलमारी में रखते समय गलती से गिर गयी और उससे गोली चल गयी। भगवान की कृपा रही कि गोविंदा जी को सिर्फ पैर में चोट लगी और अन्यथा गोली कहीं और लगने से कोई गंभीर स्थिति भी पैदा हो सकती थी। उन्होंने बताया की डॉक्टर ने गोली निकाल दी है और उनकी हालत ठीक है, वो अभी अस्पताल में हैं। बता दें, हिंदी सिनेमा में 90 के दशक में अगर किसी ने सबसे ज्यादा फिल्में दी हैं, तो वो गोविंदा हैं। गोविंदा इतने टैलेंटेड थे कि वो 12 घंटों का काम सिर्फ दो घंटों में खत्म कर देते थें। गोविंदा के साथ हुई इस घटना की जानकारी सामने आते ही अब उनके फैंस काफी परेशान हो गए हैं, फैंस उनके जल्दी सही होने की प्रार्थना कर रहे हैं।
5 अगस्त, 2019 में धारा-370 और 35 (A) के निरश्त होने और प्रदेश में आखिरी बार हुए चुनाव के बाद अब केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। मंगलवार, 1 अक्तूबर को तीसरे और आखिरी चरण में 40 सीटों पर मतदान हो रहा है। जम्मू संभाग की 24 सीटों और उत्तर कश्मीर घाटी की 16 सीटों के मतदाता अपने मताधिकार का आज इस्तेमाल कर रहें हैं। तीसरे दौर में कुल 415 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, रिपोर्ट के अनुसार, तीसरे दौर में महज 28 यानी सात फीसदी महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ रही हैं। 415 उम्मीदवारों में से 169 (41%) करोड़पति हैं। तीसरे चरण में चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक उम्मीदवार की औसत संपत्ति 2.76 करोड़ रुपये है। इसके साथ ही आज साम तक सभी 90 विधानसभा सीटों पर मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो जाएगी और चुनाव के नतीजे 8 अक्तूबर को आ जाएंगे। आपको बता दें, पहले चरण में 24 सीटों के लिए 18 सितंबर को मतदान कराया गया था। वहीं, दूसरे चरण में 40 सीटों के लिए 25 सितंबर को मतदान हुआ था।
जम्मू कश्मीर में तीसरे चरण की 40 विधानसभा सीटें हैं। इस चरण में 39,18,220 मतदाता मतदान करने के पात्र हैं। इनमें से 20,09,033 पुरुष मतदाता, 19,40,092 महिला मतदाता और 57 अन्य मतदाता शामिल हैं। तीसरे दौर में 18 से 19 साल की आयु के 1.94 युवा मतदाता हैं जो पहली बार मतदान करने के लिए पात्र हैं। तीसरे दौर में 35,860 दिव्यांग और 85 साल से अधिक आयु के 32,953 मतदाता भी भाग लेंगे। चुनाव आयोग ने मतदाताओं के सुचारू और परेशानी मुक्त मतदान के लिए कुपवाड़ा, बारामुला, बांदीपोरा, उधमपुर, सांबा, कठुआ और जम्मू के सात जिलों में 5060 मतदान केंद्र बनाए हैं। हर मतदान केंद्र पर पीठासीन अधिकारी समेत चार चुनाव कर्मचारी तैनात रहेंगे। कुल मिलाकर, तीसरे चरण के चुनाव के लिए 20 हज़ार से ज़्यादा मतदान कर्मचारियों को ड्यूटी पर लगाया गया है। वहीं, कश्मीर के प्रवासी मतदाताओं के लिए भी 24 विशेष मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। इनमें जम्मू में 19, दिल्ली में चार और उधमपुर जिले में एक विशेष मतदान केंद्र शामिल हैं।
तीसरे चरण में आज कई दिग्गज चेहरों की किस्मत भी EVM में कैद हो जाएगी
1.) जम्मू जिले की छम्ब सीट तीसरे दौर की हॉट सीटों में से एक है, यहां से कांग्रेस के टिकट पर जम्मू कश्मीर के दलित नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर अधिकतर चुनाव कांग्रेस ने ही जीते हैं। 61 वर्षीय तारा चंद ने साल 1996, 2002 और 2008 में तीन बार छम्ब सीट से जीत चुके हैं। हाल ही में छम्ब सीट को अनारक्षित किये जाने के बाद तारा चंद ने यहां से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। अब उनका मुकाबला भाजपा उम्मीदवार राजीव शर्मा, बागी कांग्रेस उम्मीदवार सतीश शर्मा और भाजपा के बागी उम्मीदवार नरेंद्र सिंह से है।
2.) पूर्व उपमुख्यमंत्री मुजफ्फर हुसैन बेग के उतरने से उत्तरी कश्मीर की बारामुला सीट चर्चा में है। यहां मुजफ्फर बेग और उनके भतीजे जावेद बेग के बीच टक्कर भी देखने को मिलेगी। दिग्गज नेता और पीडीपी के संस्थापक सदस्यों में से एक मुजफ्फर बेग बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। बता दें, पहाड़ी समुदाय से आने वाले मुजफ्फर हुसैन बेग ने इस साल भाजपा सरकार द्वारा पहाड़ी और तीन अन्य समुदायों को आरक्षण दिए जाने के बाद पीएम मोदी की तारीफ की थी। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन की किस्मत भी तीसरे चरण में तय होगी। लोन उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा और हंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में हैं। लोन पिछले लोकसभा चुनाव में उत्तरी कश्मीर के बारामुला निर्वाचन क्षेत्र से इंजीनियर रशीद से हार गए थे। हालांकि, हंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में मिली बढ़त के भरोसे लोन वापसी की उम्मीद कर रहे हैं।
3.) जम्मू जिले की नगरोटा सीट भी इस चुनाव में चर्चा में बनी हुई है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के भाई देवेंद्र सिंह राणा यहां से भाजपा के उम्मीदवार हैं। जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस का दिग्गज चेहरा रहे देवेंद्र ने 2021 में भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। देवेंद्र राणा जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के भरोसेमंद सहयोगी थे और उनके राजनीतिक सलाहकार के तौर पर भी काम कर चुके हैं।
4.) कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला आरएस पुरा-जम्मू दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। जम्मू उत्तर में पूर्व मंत्री और भाजपा उम्मीदवार शाम लाल शर्मा का मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस के अजय साधोत्रा से है। पूर्व मंत्री और कांग्रेस उम्मीदवार चौधरी लाल सिंह बशोली में भाजपा के दर्शन सिंह से मुकाबला कर रहे हैं। पैंथर पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री हर्ष देव सिंह अपने चचेरे भाई भाजपा उम्मीदवार बलवंत सिंह मनकोटिया के खिलाफ उधमपुर के चेनानी विधानसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ रहे हैं।
5.) उधमपुर पश्चिम में भाजपा उम्मीदवार और पूर्व मंत्री पवन कुमार गुप्ता को अपने परिवार की मजबूत सीट को बनाए रखने की चुनौती होगी। गुप्ता परिवार ने तीन चुनावों में जीत हासिल की है। उधमपुर पूर्व में भाजपा के पूर्व विधायक आर एस पठानिया के सामने निर्दलीय उम्मीदवारों पवन खजूरिया और बलवान सिंह से चुनौती है। उड़ी में पूर्व मंत्री ताज मोहिउद्दीन नेकां के डॉ. सज्जाद शफी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। लंगेट एक और प्रमुख निर्वाचन क्षेत्र है जहां लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद के भाई शेख खुर्शीद और पीपल्स कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार इरफान अहमद गनी के बीच कड़ी टक्कर है।
राशिद इंजीनियर जो पिछले 5 सालों से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे, लेकिन फिर भी लोकसभा चुनाव जीत गए। विधानसभा चुनाव से पहले वो जमानत पर जेल से बाहर आ गए। बता दें, जम्मू की 24 और कश्मीर की जिन सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं, उनमें राशिद इंजीनियर के प्रभाव वाली 16 सीटें भी शामिल हैं। ऐसे में सवाल ये भी है कि क्या राशिद इन चुनावों में किंगमेकर बनकर उभरेंगे या वोट कटवा साबित होंगे। राशिद इंजीनियर की लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है, यही वजह है कि उमर की नेशनल कॉन्फ्रेंस से लेकर महबूबा की पीडीपी तक, घाटी की क्षेत्रीय पार्टियां राशिद की अवामी इत्तेहाद पार्टी से डरी हुई जरूर हैं। उत्तरी कश्मीर में आज हो रहे चुनाव यह तय करेंगे कि क्या राशिद जम्मू-कश्मीर में "किंगमेकर" बनकर उभरेंगे या नहीं। आखिरी चरण का चुनाव यह तय करेगा कि अनुच्छेद 370 के बाद जम्मू-कश्मीर में कौन सरकार बनाएगा। एक ओर जहाँ बीजेपी छोटे दलों के साथ मिलकर आंकड़ा जुटाने की कोशिश में है तो वहीं एनसी और पीडीपी अपनी-अपनी जीत की आस लगाए बैठे हैं।
उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ से सनसनीखेज मामला सामने आया है। लखनऊ के चिनहट में मोबाइल देने पहुंचे डिलीवरी ब्वॉय को तीन युवकों ने साजिश के तहत मार डाला। डिलीवरी ब्वॉय को गला दबाकर मारने के बाद अपराधियों ने उससे दो मोबाइल, जिसकी कुल कीमत एक लाख रुपये है और करीब 35 हजार रुपये कैश लूट लिए। हत्या और लूट के बाद अपराधियों ने फिर डिलीवरी ब्यॉय के बैग में ही उसका शव डाला और बाराबंकी के माती इलाके में जाकर इंदिरा नहर में फेंक दिया। पुलिस ने हत्या और लूट के मामले में तीन में से दो आरोपियों हिमांशु कनौजिया और आकाश को दबोच लिया है, तीसरे आरोपी गजानन की तलाश में तीन टीमें लगाई गई हैं। SDRF की टीम शव बरामद करने के प्रयास में जुटी है।
पुलिस के मुताबिक, वारदात देवा रोड स्थित बाबा अस्पताल के पास घर में अंजाम दी गई। जांच में सामने आया कि हिमांशु कनौजिया ने अपने फोन से दोनों मोबाइल ऑर्डर किए थे। 24 सितंबर की दोपहर जब भरत ने कॉल किया तो उसने गजानन से कांफ्रेंसिंग पर बात कराई। गजानन ने कहा, वह मोबाइल रिसीव कर लेगा। जब दोपहर को भरत मोबाइल लेकर पहुंचा तो गजानन ने आकाश के साथ मिलकर उसे घर के अंदर घसीट लिया। फिर डिलीवरी ब्वॉय भरत की हत्या कर मोबाइल और पैसे लूट लिए। पुलिस को आशंका है कि आरोपियों ने भरत की लाश के टुकड़े किए और फिर उसके बाद उसे नहर में फेंका। डिलीवरी ब्वॉय के गुमशुदगी दर्ज करने के बाद पुलिस ने भरत के मोबाइल नंबर की लोकेशन और कॉल डिटेल निकाली। आखिरी लोकेशन हत्यारोपियों के घर के पास की मिली। भरत के नंबर से आखिरी कॉल हिमांशु और फिर गजानन के नंबर पर की गई थी, इसलिए पुलिस ने इनकी भी डिटेल निकाली। दोनों की कॉल डिटेल्स से खुलासा हुआ कि उस शाम दोनों की लोकेशन माती में नहर के पास थी और CCTV फुटेज से भी साफ हो गया कि भरत गजानन के घर के अंदर तो गया, लेकिन बाहर नहीं आया। CCTV फुटेज में आरोपी कार में डिलीवरी ब्वॉय का बैग रखकर जाते दिखे, जिससे पुलिस का शक पुख्ता हो गया और जब पुलिस ने आरोपियों से सख्ती से पूछताछ की तो खुलासा हो गया।
भरत के पिता राम मिलन खादी ग्रामोद्योग विभाग में कर्मचारी हैं। भाई प्रेम कुमार अधिवक्ता हैं। ये सभी निशांतगंज में शिक्षा निदेशालय की कॉलोनी में रहते हैं। पिता ने बताया कि गजानन पहले भरत के साथ उसकी कंपनी में काम कर चुका है। ऐसे में पुलिस इस पहलू पर भी तफ्तीश कर रही है कि हत्या की वजह कुछ और तो नहीं है? अभी तक तो मामले में मोबाइल और नकदी लूट की बात सामने आई है। बता दें, मूलरूप से अमेठी के निवासी 32 साल के भरत कुमार प्रजापति अपनी पत्नी अखिलेश कुमारी के साथ चिनहट इलाके में सविता विहार में रहता था। भरत इंस्टा कार्ड प्रा.लि कंपनी में डिलीवरी ब्वॉय की जॉब करता था। 24 सितंबर की दोपहर भारत 49 ग्राहकों का सामान पहुंचाने दफ्तर से निकला। उसके देर रात तक न लौटने पर उसके इंचार्ज आदर्श कोष्टा ने परिजन को जानकारी देने के साथ चिनहट थाने में भरत के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। गुमशुदगी दर्ज करने के बाद पुलिस ने भरत के मोबाइल नंबर की लोकेशन और कॉल डिटेल निकाली और जिसके के बाद भरत की आखिरी लोकेशन आरोपियों के घर के पास की मिली।
दीपावली की तारीख को लेकर संशय की स्थिति बरकरार है। दरअसल हुआ कुछ ऐसा की काशी के विद्वानों का कहना है कि 31 अक्तूबर को पूरे देश में दीपोत्सव का त्योहार मनाया जाएगा। वहीं इंदौर के धार्मिक मामलों के विद्वानों ने 31 अक्तूबर के बजाय 1 नवंबर को दीपावली का उत्सव मनाने का फैसला किया है। विद्वानों के अलग-अलग मतों के बाद से उत्सव की तारीख को लेकर चल रहा संशय अब और गहरा हो गया है। काशी विद्वत कर्मकांड परिषद ने 31 अक्तूबर को दीपावली मनाने का फैसला किया है। परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी का कहना है कि 31 अक्तूबर को शाम 3.52 बजे अमावस्या की शुरुआत होगी, जो कि एक नवंबर की शाम को 5.13 बजे तक रहेगी। इसके बाद प्रतिपदा लग जाएगी और प्रतिपदा में दीपावली पूजन का विधान नहीं है। 31 अक्तूबर को रात्रिव्यापिनी अमावस्या होने के कारण ही दीपोत्सव और कालीपूजा का शुभ मुहूर्त बन रहा है। काशी के विद्वानों के मुताबिक 29 अक्तूबर को धनतेरस का पूजन होगा। 30 अक्तूबर को हनुमान जन्मोत्सव और नरक चतुर्दशी मनाई जाएगी। विद्वानों का कहना है कि काशी के सभी पंचांगों के मुताबिक पूरे देश में 31 अक्तूबर को ही दीपावली मनाई जाएगी।
काशी के विद्वान जहां 31 अक्तूबर को दीपावली मनाने की बात कह रहे हैं, वहीं इंदौर के संस्कृत महाविद्यालयों के विद्वानों का मत इससे अलग है। विद्वानों की बैठक ने 31 अक्तूबर के बजाय 1 नवंबर को दीपावली मनाने का फैसला किया है। मध्य प्रदेश ज्योतिष और विद्वत परिषद ने विद्वानों की बैठक बुलाई हुए थी, बैठक में विद्वानों ने कहा कि जब दो दिन त्योहार की स्थिति बनती है तो दूसरा दिन ग्रहण करने की बात धर्म शास्त्रों में भी कहा गया है। अमावस्या पितरों की तिथि है, पितरों के पूजन के बाद शाम में लक्ष्मी पूजन किया जाए, लेकिन लक्ष्मी पूजन के बाद पितरों का पूजन शास्त्रों के अनुसार नहीं है। मध्य प्रदेश वैदिक और विद्वत परिषद के वैदिक आचार्य पंडित रामचंद्र शर्मा वैदिक का कहना है कि इस साल 31 अक्तूबर और एक नवंबर दोनों ही दिन अमावस्या तिथि प्रदोष काल में है।
भारत और बांग्लादेश के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला कानपुर में खेला गया। मंगलवार, 1 अक्तूबर यानि आज को इस टेस्ट का आखिरी दिन था। मैच का दूसरा और तीसरा दिन बारिश से पूरी तरह धुल गया था। वहीं, पहले दिन सिर्फ 35 ओवर का खेल ही हो पाया था। बता दें, टेस्ट में आधिकारिक तौर पर एक दिन में 90 ओवर फेंके जाते हैं। बांग्लादेश ने अपनी पहली पारी में 233 रन बनाए थे। वहीं, भारत ने अपनी पहली पारी नौ विकेट पर 285 रन बनाकर घोषित कर दी थी। पहली पारी का खेल खत्म होने तक टीम इंडिया को बांग्लादेश पर 52 रन की बढ़त हासिल थी। मैच की दूसरी पारी में बांग्लादेश की पूरी टीम कुल 146 रन पर सिमट गई और इस तरह भारतीय टीम को जीत के लिए मात्र 95 रन का लक्ष्य मिला। भारत ने इस लक्ष्य को तीन विकेट गंवाकर बड़ी आसानी से हासिल कर लिया। बता दें, दूसरे और तीसरे दिन का खेल बारिश में धुलने के बाद जब चौथे दिन का खेल शुरू हुआ तब भारत ने बांग्लादेश को समेटने के बाद फिर ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर टेस्ट में किसी टीम द्वारा सबसे तेज 50, 100, 150, 200 और 250 रन बनाने का रिकॉर्ड बना डाला।
भारत ने बांग्लादेश को कानपुर टेस्ट में सात विकेट से हराकर दो मैचों की टेस्ट सीरीज 2-0 से अपने नाम कर ली है। टीम इंडिया को 95 रन का लक्ष्य मिला था, जिसे रोहित एंड कंपनी ने तीन विकेट गंवाकर हासिल कर लिया। विराट कोहली 29 रन और ऋषभ पंत चार रन बनाकर नाबाद रहे। रोहित शर्मा आठ रन, शुभमन गिल छह रन और यशस्वी जायसवाल 51 रन बनाकर आउट हुए। यशस्वी ने अपनी पारी में आठ चौके और एक छक्का लगाया। बांग्लादेश की ओर से मेहदी हसन मिराज ने दो विकेट लिए, जबकि तैजुल इस्लाम को एक विकेट मिला। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को 18 के स्कोर पर पहला झटका लगा, जब मेहदी हसन ने रोहित शर्मा को हसन महमूद के हाथों कैच कराया। वहीं, 34 के स्कोर पर भारत को दूसरा झटका लगा, मेहदी हसन ने रोहित शर्मा के बाद शुभमन गिल को मात्र 6 रन पर चलता कर दिया। इसके बाद विराट और यशस्वी के बीच तीसरे विकेट के लिए 58 रन की साझेदारी हुई, जिसके दम पर भारत ने मैच पर पकड़ के साथ अपना कब्जा भी कर लिया।
इजरायल ने लेबनान में जमीनी हमले की कार्रवाई शुरू कर दी है और उसने अमेरिका को अपने इस अभियान के बारे में सूचित भी कर दिया है। इजरायली सेना ने बताया है कि उसने सीमा के नजदीक लेबनान के दक्षिणी हिस्से के गांवों में हिजबुल्लाह के खिलाफ 'सीमित और उसके बुनियादी ढांचे को लक्षित करने वाला अभियान शुरू कर दिया है। इजराइल ने कहा कि मंगलवार को दक्षिण लेबनान में हिजबुल्लाह के साथ तीव्र लड़ाई शुरू हो गई जब उसके पैराट्रूपर्स, कमांडो और बख्तरबंद इकाइयों ने जमीनी हमले की शुरुआत में छापे मारे। जमीनी ऑपरेशन तीव्र हवाई हमलों के बाद शुरू हुआ है, हवाई हमलों ने हिजबुल्लाह के नेतृत्व को तबाह कर दिया है, जिसमें पिछले सप्ताह बेरूत में संगठन के प्रमुख हसन नसरल्लाह को मार गिराना भी शामिल है। इजरायली सेना ने कहा कि लेबनान में ऑपरेशन सोमवार रात को शुरू हुआ और इसमें एलीट 98वीं डिवीजन शामिल थी, जिसे दो सप्ताह पहले गाजा से उत्तरी मोर्चे पर तैनात किया गया था, जहां वे महीनों से हमास के खिलाफ लड़ रहे थे।
इजराइल की सेना ने मंगलवार को कहा कि इजराइल के जमीनी हमले सीमा पर हिजबुल्लाह के गढ़ों को निशाना बनाएंगे जो इजराइल के लिए खतरा हैं, न कि लेबनानी लोगों के खिलाफ युद्ध। इजराइल के सैन्य प्रवक्ता ने कहा, हिजबुल्लाह ने इजराइली गांवों के बगल में स्थित लेबनानी गांवों को इजराइल पर हमले के लिए तैयार सैन्य अड्डों में बदल दिया है और हम उन्हीं इलाकों को निशाना बना रहे हैं, न की किसी सिविलियन एरिया को। इजरायली सेना ने नागरिकों को लेबनान में लितानी नदी के उत्तर से दक्षिण की ओर अपने वाहनों में न जाने की चेतावनी जारी की है। उसने पहले कहा था कि वह हिजबुल्लाह को नदी के दक्षिण से साफ करना चाहता है। इस बीच अब लेबनान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने संयुक्त राष्ट्र संगठन और डोनर देशों के राजदूतों के साथ एक बैठक के दौरान कहा, लेबनान अपने इतिहास में सबसे खतरनाक चरणों में से एक का सामना कर रहा है, जिसमें उनके देश को बढ़ती शत्रुता से निपटने के लिए 400 मिलियन डॉलर से अधिक की सहायता के लिए संयुक्त अपील की।
लेबनान में इजराइल की कार्रवाई उसके हिजबुल्लाह पर पेजर्स के घातक विस्फोट, दो सप्ताह के हवाई हमलों और शुक्रवार को नसरल्लाह की हत्या के बाद शुरू हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम एशिया में हाल की घटनाओं को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात की है। उन्होंने कहा कि भारत जल्द-से-जल्द शांति बहाल करने के प्रयासों का समर्थन करता है। उन्होंने आगे कहा, हमारी दुनिया में आतंकवाद की कोई जगह नहीं है। क्षेत्रीय तनाव को रोकना और बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करना जरूरी है। बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई है। बड़ी बात ये है कि इन दोनों नेताओं के बीच ये बातचीत ऐसे समय में हुई है, जब इजरायल एक साथ कई मोर्चों पर जंग लड़ रहा है और कई इस्लामिक देश बेंजामिन नेतन्याहू को नरसंहार का दोषी ठहरा रहे हैं। (Tweet Link- https://x.com/narendramodi/status/1840760867518079464)
दिल्ली के उत्तम नगर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। सोमवार रात बीजेपी नेता रमन जोत सिंह की कार पर फायरिंग की गई है, गनीमत रही कि बीजेपी नेता बिलकुल ठीक हैं। यह फायरिंग गुरुद्वारे के बाहर करते हुए एक पर्चा फेंककर धमकी भी दी गई है। पर्चा गोगी मान गैंग के नाम से फेंका गया और उसमें लिखा है, लास्ट वार्निंग दे रहे हैं राजनीति से बाहर आ जा, नहीं तो कोई नहीं बचा पाएगा। बता दें, अज्ञात बदमाशों ने बीजेपी के सिख नेता रमनजोत सिंह की गाड़ी पर सोमवार की रात को 9.30 बजे के आसपास फायरिंग की है। पीड़ित ने बताया कि उसके पास कुछ दिन पहले इंटरनेशनल नंबर से खालिस्तानियों के नाम से धमकी का फोन आया था, जिसकी शिकायत उन्होंने पुलिस में भी की थी, पुलिस अभी भी इस मामले की जांच में लगी है। हालांकि, अब सोमवार रात उनकी कार पर फायरिंग की गई है और मामले में पुलिस को मौके पर गोली का कोई खोल बरामद नहीं हुआ और पुलिस का कहना है की वो मामले की जांच कर रही है।
रमनजोत सिंह मीता दिल्ली के गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के सबसे युवा सदस्य हैं और उन्होंने अन्य 1500 सिखों के साथ 27 अप्रैल 2024 को बीजेपी में सदस्यता हासिल की थी। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ, पार्टी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा और दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा की मौजूदगी में ही रमनजोत सिंह मीता बीजेपी में शामिल हुए थे। पुलिस ने कहा कि बीजेपी नेता को पहले सुरक्षा दी गई थी, लेकिन सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के बाद निजी सुरक्षा अधिकारी को हटा दिया गया था। फिलहाल पुलिस गुरुद्वारे के पास लगे तमाम सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है, ताकि बदमाशों की गिरफ्तारी हो सके।
भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ और उनकी पत्नी श्रीमती डॉ.सुदेश धनखड़ का 28 सितंबर 2024 को जयपुर, राजस्थान पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। राजस्थान सरकार के माननीय मंत्री श्री जोगाराम पटेल सहित अन्य प्रमुख गणमान्य व्यक्ति ने उनका स्वागत किया, जिन्होंने इस विशेष अवसर पर अपना हार्दिक आतिथ्य प्रदान किया। राजस्थान पहुँचने पर उपराष्ट्रपति और उनकी पत्नी का गर्मजोशी से किया गया स्वागत राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रीय नेताओं के प्रति गहरे सम्मान का प्रतीक है।
उपराष्ट्रपति ने IIS (डीम्ड यूनिवर्सिटी), जयपुर में छात्रों और फैकल्टी सदस्यों की एक उत्सुक सभा को संबोधित किया। अपने ज्ञानवर्धक भाषण में, श्री धनखड़ ने राष्ट्र निर्माण में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और युवाओं से अखंडता, इनोवेशन और कड़ी मेहनत के मूल्यों पर फोकस करने के साथ भारत के भविष्य की जिम्मेदारी संभालने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डालकर दर्शकों को प्रेरित किया कि कैसे IIS विश्वविद्यालय जैसे संस्थान छात्रों के बौद्धिक और नैतिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, उन्हें वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करते हैं।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक संकेत के रूप में, श्री जगदीप धनखड़ ने डॉ. सुदेश धनखड़ के साथ, आशा और स्थिरता के प्रतीक, विश्वविद्यालय परिसर में पौधे लगाए। यह हरित पहल छात्रों और कर्मचारियों को पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित करने के लिए शुरू की गई थी। पौधारोपण ने आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरा-भरा और स्वस्थ भविष्य विकसित करने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाया।