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Breaking News 1 March 2025

1 ) हेल्थ सेक्टर में लूट या सियासी शोर? सच क्या है?

 

 शुक्रवार (28 फरवरी) को विधानसभा में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कैग (CAG) की दूसरी रिपोर्ट पेश की, जिसमें हेल्थ सेक्टर में वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ। रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान बीजेपी विधायकों ने दिल्ली सरकार पर तीखे हमले किए, वहीं नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने केंद्र सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाया। बीजेपी विधायक हरीश खुराना ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में दिल्ली में सिर्फ तीन अस्पताल बने या उन्हें विस्तार मिला। "इंदिरा गांधी अस्पताल का निर्माण पांच साल की देरी से पूरा हुआ, जिससे लागत में 314 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। इसी तरह, बुराड़ी समेत तीन अन्य अस्पतालों के निर्माण में देरी के चलते सरकार को 382 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार सहना पड़ा।  बीजेपी विधायक ओम प्रकाश शर्मा ने कहा, "हेल्थ केयर के लिए केंद्र सरकार ने जो पैसा दिया, उसका सही इस्तेमाल नहीं हुआ। डीडीए द्वारा अस्पतालों के लिए दी गई जमीन बेकार पड़ी रही।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने ब्लैकलिस्टेड कंपनियों से दवाएं खरीदीं और खराब गुणवत्ता वाली दवाएं सप्लाई की गईं।

वर्ल्ड क्लास हेल्थ’ का दावा खोखला?

बीजेपी ने दिल्ली सरकार पर वर्ल्ड क्लास हेल्थ सिस्टम का झूठा प्रचार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि "रिपोर्ट से साफ है कि दिल्ली सरकार ने जो लक्ष्य तय किए थे, उन्हें हासिल करने में पूरी तरह असफल रही है। जनता के पैसों की बंदरबांट कर सिर्फ दिखावटी दावे किए गए।" नेता प्रतिपक्ष और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, "देश लोकतंत्र और संविधान से नहीं बल्कि तानाशाही से चल रहा है, लेकिन हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। AAP का विधायक दल राष्ट्रपति से मिलने जा रहा है, क्योंकि आखिरकार इस देश में लोकतंत्र और संविधान को बचाने की जिम्मेदारी राष्ट्रपति की है।" उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि "यहां सैकड़ों CRPF जवानों को तैनात किया गया है। ऐसा क्यों? क्या AAP के विधायक दल को डराने की कोशिश की जा रही है?" कैग रिपोर्ट ने दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिससे बीजेपी ने सरकार को घेर लिया है। वहीं, AAP इसे केंद्र सरकार की तानाशाही करार दे रही है। अब देखना होगा कि इस सियासी घमासान में दिल्ली की जनता किसे सही मानती है।

 

2.)  नोएडा में IIT बाबा पर बरसा लाठी 

नोएडा के एक नामी निजी चैनल में हुई लाइव डिबेट के दौरान IIT बाबा (अभय सिंह) के साथ मारपीट का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बाबा का आरोप है कि इंटरव्यू के बहाने बुलाकर उनके साथ बदसलूकी की गई, उनके साथ धक्का-मुक्की हुई और भगवा वेशधारी कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया। इतना ही नहीं, डिबेट के दौरान उन्हें जबरदस्ती कमरे में बंद करने का भी प्रयास किया गया। मामला तूल पकड़ने के बाद बाबा ने पुलिस से शिकायत दर्ज कराई है। 

कैसे भड़की डिबेट, क्यों हुआ विवाद?

IIT बाबा को 28 फरवरी को नोएडा के सेक्टर-126 स्थित एक प्राइवेट न्यूज चैनल ने डिबेट में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। बाबा ने आरोप लगाया कि इंटरव्यू के दौरान माहौल जानबूझकर गरमाया गया और फिर कुछ बाहरी भगवा वेशधारी लोग स्टूडियो में घुस आए। इसी दौरान स्वामी वेदमूरती नंद सरस्वती नाम के व्यक्ति ने उन पर डंडे से प्रहार किया। बाबा का कहना है कि जब हालात बिगड़ने लगे तो उन्होंने इंस्टाग्राम लाइव शुरू कर दिया, ताकि पूरी घटना रिकॉर्ड हो सके। घटना के बाद IIT बाबा सीधे नोएडा सेक्टर-126 पुलिस चौकी पहुंचे, लेकिन उनका आरोप है कि पुलिस ने मामले को दबाने की कोशिश की और कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। इसके बाद बाबा ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट डालकर अपनी नाराजगी जाहिर की। Instagram पर @kalkiworld777 नाम से मौजूद अभय सिंह उर्फ IIT बाबा ने लिखा  "मीडिया और सनातन के असुरों ने जो किया वो आप सबने लाइव देखा… पुलिस कंप्लेंट कर दी है, बाकी महादेव देख लेंगे… कोई टेंशन ना करे, मैं बिल्कुल ठीक हूं, रोहित भाई मेरे साथ हैं।" इस पोस्ट के बाद 25 हजार से ज्यादा लाइक्स और 1800 से ज्यादा कमेंट्स आ चुके हैं। कई यूजर्स ने बाबा का समर्थन किया तो कई ने उन्हें भविष्य में ऐसे डिबेट शो और पॉडकास्ट से दूर रहने की सलाह दी।
IIT बाबा इससे पहले भी विवादों में रहे हैं। हाल ही में भारत-पाकिस्तान मैच से पहले उन्होंने पाकिस्तान की जीत की भविष्यवाणी की थी, लेकिन 23 फरवरी को भारतीय टीम ने पाकिस्तान को 6 विकेट से हराकर उनकी भविष्यवाणी गलत साबित कर दी। IIT बाबा की शिकायत के बावजूद पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में है। क्या इस मामले में कोई गिरफ्तारी होगी या मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा? फिलहाल, बाबा ने स्पष्ट कर दिया है कि वे इस मामले को हल्के में नहीं लेंगे और महादेव पर भरोसा रखेंगे। अब देखना होगा कि नोएडा पुलिस इस मामले में क्या कदम उठाती है या फिर यह घटना भी महज एक और 'TRP स्टंट' बनकर रह जाएगी।